Breaking

Friday, April 28, 2023

रेसलर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:जंतर-मंतर पर धरने का छठा दिन, पहलवानों ने क्रिकेटरों और पीटी उषा-अनुराग ठाकुर पर उठाए सवाल

रेसलर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:जंतर-मंतर पर धरने का छठा दिन, पहलवानों ने क्रिकेटरों और पीटी उषा-अनुराग ठाकुर पर उठाए सवाल
नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे पहलवानों के धरने का आज छठा दिन है। दिल्ली पुलिस को 21 अप्रैल को नाबालिग समेत 7 महिला खिलाड़ियों की शिकायत देने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया था। जिसके बाद खिलाड़ियों ने न्याय के लिए मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली थी। जिसकी सुनवाई का दिन आज यानि शुक्रवार का तय हुआ था। आज सुप्रीम कोर्ट के अखाड़े में पहलवानों की याचिका पर सुनवाई होगी। खिलाड़ियों को न्याय की उम्मीद है।
*सुप्रीम कोर्ट ने कहा था आरोप बेहद गंभीर*

अदालत ने खिलाड़ियों की याचिका पर दिल्‍ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। मंगलवार को सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्‍बल ने यह मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली बेंच के सामने मेंशन किया। सिब्‍बल ने कहा कि यौन शोषण के आरोप पर कोई FIR दर्ज नहीं की गई। पीड़‍िता उस वक्‍त 16 साल की थी, गोल्‍ड मेडल जीता है। इस पर सीजेआई ने कहा कि पहलवानों के आरोप बेहद गंभीर हैं।
उन्‍होंने देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम नोटिस जारी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख शुक्रवार की तय की थी। मंगलवार को अदालत के सामने सिब्‍बल ने कहा कि अगर पुलिस केस न दर्ज कर रही हो तो अब CrPC की धारा 166A में संशोधन के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। इस पर सीजेआई ने 'हम देखेंगे' कहा था।
*बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने किया समर्थन*

इस देश की बेटी और आप और मेरे घर में बैठे हर बेटी और बहन की तरफ से बात कर रही हूं। हमारे देश की वह बेटियां जिन्होंने इस देश को मान सम्मान, कई मेडल दिलवाए हैं। वह बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी हुई हैं। रास्ते पर धरना लगाकर बैठी हुई है, ताकि उनके साथ न्याय हो।
वे न्याय की भीख मांग रही हैं। ऐसे देश में जहां पर महिलाओं को देवियों का दर्जा दिया गया है। क्या यह सही है? लड़कियों के लिए इतनी मुश्किल होगी, यह बात बाहर समाज में कहना कि उनके साथ सेक्सुअल हरासमेंट हुई है। यह बहुत बड़ी बात होती है कि जब एक लड़की आवाज उठाती है। मैं पूछना चाहती हूं जब ये लड़कियां मेडल लेकर आती हैं, तो सभी मिनिस्टर उनके आगे पीछे भागते हैं ताकि उनके साथ फोटो खिंचवा सके।

अब वे सब कहां है? सबसे महत्व की बात में देश के गृहमंत्री और खेल मंत्री से निवेदन करना चाहती हूं कि कृपया इन लड़कियों को न्याय दीजिए। उनकी गुहार सुनिए, क्योंकि जब आप उनके साथ नहीं खड़े होंगे तो इस फील्ड में ही नहीं बल्कि बाकी खेलों में भी बेटी बचाओ के नारे देने का क्या मतलब रह जाता है? बेटियों की गुहार सुनिए और उन्हें न्याय दिलवाइए।
*विनेश ने क्रिकेटरों और टॉप खिलाड़ियों की चुप्पी पर उठाए सवाल*

विनेश ने भारतीय क्रिकेटरों और अन्य टॉप खिलाड़ियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश क्रिकेट की पूजा करता है, लेकिन एक भी क्रिकेटर ने कुछ नहीं बोला। विनेश ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे देश में बड़े एथलीट नहीं हैं।
कई क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान अपना समर्थन दिखाया था। क्या हम इतने भी लायक नहीं हैं? उन्होंने कहा कि जब पहलवान जीतते हैं तो तमाम क्रिकेटर भी उन्हें बधाई देने आते हैं। उनके लिए ट्वीट करते हैं, लेकिन अब उन्हें क्या हो गया? फोगाट ने पूछा कि क्या यह खिलाड़ी सिस्टम से इतना डरते हैं या यहां भी कुछ गड़बड़ चल रही है?
*IOA अध्यक्ष पीटी उषा और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शन को बताया अनुशासनहीनता*

गुरुवार को भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा का इस प्रकरण पर पहला बयान आया था। उन्होंने कहा- पहलवानों का सड़कों पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है। IOA ने पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा को WFI चलाने के लिए तीन सदस्यीय एडहॉक पैनल में शामिल किया है। तीसरा मेंबर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे।
इनका नाम अभी तय नहीं है। वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस गेम के कुछ खिलाड़ी विरोध कर रहे हैं। जोकि गलत है। मैं खुद पहलवानों की साढ़े 12 घंटे बात सुन चुका हूं। आधी रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।
इन बयानों पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि उनसे इतने कड़े बयान की उम्मीद नहीं थी। बजरंग ने कहा कि खेल मंत्री 2-4 मिनट हमारे बीच बैठे थे। बाकी समय उनके अधिकारी ही मध्यस्ता करने में जुटे थे। पीटी उषा से पहलवानों ने जवाबी सवाल किया है। पूछा कि अगर हमारा धरना अनुशासनहीनता है, तो जब उनकी खुद की अकेडमी टूट रही थी तो मीडिया के सामने आकर क्यों रोईं थीं ?
*खेल मंत्री बोले- कोई भी किसी भी थाने में FIR करा सकता है*

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के साथ मैं 12 घंटे बैठा। उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। पहलवानों के कहने पर ही बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया।
हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। किसी भी थाने में कोई भी FIR दर्ज करा सकता है। पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
*विनेश-साक्षी के साथ कुछ गलत नहीं हुआ: राकेश*

हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा- विनेश और साक्षी के साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ। फोगाट परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहता है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर पहलवानों को भड़काने का आरोप लगाया। साथ ही कहा- बजरंग पूनिया सरकारी अधिकारी हैं। वे बिना अनुमति धरने पर नहीं बैठ सकते।

No comments:

Post a Comment