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Monday, March 1, 2021

कोर कमेटी का फैसला:मोर्चे की बैठक अब 2 को, आज पंजाब की यूनियन करेंगी मीटिंग, तीसरे चरण के कार्यक्रमों की सहमति अटकी

कोर कमेटी का फैसला:मोर्चे की बैठक अब 2 को, आज पंजाब की यूनियन करेंगी मीटिंग, तीसरे चरण के कार्यक्रमों की सहमति अटकी

बहादुरगढ़ : तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस पर मजदूर किसान एकता दिवस मनाया। इस दौरान नगर कीर्तन भी निकाला गया। वहीं, सोनीपत-गोहाना रोड पर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 35 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर-ट्राॅली शृंखला बनाई, लेकिन मोर्चे की तरफ से बॉर्डर कूच के आह्वान का असर दिखाई नहीं दिया।
शुक्रवार को कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की कोर कमेटी के 7 सदस्यों ने बैठक की। इसमें आंदोलन के तीसरे चरण को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद 28 फरवरी को होने वाली मोर्चे की बैठक को स्थगित कर दिया गया, जो 2 मार्च को होगी। रविवार को अब पंजाब की यूनियनों की बैठक होगी।
सूत्रों के अनुसार मोर्चा तीसरे चरण के कार्यक्रमों पर आम सहमति नहीं बना पा रहा है। मोर्चे के सामने सबसे बड़ा चैलेंज अपने नेताओं को बॉर्डर पर मीटिंग में बुलाना है। किसान नेता अब भी अपने कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जिसके चलते मोर्चे की बड़ी बैठक नहीं हो रही है और आगे के कार्यक्रमों पर फैसला नहीं हो पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मोर्चा वार्ता व समाधान को लेकर भी कुछ प्लान कर रहा है। इसकी चर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुई। अगर रविवार को पंजाब की यूनियनें कार्यक्रमों व इस प्लान पर मुहर लगाती हैं तो 2 मार्च को मोर्चे की बड़ी बैठक करके सभी की इन पर सहमति ली जाएगी।
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*दिल्ली सीपी को ई-मेल से भेजा जवाब* : दिल्ली पुलिस की तरफ से अलग-अलग संगठनों के लोगों को 26 जनवरी हिंसा के मामले में नोटिस भेजे हुए हैं। इनके जवाब को लेकर भी कोर कमेटी की बैठक में चर्चा हुई। इसके बाद मोर्चे की तरफ से इन सभी नोटिस का एक संयुक्त जवाब ईमेल के माध्यम से दिल्ली सीपी को भेजा गया है, जिसमें मोर्चे ने कहा है कि नोटिस में जो आरोप लगाए गए हैं वे गलत हैं, हमने कोई नियम नहीं तोड़ा।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक में जो नियम तय हुए थे, हमने उनकी पालना की। हम तय रूट पर चले और व्यवस्था के लिए वालिंटियर भी लगाए थे। कुछ अन्य संगठन अलग रूट पर गए और हमें जैसे ही पता चला तो हमने परेड को वहीं रोक दिया। मोर्चे ने अपने जवाब में पुलिस के नोटिस को पूरी तरह गलत बताया है।

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