अन्य यात्रियों के लिए असुविधा न बन जाए पिट्ठू बैग- पीठ पर नहीं कृपा आगे लटकाएं
अथवा
एक छोटी सी समझदारी- अपना बैग आगे लटकाएं
(90531-15315)
जी हाँ, जहाँ एक और प्रतिदिन सार्वजनिक स्थानों और वाहनों जैसे बस, रेलगाड़ी और मेट्रो में बढ़ रही भीड़ समस्या उत्पन्न कर रही है। वहीँ दूसरी और पिट्ठू बैग का प्रचलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है जो न जाने कब अन्य लोगों के लिए असुविधा बन जाए पता ही नहीं लगता। विद्यार्थियों से लेकर युवा और वृद्ध अधिकतर सभी आजकल पिट्ठू बैग का प्रयोग करते हैं। इसके अनेक लाभ है। इसमें आवश्यक सामान को सरलता से ले जाया जा सकता है और असुविधा भी नहीं होती है। एक और इस पिट्ठू बैग का प्रयोग करने वाले के लिए इसके लाभ होते हैं दूसरे अन्य लोगों के लिए यह असुविधा उत्पन्न कर सकता है। बस, मेट्रो और रेलगाड़ी आदि भीड़ के स्थानों पर पिट्ठू बैग लटकाए व्यक्ति को यह आभास नहीं रहता कि उसके इस बैग से अनेक लोगों को असुविधा हो रही होती है। भीड़ वाले स्थान पर जब कोई व्यक्ति पिट्ठू बैग सहित प्रवेश करता है तो यह अनेक लोगों के लिए असुविधा और तंगी का कारण बन जाता है। बस, मेट्रो और रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे अन्य व्यक्तियों के शरीर को बार बार छूकर विचलित करता है और अनेक बार तो उन्हें क्षति अथवा थोड़ी बहुत चोट भी पुहंचा सकता है।दिल्ली पुलिस ने मेट्रो रेलगाड़ी आदि भीड़ के स्थानों पर स्थान स्थान पर पोस्टर लगाए हुए हैं जिस पर लिखा है "एक छोटी सी समझदारी- अपना बैग आगे लटकाएं"। कोई भी अपनी पीठ पर पीछे बैग लटकाए व्यक्ति की यह भावना नहीं होती कि वह अन्य व्यक्ति के लिए असुविधा उत्पन्न करे लेकिन अनजाने में ऐसा हो जाता है। अत: इस लेख के माध्यम से सभी विद्यार्थियों, यात्रियों और सामान्य जन से अनुरोध है कि यात्रा करते समय और भीड़ वाले स्थानों पर जहाँ व्यक्तियों की कतार लगी हो और जहाँ पर देर तक खड़े रहकर हिलना डुलना पड़े वहां पर बैग उतारकर या तो हाथ में पकडे अथवा अपने आगे लटकाएं ताकि अन्य लोगों को असुविधा न हो।
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