105 वर्षीय रामबाई ने केरल में किया कमाल, तीन पीढ़ियों के साथ मिलकर जीते 13 मेडल
बाढड़ा ( भिवानी ) -आदमी उम्र व शरीर से नहीं बल्कि मन से बूढ़ा होता है। यदि आदमी का मन जवां है तो वह कुछ भी करने की काबिलियत रखता है और किसी भी मुकाम को हासिल करने में उसकी उम्र आड़े नहीं आ सकती। यही सब बर दिखाया है भिवानी के बाढड़ा उपमंडल के गांव कादमा निवासी 105 वर्षीय एथलेटिक्स खिलाड़ी रामबाई ने। जिन्होंने अपनी उम्र की परवाह किए बिना देश-प्रदेश के अलावा विदेशी मैदानों पर भी अपनी खेल प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी है। वे बिना थके-हारे लगातार प्रतियोगिताओं में भागीदारी कर मैदानों पर फर्राटा भर एक के बाद एक मेडल झटक सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। गर्मी के इस मौसम में भी वे मई माह के दौरान तीन अलग-अलग नेशनल व इंटरनेशल प्रतियोगिताओं में भागीदारी कर दस मेडल झटक चुकी हैं जो दर्शाता है कि उम्र पर जज्बा कितना भारी है। बैंगलौर के बाद केरल में दिखाया कमाल गांव कादमा निवासी 105 वर्षीय रामबाई ने नेपाल व बैंगलौर के बाद अब केरल में कमाल कर दिखाया है। उन्होंने परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ भागीदारी करते हुए शानदार खेल का प्रदर्शन की तीन गोल्ड मेडल हासिल किए। उनके स्वयं के तीन गोल्ड के अलावा उनके पुत्र, पुत्रवधु, बेटी व नातिन ने भी मेडल प्राप्त किए है। रामबाई 11 से 15 मई तक बैंगलौर में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में भागीदारी के बाद वे वहां से सीधे केरल के त्रिवंनतपुरम पहुची जहां 18 से 22 मई तक आयोजित चौथी नेशनल मास्टरस एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने शानदार खेल प्रदर्शन को जारी रखते हुए उन्होंने 100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़ व लौंग जंप में प्रथम स्थान हासिल करते हुए तीन गोल्ड मेडल प्राप्त किए। लगातार नेशनल व इंटरनेशल स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में मिल रहे मेडल व परिवार के लोगों का मिल रहा साथ उन्हें इस उम्र में भी थकान महसूस नहीं होने देता है। रामबाई के साथ उसकी तीन पीढ़ियों ने की भागीदारी केरल में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में उनके पुत्र, पुत्रवधु, पुत्री व नातिन ने भी भागेदारी करते हुए मेडल हासिल किए है। उनके 69 वर्षीय पुत्र मुख्तयार सिंह ने अपने आयु वर्ग की 5 हजार वॉक रेस में में पहले स्थान के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं रामबाई की पुत्रवधु भतेरी देवी ने 5 हजार मीटर व 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल, 15 सौ मीटर दौड़ में सिल्वर व 3 हजार मीटर वॉक रेस में कांस्य पदक हासिल किया। इनके अलावा रामबाई की बेटी गांव झोझूकलां निवासी 63 वर्षीय संतरा देवी ने दो सिल्वर व दो कास्य पदक हासिल किए। वहीं संतरा देवी की बेटी व रामबाई की नातिन शर्मिला सांगवान ने तीन हजार वॉक रेस में कास्य पदक हासिल किया। इस प्रकार रामबाई के परिवार ने कुल 13 मेडल हासिल किए हैं। जिनमें 6 गोल्ड, तीन सिल्वर व चार ब्रांज मेडल शामिल हैं।
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