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Tuesday, April 13, 2021

किसान आंदोलन पर कोरोना का साया, लाॅकडाउन की आहट से वापस जा रहे किसान

किसान आंदोलन पर कोरोना का साया, लाॅकडाउन की आहट से वापस जा रहे किसान


सोनीपत : केएमपी पर 24 घंटे के जाम के बाद आंदोलनरत किसान कोरोना के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन की आहट से परेशान हैं। उन्होंने पंजाब जाने का सिलसिला तेज कर दिया है। इस समय बहादुरगढ़ में मौजूद ट्राॅलियों में जहां 8 से 10 लोग होते थे, वहां दो से तीन रह गए हैं। इस तरह से बहादुरगढ़ में एवरेज 25 हजार किसानों की थी, जिनमें से 15 हजार किसान बहादुरगढ़ में मौजूद हैं पर धीरे-धीरे किसानों के वापस जाने व पंजाब से कम किसानों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। कोरोना का डर किसानों को नहीं है, लेकिन किसानों को लगता है कि कभी भी लॉकडाउन होने पर पंजाब से आने वाली सभी रेलगाड़ियों का आवागमन बंद हो जाएगा। इससे गर्मियों के मौसम में यहां एक से दो माह तक पंजाब जाने का कोई साधन नहीं होगा। इस डर से किसानों ने वापस घर जाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। अब किसान 15-15 दिनाें के रोटेशन पर आ रहे हैं।


रेलवे स्टेशन अधीक्षक यशपाल सिंह का कहना है क्या फर्क पड़ता है किसान वापस अधिक जा रहे हैं या फिर आ रहे हैं, क्योंकि टिकट यह पहले भी नहीं लेते थे, अब भी नहीं ले रहे। पर किसानों का वापस जाने का सिलसिला बढ़ा है। इधर, सोनीपत जिला क्षेत्र में केजीपी, केएमपी व टोल क्षेत्र में सुरक्षा, नुकसान व जाम से बचाव के लिए धारा 144 लागू कर दी है। जिलाधीश श्यामलाल पूनिया ने यह आदेश जारी किए हैं। 

उधर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान किसी जिद पर नहीं अड़े हैं बल्कि सरकार से बातचीत के लिए हर समय तैयार हैं, बशर्ते कि सरकार बातचीत का न्यौता भेजे। किसान नेताओं ने सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाया और कहा कि सरकार की ऐसी नीयत दिख नहीं रही है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर पर तंज कसा कि उपदेश देने की बजाय समाधान करें तो किसानों की भलाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर किसानों को डराने की जरूरत नहीं है। 

किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, डा. दर्शनपाल, राकेश टिकैत और अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार लोगों की वाहवाही लेने के लिए ऐसी सलाह किसानों को दे रही है। दरअसल सरकार की मंशा अब कोरोना संक्रमण के नाम पर किसानों का धरना तोडऩे की है लेकिन किसान ऐसा कतई नहीं होने देंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने चुटकी लेते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनाव खत्म होते ही भाजपा नेताओं के दिल्ली आगमन के साथ कोरोना भी दिल्ली में आ रहा है इसलिए हर किसी को कोरोना के डर से सरकार डरा रही है। लेकिन केंद्र की सरकार यह भूल रही है कि किसान का कोरोना भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है इसलिए हमारी चिंता करने की बजाय नेताओं को चाहिए कि वे किसान के हित में समाधान सोचें। केवल बातों से किसान की समस्या का हल नहीं होगा।

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