विधायक लक्ष्मण सिंह के राडार पर आखिर कौन आया, जिसका कर दिया तबादला
रेवाड़ी : लॉकडाउन के दौरान भाजपा के कोसली से विधायक लक्ष्मण सिंह यादव द्वारा विधानसभा स्पीकर को दी शिकायत के बाद सुर्खियों में आई एसपी नाजनीन भसीन का देर से ही सही आखिरकार ट्रांसफर हो ही गया। विधायक की शिकायत के बावजूद करीब दो माह तक नाजनीन भसीन के अपने पद पर बने रहने से सत्तासीन पार्टी से होने के बावजूद विधायक लक्ष्मण सिंह के साथ-साथ दूसरे पार्टी विधायकों की सरकार में हैसियत पर सवाल उठने लगे थे। जिसका असर दूसरे ऑफिसरों की कार्यप्रणाली पर भी दिखाई देने लगा था। नारनौल के विधायक एवं प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव का एसपी नारनौल को लेकर बातचीत का ऑडियों सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार ने एसपी नारनौल के साथ-साथ एसपी रेवाड़ी के भी ट्रांसफर आदेश जारी कर अभिषेक जोरवाल को रेवाड़ी का एसपी लगाया है।
अभिषेक जोरवाल अभी अंबाला एसपी थे। अपनी कार्यप्रणाली को लेकर विवादों में रही रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में एसपी के पद पर तैनात दोनों महिला आईपीएस अधिकारियों से एसपी की जिम्मेदारी छीनकर भोड़सी व मानेसर में तैनात किया है। लॉकडाउन के बाद से रेवाड़ी की पहचान क्राइम कैपिटल की कटेगरी में होने लगी थी। जनता को उम्मीद है कि नए एसपी कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिले में लॉ ऍड आर्डर की स्थिति कंट्रोल करने के लिए कारगर कदम उठाएंगे। परिस्थितियां देखकर लिया जाएगा एक्शन रेवाड़ी के नवनियुक्त एसपी अभिषेक जोरवाल ने कहा कि रेवाड़ी के बारे में मुझे ज्यादा आइडियाज नहीं है। ज्वांइन के बाद यहां की परिस्थतियां देखकर कानून व्यवस्था को कंट्रोल करने की रणनीति तय की जाएगी।
जिस प्रकार का अपराध ज्यादा होगा, उसके अनुसार ही रणनीति बनेगी। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति सृदृढ़ करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। ज्वाइंनिंग के सप्ताह डेढ़ सप्ताह बाद परिस्थितियों को सभी ढंग से समझकर क्राइम को कंट्रोल करने की नीति अपनाई जाएगी। जन शिकायतों का तत्काल समाधान व पारदर्शी तथा भ्रष्टाचार मुक्त सिस्टम विकसित करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। आम हो चुका है हत्या व फिरौती लॉकडाउन के बाद जिले में सप्ताह में आधे दिन हत्या, हत्या का प्रयास, फिरौती जैसी घटनाएं होना आम हो चुका है। एक दिन हत्या होती है, तो दूसरे दिन फिरौती, तीसरे दिन फायरिंग और फिर लूट की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। अगस्त माह के दौरान सामने आए दर्जनों मामलों में से इक्का-दुक्का मामलों को सुझलाकर पुलिस अपनी सफलता का ढिढोंरा पिटने लगती है।
यह तो होना ही था विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि जिले में क्राइम रेट लगातार बढ़ रहा था। पुलिस कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बजाय दादागिरी करती आ रही थी। एसपी की आड़ में यह सब हो रहा था। मेरी शिकायत के बाद सरकार ने महिला होने के नाते एसपी को जन शिकायतों का तत्काल समाधान करने व क्राइम रेट कंट्रोल का मौका दिया, परंतु उन्होंने जन शिकायतों के समाधान की बजाए पुलिस की दादागिरी को बढ़ावा देना जारी रखा। जिस कारण ट्रांसफर ऑर्डर जारी होने में देरी हुई। महेन्द्रगढ़ की स्थिति भी अब ऐसी होने लगी थी तथा वायरल हुए राज्यमंत्री के ऑडियों ने वहां की स्थिति का बयां कर दिया। अपने दायित्व का सही से निर्वाहन न कर पाने के कारण सरकार के पास ट्रांसफर के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उम्मीद है कि नए एसपी जिले में बढ़ते क्राइम को कंट्रोल करने के साथ जन शिकायतों के समाधान को प्राथमिकता देंगे।
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