हटकेश्वर धाम पर 7 अगस्त को लगेगा वार्षिक मेला, जमेगा इनामी कुश्ती दंगल
68 तीर्थों की जलधारा के समागम स्थल पर दूर-दूर से स्नान करने पहुंचेंगे श्रद्धालु-
शनिवार शाम को धार्मिक भजन कीर्तन और लगातार चलेगा भंडारा
जींद /सफीदों : जींद जिले के हाट गांव में महर्षि दधिचि की तपोभूमि में स्थित हटकेश्वर धाम पर सावन के अंतिम रविवार के दिन 7 अगस्त को वार्षिक मेला लगेगा। दूर दराज से आए श्रद्धालु यहां पवित्र सरोवर में स्नान करेंगे। दादा तीर्थ महाराज पर पूजा होगी। शनिवार शाम को भजन-कीर्तन कार्यक्रम धाम परिसर में होगा। इसमें विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। रविवार सुबह इनामी कुश्ती दंगल भी होगा। इसमें नामी पहलवान अपना दमखम दिखाएंगे ।
देशभर के 68 तीर्थों की जलधारा के संगम स्थल हाट गांव के हटकेश्वर धाम पर सावन माह के अंतिम शनिवार और रविवार को प्रसिद्ध मेला लगता है। देश के 68 तीर्थों में से एक प्रमुख तीर्थ यह है। आज भी मेले में पहुंचने वाले अतिथियों का गांव के लोग घी-बूरा, हलवा के भोज से स्वागत करते हैं। महर्षि दधिचि के रूप में दादा तीर्थ का भव्य मंदिर, बड़ा सरोवर, बाग, गौशाला, ऊंचे टीले पर बना दूधाधारी मंदिर विशेष आस्था का केंद्र।
तीन युद्धों की स्थली पानीपत से 40 किलोमीटर दूरी पर सफीदों क्षेत्र के हाट गांव में हटकेश्वर धाम महर्षि दधिचि की तपोस्थली है। कवंदति है कि महाभारत काल में द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वस्थामा की मणि भी यहीं निकालकर उन्हें जिंदा छोड़ दिया था। हटकेश्वर धाम सेवक बलवान सिंह बूरा, कमेटी प्रधान बिल्लू बूरा ने बताया कि महर्षि दधिचि ने वज्र के लिए हडि्डयों का दान देने से पहले यहीं पर 68 तीर्थ की जलधारा मंगवाकर उसमें स्नान किया। माना जाता है कि धाम के सरोवर में स्नान करने से 68 तीर्थों से पुण्य प्राप्त होता है।
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