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Sunday, February 14, 2021

खेल-खेल में जान चली गई:जींद में नहर में गिरा बच्चा; बचाने के लिए मां और चाची भी कूदी, एक को बचाया लेकिन दो की मौत हो गई

खेल-खेल में जान चली गई:जींद में नहर में गिरा बच्चा; बचाने के लिए मां और चाची भी कूदी, एक को बचाया लेकिन दो की मौत हो गई

जींद : हरियाणा के जींद जिले के उपमंडल सफीदों के गांव अंटा में खेलते-खेलते एक बच्चा नहर में गिर गया। उसे बचाने के लिए मां और चाची कूदीं, लेकिन वे भी पानी के तेज बहाव में बह गईं। हादसा हांसी- बुटाना ब्रांच नहर में हुआ। हादसे की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई और घटनास्थल पर लोग जमा हो गए। बच्चे के परिजन भी मौके पर पहुंचे। पुलिस को भी हादसे की खबर दी गई। इसके बाद सभी ने अपने-अपने स्तर पर तीनों की तलाश की।
SHO सदर संजय कुमार ने बताया कि गांव अंटा निवासी पिंकी (31) अपने बेटे आयुष (7) व देवरानी कविता (27) के साथ पानीपत रोड पर हांसी- बुटाना ब्रांच नहर के पास लकड़ियां इकट्ठा करने आई थी। आयुष नहर की पटरी पर खेलने लगा और पिंकी, कविता के साथ लकड़ियां बीनने में जुट गई। खेलते-खेलते आयुष नहर की तरफ चला गया और पैर फिसलने से नहर में जा गिरा। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर पिंकी-कविता दौड़ी आईं और नहर में कूद गई।
लेकिन नहर में पानी का बहाव इतना तेज था कि तीनों पानी में समा गए। बचाओ-बचाओ की आवाज सुनकर राहगीर दौड़े आए। गाड़ियों की चेकिंग कर रही ट्रैफिक पुलिस भी मौके पर पहुंची। इस बीच एक शख्स को महिला का शरीर दिखाई दिया तो उसने एक ट्रक रुकवाकर उससे रस्सी लेकर पानी में फेंक दी। जिसे पकड़कर महिला बाहर आ गई। वह आयुष की मां पिंकी थी। काफी मशक्कत के बाद करीब 6 किलोमीटर आगे दोनों चाची-भतीजे को भी नहर से निकाल लिया गया।
दोनों को गंभीर अवस्था में सफीदों के नागरिक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में SHO संजय कुमार ने बताया कि खेलते समय मासूम बच्चा नहर में गिर गया था। उसे बचाने के लिए मां और चाची ने भी नहर में छलांग लगा दी। मां को तो बचा लिया गया, लेकिन बच्चे और उसकी चाची को बचाया नहीं जा सका।
*2 बहनों का अकेला भाई था आयुष*
बताया जा रहा है कि मृतक आयुष दो बहनों का अकेला भाई थी। उसका परिवार मेहनत-मजदूरी करके पालन-पोषण कर रहा था। घर का चूल्हा जलता रहे इसके लिए दोनों जेठानी-देवरानी लकड़ियां बीनने के लिए नहर की पटरी पर आई थीं। मृतक बच्चे के पिता ड्राइवरी करते हैं। मां पिंकी तो किसी तरह मौत के आगोश से निकल आई, लेकिन काल ने आयुष को निगल गया। कविता के परिवार में एक लड़का और 2 लड़कियां हैं, जिनकी मां अब दुनिया में नहीं रही।

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