किराएदार ने नहीं खाली किया फ्लैट:10 दिन तक सीढ़ियों पर बैठे रहे मकान मालिक, घर किराए पर देने वाले समझ लें कानूनी अधिकार
नई दिल्ली : ग्रेटर नोएडा में किराएदार ने फ्लैट खाली करने से इनकार कर दिया था। अपने फ्लैट के बाहर सीढ़ियों पर 10 दिन बिताने वाले बुजुर्ग दंपती आखिरकार अपने फ्लैट में घुस पाए।
दरअसल, सुनील कुमार मुंबई में जॉब करते थे। रिटायर होने के बाद जब वे अपनी पत्नी राखी गुप्ता के साथ नोएडा फ्लैट में रहने आए तो किराएदार ने घर खाली नहीं किया। रेंट एग्रीमेंट एक महीने पहले खत्म हो गया था। इसके बावजूद वो अपना फ्लैट खाली नहीं करवा पाए। इस बात की जानकारी फ्लैट के मालिक ने ट्वीट कर दी।
आज जरूरत की खबर में बात करते हैं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट शशि किरण और एडवोकेट सचिन नायक से मकान मालिक और किराएदार के अधिकार की।
जवाब– नीचे लिखी बातों का मकान मालिक को ध्यान रखना चाहिए
11 महीने का रेंट एग्रीमेंट
रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए कराना जरूरी है।
उस notarize या रजिस्ट्रार के पास जाकर रजिस्ट्री कराना जरूरी है।
किराएदार 11 महीने के बाद घर या दुकान खाली करने से मना कर देता है। अगर ऐसा करे तो आप कोर्ट में इस रेंट एग्रीमेंट को दिखा सकते हैं।
अगर मकान मालिक पुराने किराएदार को 11 महीने के बाद भी रखना चाहता है तो उसे हर साल रेंट एग्रीमेंट को रिन्यू करवाना होगा।
किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन
प्रॉपर्टी किराए में देने से पहले पुलिस वेरिफकेशन जरूरी है।
व्यक्तिगत रूप से मकान मालिक को यह काम कराना चाहिए।
पुलिस के पास एक रेंटर यानी किराएदार वेरिफिकेशन फॉर्म होता है।
इसे भरने के लिए किराएदार की फोटो, आधार कार्ड की कॉपी सब जमा करना होगा।
किराएदार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड होगा तो पुलिस वेरिफिकेशन से इसका पता चल जाएगा।
पिछले मकान मालिक से पूछताछ
जब भी आप अपना मकान या दुकान किसी किराएदार को दे तो अगर संभव है तो किराएदार के पिछले मालिक से उसका रिकॉर्ड जरूर चेक करें।
इससे उसके व्यवहार के साथ यह पता चल जाएगा कि वह समय पर किराया देता है या नहीं।
सवाल 2 - किराएदार से घर खाली करवाने को लेकर कानून क्या कहता है?
जवाब- मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2021 धारा 21 और 22 में जिक्र है कि एक किराएदार को मकान मलिक कब अपने घर से बेदखल कर सकता है। इसका जिक्र हमने ऊपर लगे क्रिएटिव में भी किया है। इसके लिए मकान मालिक को रेंट कोर्ट में बेदखली और प्रॉपर्टी के कब्जे की वसूली के लिए एक एप्लिकेशन देना होगा।
पिछले साल जून में मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2021 लागू किया गया। इसकी कुछ जरूरी बातें आप भी जान लें…
मकान मालिक और किराएदार के बीच एक रिर्टन यानी लिखित रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है।
इस एग्रीमेंट में किराएदार कब तक रहेगा, कितना किराया देगा, डिपोजिट की रकम कितनी दी, इसकी जानकारी होगी। रीन्यू किया जाता तो कितने पर्सेंट पैसे बढेंगे, इसका जिक्र होगा।
इसके साथ घर या फ्लैट में रहने की सारी शर्तें लिखी होनी चाहिए।
मॉडल टेनेंसी एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार रेंट एग्रीमेंट एक तय समय तक ही लीगल होगा।
एग्रीमेंट की तारीख खत्म होने के बाद अगर मकान मालिक दोबारा उसी किराएदार को रखना चाहता है, तो उसे दूसरा यानी नया एग्रीमेंट बनाना होगा।
अगर एग्रीमेंट की तारीख खत्म हो जाती है और एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होता, तो ऐसे में किराएदार को घर खाली करना होगा।
अगर किराएदार घर खाली करने में असमर्थ है यानी किसी कारण से घर खाली नहीं कर पाया है, तो उसे मकान मालिक को बढ़ा हुआ किराया देना होगा।
सवाल 3- किराएदार से घर, फ्लैट और दुकान कैसे खाली करवाया जा सकता है?
जवाब- इसके लिए कानून में कुछ तरीके तय किए गए हैं, जो नीचे लिखे जा रहे हैं…
किराएदार पहले घर खाली करने की सूचना लीगल नोटिस के माध्यम से दें।
अगर वो न माने तो इसके लिए पुलिस की सहायता लें।
रेंट कंट्रोल ऑथोरिटी में याचिका डालकर अपना घर खाली करवा सकता है।
अगर किराएदार आपकी प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेता है, तो फौरन 100 नंबर डायल करें।
सवाल 4- चूंकि नोएडा वाला मामले में फ्लैट मालिक सीनियर सिटिजन थे तो उस लिहाज से कानून क्या कहता है?
जवाब– सीनियर सिटीजन एक्ट के माध्यम से बुजुर्ग नागरिक अपनी संपत्ति से वहां कब्जा करने वाले को बेदखल करवा सकते हैं।
सवाल 5– किराएदार क्या घर खाली करने से मना कर सकता है?
जवाब– ऐसा वो बिलकुल नहीं कर सकता। हां, अगर एग्रीमेंट के दौरान घर खाली करने को कहा जाए तब वो मना कर सकता है। उसे अपनी मजबूरी मकान मालिक को बतानी होगी। उससे घर खाली करने का समय लेना होगा।
दूसरी ओर अगर किराएदार का रवैया सही नहीं, उसका व्यवहार असामाजिक है, तब वो घर खाली करने से मना नहीं कर सकता।
सवाल 6– किराएदार अगर घर खाली न करे और मकान मालिक के साथ बुरा व्यवहार करे तो मकान मालिक को क्या करना चाहिए?
जवाब– पुलिस से शिकायत करें या 100 डायल करें। अगर किराएदार के साथ मकान मालिक गलत व्यवहार करे, तब किराएदार भी पुलिस से शिकायत कर सकता है।
चलते-चलते
ऐसा नहीं है कि सिर्फ मकान मालिक के पास ही कानूनी अधिकार हैं। किराएदार के पास भी ये अधिकार मौजूद हैं …
Model Tenancy Act के तहत रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किराएदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो।
रेसिडेंशियल बिल्डिंग के लिए सिक्योरिटी अधिकतम 2 महीने का किराया हो सकता है। नॉन रेसिडेंशियल जगहों के लिए अधिकतम 6 महीने का किराया।
किराएदार को हर महीने किराया देने पर रसीद लेने का अधिकार है। अगर मकान मालिक समय से पहले किराएदार को निकालता है। तो कोर्ट में रसीद को सबूत के तौर पर दिखाया जा सकता है।
किराएदार को हर हालत में बिजली और पानी लेने का अधिकार है। कानून के मुताबिक, बिजली और पानी किसी भी व्यक्ति के लिए मूलभूत जरूरत होती है।
घर या मकान खाली करवाने की सही वजह जानने का उसे हक है।
अगर मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अलावा कोई और शर्त उस पर थोपता है या अचानक किराया बढ़ा देता है। तो वो कोर्ट में याचिका दे सकता है।
अगर किराएदार घर में नहीं है तो मकान मालिक उसके घर का ताला नहीं तोड़ सकता है। न ही सामान को बाहर फेंक सकता है। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
मकान मालिक बिना बताए किराएदार के घर पर आ नहीं सकता।
उसके किसी सामान की जांच पड़ताल नहीं कर सकता।
किराएदार और परिवार के लोगों पर हर वक्त नजर नहीं रख सकता।
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