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Tuesday, May 25, 2021

May 25, 2021

जहां से 'शुरू' वहीं पर 'ख़त्म' हुई पहलवान सुशील की कहानी, शोहरत की बुलंदियों को पाने के लिए किए थे ये काम

जहां से 'शुरू' वहीं पर 'ख़त्म' हुई पहलवान सुशील की कहानी, शोहरत की बुलंदियों को पाने के लिए किए थे ये काम

नई दिल्ली :  सागर हत्याकांड में फंसे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार का नाम पहले भी विवादों में रहा है। वो चाहे रियो ओलंपिक जाने का मामला हो या फिर नरसिंह का डोप टेस्ट या फिर प्रवीण राणा के साथ उनका विवाद। वे किसी ना किसी मामले की वजह से हमेशा सुर्खियों में बने रहे। बताना लाजमी है कि सुशील कुमार ने कहां और कैसे अपने करियर की शुरुआत की थी और आज उनकी कहानी का एक तरह से दी एंड हो गया। दरअसल पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को लेकर कई खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके में पहलवान सुशील कुमार का एक फ्लैट है, जो उसकी पत्नी सावी सेहरावत के नाम बताया जा रहा है। इसी फ्लैट को लेकर सुशील और सागर में विवाद हुआ था। 
मॉडल टाउन के डी 10/6 ब्लॉक का मकान सुशील पहलवान और सागर पहलवान के बीच विवाद का कारण बना, जिसके चलते सागर की हत्या हुई और अब पहलवान सुशील दिल्ली पुलिस की 6 दिन की रिमांड पर है। बताया जा रहा है कि महाबली सतपाल से पहलवानी के गुर सीखने वाले सुशील रोज उनके घर जाते थे। 18 फरवरी 2011 को सुशील की महाबली सतपाल की बेटी सावी सहरावत से शादी हुई है, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि सुशील ने शादी से पहले अपने गुरु की बेटी को देखा तक नहीं था। 2010 नवंबर में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद दिल्ली में दोनों की सगाई हुई थी। इसके बाद वर्ष 2011 फरवरी में दोनों की शादी हो गई। 

सुशील कुमार की शादी के मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नाडिस, पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव, पूर्व हॉकी कप्तान जफर इकबाल, पूर्व तैराक खजान सिंह, कुश्ती जगत के कई नामी कोच और सुशील के साथी पहलवानों ने भी शिरकत की थी। सुशील को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि सुशील काफी शर्मीले मिजाज के हैं। सुशील कुमार, शोहरत के आसमान पर एक चमकता हुआ सितारा था। दौलत, शोहरत और इज्जत उसके कदमों तले थी। विज्ञापनों से उसकी लाखों की कमाई होती थी तो वहीं उसे सरकारी नौकरी भी मिली थी। जमीन-जायदाद के साथ एक बड़ा स्कूल सब कुछ उनके पास है। 
ऐसे में सुशील कुमार के चाहने वालों को हत्याकांड में उनकी संलिप्तता के आरोपों पर हैरानी हो रही है। बेहद साधारण परिवार से सुशील आते हैं. पिता सरकारी विभाग में ड्राइवर थे। अब विवाद के बीच नार्दन रेलवे ने सुशील कुमार को सस्पेंड करने की तैयारी कर ली है। इसके साथ ही सुशील कुमार से सारे मेडल वापस लेने की मांग भी तेज होने लगी है। अब अगर उनके मेडल वापस होते हैं तो सुशील कुमार के लिए सागर मर्डर अर्श से फर्श तक लाने का सफर हो सकता है। 
May 25, 2021

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला फ्री बांटी जायेंगी कोरोनिल किट

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला फ्री बांटी जायेंगी कोरोनिल किट,जानिए किसे मिलेंगी

हरियाणा बुलेटिन न्यूज़, चण्डीगढ़ ; हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा में एक लाख मरीजों को पतंजलि कंपनी की कोरोनिल दवा मुफ्त बांटी जाएगी। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा है कि हरियाणा में कोविड मरीजों के बीच एक लाख पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएंगी।

कोरोनिल का आधा खर्च पतंजलि तथा आधा खर्च हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष वहन करेगा। हरियाणा सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब योग गुरू बाबा रामदेव द्वारा ऐलोपैथिक दवाओं को लेकर की गई टिप्पणी पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नाराजगी जताई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए शनिवार को कहा था कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी बकवास विज्ञान है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड.19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं कोरोना मरीजों का इलाज करने में कारगार साबित नहीं हुई हैं।

हालांकि योग गुरु रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने ब्यान को रविवार को वापस ले लिया। डॉक्टरों के विरोध के बाद उन्होंने ऐसा किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के एक पत्र का जवाब देते हुए रामदेव ने कहा कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं। उन्होंने अपने निजी ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि माननीय श्री हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिये गए योग गुरु रामदेव के ब्यान को रविवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उनसे वापस लेने को कहा था।

जिसके बाद योग गुरू बाबा रामदेव ने न केवल अपना ब्यान वापिस ले लिया बल्कि अपनी कोरोना के लिए बनाई गई दवाई कोरोनिल की 1 लाख किट हरियाणा में बांटने की घोषणा की। जिस पर विचार करते हुए हरियाणा सरकार ने भी किट का आधा खर्च उठाने का निर्णय लिया है।

Sunday, May 23, 2021

May 23, 2021

हरियाणा में बुजुर्गों के लिए खुशखबरी, खाते में आई 2500 रुपये पेंशन

हरियाणा में बुजुर्गों के लिए खुशखबरी, खाते में आई 2500 रुपये पेंशन

चंड़ीगढ़ : प्रदेश के बजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन वृद्धि का इंतजार खत्म हो गया है। प्रदेश सरकार ने इनकी पेंशन में में 250 रुपए की वृद्धि की हुई पेंशन खातों में पहुंच गई है। अब बुजुर्गों, विधवा, विकलांगों को पेंशन 2500 रुपये मिली है। हालांकि इसकी घोषणा पहले की थी लेकिन एक अप्रैल से यह लागू हुई है।
अब लाभार्थियों को इसी माह से बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी। वर्तमान समय में प्रदेश में श्रेणियों के तहत कुल 29 लाख 19 हजार 104 पेंशन भोगी हैं। जिनमें से 29 लाख 624 को बैंक खातों के साथ पेंशन की अदायगी हो रही है। 29 लाख 18 हजार 921 के बैंक खाते आधार कार्ड साथ लिंक हो चुके हैं।
सरकार ने गत वर्ष पेंशन 2250 रुपए की थी। अब हरियाणा के पेंशन भोगियों को मई में मिलने वाली पेंशन 2500 रुपए के हिसाब से मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सवा साल के कार्यकाल में 500 रूपए की वृद्घि यह दर्शाती है कि हमारी गठबंधन सरकार ने चौधरी देवीलाल के विजन पर चलकर बुजुर्गों के सम्मान में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब जहां 1500 रूपए तथा दिल्ली 2000 रूपए प्रति माह ही बुजुर्गों को पेंशन दे रहा है वहीं हमारा राज्य अप्रैल से 2500 रूपए प्रतिमाह देने वाला राज्य होगा।
May 23, 2021

अंग्रेजी दवाओं के खिलाफ बोलकर फंसे रामदेव! IMA ने कहा- नफ़रत फैला रहे हैं, इनपर केस दर्ज हो

अंग्रेजी दवाओं के खिलाफ बोलकर फंसे रामदेव! IMA ने कहा- नफ़रत फैला रहे हैं, इनपर केस दर्ज हो

नई दिल्ली : कोरोना महामारी से लड़ने में स्वास्थ्य विभाग हर संभव तरीके से लगा हुआ है। देश के तमाम डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स सीमित संसाधनों और भारी-भरकम मानसिक दबाव के बीच काम कर रहे हैं।
ऐसे में रामदेव ने एलोपैथी के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों के मनोबल को तोड़ने वाला बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है।
रामदेव इस वीडियो में साफ साफ कहते नजर आ रहे हैं कि,
“लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है। जितने लोगों की मौत हॉस्पिटल ना जाने की वजह से हुई है, ऑक्सीजन ना मिलने के वजह से हुई है, उससे ज्यादा मौतें एलोपैथी की दवाइयां खाने से हुई हैं।”
बाबा रामदेव के इस बयान के आने के बाद से डॉक्टरों के मन में जायज़ गुस्सा है।
नई दिल्ली के VMMC और सफदरजंग हॉस्पिटल के रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसियेशन ने बाबा रामदेव के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए उनके बयानों को मद्देनजर रखते हुए महामारी रोग अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करने की मांग की है।
रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसियेशन के बयान में लिखा गया है कि एलोपैथी चिकित्सा शैली पर इस तरह की टिप्पणी विज्ञान का तिरस्कार है।
बाबा रामदेव जैसे प्रसिद्ध व्यकतित्व से जब इस तरह के बयान सामने आते हैं तो संभव है कि समाज के कुछ हिस्सों में इससे नफरत भड़क उठे।
एक तरफ एलोपैथी के सभी कर्मचारी पूरी जान लगा कर कोविड19 के खिलाफ अपनी परवाह किए बिना दिन रात लड़ रहे हैं, दूसरी तरफ बाबा रामदेव के इस तरह आपत्तिजनक बयान सामने आ रहे।
इससे फ्रंटलाइन पर काम कर रहे लाखों कर्मचारियों के मनोबल औऱ ऊर्जा को हानि पहुंचेगी।
डॉक्टरों के इस संयुक्त ने बाबा रामदेव की टिप्पणी को हेट स्पीच की श्रेणी में रखकर कार्यवाही करने की मांग की गई है। बाबा रामदेव निशचित तौर पर आयुर्वेद के समर्थक हैं और अपने ब्रांड पतंजलि से भी इसका प्रचार करते नहीं थकते हैं।
साथ ही कोरोना महामारी के फैलने के बाद उन्होंने कोरोनिल किट लॉन्च की। कोरोनिल किट कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए कितनी कारगर है इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन फिर भी टीवी पर चलने वाले प्रचारों के वजह से ग्रामीणों में इसे लेकर भ्रम बना हुआ है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद सरकार की नाकामी किसी से छुपी नहीं है, लेकिन फिर भी रामदेव बाबा ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों पर सवाल खड़ा किया।
बाबा रामदेव का बयान पूरी स्वास्थ्य प्रणाली और लाखों की तादाद में दिन रात काम कर रहे स्वास्थ कर्मियों की नीयत पर सवाल खड़ा करने के समान है।
अब देखना ये है कि क्या इस तरह के लापरवाही भरे और नफरत भड़काने वाले बयान पर उन पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी या नहीं।
May 23, 2021

हरियाणा के इस जिले में अपनों की अस्थियां भी लेने नहीं आ रहे परिजन

कोरोना का खौफ ऐसा की हरियाणा के इस जिले में अपनों की अस्थियां भी लेने नहीं आ रहे परिजन

फरीदाबाद : कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को ऐसे तोड़ा की श्मशान घाट में जलने वाली चिताओं के बाद अपनों की अस्थियों को भी ले जाने से लोग कतराने लगे हैं। बल्लभगढ़ के तिगांव रोड स्थित श्मशान घाट में 60 से 70 ऐसी अस्थिया हैं। जिन्हें लोग लेने अभी तक नहीं आए।

बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार चिता जलने के बाद अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है पर कोरोना महामारी ने लोगों के अंदर ऐसा भय पैदा कर दिया है कि लोग अब अपनों की अस्थियां श्मशान घाट से लेने भी नहीं आ रहे। श्मशान घाट के प्रबंधक दिनेश देशवाल की मानें तो यहां रखी ये अस्थियां उन लोगों की हैं जिनकी कोरोना से मौत हुई है। इनमें कुछ ऐसी भी हैं जो दिल्ली, गुरुग्राम, यूपी के लोग फरीदाबाद के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित होने पर भर्ती हुए थे और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई। उनका भी अंतिम संस्कार इस श्मशान घाट में किया गया था। जिनकी अस्थिया यहां रखी हुई हैं।
दिनेश देशवाल ने बताया कि हमारी परंपरा के अनुसार इन अस्तियों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है पर पिछले 1 महीने से ये अस्थियां इस श्मशान घाट में ऐसे ही रखी हुई हैं। इन अस्थियों के परिवार वालों को फोन करके इन्हें ले जाने के लिए कहा जाता है तो वे लोग कोरोना, लॉकडाउन और बीमारी का बहाना बनाने लग जाते हैं। इन अस्थियों को लेकर दिनेश देशवाल ने ये भी कहा कि अगर लोग इन अस्थियों को लेने नहीं आते तो वह खुद इन्हें अपने श्मशान घाट के कमेटी के लोगों के साथ मिलकर गंगा में हिंदू धर्म अनुसार प्रवाहित कर देंगे।

Tuesday, May 18, 2021

May 18, 2021

सीड पेस्टीसाइड व फर्टिलाइजर एसोसिएशन प्रधान पवन डाहौला के कोरोना संक्रमितों की मदद में बढ़े हाथ

सीड पेस्टीसाइड व फर्टिलाइजर एसोसिएशन प्रधान पवन डाहौला के कोरोना संक्रमितों की मदद में बढ़े हाथ 

-अपनी ओर से 400 ऑक्सीजन मास्क व 50 ऑक्सीमिटर किये भेंट

जींद :( संजय तिरँगाधारी ) सीड पेस्टीसाइड एंड फर्टीलाइजर के प्रधान पवन गर्ग ने सोमवार को नागरिक अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. बिमला राठी से मुलाकात कर अपनी ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों की सहायता काे लेकर 400 ऑक्सीजन मास्क, 50 ऑक्सीमीटर सहित दूसरा जरूरी सामान दिया। अस्पताल प्रशासन की तरफ से एसएमओ डा. गोपाल गोयल, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डा. संतलाल, डा. चंद्रमोहन, डा. प्रदीप मौजूद रहे। एसएमओ डा. गोपाल गोयल, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि नागरिक अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सामाजिक संस्थाएं आगे आ रही हैं। उनके द्वारा दिया गया सहयोग मरीजों को उपचार में काफी लाभकारी सिद्ध होगा। इस समय अस्पताल का प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी फ्रंटलाइन पर काम कर रहा है। डा. राजेश भोला ने कहा कि संस्था द्वारा जो सामान उपलब्ध करवाया गया है, वह चिकित्सा में सहायता तो देगा ही साथ ही मरीजों को भी इससे फायदा होगा।
May 18, 2021

बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सिरसा को 50 लाख व फतेहाबाद को 25 लाख रुपये दिए

बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सिरसा को 50 लाख व फतेहाबाद को 25 लाख रुपये दिए 

सिरसा : हरियाणा के बिजली, अक्षय ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि इस बार कोरोना फैलाव शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी हो रहा है। इसे लेकर सरकार व प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है और ग्रामीण क्षेत्र में कोविड प्रबंधन को लेकर लगातार प्रयास जारी हैं। इसी के तहत मेडिकल किटों की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। जहां भी जरूरत होगी गांव में मेडिकल किटें उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके अलावा, उन्होंने स्वयं 50 लाख रुपये की राशि सिरसा में व 25 लाख रुपये की राशि फतेहाबाद में कोविड इलाज सुविधाओं व अन्य कोविड प्रबंधन कार्यों के लिए दी है। उन्होंने यह बात कोविड प्रबंधन को लेकर सिरसा के सीडीएलयू के सभागार में मेडिकल प्रेक्टिशनर के साथ बैठक उपरांत कही। उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी की रोकथाम को लेकर सरकार व प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ कोविड प्रबंधन कार्यों में लगी हुई है। बेहतर प्रबंधन के चलते जहां कोविड मरीजों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं, वहीं संक्रमण के फैलाव में भी कमी आई है। लॉकडाउन तथा कोरोना नियमों की पालना से कोरोना मामले घटे हैं। 
 प्रदेश के हालातों पर की विस्तार से चर्चा उन्होंने कहा कि अब पूरा फोक्स ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण फैलाव के रोकने पर है और इसके लिए प्रभावी योजनाएं बनाकर क्रियान्वित की जा रही है। गांवों में कोविड इलाज के लिए मेडिकल किटों का वितरण इन्हीं योजना में से एक हैं। गांव में कोरोना लक्षण वालों को मेडिकल किट के माध्यम से घर द्वार पर उपचार की सुविधा के सकारात्मक परिणाम आएंगे और शहरी क्षेत्र में अस्पतालों पर दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि अब तक सिरसा जिला में 15 हजार किटों का वितरण किया जा चुका है और 9 हजार किटें तैयार की गई हैं। हमारा लक्ष्य जिला के प्रत्येक गांव में 100 किटों के वितरण का है। बिजली मंत्री ने कहा कि जब से उन्हें सिरसा व फतेहाबाद जिला के कोविड प्रबंधन की जिम्मेवारी सौंपी गई है, तब से लगातार प्रशासनिक अधिकारियों व स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठकें करते हुए संक्रमण फैलाव की रोकथाम व कोविड इलाज संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता आदि बारे योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। योजनाबद्ध तरीके से किए जा रहे बेहतर प्रबंधन के चलते कोरोना मामलों में कमी आई है। इसके साथ ही लॉकडाउन व आमजन के कोविड नियमों की पालना से संक्रमण के मामले लगातार घट रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा में कोरोना की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है और लगातार कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं। 


बिजली मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से देश ही नहीं पूरा विश्व आर्थिक तौर से प्रभावित हुआ है। महामारी की रोकथाम में सभी को आगे आकर सरकार व प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। इस कड़ी सिरसा के समासेवियों, सामाजिक संस्थाओं आदि महामारी की रोकथाम के लिए 25 लाख रुपये की राशि के रूप में दिया गया सहयोग सराहनीय है। उन्होंने स्वयं 50 लाख रुपये की राशि सिरसा में व 25 लाख रुपये की राशि फतेहाबाद में कोविड इलाज सुविधाओं व अन्य कोविड प्रबंधन कार्यों के लिए दी है। कोविड मरीजों के इलाज व स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता में धन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना बीमारी से घबराने की नहीं बल्कि सावधानी के साथ इसका मुकाबला करने की जरूरत है। संक्रमण से स्वयं का बचाव ही दूसरा की सुरक्षा है। हर कोई मास्क, सोशल डिस्टेसिंग, बार-बार हाथ धोने आदि को अपनी आदत बना ले तो जल्द ही महामारी को खत्म किया जा सकता है। कोरोना से बचाव नियमों का स्वयं भी पालन करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। बैठक में उपायुक्त प्रदीप कुमार, सीएमओ डा. मनीष बंसल, डा. एम.एम तलवार, डा. जी.के अग्रवाल सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व मेडिकल पे्रक्टिशनर उपस्थित थे।