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Monday, May 3, 2021

May 03, 2021

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बाजार से गायब, ऑनलाइन पर 50% तक प्रीमियम देने काे तैयार, ई-काॅमर्स वेबसाइट पर डिलीवरी 18 हफ्ते बढ़ी

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बाजार से गायब, ऑनलाइन पर 50% तक प्रीमियम देने काे तैयार, ई-काॅमर्स वेबसाइट पर डिलीवरी 18 हफ्ते बढ़ी

रोहतक :  ने कोविड-19 के बिगड़ते हालातों के बीच ऑक्सीजन सप्लाई और कृत्रिम उत्पाद की डिमांड को लेकर की स्टडी
कोरोना के नए भारतीय स्ट्रेन के कारण सूखते फेफड़ों के लिए कृत्रिम ऑक्सीजन की एकमात्र सहारा बची है, लेकिन राज्यों के बीच सामान वितरण ना होने के कारण सप्लाई और डिमांड में गहरा अंतर बना है। हालात ये हैं कि अब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाला यंत्र) बाजार से गायब हाे चुका है। अब इसे ई-काॅमर्स कंपनियों से भी खरीदना मुश्किल हो गया है।

वेबसाइट पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर नजर ताे अाते हैं, लेकिन डिलीवरी की वेटिंग 18 सप्ताह तक बढ़ चुकी है। इसके अलावा पे-ऑन डिलीवरी विकल्प भी गायब हो गया है। आईआईएम रोहतक के डायरेक्टर प्रो. धीरज शर्मा की टीम ने कोरोना काल में इन्हीं बदलते ट्रेंड को लेकर एक स्टडी की है। शोध टीम ने पिछले तीन हफ्तों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर डिलीवरी और उपलब्धता को लेकर आंकलन किया। इन हालातों पर अस्पताल प्रशासकों से भी बातचीत की।

पे-ऑन डिलीवरी विकल्प गायब, 3 सप्ताह में बदला डिलीवरी का पैटर्न

आईआईएम रोहतक के शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन में पाया कि मात्र पिछले तीन सप्ताह में हालात बदल गए हैं। अगर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑनलाइन चाहिए तो इसकी अब डिलीवरी एक सप्ताह से 18 सप्ताह में बदल गई है। डिलीवरी की तारीख अप्रैल के पहले सात दिनों तक एक सप्ताह से भी कम थी और अब यह 18 सप्ताह तक पहुंच गई है।

इसके अलावा पे-ऑन डिलीवरी विकल्प भी हटा दिया गया है। इस उत्पाद को अब अगर खरीदना है तो इसके लिए ग्राहकों को पहले ही ऑनलाइन पेमेंट करनी होगी। बेशक, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हो ना हो।

लोग 50% तक प्रीमियम चुकाने काे तैयार

ऑनलाइन खरीदने के लिए लोग ज्यादा पैसे चुकाने को भी तैयार बैठे हैं, बस प्रोडक्ट मिल जाए। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर भुगतान करने की इच्छा का पता लगाने के लिए कुल 1140 ऑनलाइन फीडबैक लिए गए। ज्यादातर फीडबैक शहरों के हैं। लगभग 94 फीसदी लोगों ने अपने घरों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने की इच्छा जताई है।

उत्तरदाताओं से पूछा कि वे कितने प्रतिशत प्रीमियम पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के लिए भुगतान करने को तैयार हैं। ऐसे में 78 फीसदी ग्राहक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर 50 फीसदी तक प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं। 92 फीसदी लोग कम से कम 30 फीसदी प्रीमियम देने को तैयार हैं। इसके अलावा, 29 फीसदी ने जरूरत पड़ने से ही पहले ही ऑक्सीजन सिलेंडर की खोज शुरू कर दी है और 16 फीसदी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चाहते हैं।

Sunday, April 25, 2021

April 25, 2021

30 हजार रु. में ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने के आरोप में कंपनी मैनेजर गिरफ्तार, प्लांट सील

30 हजार रु. में ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने के आरोप में कंपनी मैनेजर गिरफ्तार, प्लांट सील

सोनीपत के बड़ी इंडस्ट्रियल एरिया में ऑक्सीजन गैस की कालाबाजारी मनचाहे रेट पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बेचे जाने का मामला गन्नौर के बड़ी इंडस्ट्रियल एरिया में सामने आया है। यहां पर लगे एक प्लांट में 30 हजार रुपए में ऑक्सीजन सिलेंडर बेचने के आरोप में कंपनी से मैनेजर कशिश को नकदी व सिलेंडर के साथ बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं बीडीपीओ मुरथल मनीष मलिक के नेतृत्व में गठित टीम ने छापेमारी कर पकड़ा है।

टीम ने प्लांट को सील कर दिया है। एचएसआईआईडीसी बड़ी थाना पुलिस कार्रवाई कर रही है। इंडस्ट्रियल एरिया बड़ी के फेस वन में गणेश प्रा. लि. के मालिक पुनीत बत्रा ने ऑक्सीजन का प्लांट लगाने के साथ ही होल सेल कारोबारी है। अस्पताल, इंडस्ट्रियल समेत अन्य जगहों पर ऑक्सीजन गैस की सप्लाई दी जाती है।

सोनीपत के गांव दुभेटा रहने वाला राहुल अस्पताल में भर्ती किसी परिचित के लिए प्लांट के मैनेजर के पास ऑक्सीजन सिलेंडर लेने पहुंचा। यहां पर उससे 30 हजार रुपए मांगे गए। निर्धारित रेट से काफी ज्यादा होने पर राहुल ने पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी। बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट मनीष मलिक के नेतृत्व में सोनीपत डीएसपी रविंद्र कुमार, सिविल अस्पताल से डिप्टी सीएमओ डॉ. आदर्श कुमार मौके पर पहुंचे।

गठित टीम ने शिकायतकर्ता राहुल को ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने के लिए प्लांट के अंदर भेज दिया। उसने प्लांट के मैनेजर कशिश कुमार को 25000 रुपए नकदी व 3800 रुपए से दिए। 28,800 रुपए देते ही टीम ने कशिश कुमार को नकदी समेत पकड़ लिया। बड़ी थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि गणेश प्रा. लि. कंपनी से कशिश को पर केस दर्ज कर किया है।

कमा रहे थे मोटा मुनाफा: ड्यूटी मजिस्ट्रेट

ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं बीडीपीओ मनीष मलिक ने बताया कि लोगों ने मोटा मुनाफा कमाने के फेर में रिटेल का काम शुरू कर दिया। छापे के दौराने आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया