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Monday, August 24, 2020

हरियाणा में उद्योगपतियों को उनके उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी, सरकार ने बनाई ये योजना

हरियाणा में उद्योगपतियों को उनके उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी, सरकार ने बनाई ये योजना

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार  ने अपने छोटे से छोटे उद्योग को आधुनिक तकनीक से लबरेज करके उसके उत्पादों को गुणवत्तापरक बनाने का निर्णय लिया है। इससे उद्योगपतियों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला  ने कहा कि राज्य सरकार अपने प्रदेश के सूक्ष्म,लघु व मध्यम स्तर के उद्योगों को कोविड-19 (COVID-19) महामारी के दौरान भी पूरा सहयोग कर रही है। सरकार ने इस दिशा में फोकस करते हुए दो ग्रामीण एमएसएमई कलस्टरों में अत्याधुनिक 'कॉमन फैसिलिटी सेंटर'(सीएफसी) स्थापित करने की मंजूरी दी है। इससे बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां आधुनिक तकनीकों से लाभान्वित होंगी।

डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने 10 वीं राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में बताया कि नए सीएफसी से जिला सिरसा में फर्नीचर कलस्टर और जिला पानीपत में हैंडलूम एवं टेक्सटाइल कलस्टर को लाभ होगा। उन्होंने एमएसएमई निदेशालय द्वारा मंजूर की गई इन परियोजनाओं के बारे में राज्य सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया और बताया कि एमएसएमई राज्य के आर्थिक परिदृश्य का एक अभिन्न हिस्सा हैं और राज्य सरकार इन एमएसएमई पर फोकस करके इनको पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि इन सीएफसी की मंजूरी से न केवल एमएसएमई इकोसिस्टम मजबूत होगा बल्कि तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं पर सूक्ष्म उद्योगों की निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी।

 सीएफसी परियोजनाओं को मंजूरी दी 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 'राज्य मिनी कलस्टर विकास योजना' के तहत गठित 10 वीं राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक के दौरान इन सीएफसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत इन सीएफसी में सामान्य सुविधाएं स्थापित करने के किए राज्य सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देगी। चौटाला ने कहा कि कुल 4.50 करोड़ रुपये से अधिक के कुल निवेश वाली इन दोनों परियोजनाओं के डिजाइन व फिनिशिंग से सम्बंधित सामान्य सुविधाओं को स्थापित करने के लिए राज्य सरकार 3.50 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि ये सीएफसी अगले छह महीने के भीतर स्थापित कर दिए जाएंगे और इससे सम्बंधित जिलों में रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे, जबकि साथ ही साथ इनसे हजारों सूक्ष्म इकाइयों को अपनी उत्पादन लागत कम करने और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने में फायदा मिलेगा।

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