April 30, 2025
पहल गाँव शहीदों को संयुक्त श्रद्धांजलि देने हेतु विशेष सभा**तीन सांस्कृतिक-सामाजिक संस्थाओं का समवेत राष्ट्र-नमन*
*पहल गाँव शहीदों को संयुक्त श्रद्धांजलि देने हेतु विशेष सभा*
*तीन सांस्कृतिक-सामाजिक संस्थाओं का समवेत राष्ट्र-नमन*
जींद : पहलगाँव (कश्मीर) में हाल ही में हुए निर्मम आतंकी हमले में बलिदान हुए निर्दोष यात्रियों और सुरक्षाकर्मियों की स्मृति में अखिल भारतीय साहित्य परिषद, संस्कार भारती तथा इनर व्हील क्लब जींद यूनाइटेड के संयुक्त तत्वावधान में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन पालिका बाजार स्थित अन्न क्षेत्र में किया गया। यह सभा न केवल संवेदनशील स्मृति का क्षण थी, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतिरोध और राष्ट्रचेतना के सामूहिक स्वर का भी उद्घोष बन गई ।
उपस्थितजनों ने भाव-पुष्प अर्पित करते हुए शहीदों के प्रति अपनी कृतज्ञता और श्रद्धा प्रकट की। अंत में शांति पाठ के साथ दीपदान किया गया , जो उन मासूम आत्माओं की सद्गति की प्रार्थना स्वरूप था।
*इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे — संस्कार भारती के संरक्षक श्री महेश सिंगला, अखिल भारतीय साहित्य परिषद की प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. मंजुलता, परिषद के हरियाणा प्रांत प्रचार मंत्री डॉ. शिवनीत सिंह, इनर व्हील क्लब अध्यक्षा श्रीमती हिमानी गुप्ता, सचिव श्रीमती नीना गेरा, संस्कार भारती अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश चौहान, संस्कार भारती सचिव डॉ. हनीफ, सर्वकला प्रमुख दीपक कौशिक एवं* *नैन्सी बतरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक।
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद जींद इकाई की अध्यक्षा डॉ. मञ्जु मानव ने गहरे भाव में कहा,
*“जब धर्म दिल से निकल दिमाग पर चढ़ता है, तो ज़हर बन जाता है। मजहब के नाम पर दिल की धड़कनों को रोक देना, मानवता को पत्थर में बदल देना है। यह पीड़ा पीड़ित परिवार ही नहीं, अपितु समूचा राष्ट्र नहीं भूल पाएगा।”*
उन्होंने अपने काव्यात्मक शब्दों से सबका हृदय द्रवित कर दिया:
*“किसने सोचा था, इक दिन ऐसा भी मंजर आएगा,*
*हिन्दुस्तान में हिन्दू होना मौत का कारण बन जाएगा।”*
संस्कार भारती अध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान ने साफ शब्दों में कहा,
*“आतंकी का केवल एक ही इलाज है – उनका समूल नाश। पहले भी यही था, आज भी यही है।”*
*इनर व्हील अध्यक्षा हिमानी गुप्ता ने कहा,*
*“धर्म हमें प्रेम और सह-अस्तित्व सिखाता है, आतंकवाद उस पर एक अमिट कलंक है।”*
इनर व्हील सचिव नीना गेरा ने तीव्र स्वर में कहा कि
*“अब समय आ गया है कि हम सभी निडर होकर आतंकी मानसिकता का एकजुट प्रतिकार करें — यही राष्ट्र और समाज के प्रति हमारा परम कर्तव्य है।”*
संस्कार भारती संरक्षक महेश सिंगला ने दृढ़तापूर्वक कहा,
*“हमें आतंकवाद की जड़ों को पहचानकर उन्हें उखाड़ फेंकना होगा, तभी भारत भयमुक्त और समृद्ध बनेगा।”*
डॉ. मंजुलता ने अत्यंत गंभीर स्वर में कहा,
*“कश्मीर में हिंदू समाज पर हुए अत्याचार केवल व्यक्तिगत त्रासदियाँ नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति और भारतीय अस्मिता पर क्रूरतापूर्ण आघात हैं। अब साहित्य मौन नहीं रहेगा।*
*कश्मीर रक्तरंजित है: अब शब्द हथियार बनें।”*
प्रांत प्रचार मंत्री डॉ. शिवनीत सिंह ने वीर रस के ओज में कहा,
*“राष्ट्र रक्षा अंतिम प्रण हमारा,*
*आकाश हिले या पर्वत डोले,*
*हम सदा अखंड रहे हैं, रहेंगे*
*जय जय भारत, हर हिंदू बोले!”*
नैन्सी बतरा ने अपनी संवेदनशील टिप्पणी में कहा,
*संस्कार भारती की सचिव श्री हनीफ़ ख़ान ने कहा कि राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा हमारा पहला धार्मिक सुविख्यात चित्रकार श्री दीपक कौशिक ने बहुत ही मन से कहा कि जो कुछ हुआ बहुत बुरा हुआ यह केवल उन व्यक्तियों पर प्रहार नहीं हुआ, मानवता पर प्रहार हुआ है और मर्यादा खंडित हुई है*
सभा का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा शांति पाठ के साथ शहीदों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हुआ। अंत में दीपदान कर उन सभी आत्माओं के लिए प्रार्थना की गई जो आतंक की हिंसा में असमय कालकवलित हो गईं।