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Thursday, April 21, 2022

निजी स्कूल में बच्चों के दाखिला:दूसरी से 8वीं तक बच्चों के लिए नई योजना पर काम कर रही हरियाणा सरकार

निजी स्कूल में बच्चों के दाखिला:दूसरी से 8वीं तक बच्चों के लिए नई योजना पर काम कर रही हरियाणा सरकार

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने 28 मार्च को आरटीई एक्ट की धारा 12 (1, सी) पर अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना जारी करने के बाद से प्रदेश में पहले से लागू नियम-134ए पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब प्रदेश में नियम-134ए के तहत दाखिले नहीं होंगे। सभी प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी या पहली कक्षा में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर एससी, बीसी, विधवा के बच्चे, विकलांग बच्चे, आर्थिक रूप से गरीब बच्चे, एचआईवी प्रभावित बच्चे, अनाथ बच्चे और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चे को दाखिला दिया जाएगा।

वहीं, प्रदेश सरकार गरीब परिवारों के दूसरी से आठवीं कक्षा तक में पढऩे वाले बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए नई योजना पर काम कर रही है। जिसकी फाइल शिक्षा विभाग ने स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी हुई है। जहां से मिलने वाली अंतिम मंजूरी के बाद ही नई योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। गरीब परिवारों के दूसरी से आठवीं कक्षा में बच्चों को दाखिला देने के लिए नई योजना पर काम चल रहा है। इसमें सरकार द्वारा ऐसे बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए मानक तय किए जा रहे हैं।
इसके तहत कक्षा 2 से 5 तक 300 से 700 रुपये प्रतिमाह, कक्षा 6 से 8 के लिए 400 से 900 रुपये प्रतिमाह और कक्षा 9 से 12 के लिए 700 से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह प्रतिपूर्ति राशि की जाएगी या स्कूल द्वारा फार्म-6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी वह स्कूलों को दी जाएगी। योजना के तहत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि पर जो मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल सहमति देंगे, उन्हें ही पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। इसके अलावा गरीब परिवारों के बच्चों का रिकॉर्ड भी पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।

*सरकारी से प्राइवेट में जाने वाले बच्चों पर लागू होगी योजना*

नियम-134ए के तहत सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले मेघावी बच्चे भी टेस्ट पास करने के बाद मनपसंद के प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले लेते थे। नियम-134ए के तहत स्कूलों को सीटें भी रिजर्व रखनी होती थी। मगर गरीब बच्चों के लिए जिस योजना पर सरकार काम कर रही है, उसके तहत न तो बच्चे को किसी भी तरह का टेस्ट देना होगा और न ही बच्चे को स्कूल चयन में कोई बाधा आएगी। इसमें सीटों की भी कोई बाध्यता नहीं होगी। पोर्टल पर दर्ज स्कूल में बच्चा दाखिला पा सकेगा और उसकी फीस प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। मगर यह योजना केवल सरकारी स्कूल से प्राइवेट स्कूल में दाखिला पाने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को देखते हुए बनाई जाएगी। प्राइवेट से प्राइवेट स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों को योजना में शामिल नहीं किया जाएगा।
*आरटीई के तहत फीस निर्धारण पर फैसला लेगी कमेटी*

आरटीई के तहत स्कूल में 25 प्रतिशत सीटों को नर्सरी या पहली कक्षा में दाखिला मिलेगा। स्कूल द्वारा एक किलोमीटर का दायरा तय किया जाएगा। आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले अभिभावकों का आय प्रमाण पत्र तहसीलदार या अन्य अधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किया जाएगा। अगर सत्यापन के दौरान उसमें किसी तरह का झोल मिलेगा तो संबंधित अधिकारी और अभिभावक पर कार्रवाई होगी। हालांकि आरटीई पर अधिसूचना जारी करने के बाद शिक्षा विभाग ने दाखिलों को लेकर शेडयूल भी जारी कर दिया है।

इसके तहत 25 अप्रैल तक आवेदन जमा करवाने होंगे। फिर 29 अप्रैल को लॉटरी ड्रा निकाला जाएगा। उसके बाद पांच मई तक बच्चों के दाखिले किए जाएंगे। मगर अभी तक सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को कितनी फीस प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी, यह तय नहीं हुआ है। इसे लेकर जल्द ही एक कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें फीस का पैमाना तय करने के बाद प्राइवेट स्कूलों को अवगत करवाया जाएगा। आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल कोर्ट की शरण में नहीं जा सकेंगे।
*बच्चे के प्रमोट होने के बाद उस कक्षा से हट जाएगी योजना*

शिक्षा मंत्री कंवर पाल का कहना है कि सरकार दूसरी से 12वीं कक्षा तक के गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढऩे का समान अवसर देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना तैयार कर रही है। प्रदेश के गरीब परिवारों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए जिन परिवार की आय 1.80 लाख से कम है, उनके बच्चों को सरकार दूसरी से 12वीं कक्षा तक प्राइवेट स्कूलों में दाखिल करवाएगी। पहली कक्षा के दाखिले शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत किए जाएंगे। सरकार ने नियम 134ए को समाप्त कर दिया है।

पहली कक्षा में दाखिला आरटीई के तहत किए जाएंगे। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 25 प्रतिशत बच्चों के निजी मान्यता प्राप्त नजदीक के स्कूलों में दाखिला किया जाएगा। ये बच्चे हर वर्ष अगली कक्षा में प्रमोट होते रहेंगे और उस क्लास को नई शुरू की गई योजना में से हटा दिया जाएगा। जिन बच्चों के एडमिशन पहले से ही 134ए के तहत पिछले वर्षों में हुए हैं, उनकी फीस सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

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