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Wednesday, June 23, 2021

वर्करों की विधायक सुनेंगे, विधायकों की मंत्री और अब मंत्रियों की मुख्यमंत्री

वर्करों की विधायक सुनेंगे, विधायकों की मंत्री और अब मंत्रियों की मुख्यमंत्री

चंडीगढ़ : भाजपा को 7 साल बाद वर्करों की याद आई है। अब वर्करों की बात विधायक सुनेंगे, विधायकों की मंत्री और मंत्रियों की बात मुख्यमंत्री सुनेंगे। महीने में 2 दिन सभी मंत्री चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में मौजूद रहेंगे, ताकि विधायक वर्करों या हलके के जो काम लेकर आएं, उनको सुना जाए। मंत्रियों को दिक्कत है तो सीएम उनकी बात सुनेंगे।
सूत्रों के अनुसार यह निर्देश भाजपा-जेजेपी व 4 निर्दलीय विधायकों की बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसी से पार्टी पूरी तरह से मजबूत रहेगी। बैठक में भाजपा-जजपा के 54 विधायकों ने शिरकत की। सीएम, डिप्टी सीएम, सभी मंत्री, भाजपा व जेजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मौजूद रहे। 4 चार निर्दलीय विधायक भी बैठक में पहुंचे।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े ने पिछले दिनों प्रदेशभर में वर्करों व पदाधिकारियों के साथ कई जिलों में जाकर बातचीत की थी। पदाधिकारियों ने खुलकर कहा था कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही। वहीं, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व जेजेपी प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने कहा कि दोनों दलों की को-आर्डीनेशन कमेटी का गठन किया जाना चाहिए, ताकि निर्णय लेने में दिक्कत न हो।
जबकि दोनों दलों की कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कमेटी बनी हुई है, लेकिन काफी समय से इसकी बैठक नहीं हुई। बैठक में यह जिक्र नहीं किया कि जो 4 निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उनके मन की कोई सुनेगा या नहीं। सीएम के साथ 4 निर्दलीय विधायकों की बैठक होनी थी, इसके लिए बाकायदा समय भी लिया गया था।
विधायकों के पास सीएम हाउस पहुंचने के बारे में कोई सूचना नहीं आई। बैठक के बाद सीएम ने किसान आंदोलन पर कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। बहुत बड़ा एक्शन लेने का विषय नहीं है, लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, कहा कि जिस तरह यह बैठक हुई है, उसी तरह अगले सप्ताह फिर बैठक करेंगे।
*किसानों का मुद्दा उठाया तो निर्दलीय को बैठाया*
बैठक में जब एक निर्दलीय विधायक किसान आंदोलन को लेकर बोलने लगे तो उन्हें तुरंत बैठा दिया गया। वे किसानों की बात सुनने के लिए कह रहे थे, क्योंकि किसान कई माह से आंदोलन कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अफसरों द्वारा सुनवाई न करने की आवाज भी बैठक में नहीं उठाने दी गई। दूसरे निर्दलीय विधायक ने कहा कि 25 किलोमीटर के खेतों के रास्ते हर साल हर विधानसभा में पक्के किए जाने चाहिए।

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