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Friday, October 29, 2021

क्यों न इस बार की दीवाली पर एक नया विचार करें : दीपा शर्मा


क्यों न इस बार की दीवाली पर एक नया विचार करें : दीपा शर्मा
 दोस्तों को मिलें तो बिना गिफ्ट के मिलें।                   
    पंचकूला : ये भी क्या परम्पराएँ हम शुरू कर बैठे की तुम मेरे यहाँ आना तो गिफ्ट लेते आना और फिर मैं तेरे यहाँ जाऊंगा तो गिफ्ट लेता जाऊंगा। बड़ी बड़ी कंपनियां चांदी काट रही है और मध्यम वर्ग डिब्बों के रेट उलट पलट रहा है की किस दोस्त को क्या देना है, कौन सा रिश्तेदार कितनी हैसियत का है। कोई दोस्त महंगा गिफ्ट देता है तो उसको गिफ्ट भी महंगा ही वापिस करना होगा और कोई हल्का दोस्त तो गिफ्ट भी हल्का दे दो और कभी कभी तो पिछले वर्षो के गिफ्ट ही दे देते हे। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, टी.वी और सभी तरह की मीडिया आपको ये बताने पर लगा है की कितना कितना सामान कहाँ कहाँ बेचा जा रहा है।* 
*ये खबरे नहीं है दोस्तों ये आपका दिमाग घुमाने की साजिश है की आपको लगे सारी दुनिया लगी है, सामान खरीदने में आप रह गए पीछे। इस साल इस विचार पर काम करे, दीवाली को दीवाला न बनाए। क्योकि लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण जनता के पास आज खाने के भी लाले पड़ रहे है।दिन पर दिन रसोई क़ा समान,डीजल/पेट्रोल के रेट बढ़ रहे है कोई किसी की सुनता नही सरकार कानों में रुई लगाकर बैठी है।गरीब जनता पिस रही है।मध्यम वर्गीय लोग फिर भी जैसे तैसे गुजरा कर रहे है लेकिन उन लोगो का क्या जो फटेहाल जीवन जी रहे है रहने को घर नही खाने को अन्न नही शरीर पर कोई कपड़ा नही।ऐसे लोगों का भी हम सभी को सोचना चाहिए।इस पहल में आप हमारा सहयोग करेंगे तो देश मे हम गरीब जनता के लिए कुछ कर पाएंगे।
      इस साल हम दोस्ती को सेलिब्रेट करें। प्यार को सेलिब्रेट करें।
*मेरा ये एक सुझाव है की  आप सभी प्रबुद्ध जन कुछ छोटे छोटे गिफ्ट्स जैसे बिस्कुट ,लड्डू, फ्रूटी, मोमबती, कपडे/गर्म कपड़े,कम्बल इत्यादि उन गरीब बच्चों में बांटे जो आपको आते जाते टुकर टुकर देखते रहते है। यही सच्ची दिवाली होगी।*
*मेरे जैसे सामान्य इंसान की ये राय है अगर आपको अच्छी लगे तो -- --*
* तो आइए इस समाज को बदलने में हमारी सहायता करें। लाओ नए विचार और शुरुआत करो अगर कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो।

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