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Monday, August 1, 2022

अलकायदा सरगना अल जवाहिरी ड्रोन स्ट्राइक में ढेर:12 महीने से काबुल में छिपा था, बाइडेन बोले- हमने ढूंढ कर मारा; तालिबान भड़का

अलकायदा सरगना अल जवाहिरी ड्रोन स्ट्राइक में ढेर:12 महीने से काबुल में छिपा था, बाइडेन बोले- हमने ढूंढ कर मारा; तालिबान भड़का

नई दिल्ली : अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अलकायदा सरगना अल जवाहिरी को एक ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया है। खुफिया सूचना मिलने के बाद रविवार दोपहर ही जवाहिरी पर ड्रोन स्ट्राइक की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई। जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।
जवाहिरी को खत्म करने के लिए काबुल के शेरपुर इलाके में ड्रोन स्ट्राइक की गई। तालिबान के मुताबिक स्ट्राइक के दौरान जोरदार धमाके की आवाज सुनी गई।

*बाइडेन बोले- ढूंढकर मारा, ऑपरेशन कामयाब*

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हम आतंक पर अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे।
*9/11 अटैक का आरोपी था अल जवाहिरी*

11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने 4 कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक कर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टकरा दिए थे। अमेरिका में इसे 9/11 अटैक के नाम से जाना जाता है। इस अटैक में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्टों को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था।
*अमेरिकी हमले में 2 बार बच निकला था जवाहिरी*

जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका इससे पहले भी कई बार कोशिश कर चुका था। 2001 में जवाहिरी के अफगानिस्तान के तोरा बोरा में छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, हमला होने से पहले जवाहिरी भाग निकला। हालांकि, इस हमले में उसकी बीवी और बच्चे मारे गए।

वहीं 2006 में जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने फिर से जाल बिछाया था। उस वक्त पाकिस्तान के दामदोला में उसके छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, मिसाइल हमला होने से पहले जवाहिरी वहां से भाग निकला था।

*अप्रैल में जारी किया था अंतिम वीडियो*

अल जवाहिरी ने इसी साल अप्रैल में 9 मिनट का एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में उसने फ्रांस, मिस्र और हॉलैंड को इस्लाम विरोधी देश बताया था। वीडियो में जवाहिरी ने भारत में हिजाब विवाद को लेकर भी बेतुका बयान दिया था।

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*अब जानिए 11 साल तक अलकायदा चीफ रहे जवाहिरी के बारे में*

अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था। अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था। 14 साल की उम्र में वह मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।

1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की। कॉन्टिनेंटल होटल में हुई इस शादी ने उस समय के उदारवादी काहिरा में सबका ध्यान खींचा, क्योंकि शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया। फोटोग्राफरों और संगीतकारों को दूर रखा गया। यहां तक कि हंसी-मजाक करने पर भी पाबंदी थी।

जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया। ये एक ऐसा उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था। उसकी इच्छा थी कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत कायम हो।

1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। तीन साल जेल में रहने के बाद वह देश छोड़कर सऊदी अरब आ गया।

सऊदी आने के बाद वह एक मेडिसिन विभाग में प्रैक्टिस करने लगा। सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई।

लादेन 1985 में अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था। इस दौरान अल जवाहिरी भी पेशावर में ही था। यहीं से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा।

इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया। इसी के बाद दोनों आतंकी मिलकर दुनिया को दहलाने की साजिश रचने लगे।

जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी। 2011 में वह अलकायदा का प्रमुख बना।

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