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Thursday, September 17, 2020

नाराजगी:रेलवे की निजीकरण योजना से कर्मी होंगे बेरोजगार, यूनियन जताएगी विरोध : बाजवा

नाराजगी:रेलवे की निजीकरण योजना से कर्मी होंगे बेरोजगार, यूनियन जताएगी विरोध : बाजवा

चरणजीत सिंह बाजवा निजीकरण रोकने के लिए नाॅर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन मना रही जन जागरण सप्ताह

नाॅर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडल सचिव चरणजीत सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार रेलवे को निजी हाथों में बेच रही है जिस कारण करोड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। यूनियन कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बाजवा ने कहा कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर बीते वर्ष आईआरडीसी के माध्यम से कई व्यवस्था प्राइवेट हाथों में सौंपी गई थी। प्राइवेट कंपनी ने 87 लोगों को नौकरी पर रखा था, मगर लॉकडाउन में कर्मचारियों को निकाल दिया गया।

अब 15 लोग ही काम कर रहे हैं। इसी तरह कैंट स्टेशन पर सफाई कार्य में लगे ठेकेदार के 90 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। लॉकडाउन में अम्बाला रेल मंडल ने ट्रेनों का परिचालन न होने के बावजूद बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 145 करोड़ रुपए ज्यादा आय अर्जित की है। फिर भी सरकार निजीकरण कर रही है। यूनियन इसका विरोध में 14 से 19 सितंबर तक जन जागरण सप्ताह मना रही है।

यूनियन की गिनवाई मांगें

1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक फ्रीज किए गए महंगाई भत्ते को रिलीज किया जाए, एनपीएस के स्थान पर गारंटेड पेंशन बहाली की जाए, रेलवे में आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए, मल्टी स्किलिंग के नाम पर रेलवे कर्मियों की संख्या कम करने की साजिश पर रोक लगाई जाए, एलडीसीई भर्ती के लिए 10 प्रतिशत पदों पर ट्रैकमैन, पाॅइंटमैन आदि को प्रोन्नत किया जाए। इसके अलावा अन्य मांगें भी उठाई गई।

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