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Wednesday, June 23, 2021

मनोज यादव के जाने के बाद कौन बनेंगे हरियाणा के DGP, पांच आईपीएस दौड़ में

मनोज यादव के जाने के बाद कौन बनेंगे हरियाणा के DGP, पांच आईपीएस दौड़ में 


चंडीगढ़ आखिरकार हरियाणा के पुलिस प्रमुख मनोज यादव की रवानगी लगभग तय हो गई है। पहले गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी और पत्र लिख देने के बाद में मामला सुर्खियों में छाया रहा वहीं अब खुद डीजीपी ने राज्य गृह विभाग को पत्र भेजकर उन्हें वापस आईबी में भेजने की आग्रह किया है। डीजीपी ने मंगलवार को इस संबंध में पत्र भी लिख दिया है। हालांकि गृहमंत्री विज की नाराजगी के बावजूद डीजीपी की डेपूटेशन बढ़ा दी गई थी। डीजीपी ने 22 जून को एसीएस होम के माध्यम से सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि 21 फरवरी 2019 को उन्होंने हरियाणा में ज्वायन किया था। जिसकी अवधि दो साल के लिए थी। उनकी हरियाणा में अवधि 20 फरवरी 2021 तक थी। 2 मार्च 2021 को उनका कार्यकाल केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। डीजीपी ने अपने पत्र में अपने परिवार की जम्मिेदारियों के साथ साथ आईबी में एक बार फिर से जम्मिा उठाने के पक्षधर हैं। कुल मिलाकर यह पत्र लिख दिए जाने के साथ ही अब मनोज यादव की रवानगी तय मानी जा रही है। 

 प्रदेश में नए पुलिस प्रमुख को लेकर फिर से चर्चा का दौर खास बात यहां पर यह है कि अब केंद्र में जाने के लिए खुद डीजीपी मनोज यादव ने पत्र लिख दिया है। यादव 1988 बैच के आईपीएस हैं। यादव के पास में अभी भी चार वर्ष की आईपीएस सेवा का समय बचा हुआ है। हरियाणा में लगभग 28 माह का समय देने वाले यादव ने टवीट कर कहा है कि इस दौरान उन्होंने गंभीरता और ईमानदारी के साथ में हरियाणा के लोगों की सेवा की है। अब वे एक बार फिर से गृह मंत्रालय के अधीन आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) में बतौर एडीशनल डायरेक्टर जाना चाहते हैं। ज्ञात रहे कि मनोज यादव को केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 4 माह पूर्व 2 मार्च 2021 को उनके प्रदेश (पेरंट) कैडर हरियाणा में 20 फरवरी 2021 से एक वर्ष या आगामी आदेशों, जो भी पहले हो, तक के लिए एक्सटेंशन प्रदान किया था। वैसे, फरवरी, 2019 में मनोज यादव को जब हरियाणा डीजीपी तैनात किया गया था, वे इंटेलिजेंस ब्यूरो में हार्डकोर अधिकारी के तौर पर एबजोर्ब हो चुके थे।

पांच आईपीएस अफसर डीजीपी बनने की दौड़ में हरियाणा में 5 आईपीएस डीजीपी बनने योग्य हैं। इनमें सबसे पहले गौर करें, तो 1988 बैच के पीके अग्रवाल और 1989 बैच से मोहम्मद अकील के अलावा डाक्टर आरसी मिश्रा का नाम आता है। 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर, देश राज सिंह, 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय, एसके जैन आईपीएस में 30 वर्ष पूरे कर चुके हैं परन्तु डीजीपी रैंक में प्रमोट नहीं किया है। 1984 बैच के एसएस देसवाल और 1986 बैच के केके सिंधु दोनों अगस्त, 2021 में रिटायर होंगे। इसलिए इन दोनों ही नामों पर गौर करने का सवाल ही नहीं। कुल मिलाकर अब देखना होगा कि राज्य की सरकार बतौर नए डीजीपी किसको जिम्मेदारी देती है। 

*गृह मंत्री विज भी पिछले दिनों हुए थे खफा, बताया था इनकंपीटेंट*

 हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी पिछले दिनों हरियाणा के पुलिस प्रमुख से नाराज चल रहे थे, जिन्होंने इस क्रम में लिखित पत्र में हरियाणा डीजीपी मनोज यादव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इनकंपीटेंट तक लिख दिया था। गृहमंत्री की नाराजगी के बाद में यह माना जा रहा था कि डीजीपी अब हरियाणा में ज्यादा दिन रुकने वाले नहीं हैं। पूरा मामला राज्य सरकार सीएम से लेकर दिल्ली दरबार तक जा चुका था। गृहमंत्री ने कईं मौकों पर पुलिस प्रमुख की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े करते हुए बदलाव की वकालत की थी। जिसके बाद में डीजीपी ने गृहमंत्री से अंबाला में उनके आवास पर पहुंचकर लंबी चौड़ी मंत्रणा की थी। कुल मिलाकर अब यह तय हो गया है कि डीजीपी का जाना पूरी तरह से तय है।  

*विज और डीजीपी की अंबाला में एक घंटा बंद कमरे में हुई थी बातचीत*

गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी के बाद में डीजीपी मनोज यादव अप्रैल के दूसरे सप्ताह में अंबाला छावनी गृहमंत्री के आवास पर पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने बंद कमरे में लगभग एक घंटे तक मुलाकात कर लंबी गुफ्तगू गृहमंत्री के साथ में की थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान सुरक्षा गार्डों को भी दूर कर दिया गया था। इस दौरान अंबाला एसपी हामिद अख्तर भी अंबाला छावनी पहुंचे हुए थे। लेकिन मंत्री और डीजीपी की आपस में लंबी चर्चा हुई थी। मीटिंग को लेकर भले ही किसान आंदोलन, कोरोना के साथ साथ कानून व्यवस्था जैसे विषयों की बात कहकर टाल दिया गया था। राजपत्रित अवकाश वाले दिन विज और डीजीपी की मुलाकात को अप्रैल में सुलह मानकर चला जा रहा था, जिसके बाद में विज का रवैया भी नरम पड़ गया था। डीजीपी का आईजी वाई पूर्ण कुमार से भी हुआ था विवाद हरियाणा डीजीपी मनोज यादव का पिछले कुछ अर्सा पहले ही अंबाला रेंज में तैनात आईजी वाई पूर्ण कुमार के साथ में भी विवाद हो गया था। वाई पूर्ण कुमार ने पुलिस प्रमुख के विरुद्ध लिखित शिकायत करते हुए केस दर्ज कराने की मांग की थी। पूरे मामले में भी पुलिस विभाग की अच्छी खासी फजीहत हो रही थी। अंबाला में तैनात तत्कालीन आईजी वाई पूर्ण कुमार इन दिनों होमगार्ड विभाग मे तैनात किए गए हैं। जिन्होंने अंबाला के साहा क्षेत्र स्थित ट्रैफिक थाने में मंदिर जाने को लेकर डीजीपी ने जवाब तलब कर लिया था। हालांकि मंदिर पहले 2011 से वहां पर स्थित था। उक्त मामले में डीजीपी ने आईजी से लिखित में जवाब मांगा लेकिन आईजी के साथ में अवकाश के दिन मंदिर गए एसपी अंबाला को छोड़ दिया था, जिस पर नाखुश वाई पूर्ण कुमार ने डीजीपी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। 

*मुख्यमंत्री बोले - इच्छा से जाना चाहें तो ठीक*
 मुख्यमंत्री मनोहरलाल का डीजीपी हरियाणा को लेकर कहना है कि अपनी इच्छा से जाना चाहें, तो ठीक है। अगर डीजीपी अपनी इच्छा से जाना चाहते हैं, तो उनके आवेदन पर विचार किया जाएगा। सीएम ने कहा कि जल्द ही एक पैनल डीजीपी के लिए तैयार कर लिया जाएगा औऱ पूरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।

*गृहमंत्री विज बोले - डेपूटेशन का वक्त खत्म हुआ हमने यही कहा था*
गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज ने पूरे मामले में पूछे जाने पर कहा कि हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव को लेकर हमने पहले ही दो साल का वक्त पूरा हो जाने की बात कही थी। जिसके बाद में नए नामों का पैनल जाना चाहिए था, अब खुद डीजीपी ने अपने पत्र में वही बात स्वीकार की है। विज ने भी कहा कि वे खुद ही जाना चाहते हैं, तो प्रक्रिया जारी कर दी जाएगी नए नामों का पैनल बनाने के लिए पहले से ही अफसरो को निर्देश दिए गए हैं।

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