मुसीबत:ट्यूबवेल लगाकर पेयजल सप्लाई कनेक्शन करना भूला विभाग, विकास नगर में 700 घरों को नहीं मिल रहा पेयजल
4 साल पहले लगाया गया था ट्यूबवेल, कैंपर और सबमर्सिबल के जरिए लोगों को पीना पड़ रहा है पानी
जींद : ( गौतम सत्यराज ) रोहतक रोड स्थित विकास नगर में 700 घरों को पेयजल नहीं मिल रहा। कॉलोनी में चार साल पहले जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा ट्यूबवेल तो लगा दिया, लेकिन मामला जा पहुंचा बिजली निगम के पास। बिजली निगम के एसडीओ संजय श्योराण ने कहा कि हमारे पास जनस्वास्थ्य विभाग का कोई कनेक्शन पेंडिंग में नहीं है और ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन छह माह पहले कर दिया गया है। वहीं जन स्वास्थ्य विभाग ने चार साल पहले ट्यूबवेल कनेक्शन किया गया था।
अब बिजली का कनेक्शन होने के छह माह बाद विभाग पेयजल सप्लाई कनेक्शन करना ही भूल गया है। पेयजल कनेक्शन नहीं होने के कारण कॉलोनी के 700 घरों को पेयजल नहीं मिल रहा। इससे लोगों को कैंपर व सबमर्सिबल का सहारा लेना पड़ रहा है। बता दे कि विकास नगर स्लम कॉलोनी में आती है और तीन साल पहले इसी के आधार पर टयूबवेल लगा था, लेकिन अभी लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों व पार्षद ने कई बार अधिकारियों को शिकायत कर चुके है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। कॉलोनी में अधिकतर लोग आर्थिक रुप से काफी कमजोर है और वह पीने का पानी दूर-दूर से लाने को मजबूर होते है।
कॉलोनी के लोगों ने विभाग से जमीन वापस लेने की उठाई मांग
लोगों के अनुसार कॉलोनी की सहमति पर जन स्वास्थ्य विभाग को 20 गज जगह ट्यूबवेल लगाने के लिए दी गई थी। ट्यूबवेल को लगे चार का समय बीत चुका है, अभी ट्यूबवेल चालू नहीं किया गया। अगर जल्द ही ट्यूबवेल चालू नहीं होता है तो कॉलोनी की जमीन वापस दी जाए।
कई बार अधिकारियों को कहा जा चुका: पार्षद
विकास नगर में 3 साल पहले टयूबवेल लगवाया गया था, लेकिन इतने साल बाद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा। अधिकारी भी आश्वासन ही दे रहे है। प्रशासन से मांग है कि जल्द से टयूबवेल को चालू करवाया जाए। राजवंती मेहरा, वार्ड 29 पार्षद जींद।
जल्द किया जाएगा सप्लाई का कनेक्शन
यह मामला नोटिस में नहीं था। इसकों को लेकर जल्द ही रिपोर्ट मांगी जाएगी और विकास नगर में लगे ट्यूबवेल का पेयजल सप्लाई के साथ जल्द ही कनेक्शन कर दिया जाएगा और जल्द ही ट्यूबवेल चालू कर लोगों पेयजल सप्लाई किया जाएगा। संजय शर्मा, एक्सईएन जन स्वास्थ्य विभाग जींद।
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