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Monday, September 6, 2021

September 06, 2021

CSC संचालक डकार गए युवाओं का बेरोजगारी भत्ता

CSC संचालक डकार गए युवाओं का बेरोजगारी भत्ता
कैथल : कैथल और जिला प्रशासन का घोटालों का नाता बन गया है। नगर परिषद, जिला परिषद में करोड़ों के घोटालों के बाद अब जिले के रोजगार विभाग व कॉमन सर्विस सेंटर का घोटाला सामने आया है। कुछ कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों ने बेरोजगार युवाओं के स्थान पर अपना बैंक खाता दिखाते हुए उनका करीब चार लाख का बेरोजगारी भत्ता हड़प लिया। इसमें कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक की भूमिका भी पाई गई। यही नहीं जिला प्रबंधक वसीम अहमद स्वयं भी नौकरी के साथ-साथ बेरोजगारी भत्ता ले रहा था। जब मामला उजागर हुआ तो आरोपियों ने विभाग में चार लाख की रिकवरी भी जमा करवा दी तथा जिला प्रबंधक ने सक्षम युवा का भत्ता भी जमा करवा दिया। जब मामले में गाज गिरती नजर आई तो जिला प्रबंधक वसीम अहमद ने स्वयं अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

 
 जब जिला प्रशासन के सामने घोटाला की बात आई तो जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने मामले में कार्रवाई के लिए संबंधित कंपनी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इस संबंध में कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष शर्मा से बातचीत करनी चाही तो उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह फोन पर कोई भी अधिकृत जानकारी नहीं दे सकते। गौरतलब है कि जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से दी जाने वाली बेरोजगारी भत्ता व सक्षम योजना में लाखों रुपये का घोटाला उजागर हुआ था। इस बारे बाद विभाग ने उच्चाधिकारियों व उपायुक्त पा्रदीप दहिया को इसके बारे में अवगत करवाया था। इसमें एक कर्मचारी जिला रोजगार कार्यालय का भी शामिल था, जो नौकरी के साथ विभाग से मेहनताना ले चुका है। इसमें कई कामन सर्विस सेंटर के संचालकों ने भी बेरोजगार युवाओं के कागजात का प्रयोग कर धोखाधड़ी की थी। विभाग ने बेरोजगारों को कार्यालय में बुला कर इस धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए कागजों की जांच की थी। जांच में उन्होंने बताया था कि उनकी खातों में राशि नहीं आई है। इसके बाद यह पूरा मामला सामने आया था।
चार लाख की रिकवरी हुई जैसे ही मामला उजागर हुआ तो आरोपितों में हड़कप मच गया। उन्होंने आनन-फानन में करीब चार लाख रुपये की राशि विभाग के पास जमा करवा दी। इसमें अटल सेवा केंद्र के जिला प्रबंधक पर भी करीब 40 हजार रुपये का भत्ता राशि हड़पने का आरोप लगा था। 2018 से जिला प्रबंधक नौकरी पर लगे हुए थे। उसके बाद 2021 तक रोजगार कार्यालय से भत्ता ले रहे थे। जांच होने पर विभाग ने रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने रिकवरी जमा करवा दी थी। यूं मिलती है सक्षम युवा योजना के तहत राशि सक्षम युवा योजना के तहत सरकार की ओर से 12वीं पास युवा को काम मिलने पर 6500 रुपये, बीए पास को सात हजार रुपये, एमए पास को नौ हजार रुपये और काम न मिलने पर 12वीं पास को 900 रुपये, बीए पास को 1500 रुपये, एमए पास को तीन हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। विभाग इस राशि को लाभार्थियों के खाते में सीधे भेजता है।
 सीएससी सेंटर संचालकों का वेतन भी फंसा इसके साथ ही ग्राम पंचायत घर में सीएससी सेंटर संचालक को भी विभाग द्वारा चार हजार वेतन दिया जाता है। कई सीएससी सेंटर संचालकों का भी कहना है कि उनका वेतन भी पिछले कई माह से बकाया है। नाम न छापने की शर्त पर सीएससी संचालकों ने बताया कि कुछ कर्मचारी मिलकर उनका वेतन भी डकार गए क्योंकि उनको करीब तीन माह से वतन नहीं मिला है। जांच के लिए विभाग को पत्र लिखा : डीसी जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते की गड़बड़ी से संबंधित जानकारी मिली थी। जांच के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। सीएससी कंपनी का कर्मचारी भी नौकरी छोड़ गया है। कंपनी को मामले में जांच करवाने के आदेश दिए गए हैं।

Thursday, June 24, 2021

June 24, 2021

कैंसर दवा का कारोबार करने के नाम पर 1.52 करोड़ की ठगी

कैंसर दवा का कारोबार करने के नाम पर 1.52 करोड़ की ठगी

अंबाला : कैंसर की दवा का कारोबार करने के नाम अंबाला कैंट के संजीव कुमार से बड़ी ठगी हो गई है। इस ठगी में कई लोग शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साजिशन धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। संजीव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह सरकारी ठेकेदारी का व्यवसाय करता है। उसकी टाइल बनाने की फैक्टरी है। 31 मई को गांव रजापुर से डॉ. विनोद कुमार का उसके पास फोन आया कि उसे उसके साथ मिलना है। अगले दिन ही उसने फोन कर उसे बुला लिया। तब विनोद कुमार के साथ बब्बर भान व एक अनजान व्यक्ति जिसका नाम हरप्रीत सिंह वासी रायपुर सहारनपुर बताया गया। तब आरोपियों ने संजीव से कहा कि उनका यहां के रहने वाले राजिंद्र नागर के साथ लेनदेन का झगड़ा है। अगर आप मध्यस्थता कर उसे निपटा दो तो मेहरबानी होगी। संजीव ने बताया कि वह भी आरोपियों की बातों में आ गया। हरप्रीत ने उसे बताया था कि वह फर्मा ट्रेडिंग का काम करता है। दस लाख रुपये को लेकर उसका राजिंद्र से झगड़ा गया है। वह अब पूरे पैसे देने के लिए तैयार है। फोन पर बातचीत के बाद राजिंद्र नागर भी उससे मिलने के लिए तैयार हो गया। अगले दिन ही आरोपी उसे जग्गी सिटी सेंटर में आकर मिले। जब वह हरप्रीत के साथ वहां पहुंचा तो वो पहले से राजिंद्रऑडी कार में खड़ा था। यहां एक रेस्टोरेंट में दोनों की बातचीत हुई। इसके बाद राजिंद्र नागर ने उसे अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में उलझा लिया। कहा कि वह भी हरप्रीत से कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाई का कारोबार करता है। इस कारोबार में भारी मुनाफा है। कई लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। 

 तब संजीव ने कहा कि उनके सहयोगी के पिता को भी कैंसर है। इसके लिए राजिंद्र नागर ने पंद्रह लाख रुपये में दवाई उपलब्ध करवाने की बात कही। बातचीत के बाद वह भी कारोबार करने के लिए तैयार हो गया। परिवादी की माने तो आरोपियों ने उसके दिमाग को सुन्न कर दिया। इसके बाद दवाई कारोबार करने के लिए उसने अपने सारे बैंक खातों से पैसे निकाल दिए। दोस्तों से भी पैसे उधार लेकर कुल 1,52,50,000 जमा कर लिए। इसके बाद वह आरोपियों के बताए कालाअंब में पहुंच गया। यहां पहले से ही राजिंद्र नागर व हरप्रीत मौजूद थे। आरोपियों ने उससे सारे पैसे व एक 1500,000 का चेक भी ले लिया। आरोपियों ने बाद में उसे बैग में अजीब सा जानवर दे दिया और कहा कि इससे ही कैंसर का उपचार होता है। संजीव ने बताया कि जब उसने आरोपियों से यह कारोबार करने से मना कर दिया तो उन्होंने पैसे देने से भी इंकार कर दिया। पैसे वापिस देने के लिए कई दिन तक आरोपी उसे लारे लगाते रहे। आरोपियों की खबर पढ़ने के बाद उसने पता चला कि उसके साथ बड़ी ठगी हो गई है। महेशनगर पुलिस अब आरोपियों को जल्द ही काबू करने की बात कह रही है।