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Sunday, July 24, 2022

Ukraine से लौटे MBBS स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन!

Ukraine से लौटे MBBS स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन! 

केंद्र ने कहा- NMC ने नहीं दी मंजूरी है

रूस से जंग के बीच यूक्रेन में अपनी पढ़ाई छोड़कर भारत लौटने को मजबूर मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर है। इन छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल सकेगा। शुक्रवार, 22 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में लोकसभा में जानकारी दी गई। केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री भारती पवार ने Lok Sabha में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘नेशनल मेडिकल कमीशन ने इसकी अनुमति नहीं दी है’। इन एनएमसी की मंजूरी के बिना Ukraine से लौटे इन मेडिकल स्टूडेंट्स को न तो किसी भारतीय मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर मिल सकेगा, न ही इन्हें एकोमोडेट किया जा सकेगा। 
*IMC और NMC Act में ऐसा कोई प्रावधान नहीं!*

केंद्रीय राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 और नेशनल मेडिकल कामीशन एक्ट 2019 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत विदेश से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को भारत के मेडिकल कॉलेजों में ट्रांसफर किया जा सके। इसलिए अपने Medical Colleges में इन स्टूडेंट्स को जगह देने के राज्यों के फैसले को एनएमसी ने मंजूरी नहीं दी है। 
*विदेश से मेडिकल करने वालों पर लागू होते हैं FMG नियम*

मंत्री ने कहा कि ‘विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स/ ग्रेजुएट्स या तो स्क्रीनिंग टेस्ट रेगुलेशन 2002 में कवर होते हैं, या फिर फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिएट रेगुलेशन 2021 के तहत.’
*पश्चिम बंगाल में 400 से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिल चुका दाखिला?*

क्या पश्चिम बंगाल सरकार यूक्रेन से लौटे 400 से ज्यादा Medical Students को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दे चुकी है? इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि ‘देश में मेडिकल एजुकेशन रेगुलेटरी बॉडी यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के पास इस पर कोई जानकारी उपबल्ध नहीं है.’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीते दो साल के अंदर Ukraine और China में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे करीब 40 हजार मेडिकल स्टूडेंट्स भारत लौटे हैं. यूक्रेन से लौटने की वजह Russia Ukraine War है, तो चीन से लौटने का कारण कोरोना महामारी। 
गौरतलब है कि बीते 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी को निर्देश दिया कि वह युद्ध और महामारी से प्रभावित इन MBBS स्टूडेंट्स की भारत के मेडिकल कॉलेजों में ट्रेनिंग के लिए योजना बनाए. इसके लिए कोर्ट ने आयोग को दो महीने का समय दिया था. मार्च में जारी एक सर्कुलर में NMC ने विदेश से लौटे इन स्टूडेंट्स को भारत में अपनी इंटर्नशिप पूरी करने की छूट दी थी। बशर्ते वे FMGE Exam क्लीयर कर लें।

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