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Friday, October 2, 2020

मिड डे मील:14.50 लाख स्कूली बच्चों को अभी तीन दिन मिलेगा दूध, सीएमओ में अटकी बच्चों को सप्ताह में छह दिन दूध देने की फाइल

मिड डे मील:14.50 लाख स्कूली बच्चों को अभी तीन दिन मिलेगा दूध, सीएमओ में अटकी बच्चों को सप्ताह में छह दिन दूध देने की फाइल

प्रदेश के मिडल तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 14.50 लाख बच्चों को मिड डे मिल में अभी 6 दिन दूध नहीं मिलेगा। सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि कक्षा आठवीं तक के स्कूलों में विद्यार्थियों को मिड-डे मील में अलग-अलग फ्लेवर का 6 दिन दूध दिया जाएगा, जबकि दो दिन दूध देने की योजना पहले से है, लेकिन अभी तक सीएमओ से इस योजना की फाइल पास नहीं हुई है। विभाग ने सभी जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को चिट्‌ठी जारी कर कह दिया कि बच्चों को अभी तीन दिन ही दूध दिया जाए। स्कूलों में इस सत्र से छह दिन दूध दिया जाना भी शुरू कर दिया गया था।

सूत्रों का कहना है कि पहले से दूध देने की चल रही स्कीम में सरकार को सालाना 84 करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। 6 दिन दूध देने की स्कीम का प्रस्ताव बनाकर शिक्षा विभाग के निदेशालय की ओर से 84 करोड़ रुपए की डिमांड का प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेज दिया। लंबे समय तक फाइल सीएमओ में रखी रही।

बताया गया है कि अब सीएमओ से फाइल वापस भेज दी गई है। इस पर दूध वितरण के लिए न तो हां कहा गया है और न ही ना। फाइल पर लिखा गया है कि यह बताया जाए कि विद्यार्थियों को अभी गेहूं, चावल और कुकिंग कोस्ट मिल रही है या नहीं। निदेशालय ने जवाब बनाकर अब भेज दिया है। परंतु बच्चों को छह दिन दूध तभी मिलेगा जब फाइल को सरकार की मंजूरी मिलेगी।

फेडरेशन को तीन दिन के अनुसार दूध तैयार करने को लिखा पत्र

शिक्षा विभाग ने हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कॉपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड को भी तीन दिन के अनुसार ही दूध सप्लाई के लिए निर्देश दिए हैं, क्योंकि दूध की सप्लाई फेडरेशन ही कर रहा है। पहले उसे 6 दिन दूध सप्लाई की तैयारी के लिए पत्र लिखा गया था। दूध का फ्लेवर भी बदल दिया गया है। अब मैंगो और पाइनेपल की जगह चॉकलेट और रोज फ्लेवर का दूध मिलेगा।

स्कूल बंद, इसलिए घर पहुंचाया जा रहा सूखा राशन

फिलहाल स्कूल बंद हैं। ऐसे में बच्चों को घरों पर ही मिड डे मील का सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है। तीन दिन के हिसाब पैकेट में सूखा दूध भी दिया जा रहा है, जबकि कुकिंग कोस्ट उनके खातों में जमा कराई जा रही है। पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 4 रुपए 17 पैसे और कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों को 6 रुपए 18 पैसे कुकिंग कोस्ट दी जाती है, जबकि बच्चों को प्रतिदिन 20 ग्राम दूध देने का प्रावधान है।

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