Breaking

Monday, January 18, 2021

किसान आंदोलन को लेकर महिलाओं की हुंकार -खटकड़ व बद्दोवाल टोल पर महिलाओं ने निकाला

किसान आंदोलन को लेकर महिलाओं की हुंकार 

-खटकड़ व बद्दोवाल टोल पर महिलाओं ने निकाला मार्च

- महिलाओं ने गीतों व भजनों से जमकर निकाली भड़ास

-स्वयं ट्रैक्टर चलाकर धरने पर पहुंचने वाली महिलाओं को किया सम्मानित

खटकड़ व बद्दोवाल टोल प्लाजा पर सोमवार को महिला किसान दिवस मनाया गया। महिलाओं ने दोनों टोल पर मार्च निकाला। दोनों स्थानों पर 26 दिसंबर से तीन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है। 
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को खटकड़ टोल पर आयोजित किसान दिवस पर महिलाओं ने धरने की अध्यक्षता की तो मंच संचालन भी महिलाओं ने ही किया। अध्यक्षता परमेश्वरी देवी ने की तो मंच संचालन किसान एकता महिला सेल की जिलाध्यक्ष सिक्किम सफा खेड़ी ने की। 
सुबह से ही आस-पास के गांवों से सैंकड़ों महिलाएं ने रंग बिरंगी ड्रैसे पहनकर और ट्रैक्टर चला चलाकर टोल टैक्स पर पहुंचनी शुरू हो गई थी। यहां महिलाओं ने रंग बिरंगी ड्रैसों में लोक गीतों पर डांस भी किया। तिरंगे के साथ सैंकड़ों महिलाओं ने मार्च निकालने के साथ-साथ महिलाओं ने पीटी शो भी किया। 
सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि अपने हकों की इस लड़ाई को किसान संयम, अनुशासन से लड़ की जीतेंगे। आज दिल्ली बॉर्डर पर 50 दिन से ज्यादा किसानों को अपने हकों के लिए धरना देते हुए है। अनुशासन से धरना चल रहा है। जो भी किसान मोर्चा के नेता आदेश करेंगे। उन आदेशों को किसान वर्ग मनेगा।  किसान नेता आजाद पालवां ने कहा कि हजारों की संख्या में महिलाओ ने महिला दिवस मनाया। लाखों की संख्या में महिलाएं 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगी और काले कानून वापिस करवा कर लौटेगी। महिला पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही है। 
इसी कड़ी में बदोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे 25वें धरने पर महिलाओं का भारी जनसमूह उमड़ा। धरने पर पहुंचने वाली महिलाओं मेें जबरदस्त जोश देखने को मिला। धरने पर शामिल होने के लिए विभिन्न गांवों से महिलाएं खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंची। मंच संचालन गांव दनौदा की डिंपल ने बड़े ही बढिय़ा ढंग से किया। महिलाएं गांव बदोवाल, सच्चाखेड़ा, बेलरखां, गुरूसर, भीखेवाला, ईस्माइलपुर, दनौदा, बडनपुर, डिंडोली, फरैण खुर्द, फरैण कलां, सिंहमार पत्ति नरवाना, मोरपत्ति नरवाना आदि से 1500 की संख्या में पहुंची। गांवों से आई महिलाएं दामन-कुर्ता के देशी पहनावे में आई और उनके द्वारा भजनों व गीतों से नाच-गाकर सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। गांव बेलरखां से आई महिला सन्नी ने अपने जोशीले भाषण से धरने पर शामिल महिलाओं व पुरूषों को झझकोर कर दिया। धरने पर गायक कलाकार नरेश श्योराण ने रागनियों के माध्यम से किसानों की दुर्दशा को बयां किया। गांव बदोवाल की बेटी मंजू ने भारत माता पर गीत गाकर तालियां बटोरी, वहीं गुरूसर से प्रीति, ईस्माइलपुर से कंकन मोर ने भाषण दिया। महिलाओं ने कहा कि ये तीन कृषि कानून को वे किसी भी तरह से लागू नहीं होने देंगे, चाहे इसके लिए उनको कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भी खुलकर चुनौती दी, जिस पर लोगों ने समर्थन दिया। महिलाओं ने कहा कि यह आंदोलन कितना भी लंबा क्यों न चले, वे पीछे हटने वाली नहीं हैं। 

-ट्रैक्टर चलाकर आने वाली महिलाएं सम्मानित-

किसान महिला दिवस पर गांवो से ट्रैक्टर चलाकर बद्दोवाल टोल पर आने वाली महिलाओं को बदोवाल टोल संघर्ष समिति द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इनमें गांव गुरूसर से प्रीति, दबलैन से कविता, कमलजीत, माया, ईस्मालपुर से निर्मला, भीखेवाला से भतेरी, सुनीता, चांदनी, बेलरखां से अंगूरी, डूमरखां कलां से मानसी तथा दनौदा से रेखा शामिल रही।

No comments:

Post a Comment