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Saturday, August 22, 2020

JJP के बागी विधायक रामकुमार गौतम का यू टर्न, दुष्यंत चौटाला पर उमड़ा प्‍यार, कहा- मेरा पोता है

JJP के बागी विधायक रामकुमार गौतम का यू टर्न, दुष्यंत चौटाला पर उमड़ा प्‍यार, कहा- मेरा पोता है

नारनौंद (हिसार)। अब तक बागी तेवर दिखाते रहे जननायक जनता पार्टी के विधायक राम कुमार गौतम अब शांज हो गए हैं। अब उनका उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला पर प्‍यार उमड़ पड़ा है। गौतम पिछले काफी समय से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ कड़ा रुख अपनाकर उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया और वह दुष्यंत को अपना पोता कहने लगे हैं। उन्‍होंने कहा, दुष्‍यंत चौटाला मेरा पोता है। उन्होंने कहा कि इतनी ऊंचाई तक मैं ही दुष्यंत को लेकर गया।
बोले- मैं बूढ़ा हो चला हूं और जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर हूं, बुजुर्ग तो हमेशा आशीर्वाद ही देते हैं
अब यह तो समय ही बताएगा कि दादा-पोता की खिचड़ी कब तक पकेगी। विधायक राम कुमार गौतम दुष्यंत चौटाला से काफी आस लगाए हुए थे, लेकिन मंत्री पद न देकर उन्होंने रामकुमार गौतम को नाराज कर दिया और दादा गौतम लगातार उन पर सियासी हमले बोल रहे थे।

नारनौंद में विशेष बातचीत में वह यू टर्न लेते दिखे और दुष्यंत चौटाला को एक बार फिर अपना पोता बताया। उन्‍होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनका अहम रोल है। दुष्यंत चौटाला आज प्रदेश का मालिक है। उनके पास 11 बड़े महकमे हैं। उनको लोगों के काम करवाने चाहिए। अब मैं तो बूढ़ा हो चला हूं और जिंदगी के आखिरी पड़ाव में हूं। बूढ़े तो हमेशा आशीर्वाद ही देते हैं। अगर मेरे पास ताकत होगी तो मैं हलके में और भी विकास के काम करूंगा।

बोले- बरोदा चुनाव में हुड्डा मजबूत

इसके साथ ही उनका पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रति भी नरम रुख दिखा। उन्‍होंने कहा कि बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस का बड़ा प्रभाव है। हुड्डा मजबूत हैं। भाजपा वहां पर किस आदमी को टिकट देती है, उस पर उनका दामोदार रहेगा। टिकट सही नहीं दी गई तो भाजपा को नुकसान हो सकता है।
उन्‍होंने कहा कि आज प्रदेश में भ्रष्टाचार व भेदभाव बड़ी बीमारी हैं। हमें इनको जड़ से मिटाना होगा। आज प्रदेश में मेरिट के आधार पर नौकरी दी जा रही हैं और यह बड़ा अच्छा काम है। वहीं तबादले भी ऑनलाइन किए जा रहे हैं। नौकरियों में मेरिट और ऑनलाइन तबादले के बाद विधायकों का कोई खास काम नहीं रहता। उन्होंने यह भी कहा कि वह दुष्यंत के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। वह उनके दादा हैं और उनका आशीर्वाद दुष्यंत के साथ है, लेकिन उन्होंने इशारों ही इशारों में यह भी कह दिया कि वह दुष्यंत के पास नहीं जाएंगे।

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