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Thursday, April 7, 2022

PM आवास योजना में करोड़ों का गड़बड़झाला, नपा सचिव ने कायदे कानूनों को ताक पर रखकर जारी कर दी राशि

PM आवास योजना में करोड़ों का गड़बड़झाला, नपा सचिव ने कायदे कानूनों को ताक पर रखकर जारी कर दी राशि 


Crores of disturbances in PM Awas Yojana, NAPA Secretary released the amount by ignoring the rules and regulations
PM आवास योजना में करोड़ों का गड़बड़झाला, नपा सचिव ने कायदे कानूनों को ताक पर रखकर जारी कर दी राशि 
भूना ( फतेहाबाद ) हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भूना कस्बे में में प्रधानमंत्री आवास योजना में 199 लोगों को 2 करोड़ रुपये की राशि नगरपालिका सचिव द्वारा कायदे कानूनों को ताक पर रखकर मंजूरी दे दी। मगर इस पूरे मामले से नगर पालिका के प्रशासक एवं एसडीएम को नजरअंदाज कर दिया गया। इस पूरे गड़बड़ झाले में नगरपालिका सचिव ने मुख्य लिपिक ज्योति रानी की आईडी एंड पासवर्ड बदलकर योजना का लाभ दिए जाने का प्रयास किया गया। जिसके बाद मुख्य लिपिक के होश उड़ गए और उन्होंने एसडीएम को पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया। एसडीएम राजेश कुमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के गड़बड़ झाले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर योजना में लोगों को जारी किए जाने के कार्य की सूची को जांच प्रक्रिया तक रोक लगा दी। प्रधानमंत्री आवास योजना की जारी की गई राशि के गड़बड़ झाले में तीन सदस्य कमेटी को जांच सौंप दी गई है। कमेटी में नायब तहसीलदार व अकाउंट ऑफिसर फतेहाबाद तथा कनष्ठि अभियंता को गड़बड़ झाले की जांच की जिम्मेवारी दी गई है।  

*राशि लैप्स ना हो, इसलिए कायदे कानूनों को ताक पर रख दिया

 नगर पालिका के सचिव ने 29 मार्च को मुख्य लिपिक ज्योति रानी की डाटा अप्रूवल आईटी का पासवर्ड बदल दिया और 199 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चिन्हित करके 2 करोड रुपए उन्हें आवंटन करने के लिए सूची अपलोड कर दी। सचिव का मानना था कि अगर उपरोक्त राशि जारी नहीं होती तो वह लैप्स हो जाती। हालांकि प्रधानमंत्री आवास योजना में भूना में बड़े स्तर पर घोटाला संबंधित आरोप लग रहे थे। योजना में एक प्राइवेट कंपनी ने जियो टैगिंग एंव सर्वे के नाम पर हजारों रुपए का नजराना लेकर ऐसे लोगों का चयन कर दिया था जो योजना के पात्र भी नहीं थे। तत्कालीन एसडीएम ने प्राइवेट कंपनी के सर्वे की जांच की तो बड़े स्तर पर योजना में गड़बड़ी के सबूत मिले थे। इसलिए सर्वे कंपनी की चन्हिति सूची को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया था।  मगर नगरपालिका सचिव ने मुख्य लिपिक द्वारा इस्तेमाल की जा रही डाटा अप्रूवल आईडी को स्वयं ऑपरेट करके उपरोक्त सूची में से 199 लोगों को तत्काल प्रभाव से फंड जारी कर दिया। मगर 3 दिन बाद मुख्य लिपिक ने अपनी आईडी कंप्यूटर पर खोलने का प्रयास किया तो वह खुली नहीं। जिसको लेकर दो करोड़ की राशि से संबंधित मैसेज के बाद मुख्य लिपिक के होश उड़ गए। मुख्य लिपिक ने तुरंत बैंक से इस बारे में अकाउंट स्टेटमेंट प्राप्त की तो पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया। मुख्य लिपिक ने इस संबंध में नगर पालिका सचिव से मिलकर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि डाटा अप्रूवल आईडी उनके अधिकार क्षेत्र का मामला है। लेकिन दो करोड़ की राशि जारी करने से संबंधित उच्च अधिकारियों का कोई लिखित व मौखिक आदेश नहीं था। इसके चलते मामले को लेकर एसडीएम को अवगत करवाया गया। 

 क्या कहते हैं नगरपालिका सचिव

 नगरपालिका के सचिव संदीप कुमार गर्ग ने बताया कि डाटा अप्रूवल आईडी को मैनेज करने की जवाबदेही सचिव की होती है। इसलिए कोई गड़बड़ी ना हो मैंने पासवर्ड बदल कर प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ पात्र लोगों को चिन्हित किया है। क्या कहते हैं डीसी जिला उपायुक्त प्रदीप कुमार ने इस संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ झाले से संबंधित अभी उनके मामला संज्ञान में नहीं आया है। मगर फिर भी इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। क्या कहते हैं एसडीएम इस संबंध में एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि वह जरूरी काम के लिए बाहर गए हुए हैं। मगर नगर पालिका भूना में प्रधानमंत्री आवास योजना में जो गड़बड़झाला है उसके बारे में वीरवार को आकर विस्तारपूर्वक जानकारी दूंगा।

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