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Monday, August 22, 2022

August 22, 2022

जींद में सरकारी स्कूल पर ताला जड़ा:जलालपुर कला गांव के लोग भड़के, बोले- टीचरों का तबादला कर दिया, बच्चों को पढ़ाएगा कौन

जींद में सरकारी स्कूल पर ताला जड़ा:जलालपुर कला गांव के लोग भड़के, बोले- टीचरों का तबादला कर दिया, बच्चों को पढ़ाएगा कौन

ग्रामीणों ने ताला जड़ा तो गेट पर ही जुट गए विद्यार्थी। 

जींद : हरियाणा के जींद जिले के गांव जलालपुर कला के राजकीय उच्च विद्यालय पर ग्रामीणों ने सोमवार सुबह ताला लगा दिया। ग्रामीण अध्यापकों का तबादला किए जाने से नाराज हैं। ताला जड़ने के दौरान स्कूल पढ़ने आए काफी संख्या में बच्चे बाहर ही मुख्य गेट पर खड़े रहे। ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य गेट पर धरना भी दिया और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों ने चेताया कि अगर अध्यापकों का तबादला रद्द नहीं किया गया तो वह स्कूल से ताला नहीं खोलेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि अध्यापकों का तबादला किए जाने से उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। परीक्षाएं नजदीक हैं और बच्चे पहले वाले अध्यापकों के साथ मेहनत कर रहे थे। अब नए अध्यापकों के आने से पढ़ने और उन्हें समझने में बच्चों को काफी समय लग जाएगा।
इससे रिजल्ट भी प्रभावित होगा और उनके बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होगी। ग्रामीणों ने मांग की कि अध्यापकों का तबादला तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक स्कूल गेट से ताला नहीं खोला जाएगा।

Sunday, August 21, 2022

August 21, 2022

मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए

मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए

जॉनसन एंड जॉनसन…फार्मा जगत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक जिसकी 60 से अधिक देशों में 275 से अधिक ऑपरेटिंग कंपनियां हैं। दुनिया भर में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी, वहीं भारत में लगभग 6 हजार लोग इस कंपनी में काम करते हैं। 1886 में जॉनसन एंड जॉनसन की स्थापना हुई थी, तब कंपनी के पहले 14 कर्मचारियों में से 8 महिलाएं थीं। 2013 में "वर्किंग मदर" मैगजीन ने जॉनसन एंड जॉनसन को वर्किंग मदर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक बताया था। आज यही कंपनी महिलाओं द्वारा दायर लगभग 38 हजार से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रही है।

*आज मेगा एम्पायर में जानिए जॉनसन एंड जॉनसन के बारे में…*

एक भाषण से प्रेरित होकर तीन भाइयों ने शुरू की थी जॉनसन एंड जॉनसन
जॉनसन ब्रदर्स: रॉबर्ट वुड, जेम्स वुड और एडवर्ड मीड जॉनसन (बाएं से दाएं)

साल था 1886, जब तीन भाइयों - रॉबर्ट वुड जॉनसन, जेम्स वुड जॉनसन और एडवर्ड मीड जॉनसन ने अमेरिका के न्यू जर्सी में जॉनसन एंड जॉनसन की नींव रखी। कहा जाता है कि 1885 में एंटीसेप्टिक एडवोकेट जोसेफ लिस्टर के एक भाषण को सुनने के बाद जॉनसन भाइयों को यह बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा मिली। यह वो वक्त था, जब अमेरिका में बहुत बड़े स्तर पर इंफ्रा का निर्माण हो रहा था। रेल लाइंस बिछाई जा रही थीं। ऐसे में छोटी-छोटी दुर्घटनाएं बहुत होती थीं। इस समय तक रेडी टू यूज सर्जिकल किट के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। इसी विचार ने तीनों जॉनसन भाइयों को यह कंपनी बनाने का आइडिया दिया।रॉबर्ट वुड जॉनसन कंपनी के पहले प्रेसिडेंट बने और सैनिटेशन प्रैक्टिस में सुधार के लिए काम शुरू किया। जॉनसन एंड जॉनसन ने सबसे पहले एक फर्स्ट एड किट बनाई, जिसे रेलकर्मियों की मदद के लिए डिजाइन किया गया था।
*मैटरनिटी किट और बेबी पाउडर से हर घर तक पहुंचा जॉनसन*

1894 में मैटरनिटी किट के लॉन्च के साथ जॉनसन एंड जॉनसन का हेरिटेज बेबी बिजनेस शुरू हुआ। इन किट का उद्देश्य बच्चे के जन्म के वक्त मां और बच्चे को हर रुप से सुरक्षित रखना था। इसी साल जॉनसन का बेबी पाउडर भी बिक्री के लिए मार्केट में आया। यह बेहद सफल रहा। रॉबर्ट वुड जॉनसन की पोती- मैरी ली की तस्वीर बेबी पाउडर के डिब्बे पर आई। मैरी…पहली वो बच्ची थी, जिसकी तस्वीर को बेबी पाउडर के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया।

*जॉनसन एंड जॉनसन के फार्मा किंग बनने की कहानी*

1959 में, जॉनसन एंड जॉनसन ने अमेरिका में McNeil Laboratories का अधिग्रहण किया और यूरोप में Cilag Chemie, AG का भी अधिग्रहण किया। इन दो अधिग्रहणों ने कंपनी को पहली बार फार्मा के क्षेत्र में एक एंपायर के रूप में स्थापित किया। इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने बच्चों के लिए पहला एस्पिरिन मुक्त पेन रिलीवर लॉन्च किया, जो बेहद हिट रहा।
*एक कर्मचारी की पत्नी को चोट लगी…तब डेवलप हुई बैंड एड*

अर्ले डिक्सन जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में काम करते थे। उनकी पत्नी जोसेफिन जब भी किचन में काम करतीं तो कई बार उन्हें चोट लग जाती थी। वे चोट पर तुरंत कपड़े की पट्टी लगा लेती थीं, लेकिन बिना प्रॉपर सपोर्ट के कारण पट्टी जल्द ही सरक कर गिर जाती था। इसी से अर्ले डिक्सन को एक आइडिया आया। उन्होंने दवाओं की ढेर सारी रेशमी पट्टियों को स्क्वायर में काटा और उसको टेप के ऊपर चिपका दिया। कंपनी के मालिक जेम्स वुड ने जब अर्ले से इस बैंडेज के बारे में सुना तो वे भी चौंक गए। यह आइडिया कंपनी में सभी को इतना पसंद आया कि उसी तर्ज पर कंपनी ने 1920 के बाद से ‘बैंड-एड’ बनाने शुरू कर दिए। और जल्द ही अर्ले डिक्सन को कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट भी बना दिया गया।

*कोविड में कंपनी ने बनाई फ्रीज ना करने वाली सिंगल डोज वैक्सीन*

कोविड से लड़ने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने जिस सिंगल डोज वैक्सीन का निर्माण किया, उसे अस्पताल भेजे जाने तक फ्रीजर में रखने की जरूरत नहीं थी। इससे पहले कभी भी वैक्सीन टेस्टिंग और उसका निर्माण इतनी तेजी से नहीं हुआ था। जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया था। एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे फ्रीज करने की जरूरत नहीं होती है।
*रेवेन्यू में आज भी जॉनसन सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक*

जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड-19 से लड़ने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ साझेदारी कर स्वयं के टीके पर काम शुरू किया था। शुरुआत में कंपनी की स्थिति बाकी कंपनियों की तरह कोविड से प्रभावित हुई। लेकिन कंपनी अपने कई प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के डबल डोज वाले दृष्टिकोण के विपरीत, अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के साथ आगे बढ़ी। मौजूदा समय में कंपनी कई अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। जिसमें लीजेंड बायोटेक के साथ साझेदारी में विकसित सीएआर-टी थेरेपी शामिल है। रेवेन्यू के मामले में आज भी जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक बनी हुई है। 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 93.77 बिलियन डॉलर(करीब 7 करोड़ रुपए) था।
*हर घर में मिलने वाला 128 साल पुराना जॉनसन पाउडर बंद हो रहा है*

जॉनसन बेबी टैल्क पाउडर 1894 से बेचा जा रहा है। फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से यह कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था। जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर सबसे प्रसिद्ध टैल्कम पाउडर में से एक रहा है। 128 सालों से यह हर घर का हिस्सा बना हुआ है। भारत में 1947 से जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा स्थानीय रूप से टैल्कम पाउडर बेचा जाता है। भारत में निर्मित टैल्कम पाउडर को श्रीलंका, नेपाल, मालदीव जैसे पड़ोसी देशों में भी बेचा जाता है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अपना बेबी पाउडर 2023 से बेचना बंद कर देगी। अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी। कंपनी का पाउडर अमेरिका और कनाडा में सालभर पहले ही बंद हो चुका है। कंपनी ने कहा है कि अमेरिका में चल रहे हजारों कंज्यूमर सेफ्टी केस के चलते इस प्रॉडक्ट की बिक्री बंद कर दी गई है। हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने लगातार इन दावों से इनकार किया है कि उसके प्रोडक्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।

Monday, August 1, 2022

August 01, 2022

345 राशन डिपो पर 64 हजार तिरंगे मिलेंगे:एक तिरंगे की कीमत 20 रुपए, तिरंगे के साथ डंडा चाहिए तो अतिरिक्त पैसे देने होंगे

345 राशन डिपो पर 64 हजार तिरंगे मिलेंगे:एक तिरंगे की कीमत 20 रुपए, तिरंगे के साथ डंडा चाहिए तो अतिरिक्त पैसे देने होंगे

अम्बाला : आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इस बार 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर पर तिरंगा लहराएगा। एक तरफ जहां बाजारों में तिरंगे झंडे की स्टाल सजने लगी है, वहीं सरकारी दफ्तरों में भी तिरंगा पहुंचने लगा है। इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व अन्य विभागों ने कमर कस ली है। खाद्य आपूर्ति विभाग राशन डिपो की मदद से तिरंगा बेचेगा। जिलेभर के 345 राशन डिपो पर तिरंगा मुहिया कराएगा। विभाग 64 हजार 600 तिरंगे बेचेगा। इसके अलावा धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से भी झंडे बांटे जाएंगे।
राशन डिपो की दुकान पर लोगों को झंडे के लिए 20 रुपए देने होंगे। वहीं अगर किसी को तिरंगे के साथ डंडा खरीदना हो तो इसके लिए लोगों को चार रुपए अतिरिक्त देने होंगे। इसके साथ एक रुपए कमीशन डिपो होल्डर का भी रहेगा। यानी लाेगाें काे झंडा 25 रुपए में पड़ेगा। डीएफएससी अपर तिवारी ने कहा कि इस बार विभाग पहली बार राशन डिपो पर आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के चलते डिपो पर तिरंगा बैचेगा। एक तिरंगे की कीमत 20 रुपए रखी गई है । वहीं अगर किसी को तिरंगा लगाने के लिए डंडा चाहिए तो इसके लिए लोगों को अतिरिक्त चार्ज देना होगा। 345 डिपो पर 64 हजार 600 तिरंगे बेचेगा।
August 01, 2022

जियो 5G सर्विस रोलआउट को तैयार:5 बैंड में 88,078 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा, तेज गति और लो लेटेंसी के साथ 5G सर्विस मिलेगी

जियो 5G सर्विस रोलआउट को तैयार:5 बैंड में 88,078 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा, तेज गति और लो लेटेंसी के साथ 5G सर्विस मिलेगी

नई दिल्ली : रिलायंस जियो ने भारत में अलग-अलग फ्रीक्वेंसी बैंड में अपनी 5G नेटवर्क सेवाएं शुरू करने के लिए 5G स्पेक्ट्रम हासिल कर लिया है। टेल्को ने सोमवार को बताया कि उसने दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से आयोजित नीलामी में 700MHz, 800MHz, 1800MHz, 3300MHz और 26GHz बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल किया है। रिलायंस इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 20 साल तक कर सकेगा। इसके लिए उसने 88,078 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
जियो ने स्पेक्ट्रम मिलने के बाद क्या कहा?

Jio ने लो-बैंड, मिड-बैंड और mmWave स्पेक्ट्रम का एक यूनिक कॉम्बिनेशन हासिल किया है, जो हमारे डीप फाइबर नेटवर्क और स्वदेशी टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर हमें 5G एवरीवेयर और 5G फॉर ऑल (कंज्यूमर और एंटरप्राइजेज) को प्रदान करने में सक्षम करेगा।
अपने बेजोड़ 700 MHz स्पेक्ट्रम फुटप्रिंट के साथ, जियो एकमात्र ऑपरेटर होगा जो तेज गति, लो लेटेंसी और बड़े पैमाने पर कनेक्टिविटी के साथ पूरे भारत में ट्रू 5G सर्विसेज प्रदान करेगा।
इस अधिग्रहण के साथ, Jio का कुल स्पेक्ट्रम फुटप्रिंट बढ़कर 26,772 MHz (अपलिंक + डाउनलिंक) हो गया है, जो भारत में सबसे ज्यादा है।
40 राउंड चली बोली की प्रोसेस
26 जुलाई से शुरू हुई 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सोमवार को समाप्त हो गई। 40 राउंड चली बोली में विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों ने बोली लगाई। एयरवेव्स की नीलामी से सरकार को 1,50,173 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। जियो ने कहा कि नेशन वाइड फाइबर प्रजेंस, ऑल-आईपी नेटवर्क, स्वदेशी 5G स्टैक और टेक्नोलॉजी ईकोसिस्टम में स्ट्रॉन्ग ग्लोबल पार्टनरशिप के कारण कम से कम समय में 5G रोलआउट के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अक्टूबर से देश में 5G सर्विस
टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'स्पेक्ट्रम एलॉकेशन 10 अगस्त तक होगा और 5G सर्विस अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है।' वैष्णव ने कहा कि स्पेक्ट्रम की बेहतर उपलब्धता से देश में टेलीकॉम सर्विसेज की क्वालिटी में सुधार होगा।

Sunday, July 31, 2022

July 31, 2022

किराएदार ने नहीं खाली किया फ्लैट:10 दिन तक सीढ़ियों पर बैठे रहे मकान मालिक, घर किराए पर देने वाले समझ लें कानूनी अधिकार

किराएदार ने नहीं खाली किया फ्लैट:10 दिन तक सीढ़ियों पर बैठे रहे मकान मालिक, घर किराए पर देने वाले समझ लें कानूनी अधिकार

नई दिल्ली : ग्रेटर नोएडा में किराएदार ने फ्लैट खाली करने से इनकार कर दिया था। अपने फ्लैट के बाहर सीढ़ियों पर 10 दिन बिताने वाले बुजुर्ग दंपती आखिरकार अपने फ्लैट में घुस पाए।


दरअसल, सुनील कुमार मुंबई में जॉब करते थे। रिटायर होने के बाद जब वे अपनी पत्नी राखी गुप्ता के साथ नोएडा फ्लैट में रहने आए तो किराएदार ने घर खाली नहीं किया। रेंट एग्रीमेंट एक महीने पहले खत्म हो गया था। इसके बावजूद वो अपना फ्लैट खाली नहीं करवा पाए। इस बात की जानकारी फ्लैट के मालिक ने ट्वीट कर दी।

आज जरूरत की खबर में बात करते हैं सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट शशि किरण और एडवोकेट सचिन नायक से मकान मालिक और किराएदार के अधिकार की।
सवाल 1– किराए पर घर देते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

जवाब– नीचे लिखी बातों का मकान मालिक को ध्यान रखना चाहिए

11 महीने का रेंट एग्रीमेंट

रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए कराना जरूरी है।
उस notarize या रजिस्ट्रार के पास जाकर रजिस्ट्री कराना जरूरी है।
किराएदार 11 महीने के बाद घर या दुकान खाली करने से मना कर देता है। अगर ऐसा करे तो आप कोर्ट में इस रेंट एग्रीमेंट को दिखा सकते हैं।

अगर मकान मालिक पुराने किराएदार को 11 महीने के बाद भी रखना चाहता है तो उसे हर साल रेंट एग्रीमेंट को रिन्यू करवाना होगा।
किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन

प्रॉपर्टी किराए में देने से पहले पुलिस वेरिफकेशन जरूरी है।
व्यक्तिगत रूप से मकान मालिक को यह काम कराना चाहिए।
पुलिस के पास एक रेंटर यानी किराएदार वेरिफिकेशन फॉर्म होता है।
इसे भरने के लिए किराएदार की फोटो, आधार कार्ड की कॉपी सब जमा करना होगा।
किराएदार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड होगा तो पुलिस वेरिफिकेशन से इसका पता चल जाएगा।

पिछले मकान मालिक से पूछताछ

जब भी आप अपना मकान या दुकान किसी किराएदार को दे तो अगर संभव है तो किराएदार के पिछले मालिक से उसका रिकॉर्ड जरूर चेक करें।

इससे उसके व्यवहार के साथ यह पता चल जाएगा कि वह समय पर किराया देता है या नहीं।

सवाल 2 - किराएदार से घर खाली करवाने को लेकर कानून क्या कहता है?

जवाब- मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2021 धारा 21 और 22 में जिक्र है कि एक किराएदार को मकान मलिक कब अपने घर से बेदखल कर सकता है। इसका जिक्र हमने ऊपर लगे क्रिएटिव में भी किया है। इसके लिए मकान मालिक को रेंट कोर्ट में बेदखली और प्रॉपर्टी के कब्जे की वसूली के लिए एक एप्लिकेशन देना होगा।

पिछले साल जून में मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2021 लागू किया गया। इसकी कुछ जरूरी बातें आप भी जान लें…
मकान मालिक और किराएदार के बीच एक रिर्टन यानी लिखित रेंट एग्रीमेंट होना जरूरी है।

इस एग्रीमेंट में किराएदार कब तक रहेगा, कितना किराया देगा, डिपोजिट की रकम कितनी दी, इसकी जानकारी होगी। रीन्यू किया जाता तो कितने पर्सेंट पैसे बढेंगे, इसका जिक्र होगा।
इसके साथ घर या फ्लैट में रहने की सारी शर्तें लिखी होनी चाहिए।
मॉडल टेनेंसी एक्ट के सेक्शन-5 के अनुसार रेंट एग्रीमेंट एक तय समय तक ही लीगल होगा।
एग्रीमेंट की तारीख खत्म होने के बाद अगर मकान मालिक दोबारा उसी किराएदार को रखना चाहता है, तो उसे दूसरा यानी नया एग्रीमेंट बनाना होगा।
अगर एग्रीमेंट की तारीख खत्म हो जाती है और एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होता, तो ऐसे में किराएदार को घर खाली करना होगा।
अगर किराएदार घर खाली करने में असमर्थ है यानी किसी कारण से घर खाली नहीं कर पाया है, तो उसे मकान मालिक को बढ़ा हुआ किराया देना होगा।

सवाल 3- किराएदार से घर, फ्लैट और दुकान कैसे खाली करवाया जा सकता है?
जवाब- इसके लिए कानून में कुछ तरीके तय किए गए हैं, जो नीचे लिखे जा रहे हैं…

किराएदार पहले घर खाली करने की सूचना लीगल नोटिस के माध्यम से दें।
अगर वो न माने तो इसके लिए पुलिस की सहायता लें।
रेंट कंट्रोल ऑथोरिटी में याचिका डालकर अपना घर खाली करवा सकता है।
अगर किराएदार आपकी प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेता है, तो फौरन 100 नंबर डायल करें।

सवाल 4- चूंकि नोएडा वाला मामले में फ्लैट मालिक सीनियर सिटिजन थे तो उस लिहाज से कानून क्या कहता है?

जवाब– सीनियर सिटीजन एक्ट के माध्यम से बुजुर्ग नागरिक अपनी संपत्ति से वहां कब्जा करने वाले को बेदखल करवा सकते हैं।

सवाल 5– किराएदार क्या घर खाली करने से मना कर सकता है?

जवाब– ऐसा वो बिलकुल नहीं कर सकता। हां, अगर एग्रीमेंट के दौरान घर खाली करने को कहा जाए तब वो मना कर सकता है। उसे अपनी मजबूरी मकान मालिक को बतानी होगी। उससे घर खाली करने का समय लेना होगा।

दूसरी ओर अगर किराएदार का रवैया सही नहीं, उसका व्यवहार असामाजिक है, तब वो घर खाली करने से मना नहीं कर सकता।

सवाल 6– किराएदार अगर घर खाली न करे और मकान मालिक के साथ बुरा व्यवहार करे तो मकान मालिक को क्या करना चाहिए?

जवाब– पुलिस से शिकायत करें या 100 डायल करें। अगर किराएदार के साथ मकान मालिक गलत व्यवहार करे, तब किराएदार भी पुलिस से शिकायत कर सकता है।
चलते-चलते

ऐसा नहीं है कि सिर्फ मकान मालिक के पास ही कानूनी अधिकार हैं। किराएदार के पास भी ये अधिकार मौजूद हैं …

Model Tenancy Act के तहत रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किराएदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो।
रेसिडेंशियल बिल्डिंग के लिए सिक्योरिटी अधिकतम 2 महीने का किराया हो सकता है। नॉन रेसिडेंशियल जगहों के लिए अधिकतम 6 महीने का किराया।
किराएदार को हर महीने किराया देने पर रसीद लेने का अधिकार है। अगर मकान मालिक समय से पहले किराएदार को निकालता है। तो कोर्ट में रसीद को सबूत के तौर पर दिखाया जा सकता है।
किराएदार को हर हालत में बिजली और पानी लेने का अधिकार है। कानून के मुताबिक, बिजली और पानी किसी भी व्यक्ति के लिए मूलभूत जरूरत होती है।
घर या मकान खाली करवाने की सही वजह जानने का उसे हक है।
अगर मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अलावा कोई और शर्त उस पर थोपता है या अचानक किराया बढ़ा देता है। तो वो कोर्ट में याचिका दे सकता है।
अगर किराएदार घर में नहीं है तो मकान मालिक उसके घर का ताला नहीं तोड़ सकता है। न ही सामान को बाहर फेंक सकता है। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

मकान मालिक बिना बताए किराएदार के घर पर आ नहीं सकता।
उसके किसी सामान की जांच पड़ताल नहीं कर सकता।

किराएदार और परिवार के लोगों पर हर वक्त नजर नहीं रख सकता।

Thursday, April 28, 2022

April 28, 2022

होटल, रेस्टोरेन्ट, पीजी, सिनेमा, बैक्वेट हाल, बहुमंजिला इमारतों में अग्नि सुरक्षा मापदंडों की होगी जांच

होटल, रेस्टोरेन्ट, पीजी, सिनेमा, बैक्वेट हाल, बहुमंजिला इमारतों में अग्नि सुरक्षा मापदंडों की होगी जांच

हिसार : शहर के मुख्य बाजार राजगुरू मार्केट स्थित राम चाट भंडार में पिछले दिनों आगजनी की घटना हुई थी। ऐसी घटना दोबारा न हो। इसलिये वीरवार को नगर निगम आयुक्त अशोक कुमार गर्ग दमकल विभाग को आदेश जारी किये कि शहर में होटल, रेस्टोरेन्ट, पीजी, सिनेमा , बैक्वेट हाल , बहुमंजिला इमारत व वाणिज्यिक भवनों में सुरक्षा मापदंडों की जांच करें। नियमानुसार नहीं पाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सात दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। नगर निगम आयुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि पिछले दिनों राम चाट भंडार में आग लगने के कारण एक बच्चे की मृत्यु हो गई तथा आस-पास के कई भवनो को नुकसान भी हो चुका है। इस तरह का हादसा और जान- माल का नुकसान दोबारा न हो। इसलिये दमकल विभाग के अधिकारियों को आदेश दिये गये है कि सभी वाणिज्यक भवनों जैसे होटल, रेस्टोरेंट, पीजी, सिनेमा, बैंक्वेट हॉल, बहुमंजिला इमारत व वाणिज्यिक भवनों के अग्नि सुरक्षा के मापदंडों की जांच करें। कौन मापदंड पूर्ण करता है, कौन नहीं करता है। जो अग्नि सुरक्षा मापदंडों को पूरा नहीं करते है तो उनके खिलाफ सात दिनों के अंदर अंदर कार्रवाई करें और अपनी रिपोर्ट दे।

Monday, April 25, 2022

April 25, 2022

हरियाणा के कृषि मंत्री बोले - सरकारी नौकरी के पीछे ना भागें युवा

हरियाणा के कृषि मंत्री बोले - सरकारी नौकरी के पीछे ना भागें युवा

भिवानी : प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरी की बजाए स्वरोजगार अपनाना चाहिए। जिससे न केवल स्वयं को रोजगार मिले बल्कि दूसरों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के 2 गांवों में सौ-सौ गायों से भ्रूण हस्तांतरण तकनीक (एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी) से बछड़ी उत्पन्न करने वाली पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाएगा। इस तकनीक के तहत गायों से प्रौजनी टेस्टिंग गाय और सांड का भ्रूण सामान्य गाय के पेट में छोड़ा जाएगा। जिससे 20 लीटर दूध देने वाली उत्तम नस्ल की बछड़ी तैयार हो सकेगी। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे परंपरागत खेती की बजाय पॉली हाउस व नेट हाउस बनाकर सब्जी तथा बागवानी का उत्पादन करें और इसके साथ पशुपालन, मछली पालन व्यवसाय को भी अपनाएं। इससे किसानों की आय और रोजगार में बढ़ोतरी हो सकेगी।
कृषि मंत्री जेपी दलाल रविवार को गांव सिरसी के निजी फैक्ट्री का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए रियायती दरों पर ऋण मुहैया करवा रही है। इसके साथ साथ रोजगार प्रदान करने के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा देश के दूसरे राज्यों से किसानों को अधिक सुविधा देने में सबसे आगे है। परंतु फिर भी किसान पूरे भारत में जाकर के अवलोकन करें और जो भी किसान हित में योजना है, उन्हें जानकारी दें। उस योजना को हरियाणा में भी लागू किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात को सुना और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को नई तरक्की के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं और उन्हें शिक्षा संस्कार व राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने विपक्ष द्वारा बिजली के मुद्दे पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का ध्यान ही घपलों में रहता है पर भाजपा जनहित व जनसेवा में विश्वास रखती है। जनसेवा व अंतोदय की भावना से कार्य कर रही है। सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन का काम किया है। उन्होंने किसानों को अंधाधुध रासायनिक उर्वरक डालकर ली जाने वाली जहरीली खेती के स्थान पर ऑर्गेनिक व प्राकृतिक खेती करने का अनुरोध किया। जिससे कि सभी लोग स्वस्थ रहे और जहर मुक्त खेती से छुटकारा मिल सके।

Sunday, April 17, 2022

April 17, 2022

मंडी से गोदाम तक पहुंचते-पहुंचते ट्रक का 20 क्विंटल वजन हो गया कम, डीएम बोले- इंस्पेक्टर की गलती

मंडी से गोदाम तक पहुंचते-पहुंचते ट्रक का 20 क्विंटल वजन हो गया कम, डीएम बोले- इंस्पेक्टर की गलती

कैथल : कैथल की अतिरिक्त अनाज मंडी से लोड हुआ सरकारी गेहूं का ट्रक का वजन हैफेड गोदाम पहुंचते-पहुंचते 20 क्विंटल कम हो गया। जैसे ही आढ़ती को वजन कम होने का पता चला तो उन्होंने बवाल खड़ा कर दिया तथा आढ़ती एसोसिएशन के साथ हैफेड कार्यालय में जा धमके। हालांकि शुरुआती दौर में तो हैफेड के अधिकारी बात करने को तैयार नहीं थे लेकिन जैसे ही मामला तूल पकड़ते देखा तो हैफेड के डीएम बैकफुट पर आ गए तथा उन्होंने माना कि यह इंस्पेक्टर की गलती से हुआ है। वे इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे तथा आढ़ती को पूरा वजन की रसीद भी दी जाएगी। हूआ यूं कि अनाज मंडी कैथल के आढ़ती देवेंद्र सिंगला ने अनाज मंडी में जगह कम होने के कारण किसानाें की गेहूं अतिरिक्त अनाज मंडी में डलवाई थी। वहां पर गेहूं को हैफेड एजेंसी को बेच दिया। शुक्रवार को उसने अपने गेहूं को तीन ट्रकों में लोड करवा दिया। प्रत्येक ट्रक में 683 बैग थे जिनमें प्रत्येक में करीब 345 क्विंटल वजन था। शाम के समय ट्रक का कांटा करवाते हुए उसे लाइन में हैफेड में खड़ा कर दिया। सुबह के समय उसे ट्रक चालक ने बताया कि गाड़ी का वजन 326 क्विंटल बताया गया है। एक गाड़ी से 20 क्विंटल वजन कम होने के कारण आढ़तियों में रोष फैल गया। आढ़ती एकत्रित होकर हैफेड कार्यालय में जा धमके। शुरुआती दौर में तो अधिकारियों ने आनाकानी की तथा कोई बात नहीं की। जैसे ही मीडिया वहां पर पहुंचा तो हैफेड अधिकारियों की सांसे थम गई। 
 *हो सकता है बढ़ा गोलमाल*

 आढ़तियों ने कहा कि हैफेड में वजन में बढ़ा गोलमाल हो सकता है। प्रतिदिन हजारों क्विंटल गेहूं गोदाम पहुंच रहा है। जब एक ट्रक से 20 क्विंटल वजन कम किया जा सकता है तो फिर पूरे दिन में यह हजारों क्विंटल हो सकता है। आखिर कहां गया 20 क्विंटल गेहूं विचारणीय प्रश्न यह है कि जब हैफेड अधिकारियों द्वारा ट्रक चालक को रिसीप्ट भी 683 बैग की दी है तो फिर 20 क्विंटल गेहूं धरती निगल गई या आसमान। आखिर कहां गया 20 क्विंटल गेहूं। जब सायं को वजन पूरा था तो यह सुबह कम कैसे हो गया। कौन होगा जिम्मेवार वजन कम होने की बात को लेकर अधिकारी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते नजर आए। सभी अपनी जिम्मेवारी से बचते नजर आ रहे थे। ऐसे में अब यह बात सामने आती थी है आखिरकार कम वजन का जिम्मेवार कौन है।
 *इंस्पेक्टर ने की है गलती*

 सुरेश कुमार हैफेड के जिला प्रबंधक सुरेश कुमार ने कहा कि पहली बात तो यह है कि मामला इतना बड़ा है ही नहीं है। आढती को पहले मैनेजर व मेरे को शिकायत करनी चाहिए थी। इंस्पेक्टर की गलती है, उसने कम वजन की गाड़ी को उतारा कैसे। मैं उसके खिलाफ भी कार्रवाई करूंगा। उसने 20 क्विंटल कम माल कैसे ले लिया कंडे से। अगर उसने कम वजन लिया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। वहीं दूसरी तरफ उसने कहा कि आढ़ती का कोई कसूर नहीं है। उसका वजन पूरा माना जाएगा। संबंधित इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

Saturday, April 16, 2022

April 16, 2022

हरियाणा की ITI में शुरू होंगे 2 नए कोर्स:ड्रोन उड़ाना और ठीक करना सीखेंगे विद्यार्थी; शुरुआत के लिए कुछ शर्तें, पूरी करेंगे तभी पढ़ा सकेंगे

हरियाणा की ITI में शुरू होंगे 2 नए कोर्स:ड्रोन उड़ाना और ठीक करना सीखेंगे विद्यार्थी; शुरुआत के लिए कुछ शर्तें, पूरी करेंगे तभी पढ़ा सकेंगे

करनाल : हरियाणा की सभी 414 आईटीआई में दो नए कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। विद्यार्थी अब ड्रोन उड़ान और उसे ठीक करना भी सीखेंगे। इंडस्ट्री में ड्रोन के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए भारत सरकार श्रम मंत्रालय ने देशभर के राजकीय आईटीआई में ड्रोन मैकेनिक व ड्रोन ऑपरेटर से संबंधित नए कोर्स कराने का फैसला लिया है।


यह दोनों ड्रोन सर्विस टेक्निशियन, ड्रोन मेन्यूफैक्चरिंग एंड एसेंबल कौशल कोर्स होंगे। विकास एवं उद्योग प्रशिक्षण विभाग ने पत्र जारी करके प्रदेश के सभी राजकीय आईटीआई से ड्रोन कोर्स शुरू करने संबंधी आवेदन मांगे हैं। इसके लिए केवल वही आईटीआई आवेदन कर सकते हैं, जिनका ग्रेड दो से ज्यादा हो और वे नोडल राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हों।
विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र में यह भी आदेश दिए गए हैं कि केवल वही संस्थान इस तरह के कोर्स शुरू कर सकते हैं, जिनमें कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, मैकेनिक इलेक्ट्रॉनिक्स अप्लायंस, इनफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिशियन, टेक्निशियन मैकट्रोनिक्स में किसी भी कोर्स से डीजीइटी व विभाग से एनसीवीटी में एफिलिएशन करवाया गया हो।
*प्राेफार्मा में मांगी कई बिंदुओं की जानकारी*

जिला नोडल अधिकारी सतीश मच्छाल ने बताया कि निदेशालय द्वारा ड्रोन ट्रेनिंग के अल्पकालीन और दीर्घकालीन कोर्स शुरू करने के लिए निर्धारित प्रोफार्मा में जानकारी मांगी गई है। राजकीय आईटीआई कैथल द्वारा कोर्स शुरू करने के लिए आवेदन किया गया है। यदि विभाग द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है तो जल्द ही यहां शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

*कोर्स चलाना रहेगा आसान*

प्रदेश के राजकीय आईटीआई में अधिकतर उपकरण आसानी से मुहैया हो जाते है, इसलिए इनमें यह कोर्स आसानी से चलाए जा सकते हैं। विभाग द्वारा इससे संबंधित जिन कोर्सों का हवाला दिया गया है, उनमें व इस कोर्स में काफी समानता देखी जा सकती है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि विभाग द्वारा यह प्रक्रिया जल्द ही पूर की जाएगी। जुलाई-अगस्त में शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से नए कोर्स चलाए जाने का अनुमान है।
*प्रदेश में 414 आईटीआई*

कौशल विकास एवं उद्योग प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रदेशभर में 414 राज्य और प्राइवेट आईटीआई चलाए जा रहे हैं। इन आईटीआई में करीब 72 से अधिक इंजीनियरिंग और नॉन इंजीनियरिंग कोर्स संचालित किया जा रहे हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर आधुनिक कोर्स हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी तक प्रदेश के आईटीआई में ड्रोन से संबंधित कोई कोर्स होने की कमी खल रही थी।

अब वर्तमान इंडस्ट्री में ड्रोन का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। ऐसे में भारत सरकार एवं श्रम मंत्रालय ने प्रदेश के युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए आईटीआई में यह कोर्स चलाने का निर्णय लिया है। हालांकि हाल ही में इस तरह के कोर्स राजकीय बहु-तकनीकी संस्थानों में भी चलाने का ऐलान किया गया था, लेकिन अभी तक नहीं चल पाए हैं।
April 16, 2022

अब जेल में भी मिलेगी पेट्रोल-डीजल और सीएनजी गैस, हरियाणा में कुरुक्षेत्र से शुरुआत, 11 और जिलों में शुरू होगी योजना

अब जेल में भी मिलेगी पेट्रोल-डीजल और सीएनजी गैस, हरियाणा में कुरुक्षेत्र से शुरुआत, 11 और जिलों में शुरू होगी योजना 

कुरुक्षेत्र : हरियाणा के जेल महानिदेशक मोहम्मद अकिल शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित हरियाणा की जेल के पहले पेट्रोल पंप का निरीक्षण किया। मोहम्मद अकिल ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की जेल में हरियाणा का पहला पेट्रोल, डीजल एवं सीएनजी पंप स्थापित किया गया है। सरकार की तरफ से आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित इस पेट्रोल पंप को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लगाया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद प्रदेश की 11 जेलों में आगामी दो सालों में पेट्रोल पंप स्थापित कर दिए जाएंगे। इस पंप का उद्घाटन आगामी एक माह के अंदर कर दिया जाएगा। अहम पहलू यह है कि इस पेट्रोल पंप पर सुबह के समय बंदी और रात्रि के समय जेल कर्मी ड्यूटी करेंगे। इस पंप का नाम भी जेल पंपिंग स्टेशन रखा गया है। इस अवसर पर उनके साथ आईजी जेल जगजीत सिंह, जेल अधीक्षक सोमनाथ जगत, जेल उपाधीक्षक शविंद्र सिंह भी मौजूद रहे। महा-निदेशक ने कहा कि कुरुक्षेत्र के नागरिकों के लिए यह खुशी की बात है कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जेल पंपिंग स्टेशन की सौगात दी जा रही है। जेल विभाग की तरफ से यह पहला प्रयास है कि प्रदेश की पहली जेल में पेट्रोल पंप लगाया गया है। इस पंप को इंडियन आयल कॉरपोरेशन के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस पंप को आगामी एक माह के अंदर शुरू कर दिया जाएगा।  प्रदेश की 11 और जेलों में पंप लगाए जाएंगे उन्होंने कहा कि इस पेट्रोल पंप को अलग अलग चरणों में शुरू किया जा रहा है। सबसे पेट्रोल और उसके बाद डीजल और फिर सीएनजी की सुविधा दी जाएगी। इस पंप को प्रदेश के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। इस पंप को शुरू करने में काफी सोच विचार किया गया है। इस पंप को शुरू करने से पहले तमाम पहलुओं को जहन में रखा गया और गहनता से मंथन भी किया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के पंप पर सुबह के समय बंदी और रात्रि के समय जेल कर्मियों से ड्यूटी ली जाएगी। अगर रात्रि के समय पंप की सेल अच्छी रही तो रात्रि के समय पंप की सेवाओं को जारी रखा जाएगा। इस पंप को शुरू करने की योजना है कि प्रदेश की 20 में से कुरुक्षेत्र जेल पहली जेल है जहां पंप लगाया गया है, इसके बाद प्रदेश की 11 और जेलों में पंप लगाए जाएंगे। इन की सूची तैयार कर ली गई है और आगामी कार्रवाई भी जारी कर दी है। अगर कुरुक्षेत्र का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो आगामी दो सालों में सभी 11 जेलों में पंप शुरू कर दिए जाएंगे। इस पंप पर जेल प्रशासन द्वारा जेल में अच्छा रिकार्ड रखने वाले बंदियों को ही ड्यूटी लगाई जाएगी। इस योजना से जेल बंदियों को फायदा होगा और मुनाफे को बंदियों के वेलफेयर पर खर्च किया जाएगा। इस के लिए कुछ मापदंड तैयार किए है।

Friday, September 18, 2020

September 18, 2020

केंद्र व प्रदेश सरकार की गल्त नीतियों के कारण पूर्ण तरह हरियाणा की मंडियॉं में हड़ताल रही : बजरंग गर्ग

केंद्र व प्रदेश सरकार की गल्त नीतियों के कारण पूर्ण तरह हरियाणा की मंडियॉं में हड़ताल रही : बजरंग गर्ग

चण्डीगढ़ – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने अपने राज्यस्तरीय दौरा करने के उपरान्त कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधित जो तीन नए अध्यादेश लाई है व हरियाणा सरकार द्वारा आढ़तियों की गेंहू खरीद के कमीशन में 160 करोड़ रूपये लोस्टर लोस के नाम के काटने के विरोध में आज पूरे प्रदेश भर की मंडियॉ हड़ताल पर रही। जब तक सरकार इन समस्या का समाधान नहीं करती तबतक अनिश्चित काल मंडियॉ की हड़ताल रहेगी।
 गर्ग ने कहा कि केंद्र व प्रदेश की गल्त नीतियों के कारण देश व प्रदेश का व्यापारी बर्बादी की कगार पर है। सरकार द्वारा जो नए तीन अध्यादेश जारी किए गए है इससे किसान व व्यापारियों को बड़ा भारी नुकसान होगा। केंद्र सरकार ने बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिक को लाभ पहुचाने के लिए यह नए अध्यादेश लाए है। इस नए अध्यादेश में कही नहीं लिखा की किसान की फसल सरकारी एजेंसियॉ व प्राईवेट कम्पनियां एमएसपी रेटों से कम में नहीं खरीदेगी।
अगर सरकार की नियत साफ है तो सरकार को अनाज एमएसपी खरीद की गारंटी का चौथा अध्यादेश जारी करना चाहिए और सरकार को यह भी अध्यादेश में लिखना चाहिए कि किसान की हर फसल मंडी के आढ़तियों के माध्यम से ही बिकेगी। जब तक सरकार मंडी के माध्यम से फसल खरीदने व एमएसपी के रेटों पर फसल खरीदने का अध्यादेश जारी नहीं करती तब तक किसान, मजदूर व आढ़तियों का अंदोलन जारी रहेगा और आज पूरे देश का किसान, आढ़ती, मजदूर इन तीन अध्यादेश के खिलाफ सड़कों पर अंदोलन कर रहा है।
September 18, 2020

हरियाणा में तीन टन तक के बॉयलरों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग होगी

हरियाणा में तीन टन तक के बॉयलरों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग होगी

पानीपत : हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए तीन टन व इससे अधिक क्षमता वाले बॉयलर के लिए ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में बोर्ड ने हरियाणा के सभी जिलों के बॉयलरों का प्रयोग करने वाले उद्यमियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इन सबकी मॉनिटरिंग दिल्ली व चंडीगढ़ से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) करेगा।
वहीं आदेश की पालना नहीं करने वाले उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। स्मरणीय है कि हरियाणा में बसे अधिक बॉयलरों का प्रयोग पानीपत के टेक्सटाइल उद्योग में कपडे व धागे की रंगाई के लिए किया जाता है। वहीं पानीपत देश का 11वां व सूबे का दूसरा सबसे प्रदूषित जिला है। इसके मद्देनजर वायु प्रदूषण पर निगरानी रखने के लिए सीपीसीबी ने पानीपत समेत अन्य जिलों में बड़े व मध्यम दर्जे के उद्योगों की चिमनियों पर ओसीईएमएस लगाने के आदेश दिए थे।

हाल ही में बोर्ड ने रेड कैटेगरी में आने वाले औद्योगिक इकाइयों की ऑनलाइन ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए स्टेट्स मांगा था। इसमें सामने आया कि 40 प्रतिशत उद्योगों में यह सिस्टम लागू ही नहीं हुआ, जबकि कईं ने सीपीसीबी और स्टेट बोर्ड के सर्वर से खुद को नहीं जोड़ा। इस सिस्टम के मुताबिक उद्योगों का डाटा दिल्ली व चंडीगढ़ मुख्यालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मिलता है। पानीपत जहां विश्व प्रसिद्ध टेक्सटाइल नगरी है, वहीं पानीपत से हर रोज लगभग 80 हजार वाहन आवागमन करते हैं। उद्योगों में चोरी छुपे कूड़ा कचरा जलाया जाता है। जिससे निकलने वाला काला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण बन रहा है। इसलिए सरकार अब उद्योगों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम पर जोर दे रही है ताकि उद्योगों की निगरानी की जा सके और उन पर कार्रवाई की जा सके।
इधर, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर कमलजीत सिंह ने बताया कि तीन टन व इससे अधिक क्षमता के बॉयलरों का प्रयोग करने वाले सभी उद्यमियों को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के निर्देश दिए गए हैं। वहीं ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू करना अनिवार्य है, आदेशों का पालन उद्यमियों को करना होगा, वहीं बोर्ड के नियमों की अवेहलना करने वाले उद्यमियों से सख्ती से निपटा जाएगा।