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Thursday, April 21, 2022

राकेश टिकैत का चढूनी पर निशाना:बोले- उनके पास मुख्यमंत्री के बराबर के काम, दिल्ली हिंसा सोची-समझी साजिश

राकेश टिकैत का चढूनी पर निशाना:बोले- उनके पास मुख्यमंत्री के बराबर के काम, दिल्ली हिंसा सोची-समझी साजिश

करनाल : हरियाणा के जिले करनाल के गांव जलाला वीरान में बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। उन्होंने SYL के मुद्दे और दिल्ली हिंसा पर कहा कि यह केंद्र सरकार की सोची समझी साजिश है। सरकार को लोगों को आपस में लड़वाने के अलावा कोई काम नहीं है। वहीं गुरनाम चढूनी के साथ में न आने के सवाल पर चुटकी ली और मुख्यमंत्री पद के कामों से तुलना की।

टिकैत गांव जलाला वीरान के किसान की जमीन की बोली लगाए जाने के विरोध में पहुंचे थे। जिस पर सरकार को चेतावनी दी कि वह किसान की जमीन को नहीं जाने देंगे। उस किसान को बता दो, उसका कितना कर्जा बनता है। वह अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेचकर कर्ज चुका देगा। उसके किसान और पार्टी के नेता से भी बात करेंगे। प्रशासन से भी बात करेंगे। धान की रोपाई हम खुद करवाने आएंगे। बोर्ड भी इसी के खेत में लगेगा।
किसानों ने बताया कि किसान ने बैंक से 11 लाख रुपए का लोन लिया था। इसमें उसके पशुओं को नुकसान होने के कारण वो लोन नहीं चुका सका। उसके लोन की राशि 17 लाख हो गई। 6 साल से संपर्क नहीं किया। कोई नोटिस नहीं आया। जमीन नीलाम कर दी गई। कोर्ट से जमीन पर कब्जा के लिए फोर्स बुला ली। जमीन 90 लाख की है। बैंक को देने 17 लाख रुपए हैं।

ग्रामीणों के विरोध से जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए। यहां पर डीसी रेट 25 लाख रुपए है, जबकि 7 लाख रुपए रेट तय किया जाए। डीसी रेट से कम जमीन की बोली नहीं लगा सकते। हम मांग करते हैं कि किसान की जमीन को छोड़ा जाए।
*सवाल* : दिल्ली हिंसा पर क्या कहेंगे?

*टिकैत* : सरकार इस तरह का काम करवा रही है। लोगों को बचना चाहिए। लोगों को आपस में लड़ना नहीं चाहिए।

*सवाल* : किसानों को दी जाने वाले सब्सिडी खत्म की गई?

*टिकैत* : सरकार से बात हुई थी। प्रदेश व देश सरकार से बात हुई है। मार्च के बाद इस सब्सिडी को बढ़ाया जाएगा। सब्सिडी लोगों को जिंदा नहीं रह सकता। सब्सिडी एक माध्यम है। तेलंगाना सरकार प्रति एकड़ 10 हजार रुपए देती है। उसके हिसाब से अन्य सरकारों को भी दिया जाना चाहिए।
*सवाल* : गुरनाम चढूनी साथ नहीं दिखते, क्या हुआ?

*टिकैत* : मुख्यमंत्री पद पर बड़ी जिम्मेदारी हो जाती है। उनके कई काम होते हैं। कई स्टेट में जाना पड़ता है।

*सवाल* : लखीमपुर खीर मामले में जमानत रद्द की है?

*टिकैत* : ये सुप्रीम कोर्ट ने कहा है तो धन्यवाद करते हैं। वो इस केस को शुरू से ही ट्रिट कर रहा है। वो दोबारा से इसकी सुनवाई करेंगे। हमारी वकील किसान का पक्ष मजबूती से रखेंगे।

*सवाल* : 'आप' 2025 में SYL का पानी देने की बात कह रही है?

*टिकैत* : वोट चाहने के लिए कोई कुछ भी कह सकता है। अब पंजाब में तो चुनाव नहीं है। आगे तो हरियाणा में चुनाव हैं। आंदोलन के लोग अलग होते हैं। राजनीति के लोग अलग होते हैं। दिल्ली के आंदोलन में अलग-अलग विचारधारा के लोग उस आंदोलन में शामिल रहे। आंदोलनकारी को अपनी मजबूत रखनी चाहिए। राजनीति में जाने के लिए संगठन से इस्तीफा देना पड़ता है।
सभा में बोलते हुए किसान व मौजूद नेता।

*सवाल* : 500 बोनस की मांग की जा रही है?

*टिकैत* : बोनस की बात पर सहमत हैं। गेहूं का रेट भी ठीक है। इनसे किसानों को भी कुछ मिल जाएगा।

*सवाल* : आंदोलन में जिनका विरोध किया उनको ही गेहूं बेचा?

*टिकैत* : अब ऐसे ही पूरा सिस्टम बंद होने के बाद अदानी के साइलो होंगे तो आदमी वहीं पर जाएगा। अब उसको ये कहना कि वहां जा रहे हो।

*सवाल : सरकार के साथ समझौता पूरा हुआ?*

*टिकैत* : हमसे सरकार ने 2-3 नाम मांगे थे। जिन्हें कमेटी में शामिल करना था। हमने उनको चिट्ठी लिखी है। इनकी पावर क्या होगी। कितना समय होगा। कैसे काम करेगी। जवाब आने के बाद आगे की योजना तैयार की जाएगी।

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