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Thursday, February 10, 2022

बेरोजगारी के बोझ के तले दब कर लोगों ने आत्महत्या की----दीपा शर्मा

बेरोजगारी के बोझ के तले दब कर लोगों ने आत्महत्या की----दीपा शर्मा                      
पंचकूला : सोनिया गांधी ब्रिगेड कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष दीपा शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि 2018 से 2020 के बीच 25,000 से अधिक लोगों ने बेरोजगारी और कर्ज के तले दबकर आत्महत्या की है।
उन्होंने जानकारी दी कि इनमें से 9,140 लोगों ने बेरोजगारी और 16,091 लोगों ने कर्ज के बोझ से दबकर अपनी जान दी। राज्यसभा में भी बेरोजगारी के मुद्दे पर बहस के दौरान सरकार की तरफ से ये आंकड़े पेश किए गए थे। शर्मा ने बताया कि आत्महत्या से जुड़े ये आँकड़े 2020 में बेरोजगारों एवम आत्महत्या का आंकड़ा अपने उच्चतम स्तर पर था और उस साल 3,548 लोगों ने आत्महत्या की। उससे पहले 2019 में 2,851 और 2018 में 2,741 लोगों ने खुदकुशी की थी। वहीं कर्ज के कारण 2018 में 4,970, 2019 में 5,908 और 2020 में 5,213 लोगों ने अपनी जिंदगी खत्म की। बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए दीपा शर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा  कि देश में बेरोजगारी दर 50 सालों के इतिहास में सबसे ऊपरी स्तर को छू गई है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार ने 10 सालों में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला था, जबकि भाजपा सरकार ने 23 करोड़ लोगों को वापस गरीब बना दिया है। देश में 2020 में व्यापारियों की आत्महत्या करने की घटनाओं में 2019 की तुलना में 50 प्रतिशत इजाफा देखा गया है। NCRB के आंकड़े बताते हैं कि किसी भी श्रेणी में यह सबसे बड़ा इजाफा है और 2020 में देश में किसानों से ज्यादा कारोबारियों ने आत्महत्या की है। गौरतलब है कि महामारी के कारण साल 2020 आर्थिक संकटों से भरा रहा और कई व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। NCRB के अनुसार, साल 2020 में 11,716 व्यवसायियों ने आत्महत्या की, जबकि इसी दौरान कुल 10,677 किसानों ने आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए। व्यवसायियों के बीच 11,716 आत्महत्याओं में से 4,356 मामले व्यापारियों, 4,226 मामले वेंडर्स के थे और अन्य 'दूसरे व्यवसायों से जुड़े हुए हैं। NCRB ने इन तीन समूहों में आत्महत्याओं के मामलों का वर्गीकरण किया है। 2019 में 2,906 व्यापारियों ने आत्महत्या की थी, जबकि 2020 में यह संख्या लगभग 50 फीसदी बढ़कर 4,356 हो गई।

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