*सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षकों ने विभिन्न तरीकों से दिया संदेश*
*शिक्षक बनकर समाज का करें मार्गदर्शन- सरत अत्री*
जींद ( संजय कुमार ) ÷जींद के सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में महान शिक्षाविद एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक-दिवस एक अनोखे ढंग से मनाया गया। आज के समय में बच्चों मे अभिरुचि को उभारने के उद्देश्य से विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक ने अलग-अलग अंदाज में प्रस्तुतियां दी। इसके बाद विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सरत अत्री व सदस्य विकास शर्मा, बलवान शर्मा, सुरेंद्र शर्मा व प्राचार्य सतेंद्र त्रिपाठी ने सभी शिक्षक जिन्हें विद्यालय में अध्यापन करते हुए 2 साल हो गए हैं। ऐसे 23 अध्यापकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार व बाकी सभी 50 अध्यापकों को स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक का दायित्व बड़ा कठिन है। तत्पश्चात अध्यक्ष सरत अत्री ने कहा कि जो शिक्षक, विद्यार्थी की हर गलती को क्षमा करने की भावना रखता है और उसकी हर कमजोरी को दूर कर, उसे सफलता के शिखर तक ले जाता है, वही सच्चा शिक्षक कहलाता है। प्रबंधन समिति के सदस्य बलवान शर्मा ने भी शिक्षक-दिवस के अवसर पर अपने विचार रखे और कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यालय में समय-समय पर होते रहने चाहिए जिससे अध्यापकों का भी सर्वांगीण विकास हो सके। विद्यालय के प्राचार्य केंद्र त्रिपाठी ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक का दर्जा क्या होता है यह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने की अपनी पुस्तक में लिखा है कि मुझे एक शिक्षक के नाते जाना जाए तो अधिक प्रसन्नता होगी। जबकि वह प्रसिद्ध वैज्ञानिक और देश के प्रथम नागरिक थे। कार्यक्रम के अंत में उपप्राचार्य राजकुमार शर्मा ने सभी अध्यापकों का प्रबंधन समिति का आभार व्यक्त किया व अध्यापक परिवार को शिक्षक-दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
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