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Monday, April 11, 2022

गर्मी आते ही सरकार ने बिजली की दरों में की बढ़ोतरी और उत्पादन में की कटौती- हुड्डा

गर्मी आते ही सरकार ने बिजली की दरों में की बढ़ोतरी और उत्पादन में की कटौती- हुड्डा

With the onset of summer, the government increased electricity rates and cut production - Hooda
लंबे-लंबे पावर कट से आम आदमी परेशान, सब्जी उत्पादक किसानों को झेलना पड़ रहा है नुकसान- हुड्डा
प्रदेश के पावर प्लांट ठप कर निजी कंपनियों से महंगे रेट में बिजली खरीद रही है सरकार- हुड्डा 
हमारी सरकार बनने पर गरीब परिवारों को मुफ्त व मध्यम वर्ग को रियायती दरों पर मिलेगी बिजली- हुड्डा 

चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गर्मी आते ही सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी और उत्पादन में कटौती कर दी है। जिससे पूरे हरियाणा के लोग भारी बिजली संकट झेल रहे हैं। लंबे-लंबे पावर कट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेदड़, पानीपत, झाड़ली और यमुनानगर में 4 पावर प्लांट बनवाए थे। जबकि बीजेपी या बीजेपी-जेजेपी सरकार में एक भी प्लांट नहीं लगाया गया। ऊपर से खेदड़, पानीपत और झाड़ली पावर प्लांट की 3 इकाइयों में उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया गया। आज प्रदेश में क्षमता से बेहद कम या कहें कि नाममात्र का बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को लंबे-लंबे पावर कट और बिजली की महंगी दरों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। निजी कंपनियों से महंगी दरों पर बिजली खरीदकर आम उपभोक्ता को ऊंचे रेट पर बेची जा रही है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पावर कट की वजह से ना सिर्फ आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, बल्कि लोगों के व्यापार धंधों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। किसानों को भी बिजली कटौती की वजह से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। खास तौर पर सब्जी उत्पादक किसानों को इस सीजन में बिजली की आवश्यकता होती है, ताकि वक्त पर फसलों की सिंचाई की जा सके। लगातार 2 साल से कोरोना महामारी के चलते सब्जी उत्पादक किसान भारी घाटा झेल रहे हैं। इस बार बिजली के अनियमित शेड्यूल के चलते उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। 
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए एमएसपी पर कम से कम ₹500 प्रति क्विंटल बोनस देने की मांग की। हुड्डा का कहना है कि इस बार पहले बेमौसम बारिश और फिर गर्मी के जल्दी आगमन की वजह से गेहूं उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस बार गेहूं का दाना लगभग 10% छोटा हुआ और उत्पादन में करीब 5 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ की कमी भी आई है। ऊपर से डीजल, पेट्रोल, खाद, दवाई, बीज और अन्य चीज़ों की महंगाई के चलते किसानी की लागत बहुत ज्यादा बढ़ी है। इसलिए किसानों को सरकारी मदद की दरकार है। किसानों को ₹500 प्रति क्विंटल बोनस देकर कुछ हद तक उसके नुकसान की भरपाई हो सकती है।

हुड्डा ने कहा कि किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार को एग्रीकल्चर या हॉर्टिकल्चर विशेषज्ञ अधिकारियों से सलाह लेकर बिजली का शेड्यूल तय करना चाहिए। साथ ही किसानों के लिए बिजली आपूर्ति को 8 से बढ़ाकर 10 घंटे किया जाना चाहिए। अपने बयान में हुड्डा ने दोहराया कि भविष्य में कांग्रेस सरकार बनने पर गरीब परिवारों को मुफ्त व मध्यम वर्ग को रियायती दरों पर बिजली दी जाएगी।

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