- 35 हजार दिव्यांगजनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू
हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त श्री राजकुमार मक्कड़ ने आज ई -कॉमर्स के क्षेत्र में जानी -मानी कंपनी 'अमेज़ॉन ' के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस कंपनी द्वारा हरियाणा के लगभग 10 हज़ार दिव्यांगजनों को उनकी कार्य-क्षमता के अनुसार रोज़गार दिया जाएगा। जल्द ही राज्य सरकार के साथ ' यूथ फॉर जॉब ' कंपनी के साथ समझौता -ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर होंगे , जिसके तहत इस कंपनी द्वारा भी 10 हज़ार दिव्यांगजनों को रोज़गार देने के द्वार खुल जाएंगे।
हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त श्री राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के दिल में दिव्यांगजनों के प्रति विशेष स्नेह है , वे चाहते हैं कि राज्य के अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को उनकी स्किल और शारीरिक क्षमता के आधार पर रोजगार देकर स्वावलम्बी बनाया जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में करीब एक -सौ कंपनियों के साथ मीटिंग की थी और उनको अपनी -अपनी कंपनी में दिव्यांगजनों को रोजगार देने के लिए प्रेरित किया था। मुख्यमंत्री के प्रोत्साहन का असर यह हुआ कि कई कंपनियों ने नौकरियां देने का आश्वासन दिया है। यही नहीं "अमेज़ॉन" और "यूथ फॉर जॉब" ने तो एक कदम आगे बढ़कर दिव्यांगजनों को रोजगार देने के लिए एमओयू की कार्रवाई को भी सिरे चढ़ाना शुरू कर दिया है।
बकौल श्री मक्कड़ , अमेज़ॉन ने प्रथम चरण में 1500 मूक -बधिरों को गुरुग्राम ,मानेसर तथा फ़रीदाबाद में नियुक्त करने का निर्णय लिया है। नियुक्ति से पूर्व इनको प्रशिक्षण दिया जाएगा। जॉब के दौरान ये दिव्यांगजन फ्रंट की बजाए 'बैक एंड' पर कंप्यूटर ऑपरेटर या स्टोर -रूम में काम करेंगे। यही नहीं इनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कंपनी द्वारा 'पिक एंड ड्रॉप ' की सुविधा भी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि "रोजगारयुक्त दिव्यांगजन अभियान" के तहत दूसरे चरण में करीब 3,500 दृष्टि - बाधित दिव्यांगजनों को अमेज़ॉन द्वारा रोजगार दिया जाएगा। इस प्रकार , चरणबद्ध तरीके से अमेज़ॉन द्वारा कुल 10 हज़ार दिव्यांगों को जॉब दी जाएगी।
हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त ने आगे बताया कि जिस कंपनी "यूथ फॉर जॉब" के साथ हरियाणा सरकार द्वारा एमओयू किया जाएगा , उस कंपनी द्वारा जॉब के लिए आने वाले आवेदनों के आधार पर सर्वे किया जाएगा कि दिव्यांगजनों को उनके घर के नजदीक कौन-सी जॉब उपलब्ध करवाई जा सकती है ताकि उनको आने -जाने में परेशानी न हो।
श्री राजकुमार मक्कड़ ने वर्तमान प्रदेश सरकार की इस नीति को "हींग लगे न फ़िटकरी , रंग भी चौखा" क़रार देते हुए कहा कि अगर पूर्व की सरकारें भी अपने कार्यकाल में दिव्यांगजनों के रोज़गार के लिए इसी तरह के कदम उठा लेती तो हजारों दिव्यांगों का हित हो जाता।
हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त श्री राजकुमार मक्कड़, जिनको पिछले दिनों दिव्यांगजनों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने पर केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था , ने हरियाणा सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए किये जा रहे कल्याणकारी कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने सर्वप्रथम एक जनवरी 1996 को प्रदेश में दिव्यांगों के लिए सरकारी नौकरियों में तीन फ़ीसदी आरक्षण लागू किया था , इसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने सात फ़रवरी 1996 को कानून बनाकर पुरे देश में इसे लागू किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों ने आरक्षण तो लागू कर दिया परन्तु उसको अमलीजामा नहीं पहनाया जिसके कारण पात्र दिव्यांगजन अपने हक़ से वंचित रहने पर मजबूर हुए। इनके आरक्षित कोटे में सामान्य या अन्य वर्ग की भर्तियां की जाती रही।
श्री मक्कड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 19 अप्रैल 2017 से दिव्यांगजनों के आरक्षण कोटे को तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया और बैकलॉग को भरने के निर्देश दिए। वर्तमान मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अन्य राज्यों से दो क़दम आगे चलकर एक जनवरी 1996 से लेकर आज तक की सभी बैकलॉग नौकरियों को जल्द से जल्द भरने के निर्देश दे दिए। विभाग के अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया जिसने दिव्यांगजनों के लिए बनाए गए रोस्टर रजिस्टर की जाँच -पड़ताल की। विश्विद्यालय, निगम , बोर्ड तथा कई विभाग की नौकरियों में आरक्षण की जांच के दौरान सामने आया कि लगभग 15 हज़ार ऐसे पद हैं जिन पर दिव्यांगजनों की बजाए अन्य शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों को भर्ती कर लिया गया।
हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त के अनुसार , दिव्यांगजनों के बैकलॉग में से करीब 4000 पदों पर पात्र दिव्यांगों की भर्ती कर ली गई है और शेष की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ही नहीं देश के इतिहास में पहली बार किसी एक राज्य द्वारा 103 पैरा -डॉक्टर तथा 2500 पैरा -मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की गई है। हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त श्री राजकुमार मक्कड़ के हस्तक्षेप से एचसीएस की भर्ती में बकाया बैकलॉग की 14 वैकेंसी को भरा जाएगा , विज्ञापन को संशोधित करके दिव्यांगजनों के लिए कोटा निर्धारित किया गया है। इसके अलावा , पीजीटी तथा कौशल रोजगार निगम के तहत निकाली जा रही रिक्तियों में भी दिव्यांगजनों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है।
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