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Tuesday, April 25, 2023

हरियाणा के प्राइवेट सेक्टरों में नौकरी देने का प्लान:100 बड़े औद्योगिक घरानों के साथ संवाद करेंगे CM; स्किलड यूथ का डेटा शेयर करेंगे

हरियाणा के प्राइवेट सेक्टरों में नौकरी देने का प्लान:100 बड़े औद्योगिक घरानों के साथ संवाद करेंगे CM; स्किलड यूथ का डेटा शेयर करेंगे
*सीएम मनोहर लाल*
चण्डीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूबे के प्राइवेट सेक्टर में यूथ एम्प्लॉयमेंट को लेकर नजरें गड़ा दी हैं। जल्द ही CM मनोहर लोकल यूथ को रोजगार देने के लिए 2 दिन में 100 बड़े औद्योगिक घरानों के साथ संवाद करने जा रहे हैं। इस दौरान वह हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड पोर्टल पर तैयार स्किल्ड यूथ का डेटा बेस शेयर करेंगे।

इससे औद्योगिक घरानों के मालिक अपनी जरूरत के हिसाब से स्किल्ड यूथ का यूज कर सकें।
*इसलिए कर रहे फोकस*

स्थानीय युवाओं के एम्प्लॉयमेंट को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के फोकस करने की एक बड़ी वजह भी है। वह वजह 2019 में चुनाव के दौरान BJP द्वारा स्थानीय युवाओं को सूबे के प्राइवेट सेक्टर में रोजगार दिलाने का वादा है। इसलिए सूबे के बड़े औद्योगिक घरानों के साथ सीएम संवाद करने जा रहे हैं। उद्योग विभाग को इसके लिए सरकार की ओर से विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
*इन मुद्दे पर होगी चर्चा*

औद्योगिक घरानों के साथ सीएम की होने वाली चर्चा में यह पता लगाया जाएगा कि कैसे निजी क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार सृजन किया जाए। इस अहम मीटिंग में दोनों ओर से उद्योग कार्यबल और उनके लिए जरूरी स्किल्ड यूथ की अपनी मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को रखा जाएगा। सरकार यह दावा कर रही है कि 2021 में निगम के जरिए 1 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है।
*सरकार ने अब तक क्या-क्या किया*

हरियाणा विधानसभा ने राज्य में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने वाला बिल पास कर चुकी है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। हरियाणा सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने चुनावों के दौरान जनता से यह वादा किया था। हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल केंडिडेट बिल 2020 के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में 50 हजार रुपए से कम वाली नौकरियों में ही यह आरक्षण लागू होगा। 
*10 साल के लिए लागू आरक्षण*

प्रारंभिक तौर पर यह आरक्षण 10 साल के लिए लागू किया गया है। बिल के मुताबिक, प्राइवेट कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्मों पर यह आरक्षण लागू है। यदि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित उम्मीदवार नहीं मिलेंगे तो स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर नौकरी के योग्य बनाया जाएगा। जिस जिले में कंपनी स्थापित है, उस जिले के केवल 10% युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा। अन्य 65% आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा।

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