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Saturday, February 27, 2021

किसान आंदोलन में टिकैत के बयानों से संयुक्त मोर्चा ने किया किनारा, सामने आई खींचतान

किसान आंदोलन में टिकैत के बयानों से संयुक्त मोर्चा ने किया किनारा, सामने आई खींचतान



नई दिल्ली :  कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान नेता राकेश टिकैत  तगड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान नेता राकेश टिकैत के बयान, जिसमें 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच करने की बात कही गई थी। उसे उनकी निजी राय बताते उससे पल्ला झाड़ लिया है। मोर्चा के सदस्य जगजीत सिंह दल्लेवाला ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा का फिलहाल दिल्ली कूच का कोई कार्यक्रम नहीं है और न ही इसकी कोई तैयारी की जा रही है। मोर्चा की आगामी बैठक में यह तय होगा कि अगले 15 दिनों के क्या कार्यक्रम रहेंगे।
फिलहाल मोर्चा के 27 फरवरी तक के कार्यक्रम तय हैं और 28 फरवरी को होने वाली बैठक में अगली रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले उनके फसलों को तबाह करने के बयान का भी विरोध हो चुका है और किसान संगठन फसलों को तबाह नहीं करने की अपील कर रहे हैं। राकेश टिकैत द्वारा फसलों को आग लगाने के बयान के बाद से अब तक दर्जनभर किसान अपनी फसलों को तबाह कर चुके हैं, जिससे संयुक्त किसान मोर्चा की चिंता बढ़ गई है। किसान नेताओं का मानना है कि राकेश टिकैत के हर बयान पर पूरी दुनिया की नजर रहती है  इसलिए उनको ऐसे बयान देने से बचना चाहिए और उन्होंने इसे उनका निजी बयान बताया। 
इसको लेकर बृहस्पतिवार को कुंडली धरने पर मौजूद अखिल भारतीय स्वामीनाथन कमेटी संघर्ष समिति के प्रमुख विकल्प आचार्य ने कहा कि फसलों में आग लगाना, उन्हें तबाह करना या आत्महत्या करना आंदोलन का कोई तरीका नहीं है। फसलें हमारे बच्चों की तरह है। कोई भी व्यक्ति ऐसा न करें। फसलें तबाह करना किसी का निजी बयान हो सकता है, यह संयुक्त मोर्चा का फैसला नहीं है। इसके अलावा मोर्चा के सदस्य जगजीत सिंह दल्लेवाला ने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा का फिलहाल दिल्ली कूच का कोई कार्यक्रम नहीं है और न ही इसकी कोई तैयारी की जा रही है। मोर्चा की आगामी बैठक में यह तय होगा कि अगले 15 दिनों के क्या कार्यक्रम रहेंगे।

जगजीत सिंह दल्लेवाला ने यह भी स्पष्ट किया कि फसल बर्बाद करने का कोई कार्यक्रम मोर्चा की ओर से नहीं सुझाया गया है। मोर्चा तो किसानों को यही सलाह दे रहा है कि किसी भी सूरत में अपनी फसल बर्बाद न करें। वहीं, गुरनाम चढ़ूनी ने भी कहा कि किसान अपनी फसलों को बच्चे की तरह पालते हैं, ऐसे में उन्हें बर्बाद किया जाना सरासर गलत है। मोर्चे के नेताओं ने राकेश टिकैत को इस तरह के बयान नहीं देने की नसीहत तक दी है। उनका मानना है कि इतने बड़े किसान नेता कोई बयान देते हैं तो उस पर अमल भी होना चाहिए। इस तरह से केवल बयान देने से गलत संदेश जाता है और उनके बयान को इस समय काफी अहम माना जाता है। 
किसान नेताओं की अपील का असर किसानों पर नहीं हो रहा है। वे अपनी फसलों को तबाह कर रहे हैं। आज सिलाना गांव में तीन किसानों ने अपने खेत मे खड़ी गेहूं की फसल को नष्ट किया। किसान मंजीत ने फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया तो किसान संजय व बलजीत ने गेहूं की फसल को दरांती से काट दिया। इससे पहले सेहरी गांव निवासी बलवान नंबरदार ने भी अपनी दो एकड़ खड़ी फसल में ट्रैक्टर चला दिया था।

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