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Friday, April 28, 2023

April 28, 2023

सोनीपत में विवादित शिक्षा कर्मी बर्खास्त, :RTE में एडमिशन के बदले मांगता था इज्जत; कॉल रिकार्डिंग से खुली पोल, महिलाएं बोलीं-कईयों को फांसा

सोनीपत में विवादित शिक्षा कर्मी बर्खास्त, :RTE में एडमिशन के बदले मांगता था इज्जत; कॉल रिकार्डिंग से खुली पोल, महिलाएं बोलीं-कईयों को फांसा
सोनीपत : हरियाणा के सोनीपत में राइट टू एजुकेशन (RTE) में निजी स्कूलों में बच्चियों के एडमिशन के लिए उनकी मां से इज्जत का सौदा करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) ऑफिस में तैनात आरोपी क्लर्क नवीन को शिक्षा विभाग ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। शिक्षा विभाग मामले की जांच कर रहा था। डीसी ने बताया कि कर्मचारी के गंभीर कदाचार को देखते हुए डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन (डीएसई) द्वारा इसकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं।
इस बीच छात्र अभिभावक संघ ने सनसनीखेज खुलासा किया कि काफी महिलाओं को शिकार बनाया गया है। एक महिला तो हर महीने कर्मचारी के पास जाने को मजबूर है। 4-5 महिलाओं का पता चल गया है, जल्द ही उनको भी सामने लाया जाएगा। एक-एक से मिलकर लिस्ट तैयार की जा रही है।
*महिलाएं बोलीं- ये कैसा एडमिशन कानून*

साथ ही अब महिलाओं ने सरकार और शिक्षा विभाग पर सवाल दागा है कि RTE में एडमिशन का ये कैसा कानून है, जिसके लिए महिलाओं को समझौता करना पड़ रहा है, अपने जिस्म का सौदा करना पड़ रहा है। अब तो पूरा डिपार्टमेंट ही शक के दायरे में आ गया है। ऐसा नहीं हो सकता कि एक कर्मचारी रुपए के साथ उनसे इज्जत मांग रहा हो और प्रशासन या डिपार्टमेंट काे इसका पता न हो। महिलाओं ने कहा कि इस कर्मी को जेल में डालकर ही छोड़ेंगी।
*कर्मी नवीन को बर्खास्त करने को लेकर जारी पत्र।*

डीसी बोले-मेरी रिपोर्ट पर कार्रवाई

सोनीपत डीसी ललित सिवाच ने देर रात पत्रकारों को जानकारी दी कि उनकी रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन (डीएसई) द्वारा कार्यवाही करते हुए कर्मचारी नवीन को बर्खास्त कर दिया गया है। कंप्यूटर लैब अटेंडेंट नवीन कुमार द्वारा RTE के तहत स्कूल में प्रवेश के नाम पर महिला के साथ दुर्व्यवहार के संबंध में उन्होंने रिपोर्ट भेजी थी।
*कर्मी ने ये किया महिलाओं से सौदा*

बता दें कि नवीन कुमार को जाहरी स्कूल से डेपूटेशन पर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लगाया गया था। वह RTE से जुड़ी अहम जिम्मेदारी संभाल रहा था। उसने महिलाओं से कहा था कि उनकी बेटी का एडमिशन करा देगा, लेकिन 30 हजार रुपए खर्चा आएगा। रुपए नहीं हैं तो हर महीने एक दिन कुछ घंटे उसके साथ बिताने पडेंगे। इसमें दो महिलाएं सामने आ चुकी हैं। कई अन्य को भी सामने लाने के दावे हो रहे हैं।
*प्रवेश कुमारी, उपाध्यक्ष छात्र अभिभावक संघ।*

छात्र अभिभावक संघ की उपाध्यक्ष प्रवेश कुमारी ने इस बीच बड़ा खुलासा किया है। कर्मचारी ने काफी महिलाओं को शिकार बनाया है। उनके पास अभी कुछ डाटा आया है। ऐसी 4-5 महिलाएं और हैं, जिनके साथ ऐसा हुआ है। एक महिला ऐसी है, जो कि हर महीने उससे मिलने के लिए जाती है। इतना बड़ा जो कांड हुआ है, ऐसा तो हो नहीं सकता कि प्रशासन काे विभाग को पता न होगा। ये तो शुक्र है कि एक महिला ने इतनी हिम्मत जुटाई है कि FIR हो गई।
*..मेहनत यानी कि जिस्म का सौदा*

लेकिन अभी FIR में कुछ नहीं हुआ है। साथ ही साथ जमानत दे के छोड़ दिया गया। प्रवेश कुमारी ने कहा कि जितना भी ज्यादा हो सकेगा, उतना हम लड़ेंगे और अंदर कराके ही छोड़ेंगे। उसने महिलाओं से बोला कि काम ऐसे नहीं होते, उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। मेहनत यानी कि जिस्म का सौदा।

ये RTE है या 134 है, सरकार का दिया हुआ कानून है। उसमें महिलाओं को समझौता करना पड़ रहा है। अपने जिस्म का सौदा करना पड़ रहा है। ऐसा करके उसने बहुत सारी महिलाओं को फंसा कर रखा है, लेकिन हम उनको छोड़ेंगे नहीं। हम महिलाओं से एक एक कर मिल रहे हैं।
*अब तो शक के दायरे में पूरा डिपार्टमेंट*

छात्र अभिभावक संघ की उपाध्यक्ष प्रवेश कुमारी ने कहा कि अब तो शक के दायरे में पूरा डिपार्टमेंट है। क्योंकि 134 भी कई सालों से चला हुआ था और RTE में भी 2 साल से एडमिशन हो रहे हैं। हमें पूरा पूरा शक है कि इसमें एक बंदा नवीन नाम का ही नहीं है बल्कि और भी इसमें शामिल हैं। हम सबको शक के घेरे में रख रहे हैं। क्यों कि एक क्लर्क है, वो भी कॉन्ट्रैक्ट बेस पे, उसकी अकेली की इतनी हिम्मत तो हो नहीं सकती कि वो ऐसा काम करे।
*ये था पूरा मामला*

बता दें कि एक दिन पहले ही खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में क्लर्क नवीन के खिलाफ सिविल लाइन थाना में केस दर्ज हुआ है। उसने एक महिला से उसकी बेटी का आरटीई के तहत निजी स्कूल में एडमिशन कराने के लिए 30 हजार रुपए मांगे थे और कहा था कि उसे कुछ घंटों के लिए उसके साथ कमरे पर चला होगा।
*फिर तो हर महीने आना पड़ेगा*

महिला ने कहा कि उसके पास इतने रुपए नहीं हैं तो कहा कि फिर तो उसे इर महीने एक दिन 4-5 घंटों के लिए बार चलना पड़ेगा। दोनों के बीच हुई बातचीत महिला ने रिकॉर्ड कर पुलिस को दे दी। इसमें कर्मचारी नवीन सीधे सीधे बेटी का एडमिशन कराने के नाम पर महिला की इज्जत का सौदा कर रहा है। पुलिस ने अब खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय (BEO ऑफिस) के कर्मचारी नवीन के खिलाफ धारा 354 ए के तहत केस दर्ज कर लिया है।
April 28, 2023

रेसलर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:जंतर-मंतर पर धरने का छठा दिन, पहलवानों ने क्रिकेटरों और पीटी उषा-अनुराग ठाकुर पर उठाए सवाल

रेसलर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:जंतर-मंतर पर धरने का छठा दिन, पहलवानों ने क्रिकेटरों और पीटी उषा-अनुराग ठाकुर पर उठाए सवाल
नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे पहलवानों के धरने का आज छठा दिन है। दिल्ली पुलिस को 21 अप्रैल को नाबालिग समेत 7 महिला खिलाड़ियों की शिकायत देने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया था। जिसके बाद खिलाड़ियों ने न्याय के लिए मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली थी। जिसकी सुनवाई का दिन आज यानि शुक्रवार का तय हुआ था। आज सुप्रीम कोर्ट के अखाड़े में पहलवानों की याचिका पर सुनवाई होगी। खिलाड़ियों को न्याय की उम्मीद है।
*सुप्रीम कोर्ट ने कहा था आरोप बेहद गंभीर*

अदालत ने खिलाड़ियों की याचिका पर दिल्‍ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। मंगलवार को सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्‍बल ने यह मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली बेंच के सामने मेंशन किया। सिब्‍बल ने कहा कि यौन शोषण के आरोप पर कोई FIR दर्ज नहीं की गई। पीड़‍िता उस वक्‍त 16 साल की थी, गोल्‍ड मेडल जीता है। इस पर सीजेआई ने कहा कि पहलवानों के आरोप बेहद गंभीर हैं।
उन्‍होंने देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम नोटिस जारी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख शुक्रवार की तय की थी। मंगलवार को अदालत के सामने सिब्‍बल ने कहा कि अगर पुलिस केस न दर्ज कर रही हो तो अब CrPC की धारा 166A में संशोधन के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। इस पर सीजेआई ने 'हम देखेंगे' कहा था।
*बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने किया समर्थन*

इस देश की बेटी और आप और मेरे घर में बैठे हर बेटी और बहन की तरफ से बात कर रही हूं। हमारे देश की वह बेटियां जिन्होंने इस देश को मान सम्मान, कई मेडल दिलवाए हैं। वह बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी हुई हैं। रास्ते पर धरना लगाकर बैठी हुई है, ताकि उनके साथ न्याय हो।
वे न्याय की भीख मांग रही हैं। ऐसे देश में जहां पर महिलाओं को देवियों का दर्जा दिया गया है। क्या यह सही है? लड़कियों के लिए इतनी मुश्किल होगी, यह बात बाहर समाज में कहना कि उनके साथ सेक्सुअल हरासमेंट हुई है। यह बहुत बड़ी बात होती है कि जब एक लड़की आवाज उठाती है। मैं पूछना चाहती हूं जब ये लड़कियां मेडल लेकर आती हैं, तो सभी मिनिस्टर उनके आगे पीछे भागते हैं ताकि उनके साथ फोटो खिंचवा सके।

अब वे सब कहां है? सबसे महत्व की बात में देश के गृहमंत्री और खेल मंत्री से निवेदन करना चाहती हूं कि कृपया इन लड़कियों को न्याय दीजिए। उनकी गुहार सुनिए, क्योंकि जब आप उनके साथ नहीं खड़े होंगे तो इस फील्ड में ही नहीं बल्कि बाकी खेलों में भी बेटी बचाओ के नारे देने का क्या मतलब रह जाता है? बेटियों की गुहार सुनिए और उन्हें न्याय दिलवाइए।
*विनेश ने क्रिकेटरों और टॉप खिलाड़ियों की चुप्पी पर उठाए सवाल*

विनेश ने भारतीय क्रिकेटरों और अन्य टॉप खिलाड़ियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश क्रिकेट की पूजा करता है, लेकिन एक भी क्रिकेटर ने कुछ नहीं बोला। विनेश ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे देश में बड़े एथलीट नहीं हैं।
कई क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान अपना समर्थन दिखाया था। क्या हम इतने भी लायक नहीं हैं? उन्होंने कहा कि जब पहलवान जीतते हैं तो तमाम क्रिकेटर भी उन्हें बधाई देने आते हैं। उनके लिए ट्वीट करते हैं, लेकिन अब उन्हें क्या हो गया? फोगाट ने पूछा कि क्या यह खिलाड़ी सिस्टम से इतना डरते हैं या यहां भी कुछ गड़बड़ चल रही है?
*IOA अध्यक्ष पीटी उषा और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शन को बताया अनुशासनहीनता*

गुरुवार को भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा का इस प्रकरण पर पहला बयान आया था। उन्होंने कहा- पहलवानों का सड़कों पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है। IOA ने पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा को WFI चलाने के लिए तीन सदस्यीय एडहॉक पैनल में शामिल किया है। तीसरा मेंबर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे।
इनका नाम अभी तय नहीं है। वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस गेम के कुछ खिलाड़ी विरोध कर रहे हैं। जोकि गलत है। मैं खुद पहलवानों की साढ़े 12 घंटे बात सुन चुका हूं। आधी रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।
इन बयानों पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि उनसे इतने कड़े बयान की उम्मीद नहीं थी। बजरंग ने कहा कि खेल मंत्री 2-4 मिनट हमारे बीच बैठे थे। बाकी समय उनके अधिकारी ही मध्यस्ता करने में जुटे थे। पीटी उषा से पहलवानों ने जवाबी सवाल किया है। पूछा कि अगर हमारा धरना अनुशासनहीनता है, तो जब उनकी खुद की अकेडमी टूट रही थी तो मीडिया के सामने आकर क्यों रोईं थीं ?
*खेल मंत्री बोले- कोई भी किसी भी थाने में FIR करा सकता है*

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के साथ मैं 12 घंटे बैठा। उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। पहलवानों के कहने पर ही बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया।
हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। किसी भी थाने में कोई भी FIR दर्ज करा सकता है। पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
*विनेश-साक्षी के साथ कुछ गलत नहीं हुआ: राकेश*

हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा- विनेश और साक्षी के साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ। फोगाट परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहता है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर पहलवानों को भड़काने का आरोप लगाया। साथ ही कहा- बजरंग पूनिया सरकारी अधिकारी हैं। वे बिना अनुमति धरने पर नहीं बैठ सकते।
April 28, 2023

आत्महत्या के बाद का आरोपियों की गिरफ्तारी मामला:आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर परिजनों ने एसपी कार्यालय पर किया रोष प्रदर्शन

आत्महत्या के बाद का आरोपियों की गिरफ्तारी मामला:आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर परिजनों ने एसपी कार्यालय पर किया रोष प्रदर्शन
एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन करते परिजन। 

जींद: चार अप्रैल को शहर के कुम्हारन मोहल्ले निवासी दीपक द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर परिजनों ने एसपी कार्यालय पर रोष प्रदर्शन किया। मृतक के परिजनों ने एक शिकायत डीएसपी रवि खुंडिया को भी सौंपी। डीएसपी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि आरोपियों को 12 मई तक गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मृतक के पिता बलराज ने बताया कि दीपक ने चार अप्रैल को मीट मार्केट स्थित दुकान पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसके बेटे दीपक की शादी लगभग सात साल पहले पंजाब के सुनाम की सुमन के साथ हुई थी।
दीपक व उसकी पत्नी के बीच आपसी मनमुटाव चल रहा था। जिसके बाद तीन अप्रैल की शाम को सुमन की बहन गीता ने अपने परिवार वालों को घर बुलाया। वहां पर उसके बेटे की पत्नी सुमन, सुमन की बहन गीता, उसका भाई नाथी, बुआ सुकना, चाची रानी ने आते ही दीपक के साथ गाली- गलौज शुरू कर दी। दीपक इस बेइज्जती को सहन नहीं कर सका और आरोपों से आहत होकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
April 28, 2023

वास्तु टिप्स: तकिए के नीचे कभी ना रखें ये चीज, वरना जीवन भर हो जाएंगे कंगाल

वास्तु टिप्स: तकिए के नीचे कभी ना रखें ये चीज, वरना जीवन भर हो जाएंगे कंगाल
वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे कलाई में पहनी जाने वाली घड़ी के बारे में।

Follow us onवास्तु टिप्स: तकिए के नीचे कभी ना रखें ये चीज, वरना जीवन भर हो जाएंगे कंगाल - 
वास्तु शास्त्र के अनुसार आप के जीवन में हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीजों का महत्व होता है। कुछ ऐसा चीजें होती है, जिसे अगर आप वास्तु के अनुसार नहीं रहेंगे तो उसमें से निकलने वाली नकारात्‍मक ऊर्जा आपके जीवन में वास्‍तु दोष पैदा करेगी। साथ ही इन कारणों के चलते आपके जीवन में कंगाली आ सकती है आप गरीब बन सकते हैं। वास्तु शास्त्र हमारे जीवन में बहुत जरूरी है। घर में मंदिर, रसोई सब वास्तु के अनुसार होना चाहिए। ऐसे करने घर में शांति व समृद्धि आती है। इससे परिवार के बीच रिश्ते अच्छे रहते है। साथ ही कभी पैसों की कमी नहीं होती है। 
आमतौर पर देखा गया है कि लोग अपने हाथ में पहनी जाने वाली घड़ी को सोते समय अपने तकिए के नीचे रखकर सोते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घड़ी को कभी भी तकिए के नीचे रखकर नहीं सोना चाहिए। तकिए के नीचे घड़ी रखकर सोने से उसकी आवाज़ नींद में खलल तो डालती ही है, साथ ही उससे निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगें हमारे दिमाग और हृदय पर बुरा प्रभाव भी डालती हैं। इन तरंगों के चलते पूरे कमरे में नेगेटिव ऊर्जा पैदा हो जाती है जो आपकी मन की शांति को भंग कर देती है। 
साथ ही आपकी विचारधारा को नकरात्मक बना देती है। वास्तु शास्त्र में ये थी चर्चा कलाई में पहनी जाने वाली घड़ी के बारे में। उम्मीद है आप इस वास्तु टिप्स को अपनाकर जरुर लाभ उठाएंगे।

Thursday, April 27, 2023

April 27, 2023

"अगर बागेश्वर बाबा ये काम करेंगे तो बिहार में उनकी एंट्री नहीं होगी', बोले तेजप्रताप यादव

"अगर बागेश्वर बाबा ये काम करेंगे तो बिहार में उनकी एंट्री नहीं होगी', बोले तेजप्रताप यादव
पटना: पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में रहने वाले और बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अगले महीने बिहार आने वाले हैं। उनके बिहार आने से पहले ही विवाद तेज हो चला है। बिहार सरकार में मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने कहा है कि अगर बागेश्वर बाबा हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने की बात करेंगे तो वह उनका विरोध करेंगे। 

https://twitter.com/AHindinews/status/1651576544802791430?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1651576544802791430%7Ctwgr%5E7a2796ef27f8bf60ce26a5e773949e3efe5da6bb%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.indiatv.in%2Findia%2Fnational%2Ftej-pratap-yadav-said-if-bageshwar-baba-dhirendra-krishna-shastri-will-fight-hindu-muslim-then-i-will-oppose-him-and-there-will-be-no-entry-in-bihar-2023-04-27-956956

तेजप्रताप यादव ने कहा, "अगर बागेश्वर बाबा हिंदू मुसलमान भाई को लड़वाने के लिए आ रहे हैं तो मैं उनका विरोध करूंगा, मैं उनका हवाई अड्डे पर घेराव करूंगा। अगर भाईचारे का संदेश देंगे कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम सब हैं भाई-भाई तो उनकी बिहार में एंट्री हो सकती है।" 
जानकारी के अनुसार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पटना में 13 से 17 मई तक कार्यक्रम प्रस्तावित है। आयोजकों ने कथा के आयोजन की बुकिंग का आवेदन तो दिया है लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। अभी तक तय कार्यक्रम के अनुसार 12 मई की शाम को पटना के दीघा घाट से गांधी मैदान तक कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस कलश यात्रा में लगभग 5100 महिलाएं शामिल होंगी।
April 27, 2023

CM आवास के बाहर धरने पर बैठा BJP नेता:मुख्यमंत्री के PA पर लगाए अपमान करने के आरोप; 1 घंटे बाद मनाकर उठाया

CM आवास के बाहर धरने पर बैठा BJP नेता:मुख्यमंत्री के PA पर लगाए अपमान करने के आरोप; 1 घंटे बाद मनाकर उठाया
करनाल ; हरियाणा के करनाल में CWC के चेयरमैन एवं भाजपा कार्यकर्ता उमेश चानना CM आवास के बाहर मुंह पर काला कपड़ा बांधकर धरने पर बैठ गए। उमेश चानना ने मुख्यमंत्री के PA अभिमन्यु पर अपमान करने व कार्यकर्ताओं की इज्जत न करने का आरोप लगाया। CM आवास के अंदर पहले PA और CWC के चेयरमैन के बीच बहस हुई। PA के रवैये से गुस्साए चेयरमैन सीएम आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
*सीएम आवास के बाहर खड़े भाजपा कार्यकर्ता।*

उमेश चानना ने बताया कि कार्यकर्ताओं की इज्जत ही नहीं है। मैं आज CM आवास में किसी काम के लिए गया था, लेकिन मुख्यमंत्री का PA अभिमन्यु यह कहता है कि मैं आपको जानता ही नहीं हूं कि आप BJP के कार्यकर्ता हो या नहीं। अभिमन्यु यह भी आरोप लगा रहा है कि मेरी रिपोर्ट ठीक नहीं है, लेकिन मुझे पता तो चले कि मेरी कौन सी रिपोर्ट ठीक नहीं है।
गुस्साए चेयरमैन ने आरोप लगाया कि माल खाने को ये बैठे हैं और डंडे खाने के लिए हम जैसे लोगों को बैठाया हुआ है।

*किसी महिला की ट्रांसफर मामले को लेकर पहुंचे थे चेयरमैन*
उन्होंने CM मनोहर लाल से अनुरोध किया है कि उनके सीएम आवास में यह क्या हो रहा है, इसकी जांच करें। मैं तब तक बैठा रहूंगा, जब तक अभिमन्यु अंदर बैठा है। उमेश ने बताया कि वह किसी महिला के ट्रांसफर मामले को लेकर आए थे, उस महिला को तीन महीने का समय हो चुका है। वह अब तक धक्के खा रही है।

उन्होंने बताया कि पहले से ही बीजेपी कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं कि उनकी कोई सुनवाई नहीं होती, लेकिन आज सबकुछ सामने है।
*धरने से उठने के लिए मनाते भाजपा नेता।*

*कार्यकर्ताओं के हकों की लड़ रहे लड़ाई*

उन्होंने कहा कि वे आज से पहले भी कार्यकर्ताओं के हकों की लड़ाई लड़ रहे थे और आज भी कार्यकर्ताओं के हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस महिला को ट्रांसफर के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं, वह भाजपा की ही कार्यकर्ता है। इलेक्शन के दिनों में अभिमन्यु जैसे लोग वोट मांगने नहीं जाते, बल्कि कार्यकर्ता ही जाते हैं।

काफी देर तक बैठने के बाद PA अभिमन्यु और बीजेपी के नेता आवास से बाहर आए। जिसके बाद नाराज चेयरमैन को मनाकर धरने से उठाया।
*धरने से उमेश चानना को उठाते मुख्यमंत्री के PA*

*बाद में PA ने मनाया*

इस दौरान उमेश चानना करीब 1 घंटे तक सीएम आवास के बाहर काला कपड़ा बांधकर बैठे रहे। जब नेताओं ने उन्हें देखा तो मनाने का प्रयास किया। करीब 1 घंटे बाद CM के PA बाहर आए और उन्हें मनाकर अंदर अपने साथ लेकर गए।
April 27, 2023

राम रहीम को फिर से मिल सकती है पैरोल!:29 अप्रैल से पहले बाहर आने की चर्चा, इसी दिन डेरे का स्थापना दिवस

राम रहीम को फिर से मिल सकती है पैरोल!:29 अप्रैल से पहले बाहर आने की चर्चा, इसी दिन डेरे का स्थापना दिवस
रोहतक: हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को फिर से पैरोल मिलने की चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा है कि ये पैरोल भी वह यूपी के बरनावा आश्रम में काट सकता है। 29 अप्रैल से पहले उसके बाहर आने की चर्चा है। क्योंकि 29 अप्रैल को डेरे का स्थापना दिवस है। साथ ही इस दिन जाम ए इंसा पिलाने की शुरुआत हुई थी। ऐसे में स्थापना दिवस को लेकर सिरसा और अन्य डेरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
*बागपत प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट*

राम रहीम की पैरोल को लेकर यूपी के बागपत प्रशासन की ओर से रिपोर्ट भेज दी गई है। पैरोल में किसी प्रकार की अड़चन न होने पर डेरा सच्चा सौदा सिरसा ने तैयारियां शुरू कर दी है। डेरे की एक टीम यूपी के बरनावा आश्रम में पहुंचनी शुरू हो गई है। हालांकि डेरा चीफ साल इसी साल 21 जनवरी को 40 दिन की पैरोल पर आया था और मार्च में उसकी वापसी हुई थी।
*2022 में पहली बार मिली थी पैरोल*

डेरा प्रमुख को पंजाब और यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान पहली बार साल 2022 में 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो मिली थी। इस दौरान वह गुरुग्राम डेरे में रहा। इसके बाद उसे 17 जून 2022 को 30 दिन की पैरोल मिली। तब वह यूपी के बागपत जिले के बरनावा आश्रम में रह रहा। अक्टूबर 2022 में राम रहीम फिर से 40 दिन की पैरोल पर आया। इस साल 21 जनवरी को उसे 40 दिन की पैरोल मिली।
*उम्रकैद की सजा काट रहा है राम रहीम*

साध्वी यौन शोषण, छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में राम रहीम उम्रकैद की सजा काट रहा है। वह साल 2017 से जेल में बंद है। पहली बार उसे साध्वी यौन शोषण में 20 साल की सजा हुई थी।
April 27, 2023

सड़क पर ईद की नमाज पढ़ी, 1700 पर FIR:सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप; मुस्लिम नेता बोले- हमें टारगेट किया जा रहा

सड़क पर ईद की नमाज पढ़ी, 1700 पर FIR:सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप; मुस्लिम नेता बोले- हमें टारगेट किया जा रहा
कानपुर : यह फोटो कानपुर की बेनाझाबर ईदगाह की है। 22 अप्रैल को ईद पर यहां हजारों की संख्या में लोग नमाज पढ़ने पहुंचे थे।
कानपुर में ईद की नमाज सड़क पर पढ़ने पर 1700 लोगों के खिलाफ 3 थानों में FIR दर्ज हुई है। पुलिस का आरोप है कि रोक के बावजूद 22 अप्रैल को जाजमऊ, बाबूपुरवा और बड़ी ईदगाह बेनाझाबर के बाहर सड़क पर नमाज पढ़ी गई। जाजमऊ में 200 से 300, बाबूपुरवा में 40 से 50, बजरिया में 1500 नमाजियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इनमें ईदगाह कमेटी के सदस्य भी शामिल हैं।
*पीस कमेटी ने कहा था- सड़क पर न पढ़ें नमाज*

बेगमपुरवा चौकी प्रभारी बृजेश कुमार ने बताया- ईद से पहले पीस कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें इलाके के लोगों को बताया गया था कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। ईद की नमाज सिर्फ ईदगाह और मस्जिद के अंदर ही पढ़ी जाएगी।

यह भी बताया गया था कि अगर भीड़ होने के कारण किसी नमाजी की नमाज छूट जाती है, तो उसकी नमाज दोबारा पढ़वाने का इंतजाम पुलिस की ओर से किया जाएगा।

कई लोगों ने मस्जिद के अंदर ही नमाज पढ़ी, लेकिन जब भीड़ बढ़ने लगी तो कुछ लोगों ने सड़क पर ही नमाज पढ़ना शुरू कर दिया।
*धारा-144 लागू थी, इसका पालन नहीं किया गया*

22 अप्रैल को ईद के दिन सुबह 8 बजे ईदगाह में नमाज शुरू होने से ठीक पहले अचानक हजारों की भीड़ ईदगाह के सामने सड़क पर जमा हो गई। रोक के बावजूद सभी ने सड़क पर चटाई बिछाकर नमाज पढ़नी शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, इसके बाद भी वे नहीं माने।

इस दौरान जिले में धारा-144 भी लागू थी। इसके चलते चौकी प्रभारी की शिकायत पर पुलिस ने ईदगाह कमेटी के सदस्यों और वहां नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। CCTV फुटेज से सड़क पर नमाज पढ़ने वालों की पहचान की जा रही है।

*इन धाराओं में दर्ज की गई रिपोर्ट*

बाबूपुरवा पुलिस ने नमाजियों के खिलाफ धारा-186 (सरकारी काम में बाधा डालना, धारा-188 (धारा-144 का उल्लंघन कर भीड़ जुटाना), धारा-283 (भीड़ जुटाकर रास्ता रोकना), धारा- 341 (सदोष अवरोध) और लोक सेवा में बाधा डालना और धारा- 353 के तहत केस दर्ज किया है।

जुमा और ईद वाले दिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि बेनाझाबर ईदगाह में पैर रखने तक की जगह नहीं थी।
*बजरिया थाने में 1500 लोगों पर FIR*

मरकजी ईदगाह बेनाझाबर में भी रोक के बावजूद सड़क पर नमाज पढ़ने पर ईदगाह कमेटी और उसके सदस्यों समेत 1500 लोगों के खिलाफ बजरिया थाने में FIR दर्ज की गई। इसमें कहा गया- पुलिसकर्मियों के मना करने के बाद भी लोगों ने सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ी, जिससे ट्रैफिक रुक गया और जाम लगने लगा।
*पर्सनल लॉ बोर्ड बोला- ऐसा लगता है राष्ट्र एक धर्म का हो गया*

FIR पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने नाराजगी जताई है। बोर्ड के सदस्य मो. सुलेमान ने कहा, ''एक संप्रदाय विशेष को टारगेट किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि राष्ट्र किसी एक धर्म का हो गया है।

मस्जिद और ईदगाहों में कैंपस के अंदर ही नमाज हुई है। बाबूपुरवा में इतनी बड़ी ईदगाह नहीं है। 10 मिनट के लिए अगर जगह नहीं मिलती है, तो नमाजी सड़क पर नमाज पढ़ लेते हैं। बाबूपुरवा में भी इसी तरह सड़क पर नमाज हुई, लेकिन बाबूपुरवा के दरोगा ने FIR दर्ज करा दी।

बदकिस्मती यह है कि मुकदमा सड़क पर नमाज पढ़ने का नहीं हुआ है, बल्कि लोकसेवा में बाधा डालना, जो गंभीर अपराध है और दूसरी महामारी अधिनियम की धारा लगाई है। यह हमारी हुकूमत का माइंडसेट है, ​​​​​​जिस पर इस तरह के उत्साहित पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं। यह निंदनीय है, समाज के लिए ठीक नहीं है।''
*AIMPLB के सदस्य मो. सुलेमान ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।*

मो. सुलेमान ने कहा- हमारा समाज संविधान से चलता है। संविधान का आर्टिकल-19 सभी समुदायों की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक चीजों का संरक्षण करता है, लेकिन यह सरकार तो संविधान से चल ही नहीं रही है। योगी की सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।

उन्होंने कहा- सरकार ऐसे-ऐसे काम कर रही है कि पुलिस कस्टडी में लोग मार दिए जा रहे हैं। पुलिस वाले देखते रहे। मारने वालों पर गोली नहीं चलाई, ये सब हो रहा है। फर्रुखाबाद में प्लेटफॉर्म पर लोगों ने नमाज पढ़ ली, तो कहां अशांति फैल गई? जनता ने कुछ नहीं किया, पुलिस वालों ने किया। मुरादाबाद में छत पर तरावीह पढ़ ली, तो FIR दर्ज हो गई।
April 27, 2023

कोरोना नीति पर आलोचना को दबाने में जुटी चीनी सरकार, कई लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित

*कोरोना नीति पर आलोचना को दबाने में जुटी चीनी सरकार, कई लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित*
                                 चीन में कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार की खराब कोविड नीति के चलते अब लोगों का भी गुस्सा फूटने लगा है। लोग सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने लगे हैं जिसके बाद सरकार ने कई सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित कर दिए हैं।

 कोरोना नीति पर आलोचना को दबाने में जुटी चीनी सरकार, कई लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित
                             कोरोना नीति पर आलोचना को दबाने में जुटी चीनी सरकार, कई लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित

बीजिंग, (एपी)। चीन में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकर मचा हुआ है। हालात इतने खराब हो गए हैं किसरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर आवाज उठाई जा रही है। इस बीच अब चीन ने कोविड के बढ़ते मामलों पर सरकार की आलोचना करने वाले एक हजार से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट को निलंबित या बंद कर दिया है। देश के लोकप्रिय सिना वीबो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने बताया कि विशेषज्ञों, विद्वानों और चिकित्साकर्मियों पर हमलों सहित 12,854 उल्लंघनों के मामले दर्ज किए गए हैं। इसको देखते हुए चीन ने 1,120 एकाउंट्स पर अस्थायी या स्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाए हैं।

चीन में प्रत्यक्ष आलोचना की नहीं है अनुमति
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन, क्वारंटाइन उपायों और सामूहिक परीक्षण जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए थे लेकिन पिछले महीने सरकार ने काफी हद तक नियमों में ढील दे दी। जिसके बाद देश में बड़े पैमाने पर संक्रमण के नए मामले सामने आए। पार्टी प्रत्यक्ष आलोचना की अनुमति नहीं देती है और मुक्त भाषण पर भी सख्त सीमाएं लगाती है।

सभी अवैध कंटेंट को खत्म करती रहेगी कंपनी 
सिना वीबो ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कंपनी सभी प्रकार के अवैध कंटेंट की जांच और सफाई को जारी रखेगी। इसके साथ साईट पर सभी उपयोगकर्ताओं के लिए एक सामंजस्यपूर्ण और मैत्रीपूर्ण सामुदायिक वातावरण बनाएगी। बता दें कि चीन में ओपन-एंडेड यात्रा प्रतिबंधों ने आलोचना का ध्यान केंद्रित किया है। लोगों को हफ्तों तक अपने घरों में रहना पड़ा, कभी-कभी तो उन्हें पर्याप्त भोजन या मेडिकल केयर भी नसीब नहीं हुआ। इसके अलावा लोगों का गुस्सा इस पर भी निकाल रहा है कि जो कोई भी संक्रमण के चपेट में आता है, उसे एक फील्ड अस्पताल में निगरानी के लिए रखा जाता है, जहां भीड़भाड़, खराब भोजन और स्वच्छता को लेकर आमतौर पर सवाल उठते हैं।

अमेरिका का अनुमान, अब तक चीन में 10 लाख से अधिक मौत
वैसे तो चीनी सरकार हर रोज कोरोना से संक्रमित व मौत की संख्या जारी कर करती है लेकिन आधिकारिक आंकड़े बहुत कम होते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को 10,681 नए मामलों की सूचना दी, जिससे देश में कुल मामलों की संख्या 482,057 हो गई। वहीं, पिछले 24 घंटों में तीन नई मौतों के साथ देश में कोविड से मरने वालों की कुल संख्या 5,267 हो गई। वहीं, अमेरिका का मानना है कि चीन में अब तक कोरोना से 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई है। वही, एक करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी चीनी आंकड़े को लेकर चिंता जताई थी। 

अस्पताल की स्थिति बेहद खराब
इसके अलावा, हाल के मीडिया रिपोट्स में बताया गया था कि देश की राजधानी बीजिंग में अस्पतालों के हालत बेहद खराब हैं। इलाज के लिए मरीज हॉल में स्ट्रेचर पर लेटे थे। वहीं, कुछ लोग व्हीलचेयर पर बैठकर ऑक्सीजन ले रहे थे। चुइयांग्लु अस्पताल गुरुवार को नए मरीजों से भर गया। दोपहर तक सभी बेड खत्म हो गए। वहीं, एंबुलेंस और भी मरीजों को लाने में लगी रही

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