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Tuesday, September 1, 2020

वेंडरों को रोजी-रोटी का संकट:5 माह से ट्रेनें बंद, कोई वेंडर कर रहा ढाबों पर काम तो कोई लगा रहा बाजार में रेहड़ी

वेंडरों को रोजी-रोटी का संकट:5 माह से ट्रेनें बंद, कोई वेंडर कर रहा ढाबों पर काम तो कोई लगा रहा बाजार में रेहड़ी

अम्बाला : देश बेशक अनलॉक फेज में आ गया है, मगर यहां रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले वेंडरों के लिए रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं। वह जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उत्तर भारत के सबसे व्यस्त माने जाने वाले कैंट रेलवे स्टेशन से कभी प्रतिदिन 250 से ज्यादा ट्रेनें होकर गुजरती थी। मगर अब इनकी संख्या 8 से 10 रह गई है। इसका असर स्टेशन पर खाने-पीने का सामन बेचने वाले 250 से ज्यादा वेंडरों को झेलना पड़ रहा है।
5 माह से वह जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं। आलम यह है कि कुछ वेंडर रोजी-रोटी चलाने के लिए सब्जी की रेहड़ी लगा रहे हैं तो कोई दिहाड़ी-मजदूरी कर रहे हैं। स्टेशन पर स्टाल संचालकों भी मुसीबत में है, अब एक स्टाल खोलने पर खर्चा ज्यादा हो रहा है जबकि आमदनी न के बराबर है। ऊपर से रेलवे के नियम उन पर भारी पड़ रहे है।
रेलवे ने केवल आईआरसीटीसी कांट्रेक्ट के स्टालों पर वेंडरों को हाकिंग (प्लेटफार्म पर घूमकर सामान बेचने) की इजाजत दी है जबकि रेल मंडल से कांट्रेक्ट वाले स्टालों को यह अनुमति नहीं है। यात्री ट्रेनों से बाहर निकलना पसंद नहीं कर रहे और सामान ट्रेनों के पास जाकर वेंडर बेच नहीं सकते।

रेलवे के समक्ष मांग उठाई

अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता ने बताया कि जब तक सभी ट्रेनें नहीं चल जाती तब तक रेलवे को स्टालों की लाइसेंस फीस माफ करनी चाहिए। मार्च माह से ट्रेनें बंद हुई है और तभी से उन्हें राहत मिलनी चाहिए। वेंडरों के लिए भी आर्थिक देना चाहिए ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सके। मामले को रेलवे मुख्यालय में उठाया गया है।

लालकुर्ती में होलसेल काम ठप

लालकुर्ती बाजार कैंट रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर होलसेल सप्लाई के लिए मशहूर है। लालकुर्ती में रेल नीर, कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स, बिस्कुट, नमनीक, पेपर कप-प्लेट, नैपकिन आदि सामान के होलसेल सप्लायर है। सारी सप्लाई यहां से रेलवे स्टेशन पर होती थी, मगर 5 माह से यह सप्लाई भी ठप है। पहले सामान्य दिनों में औसतन स्टेशन पर प्रतिदिन 150 पेटी (12 बोतल की एक पेटी) पानी की बोतल, डेढ़ हजार कुल्चा आदि की सप्लाई थी। मगर ट्रेनें नहीं चलने से अब सप्लाई बेहद कम रह गई है।

किराया अब तक माफ नहीं किया

अम्बाला रेल मंडल में करीब 62 वेंडिंग कांट्रेक्टर है जिनके स्टालों का किराया अब तक रेल मंडल ने माफ नहीं किया है। 5 माह का किराया माफ करने के लिए कोई नोटिफिकेशन तक जारी नहीं की है। कांट्रेक्टर परेशान हैं, उनके लिए बिजली के बिल भरने तक मुश्किल हो गए हैं।

बाजार में रेहड़ी लगाई थी, नप ने बंद करा दी: वेंडर राम

कैंट स्टेशन पर इस समय 26 स्टाल हैं जिनमें 8 आईआरसीटीसी कांट्रेक्ट के हैं। इसके अलावा 20 रेहड़ियां और 20 ढाबे हैं। यहां छोले-भटूरे, चाय-कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स व अन्य खाद्य पदार्थ बेचकर वेंडर रोजी-रोटी चला रहे थे। मगर, रेलवे द्वारा अभी पूरी तरह से ट्रेनों का संचालन आरंभ नहीं किया गया। कई वेंडर दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं, मगर कई दिनों तक काम नहीं मिल रहा। वेंडर रंजीत दिहाड़ी मजदूरी कर रहा, मगर कई दिनों तक तो काम ही नहीं मिलता। वेंडर राम ने बताया उसने बाजार में खाने-पीने की रेहड़ी लगाई थी, मगर नगर परिषद ने उसे बंद करवा दिया।

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