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Sunday, March 21, 2021

खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर बरसोला अपने कुबने के साथ बैठे सांकेतिक भूख हड़ताल पर

खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर बरसोला अपने कुबने के साथ बैठे सांकेतिक भूख हड़ताल पर 

-तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसान दे रहे है 85 दिनों से धरना
-अब हर रोज एक गांव से बैठेगे ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर
जींद : 20 मार्च : ( सजंय तिरंगाधारी ) तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल के पास किसानों का धरना 85वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता वेदप्रकाश अलीपुरा ने की। सर्व जातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला अपने कुनबे के साथ सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे। डेढ़ साल के बच्चे से लेकर 80 साल के प्रताप सिंह भी भूख हड़ताल पर रहे। परिवार के 40 सदस्य धरने पर बैठे। धरने पर घासो कलां, घासो खुर्द, सफा खेड़ी, खरकभूरा, पालवां, तारखां, सुदकैन कलां, सुदकैन खुर्द, लोधर, काब्रच्छा, अलीपुरा, गुरूकुल खेड़ा, करसिंधु सहित अन्य गांवों से किसान, युवा, महिलाओं ने हिस्सा लिया। अब हर रोज जब तक धरना चलेगा एक गांव के ग्रामीण सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
सतबीर बरसोला ने कहा कि उनके कुनबे का बच्चा से लेकर बुजुर्ग तक सांकेतिक भूख हड़ताल पर शनिवार को किसानों के धरने पर बैठा। धरने के माध्यम से संदेश केंद्र, प्रदेश सरकार को दिया गया कि जो हठ सरकार कर रही है उस हठ को छोड़ते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें, एमएसपी पर कानून बनाने का काम करें। सरकार लोगों की भावनाओं के साथ खेलना बंद करें। सरकार की सोच थी कि आंदोलन जितना लंबा चलेगा आंदोलन कमजोर होगा लेकिन आंदोलन जितना लंबा चला उतना लंबा फैला चुका है। आज पूरे देश के अलावा विदेशों तक में किसानों के पक्ष में प्रदर्शन किए जा रहे है। आंदोलन को तोडऩे के लिए हर तरह की कोशिश की गई लेकिन कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हुई। कभी छोटा किसान, बड़ा किसान तो कभी एक जाति विशेष का आंदोलन किसान आंदोलन को बनाने की कोशिश हुई लेकिन हर कोशिश फेल साबित हुई।
भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि किसान व्यक्ति विशेष का विरोध नहीं कर रहे है बल्कि जेजेपी, भाजपा पार्टी के नेताओं, विधायकों, मंत्रियों का विरोध कर रहे है। सोशल मीडिया पर एक पार्टी विशेष के लोग प्रचार कर रहे है किसान व्यक्ति विशेष का विरोध कर रहे है जो आंदोलन को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। कभी अपने कार्यकर्ताओं तो कभी महिलाओं को आगे करके इस तरह का प्रचार करवाया जा रहा है। दोनों पार्टियों का विरोध किसान कर रहे है क्योंकि दोनों किसानों के साथ नहीं है। किसी भी तरह के बहकावे में किसान अब नहीं आएंगे। जो नेताओं के पास हाजिरी लगाते है उनको चेतावनी मंच के माध्यम से दी गई है वो किसान धरने पर न आए। नेता, किसान में से एक को चुने। इस मौके पर पूर्व कर्नल डीके भारद्वाज, सूबेदार अमरनाथ, कैप्टन भूपेंद्र जागलान, वेदप्रकाश, सुदेश गोयत, सिक्किम सफा खेड़ी, कविता, कमला, शीला, पनमेश्वरी, प्रियंका, ओमप्रकाश घासो, हरिकेश काब्रच्छा, धर्मबीर सुदकैन, मेवा करसिंधु मौजूद रहे।
 

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