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Thursday, July 16, 2020

यमुनानगर में पाल गडरिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का विरोध

यमुनानगर में पाल गडरिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का विरोध

यमुनानगर में पाल गडरिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का विरोध हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के सदस्यों ने प्रदेश सरकार द्वारा पाल गडरिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के विरोध में बुधवार को रोष प्रदर्शन किया।

यमुनानगर : हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के सदस्यों ने प्रदेश सरकार द्वारा पाल गडरिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के विरोध में बुधवार को रोष प्रदर्शन किया। मौके पर उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति  के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। बुधवार सुबह हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के सैकड़ों सदस्य जिला प्रधान हुकूम सिंह व जिला महासचिव पवन कुमार के नेतृत्व में लघु सचिवालय के समक्ष एकत्रित हो गए और प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय के भीतर पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त मुकुल कुमार को ज्ञापन सौंपा। मौके पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते जिला प्रधान हुकूम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संकट के चलते जानबूझकर संविधान की धारा 341 का खुला उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने पाल गडरिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का निर्णय लेकर अनुसूचित जाति में शामिल जातियों के लिए अन्याय किया है। जबकि पाल गडरिया जाति पहले ही पिछडा वर्ग जाति का लाभ ले रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय का हरियाणा प्रदेश चमार महासभा पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने राष्ट्रपति से प्रदेश सरकार के इस निर्णय को निरस्त किए जाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रदेश सरकार के इस निर्णय को खारिज नहीं किया गया तो महासभा के सदस्य बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। मौके पर सुरेंद्र कुमार, सतीश, प्रदीप, मोनू, जयपाल, विजय, महेंद्र व सुमेर आदि मौजूद थे।

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