नियम:मिठाइयों पर लिखनी होगी यूज बाई डेट, नहीं तो लगेगा 2 लाख रुपए तक का जुर्माना
जींद : ( संजय तिरँगधारी ) 1 अक्टूबर के बाद अगर कोई विक्रेता मिठाई के बनने की तिथि और कब तक प्रयोग की जा सकती है, नहीं लिखता है उस पर खाद्य एवं सुरक्षा विभाग 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है। एफएसएसएआई के नए नियम के अनुसार एक अक्टूबर के बाद दुकान पर रखी सभी मिठाइयों के आगे उनके बनने की तारीख और यूज बाई डेट लिखना अनिवार्य हो जाएगा।
अभी तक यह नियम केवल पैकिंग प्रोडक्ट पर ही लागू था। परंतु अब यह खुली मिठाइयों पर लागू होगा। एफएसएसएआई को यह नियम जून 2020 में लागू करना था लेकिन कोरोना इफेक्ट के कारण इसे तीन महीने आगे बढ़ा दिया था। जींद जिले की बात करें तो पूरे जिले में मिठाइयों की 400 से 500 दुकानें है। इनमें बड़़े शोरूम व छोटी दुकान शामिल हैं। इन पर औसतन 20 से 22 क्विंटल मिठाइयां हर रोज बिकती हैं, जबकि फेस्टिवल के मौके पर यह डिमांड चार से पांच गुना बढ़ जाती है।
बावजूद इसके किसी भी दुकान पर मिठाइयों के आगे उनके बनने की तिथि और उन्हें कब तक प्रयोग किया जा सकता है, नहीं लिखा होता। दूसरी ओर एफएसएसएआई के नए नियम के अनुसार अगर किसी मिठाई पर उसके बनने की तिथि और यूज बाई डेट नहीं लिखी मिलती तो उसे सब स्टैंडर्ड मिठाई की श्रेणी में माना जाएगा। इसके तहत दुकानदार पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।
एक्सपर्ट व्यू : मिठाई उतनी बनाएं जितनी उपयोग हो सके
अगर कोई दुकानदार मिठाइयों के निर्माण से लेकर पैकेजिंग तक के सभी मानकों को ईमानदारी से पूरा करे तो एक माह तक मिठाई ठीक रह सकती है। इंडिकेटिव सेफ लाइफ ऑफ स्वीट्स का मतलब यह दुकानदारों के लिए हिदायत है कि मिठाई उतनी ही बनाएं जितनी उपयोग हो सके। डॉ. बीएस खटकड़, फूड टेक्नोलाॅजी डिपार्टमेंट, जीजेयू, हिसार।
नियमों को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा
एफएसएसएआई के नियमों को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। फिलहाल मेरी ड्यूटी सीएम फ्लाइंग के साथ लगी हुई है। यहां से फ्री होते ही सैंपलिंग प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। आरके शर्मा, एफएसओ, जींद।
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