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Tuesday, May 16, 2023

अंबाला छावनी में लगभग 540 करोड़ रूपए की लागत से ‘‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’’ किया जा रहा निर्मित - गृह मंत्री अनिल विज

अंबाला छावनी में लगभग 540 करोड़ रूपए की लागत से ‘‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’’ किया जा रहा निर्मित - गृह मंत्री अनिल विज
चण्डीगढ़, 15 मई- हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि भारत को आजाद कराने की पहली ज्वाला अंबाला की पवित्र भूमि में ही भभकी थी और इसके बाद ही देश को आजादी मिली तथा आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। वर्तमान और भविष्य की पीढियों को आजादी का इतिहास बताने के लिए अंबाला छावनी में लगभग 540 करोड़ रूपए की लागत से ‘‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’’ निर्मित किया जा रहा हैं और इस स्मारक के ‘कला और प्रदर्शन कार्य’ की लगभग 149 करोड़ रूपए की ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की है जिसकी अंतिम तिथि 5 जून, 2023 है।
‘कला और प्रदर्शनी कार्य’ का काम जुलाई के महीने में होगा शुरू, फरवरी, 2024 में पूरा होने की उम्मीद - विज

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ‘कला और प्रदर्शन कार्य’ में विकास, आपूर्ति, खरीद, एकीकरण, निष्पादन, सॉफ्ट सामग्री, संचालन और रखरखाव सहित 3 वर्षों के लिए प्रदर्शन, स्थापना, लाइटिंग व्यवस्था और डिजिटल उपकरण सहित आंतरिक कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ‘कला और प्रदर्शनी कार्य’ का काम जुलाई के महीने में शुरू होने की संभावना है और फरवरी, 2024 में पूरा होने की उम्मीद है।
‘कला और प्रदर्शन कार्य’ के निष्पादन के लिए सरकार द्वारा 175.83 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति प्रदान- विज

उन्होंने बताया कि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, ‘कला और प्रदर्शन कार्य’ के निष्पादन के लिए सरकार द्वारा 175.83 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस कला और प्रदर्शन कार्य के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए बोली दस्तावेज को भी सरकार से अनुमोदित किया गया है और तदनुसार निविदा आमंत्रित की गई है।
स्मारक कार्य दो चरणों में, सिविल कार्य व कला एवं प्रदर्शन कार्य - विज

श्री विज ने बताया कि अंबाला छावनी में निर्मित किए जा रहे ‘आजादी की पहली लड़ाई के स्मारक’ के निर्माण की परियोजना को हरियाणा सरकार से मंजूरी मिली है, जिसकी कुल परियोजना लागत 539.39 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है जबकि सरकार द्वारा 437.90 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले दी जा चुकी है। इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाना है जिसके तहत सिविल कार्य और दूसरा कला एवं प्रदर्शन कार्य शामिल है।
सिविल कार्य 86 प्रतिशत पूरा, शेष कार्य प्रगति पर- विज

उन्होंने बताया कि सिविल कार्य हरियाणा पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) विभाग द्वारा आवंटित किया गया है जिसमें व्याख्या केंद्र भवन, संग्रहालय, ओपन एयर थियेटर, सभागार, वाटर बॉडी, मेमोरियल टॉवर, डबल बेसमेंट कार पार्किंग, स्टाफ क्वार्टर, सूचना केंद्र, हेलीपैड इत्यादि शामिल है। उन्होंने बताया कि 252 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग 86 प्रतिशत कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है तथा शेष कार्य प्रगति पर है।
अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करेगा- विज

श्री विज ने बताया कि अंबाला छावनी में यह स्मारक अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करेगा और लोगों को उन शहीदों के बलिदान को याद रखने और उनका सम्मान करने में सक्षम बनाएगा जिन्होंने आजादी की लडाई में भाग लिया या शहीद हुए। गृह मंत्री ने कहा कि यह स्मारक पिछली पीढ़ियों द्वारा किए गए बलिदानों को समझने में युवा लोगों के लिए जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी साबित होगा। यह स्मारक उन पुरुषों और महिलाओं के बलिदान और उपलब्धि के लिए देश की श्रद्धांजलि का मूल रूप है जो अपने देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं।
22 एकड़ में बनाया जा रहा यह स्मारक देश में अपनी तरह की एक अलग स्मारक- विज

उन्होंने बताया कि अंबाला छावनी में नेषनल हाईवे-44 पर 1857 में स्वतंत्रता के पहले युद्ध को समर्पित निर्माणाधीन शहीद स्मारक नई दिल्ली के लाल किले संग्रहालय में इस्तेमाल की जा रही अत्याधुनिक तकनीक को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। अंबाला छावनी में 22 एकड़ में बनाया जा रहा यह स्मारक देश में अपनी तरह की एक अलग अवसंरचना है।
स्मारक को तीन श्रेणियों में किया विभाजित, अंबाला-हरियाणा-भारत का अलग-अलग इतिहास होगा प्रदर्शित - विज

श्री विज ने बताया कि इस स्मारक में होलोग्राम मूर्तियां भी परियोजना का हिस्सा होंगी। इसके अलावा, स्मारक को तीन श्रेणियों में विभाजित गया है जिसके तहत आजादी को पाने लिए दिए गए योगदान को दर्शाया जाएगा। इसमें पहले अंबाला की भूमिका, दूसरे में हरियाणा की भूमिका और तीसरे में देश भर के शहीदों की भूमिका का कला व डिजीटल तरीके से व्याख्यान होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के अंबाला छावनी में बनाया जा रहा शहीद स्मारक देश मेें अपनी तरह का अनूठा स्मारक होगा जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन में हरियाणा वासियों के योगदान को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि शहीदों के जीवन और उनकी वीरता से युवा प्रेरणा ले सकें। इस स्मारक में तकनीक और इतिहास का अनूठा संगम भी होगा।
शहीद स्मारक में इतिहास प्रदर्शित करने के लिए 6 प्रमुख इतिहासकारों की समिति बनाई-विज

गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि इतिहास जानने के लिए देष के 6 प्रमुख इतिहासकारों की समिति बनाई गई जिसमें अम्बाला के 2 इतिहासकारों को भी शामिल किया गया है जोकि एक-एक तथ्य को निकाल शहीद स्मारक में प्रदर्शित करवाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति में रोटी और कमल के फूल का महत्व था और शहीद स्मारक में 70 फुट ऊंचा कमल का फूल बनाया जाएगा। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि 1857 में आजादी की लड़ाई की पूरी प्लानिंग की गई थी और इतिहासकार मानते हैं कि इसकी प्लानिंग अम्बाला छावनी से की गई थी, वैसे तो 26 मार्च से जो इस क्रांति में बाधा थे उन सबके घरों व दफ्तरों को क्रांतिकारियों ने आग के हवाले करना आरंभ कर दिया था।

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