29 मई की आम आदमी पार्टी की कुरुक्षेत्र रैली प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा प्रदान करेगी : विक्रम चहल
कहा : जून माह में होने वाले पंचायत एवं निकाय चुनावों में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ेगी और बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी
जींद/उचाना : आम आदमी पार्टी के युवा जिला अध्यक्ष विक्रम चहल का कहना है कि जून माह में होने वाले पंचायत एवं निकाय चुनाव में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ेगी और हर जगह अपना बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी। उनका कहना है कि इन चुनावों में राज्य स्तरीय एवं स्थानीय मुद्दे अहम रहेंगे, क्योंकि प्रदेश की मौजूदा भाजपा व जजपा सरकार के कार्यकाल में आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया गया है, जिसका वे इन चुनावों में उल्लेख कर सकें।
आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए विक्रम चहल ने कहा कि 29 मई को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुरुक्षेत्र में होने वाली 'अब बदलेगा हरियाणा' रैली काफी अहम होगी और यह प्रदेश की राजनीति को एक नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि इस रैली को लेकर जहां पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी जोश है, वही आम लोगों में भी इसके लिए भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि उचाना विधानसभा हलके से भारी संख्या में लोग इस रैली में शिरकत करेंगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय बेरोजगारी, महंगाई, बिजली, पानी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य अहम मुद्दे हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर सड़कें, गंदगी, टूटी हुई गलियां, स्ट्रीट लाइट आदि भी अहम मुद्दे रहेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पूरे जोर-शोर के साथ आमजन तक पहुंच कर लोगों को इस रैली में शामिल होने का निमंत्रण दे रहे हैं और लोगों का भी काफी समर्थन इसके लिए मिल रहा है। लोग प्रदेश में एक बदलाव की उम्मीद से अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। क्योंकि अब तक प्रदेश में जिस किसी भी पार्टी की सरकार रही है उसने विकास के नाम पर सिर्फ और सिर्फ अपना और अपने लोगों का ही विकास किया है और अब सत्ता प्राप्ति के लिए विभिन्न दलों में आपस में काफी खींचातानी चल रही है । जबकि आम आदमी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता सिर्फ और सिर्फ आप की सरकार प्रदेश में बनाने के लिए जोर लगा रहा है, ताकि आमजन को दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दी जा सके। क्योंकि पार्टी का लक्ष्य जन सेवा करना ही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक पंचायत व निकाय चुनाव कराने से बचती आ रही प्रदेश की सरकार को न्यायालय के आदेशों पर मजबूरी में चुनाव करवाने पड़ रहे हैं, अन्यथा यह सरकार पिछले काफी समय से इससे बचती आ रही थी। क्योंकि उसे हकीकत पता है कि इन चुनावों में उसके नेताओं के लिए कुछ नहीं है।
लोग उन्हें बड़ी बेसब्री से सबक सिखाने का मन बनाए बैठे हैं।
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