विवादों की नगर परिषद:एक महीने से विकास में रोड़ा, ईओ का तबादला, चेयरपर्सन पति और पार्षद पर दर्ज करवाए थे केस
जींद. गृह एवं नगर निकाय मंत्री अनिल विज से मुलाकात करते विधायक मिड्ढा।
25 दिन से चेयरमैन और 23 पार्षद नहीं आ रहे थे परिषद कार्यालय
डीसी ने दिए निर्माण कार्य बंद करने के मौखिक आदेश, सिर्फ अमरुत और बिल्डिंग वर्क्स का ही होगा काम
जींद : ( संजय तिरँगाधारी )पार्षदों और ईओ के बीच हुए विवाद के चलते 25 दिन बाद नगर परिषद के ईओ डॉ. सुरेश कुमार चौहान का जींद से टोहाना तबादला किया गया है। आदेश 4 अगस्त को जारी किए गए हैं। वहीं ईओ ने कहा कि उन्हें अभी तक इस प्रकार का कोई भी आदेश नहीं मिला है। वहीं सूत्रों का कहना है कि देर रात परिषद चेयरपर्सन पूनम सैनी ने उन्हें पदभार से रिलीव भी कर दिया। विवाद के बाद चेयरपर्सन और 23 पार्षद परिषद कार्यालय नहीं आ रहे थे।
इसी बीच डीसी ने नगर परिषद की ओर से करवाए जा रहे निर्माण कार्यों को बंद करने के मौखिक आदेश दिए हैं। परंतु इस बारे में कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल अमरुत योजना व बिल्डिंग वर्क्स को ही जारी रखने को कहा गया है। इसी के साथ-साथ नगर परिषद में पांच करोड़ से अधिक का घपला होने के आरोप लगाने के बाद विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा नगर निकाय मंत्री अनिल विज से मुलाकात की। फिलहाल अनिल विज ने विधायक से घोटाले का रिकाॅर्ड मांगा है। विधायक ने अगले सप्ताह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व अनिल विज को घोटालों के सबूत सौंपने की बात कही है।
गौरतलब है कि 17 जुलाई को नगर परिषद के ईओ डॉ. सुरेश कुमार चौहान, चेयरपर्सन पति जवाहर सैनी व पार्षद हरेन्द्र सैनी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। ईओ ने चेयरमैन पति व पार्षद पर नाजायज काम करवाने और न करने पर पिस्तौल दिखाने के आरोप लगाए थे। वहीं चेयरपर्सन पति ने ईओ पर जनता के काम रोकने व जन प्रतिनिधियों का अपमान करने का आरोप लगाया था। इस मामले में चेयरपर्सन पति जवाहर सैनी व पार्षद हरेन्द्र सैनी पर ईओ ने एसटी-एससी एक्ट सहित कई धाराओं में मामला दर्ज भी करवाया था।
मंत्री को अवगत करवाया, सीएम को सौंपेंगे रिपोर्ट
नगर परिषद में घोटाले होने के मामले में विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने नगर निकाय मंत्री अनिल विज से मुलाकात कर मामले से अवगत करवाया। अनिल विज ने विधायक से तथ्यों सहित घोटाले के सबूत मांगे हैं। विधायक का कहना है कि वे अगले सप्ताह सीएम व विज से मिलकर घोटाले के सबूत सौंपेंगे।
ऐसे हुआ था घटनाक्रम...
17 जुलाई को पार्षद हरेन्द्र सैनी ईओ के पास एनओसी के लिए गए, ईओ के मना करने पर हुआ विवाद, बाद में चेयरपर्सन पति जवाहर सैनी के साथ भी हुआ कहासुनी
18 जुलाई को ईओ ने चेयरपर्सन पति जवाहर सैनी व पार्षद हरेन्द्र सैनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी। ईओ व पार्षद डीसी से मिले।
19 जुलाई को दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया। डीएसपी के समक्ष दो दिन का समय मांगा।
22 जुलाई को चेयरपर्सन पति व पार्षद पर एससी-एसटी सहित अन्य कई धाराओं के तहत मामला दर्ज चेयरपर्सन सहित 23 पार्षदों ने परिषद कार्यालय में जाना किया बंद।
जब प्रधान ही नहीं आ रहे तो विकास के लिए किसे कहें
विवाद के बाद अधिकतर पार्षदों ने परिषद में जाना बंद कर दिया है। हाउस प्रधान से चलता है और जब प्रधान ही परिषद में नहीं जाएगा तो उनका क्या काम? हमें कोई वार्ड के विकास के लिए कहना होगा तो प्रधान को कहना होगा, लेकिन प्रधान ही नहीं आ रहे तो किसे कहे। विवाद के बाद ईओ ने कई पार्षदों के बारे में कटु शब्द कहे थे। इसके चलते पार्षदों में भय भी है कि कहीं उसी कटुता के चलते उन पर भी किसी तरह का मामला दर्ज न हो जाए। इसलिए पार्षद नहीं आ रहे। -राकेश चुघ, पार्षद वार्ड नंबर 12
आराेप के डर से नहीं जाते
हम जनता के काम के लिए वहां जाते थे। विवाद होने के बाद मुझ पर मामला भी दर्ज कराया गया। अब यदि काम के लिए जाएं भी तो फिर से आरोप लगाकर कार्रवाई कर दी जाए तो क्या होगा। इस डर से वहां नहीं जाते। ईओ ने इसे सामाजिक मुद्दा बना लिया है। हमने अपने समाज को अब तक इस मुद्दे से नहीं जोड़ा है। समाज की राजनीति हम नहीं करते। हरेंद्र उर्फ काला, पार्षद, वार्ड 26
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