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Thursday, September 1, 2022

September 01, 2022

जींद में 5वें दिन किसानों-प्रशासन में सहमति:बद्दोवाल टोल से उठाएंगे किसान का शव; DC का आश्वासन- परिवार को नौकरी, केस वापस होगा

जींद में 5वें दिन किसानों-प्रशासन में सहमति:बद्दोवाल टोल से उठाएंगे किसान का शव; DC का आश्वासन- परिवार को नौकरी, केस वापस होगा

जींद : हरियाणा के जींद के गांव बडनपुर में पंचायती जमीन से कब्जा हटवाने की कार्रवाई के दौरान किसान इंद्र सिंह की मौत के बाद पांचवें दिन प्रशासन तथा धरना कमेटी के बीच वार्ता सफल रही और परिजन तथा किसान शव को बद्दोवाल टोल से उठाने को राजी हो गए। गुरुवार को डीसी डा. मनोज कुमार ने धरना कमेटी से बातचीत की और उनकी समस्याओं तथा मांगों को सुना। जिस पर किसान बद्दोवाल टोल से शव उठाने को राजी हो गए।
*ये थी किसानों की मांग*

गौरतलब है कि गांव बडनपुर निवासी किसान इंद्र सिंह द्वारा पांच दिन पहले कब्जा कार्रवाई के दौरान जहरीला पदार्थ निगल लिया गया था। जिसकी बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। परिजन मृतक के शव को लेकर बद्दोवाल टोल पर बैठ गए थे और बीडीपीओ, ग्राम सचिव, बोली देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई, 50 लाख रुपए मुआवजा, सदस्य को सरकारी नौकरी, जमीन की मालकीयत दिए जाने की मांग करने लगे थे।
तब से लेकर लगातार प्रशासनिक अधिकारियों व धरना कमेटी के बीच लगातार बातचीत हो रही थी और हर बार बेनतीजा रह रही थी। जिस पर परिजनों ने वीरवार को बद्दोवाल व खटकड़ टोल को फ्री करवाने का ऐलान किया था।

कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला ने बताया कि बुधवार को अधिकारियों के साथ काफी देर तक बैठक हुई लेकिन मांगों को लेकर बात सिरे नहीं चढ़ पाई थी। जिस पर वीरवार से बद्दोवाल व खटकड़ टोल को फ्री करवाने का निर्णय लिया गया था।
*मांगों पर ये बनी सहमति*

गुरुवार को डीसी डा. मनोज कुमार अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंचे और बातचीत की। जिसमें सहमति बनी की मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता का मुआवजा दिया जाएगा व 2 नौकरी डीसी रेट पर योग्यता के हिसाब से दी जाएंगी। मामले की गंभीरता से जांच करवाई जाएगी ओर जो भी दोषी पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक 8 एकड़ पंचायती जमीन बडनपुर पर कब्जा मृतक के परिवार का रहेगा और जो कब्जा कार्यवाही के दौरान बीडीपीओ की शिकायत पर मृतक परिवार के लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था वह वापस लिया जाएगा।

Sunday, August 16, 2020

August 16, 2020

हरियाणा में अब ऑनलाइन ट्रांसफर:पहली बार शिक्षा विभाग के 3159 क्लर्कों का ऑनलाइन तबादला, विधायकों - अधिकारियों के चक्कर न काटना पड़े इसलिए पॉलिसी लागू

हरियाणा में अब ऑनलाइन ट्रांसफर:पहली बार शिक्षा विभाग के 3159 क्लर्कों का ऑनलाइन तबादला, विधायकों - अधिकारियों के चक्कर न काटना पड़े इसलिए पॉलिसी लागू

जिनका ट्रांसफर दूर हुआ वो दोबारा कर सकते हैं अप्लाई, लेकिन पहले करना होगा ज्वाइन,हरियाणा सरकार ने ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी से सबसे पहले शिक्षकों के तबादले किए थे

चंडीगढ़ : हरियाणा शिक्षा विभाग में पहली बार 3159 क्लर्कों का ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव चलाकर तबादला किया गया है। शिक्षा विभाग की ऑनलाइन ड्राइव से भारी संख्या में क्लर्कों को राहत पहुंची है, हालांकि कई क्लर्कों को मनपसंद स्टेशन न मिलने के कारण 150 से 200 किलोमीटर दूर स्थानांतरित कर दिया गया है। दूरदराज के स्टेशनों पर ट्रांसफर किए गए क्लर्क सुगम संपर्क पोर्टल पर फरियाद डालकर राहत हासिल कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले उन्हें नए स्टेशन पर कामकाज संभालना होगा।

2016 में पहली बार लागू की गई थी ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी

हरियाणा में पहली बार अप्रैल 2016 में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू की गई थी। सरकार का मकसद पॉलिसी के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले में पारदर्शिता लाना था, जिससे कर्मचारियों को विधायकों और अधिकारियों के चक्कर न काटना पड़े।
ये व्यवस्था खासतौर पर महिलाओं और सभी जरूरतमंदों को ध्यान में रखकर लागू की गई थी, ताकि उन्हें अच्छा स्टेशन दिया जा सके। पॉलिसी के तहत सबसे पहले सरकार ने पीजीटी के ऑनलाइन तबादले किए। इसके बाद टीजीटी, जेबीटी के तबादले किए गए। मगर इस पॉलिसी को अभी तक शिक्षा विभाग में गैर शैक्षणिक पदों पर कार्य कर रहे कर्मचारियों पर लागू नहीं किया गया था।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार ने गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के ऑनलाइन ट्रांसफर किए हैं। सरकार ने अब इस पॉलिसी को 300 या 300 से अधिक कर्मचारियों की संख्या वाले सभी विभागों में लागू कर दिया है। हरियाणा सरकार की इस पॉलिसी का अन्य राज्य भी अनुसरण करने लगे हैं।
August 16, 2020

पेपरलैस होने की तरफ बढ़ी हरियाणा सरकार:अब ऑनलाइन पहुंचेंगे सभी विभागों के सैलरी बिल, राज्य में ई-वाउचर सिस्टम लागू

पेपरलैस होने की तरफ बढ़ी हरियाणा सरकार:अब ऑनलाइन पहुंचेंगे सभी विभागों के सैलरी बिल, राज्य में ई-वाउचर सिस्टम लागू

पंचकूला में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की थी योजना, अब पूरे प्रदेश में हुई लागू, पहले मैनुअल वाउचर से करानी पड़ती थी सैलरी, अब ऑनलाइन जमा होंगे सैलरी बिल


चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करते हुए हरियाणा सरकार ने डिजिटलाइजेशन की तरफ एक ओर कदम बढ़ाया है। सरकार ने पूरे प्रदेश में सैलरी बिल से संबंधित प्रणाली के लिए ई-वाउचर सिस्टम लागू कर दिया है।
हरियाणा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों, रजिस्ट्रार जनरल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, सभी रेंज आयुक्तों और सभी जिलों के डीसी को इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया है। इस प्रणाली के तहत डिजीटल हस्ताक्षर के साथ ई-वाउचर ऑनलाइन खजाना कार्यालय में पहुंच जाएगा और संबंधित विभाग के डीडीओ (विभागाध्यक्ष) को खजाना कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
सरकार ने इस प्रणाली की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पंचकूला से की थी। सरकार ने 2018 में डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र सिस्टम इजाद किया था, ताकि सैलरी बिलों को ऑनलाइन जमा करवाया जा सके। पंचकूला में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया है।
अब सभी विभागों के सैलरी बिल ऑनलाइन खजाना कार्यालय में पहुंच जाएंगे, जिसके बाद अपने आप टोकन जनरेट हो जाएगा। इसके बाद सैलरी बिल पास होकर संबंधित बैंक में पहुंच जाएंगे और विभाग के कर्मचारियों को सैलरी जारी हो जाएगी।

Monday, July 6, 2020

July 06, 2020

हरियाणा सरकार ने डिजिटल विज्ञापन नीति-2020 लागू करने का निर्णय लिया

चंडीगढ़, 6 जुलाई- हरियाणा सरकार ने डिजिटल विज्ञापन नीति-2020 लागू करने का निर्णय लिया है ताकि प्रचार एवं सूचना प्रसारण गतिविधियों के लिए उभरते डिजिटल प्लेटफार्मस का समुचित उपयोग किया जा सके और अधिकतम लोगों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

         इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। नीति के अनुसार, डिजिटल साइट्स का वर्गीकरण औसत न्यूनतम यूनिक उपयोगकर्ताओं की संख्या पर आधारित है।

         *वेबसाइट्स/वेबपोर्टलस को सूचीबद्घ करने के लिए पात्रता मानदंड में निरंतर संचालित नाम (वेबसाइट का पता), 'न्यूनतम औसत यूनिक उपयोगकर्ता' (भारत के भीतर), तृतीय-पक्ष-एड-सर्वर (3-पीएएस) सत्यापन जैसे विभिन्न पहलू शामिल हैं। वेबसाइट्स, नए एप्स की पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ विषयसामग्री की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए नीति में अनेक सहायक जांच एवं संतुलनों को शामिल किया गया है*

         *सभी भुगतान केवल आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से किये जाएंगे। लागत प्रति 1000 इम्प्रेशन(सीपीटीआई), क्लिक थ्रू रेट (सीटीआर), गूगल विशेलषण रिकार्ड, गूगल ऐड मैनेजर, तृतीय पार्टी एड सर्वर (3-पीएएस) जैसी विशेषताएं विज्ञापन में पारदर्शिता एवं दक्षता लाती हैं।*

         *प्रिंट मीडिया एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से सरकार के विभागों/बोर्डों/निगमों और अन्य संगठनों के विज्ञापन जारी करने के लिए वर्ष 2007 में हरियाणा विज्ञापन नीति दिशानिर्देश तैयार एवं क्रियान्वित किए गए थे। तब से इंटरनेट के आगमन एवं विकास और इसकी पहुंच में वृद्धि के साथ डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में नए मंच उभर कर सामने आए हैं। डिजिटल क्रांति के इस परिप्रेक्ष्य में उभरते डिजिटल मंच प्रभावी प्रचार साधन हैं।*

         *गत दशक में डिजिटल क्रांति में अभूतपूर्व विकास हुआ है, जिसने संचार, सूचना, प्रौद्योगिकी के अंतर-संबंधित क्षेत्रों और अंतिम प्रयोक्ताओं पर उसके प्रभाव को हमेशा के लिए बदल दिया है।*