किसान-मजदूर दिल्ली बॉर्डर पर 1 मई को ‘मई दिवस’ समारोह मनाएंगे
रोहतक : अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस एक मई को दिल्ली बॉर्डर पर पूरे देश-प्रदेश में किसान और मजदूर मिलकर मनाएंगे। यह निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा और 10 प्रमुख केंद्रीय श्रम संगठनों की एक ऑनलाइन बैठक में लिया गया। इसमें ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन और एआईयूटीयूसी दोनों ने भागीदारी की।
ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान ने बताया कि हरियाणा प्रदेश में भी किसान संगठन और ट्रेड यूनियन मिलकर एक मई को मजदूर दिवस व्यापक से व्यापक स्तर पर मनाएंगे। उन्होंने कहा कि मई दिवस पर भारत सरकार से मांग की जाएगी कि किसान-विरोधी तीन काले कृषि कानूनों और बिजली बिल के अलावा मजदूर, कर्मचारी विरोधी चार लेबर काेड और सार्वजनिक उद्योगों व संस्थाओं के निजीकरण को तत्काल रद्द किया जाए।
काेराेना महामारी से बचाव के उचित इंतजाम न होने पर किसान-मजदूर संगठनों ने रोष जताया। संगठनों ने मांग की है कि केंद्र और प्रदेश सरकार कोरोना से बचाव के सही-सही इंतजाम करें। धारा 144 और जुर्मानों की बजाय इस बीमारी के प्रति जन-जागृति पैदा करें, सार्वजनिक स्थलों पर व्यापक रूप से सेनिटाइजेशन किया जाए।
फिजूल खर्ची पर सरकार रोक लगाये और लोगों के जीवन व सेहत को बचाने के इंतजाम युद्धस्तर पर किए जाएं। कोरोना महामारी में मरने वालों के हर परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। जिन परिवारों का मुख्य कमाने वाला चला गया, उनके परिवार से एक को सरकारी नौकरी दी जाए। किसान-मजदूर संगठनों के अनेक कार्यकर्ता दिल्ली बाॅर्डरों पर होने वाले मई दिवस समारोहों में भी शामिल होंगे
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