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Friday, June 23, 2023

जींद में जमीन को लेकर 20 लाख की धोखाधड़ी:पूर्व जिला पार्षद को न तो रुपए लौटाए, न कराई भूमि की रजिस्ट्री, FIR

जींद में जमीन को लेकर 20 लाख की धोखाधड़ी:पूर्व जिला पार्षद को न तो रुपए लौटाए, न कराई भूमि की रजिस्ट्री, FIR
जींद : जींद जिले में पूर्व जिला पार्षद अमित निडानी के साथ कुछ लोगों ने जमीन खरीद के नाम पर 20 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर दी। रुपए सारे ले लिए, लेकिन न तो जमीन की रजिस्ट्री करवाई और न ही राशि वापस दी। राशि वापस मांगने पर उसको ही झूठे केस में फंसवा दिया।
सदर थाना पुलिस ने अमित की शिकायत पर बिरौली गांव की ज्योति, मुकेश और सागर, टोहाना के गांव कन्हड़ी निवासी माया, राजेंद्र, मेवा, मेवा का बेटा, उचाना निवासी जगबीर, बिरोली निवासी पवन सैनी समेत पांच-छह अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने, धमकी देने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
हरियाणा पुलिस महानिदेशक कार्यालय में दी शिकायत में निडानी निवासी अमित मलिक ने बताया कि साल 2019 में उसकी मां नन्ही ने बिरोली निवासी जयपाल के साथ 8-8 मरले जमीन खरीदने का सौदा 24 लाख 25 हजार रुपए में तय किया था। उन्होंने ब्याना के एक लाख रुपए 10 दिसंबर 2019 को ज्योति और जयपाल को नकद देकर पक्का ब्याना लिखवा लिया था। उसके कुछ दिनों के बाद आरोपियों को एक लाख रुपए दिए।
उसके बाद 13 लाख रुपए का आरटीजीएस चेक के द्वारा जयपाल के बैंक खाता में जमा करवा दिया। फिर उन्होंने जींद के पटवार भवन में साढ़े 4 लाख नकद दे दिए थे। उन्होंने जमीन की जांच की तो वह जमीन छह कनाल छह मरले जयपाल के नाम मिली जबकि दो कनाल दो मरले उसकी बहन माया के नाम निकली।
उसके बाद माया के पति मेवा और अन्य आरोपियों ने कहा कि माया के हिस्से की दो कनाल दो मरले जमीन इसी सौदा में रजिस्ट्री उनके नाम करवाने बारे बात पक्की हुई। उन्हें विश्वास दिया कि आपकी रजिस्ट्री करवा देंगे लेकिन बार-बार गुमराह करते रहे। उनसे साढ़े 19 लाख रुपए लेकर जयपाल, उसकी पत्नी मुकेश, ज्योति और जयपाल के बेटे सागर तथा माया ने उसको जमीन का कब्जा दिलवा दिया।
उस जमीन में उसने लगभग 5 लाख रुपए की मिट्टी डलवा दी और फिर वह उसमें फसल उगाने लगा। फिर जयपाल के बीमार होने पर उसकी बहन माया और सागर उससे 50 हजार रुपए ले गए, जिससे उनके पास 20 लाख रुपए गए हुए हैं बाकी बची हुई राशि रजिस्ट्री के समय देनी थी। उसने तय समय पर रजिस्ट्री करवाने के लिए आरोपियों से संपर्क किया तो उन्होंने अपने फोन बंद कर लिए।
बाद में आरोपियों ने रजिस्ट्री करवाने बारे आना-कानी की। दो नवंबर 2020 को जयपाल की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। इस बारे पंचायत हुई, जिसमें आरोपियों ने आने से साफ मना कर दिया। आरोपियों ने कहा कि न तो जमीन देंगे और ना ही पैसे देंगे। आरोपियों ने झुठा मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भिजवाने की धमकी दी।

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