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Friday, May 19, 2023

May 19, 2023

फिर नोटबंदी! 2 हजार का नोट वापस लेगा RBI, 30 सितंबर तक बैंक में जमा करा सकेंगे*

*फिर नोटबंदी! 2 हजार का नोट वापस लेगा RBI, 30 सितंबर तक बैंक में जमा करा सकेंगे*
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये के नोट पर बड़ा फैसला लिया है. रिजर्व बैंक के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि 2000 रुपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दिया जाए. 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है.30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है.
रिजर्व बैंक अनुसार, 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदले जा सकते हैं. नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है.

रिजर्व बैंक ने साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को जारी किया था. पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे. लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं. इस संबंध में सरकार ने संसद में भी जानकारी दी थी. 
रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ी जानकारी दी थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ है.
May 19, 2023

मंडियों से बकाया उठान जल्द पूरा कर लिया जाएगा : दुष्यंत चौटाला

मंडियों से बकाया उठान जल्द पूरा कर लिया जाएगा : दुष्यंत चौटाला 
चंडीगढ़ , 19 मई - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने आज पानीपत की अनाज मण्डी में आढती एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि प्रदेश की मंडियों से गेहूं का उठान लगभग 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की बकाया पेमेंट भी पूरी तरह से कर दी गई है। इस साल प्रदेश की चार खरीद एजेंसियों ने साढे 62 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में सभी आढतियों, किसानों और अधिकारियों और कर्मचारियों ने बड़ी मेहनत से काम किया है। उन्होंने कहा कि मंडियों में कुछ एक स्थानों पर उठान बाकि है जिसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।  अबकि बार मंडियों में अधिकारियों, कर्मचारियों और आढतियों पर किसी भी तरह वर्क लोड नही रहा।
उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने इस मौके पर आमजन की समस्याएं भी सुनी और सम्बंधित अधिकारियों को उनके त्वरित हल के निर्देश भी दिए। उन्होंने अग्रवाल मंडी में आयोजित कार्यक्रम में भी जैन समाज की ओर से रखी गई विभिन्न मांगों को जल्द से जल्द पूरा करवाने का आश्वासन दिया । इस दौरान उन्होंने कार्यक्रमों में उपस्थित विभिन्न लोगों से प्राप्त समस्याओं के निदान के लिए भी निर्देश दिए।
May 19, 2023

सभी विद्यालय एक माह में अपडेट करें अपनी स्टाफ स्टेटमेंट -बोर्ड

सभी विद्यालय एक माह में अपडेट करें अपनी स्टाफ स्टेटमेंट -बोर्ड
चंडीगढ़ , 19 मई - हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने सैकेण्डरी व सीनियर सैकेण्डरी की आगामी परीक्षाओं के लिए सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालय अपनी-अपनी स्टाफ स्टेटमैंट अपडेट करना सुनिश्चितकरने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर लिंक आज से लाइव कर दिया गया है।  
बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों द्वारा मार्च-2023 की परीक्षाओं के लिए जो स्टाफ स्टेटमैंट भेजी गई है, यदि उसमें किसी अध्यापक, प्राध्यापक व प्रधानाचार्य के विवरणों में जैसे- किसी प्रकार के अवकाश (CCL, Medical, Privilege, Earned leave & Any other leave) या सेवानिवृत हो चुके हों अथवा स्थानान्तरण हो चुके हों, मोबाईल नम्बर में कोई अशुद्वि हो या अन्य कोई कारण है तो उसे भी बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर एक माह के अन्दर-अन्दर अपडेट करना सुनिश्चित करें।
May 19, 2023

*प्रधान पत्रवार्ता आयोजित कर बोले...:साल 2018 में स्कूल एडिड से अन-एडिड हुए, इसलिए डीएसई अप्रूवल का काेई मकसद नहीं*

*प्रधान पत्रवार्ता आयोजित कर बोले...:साल 2018 में स्कूल एडिड से अन-एडिड हुए, इसलिए डीएसई अप्रूवल का काेई मकसद नहीं*
साल 2018 में स्कूल एडिड से अन-एडिड हुए, इसलिए डीएसई अप्रूवल का काेई मकसद नहीं|
आर्य स्कूल में पत्रकारों से बातचीत करते प्रधान चंद्रकांत शर्मा।
आर्य स्कूलों की संपत्तियों पर कब्जा करने की सोचने वाले लोग अनार्य होते हैं। उन लोगों का मकसद सिर्फ समाज पर कब्जा करना ही होता है। शहर में जो संस्था है वह आर्य समाज की है, जो आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा रोहतक से संचालित हो रही है। आर्य समाज के लोग तो कल भी समाज में बैठे थे और आज भी बैठे हैं। कुछ अनार्य लोग अब शहर में माहौल खराब करने की कोशिश करने में लगे हुए हैं।
यह बात आर्य समाज व आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रधान चंद्रकांत शर्मा ने आर्य स्कूल परिसर के बने हाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। शर्मा ने दूसरे पक्ष को शिक्षा विभाग के डीएसई से मिली अप्रूवल को लेकर कहा कि मंगलवार को डीएसई द्वारा ही एक फरमान जारी किया गया है कि साल 2018 में जो एडिड स्कूल अन-एडिड हो गए थे। उसके बाद अप्रूवल का कोई मकसद नहीं रह जाता।

डीएसई से आरटीआई का 29 को मिला जवाब-तेजपाल
दूसरा पक्ष, 27 अप्रैल को अप्रूवल लाने की बात कर रहा है तो उसके ठीक दो दिन बाद आरटीआई के तहत डीएसई से जवाब मिला कि किसी भी संस्थान या स्कूल को चलाने के लिए अप्रूवल की कोई आवश्यकता नहीं। हमारे पास पुख्ता सबूत हैं तो पहले की तरह दूसरे पक्ष की यह अप्रूवल भी रद्द हो सकती है। इस मामले में कोर्ट ने डीएसई डायरेक्टर को समन जारी किया है।
-*तेजपाल आर्य, आर्य कन्या स्कूल प्रबंधक, नरवाना*

एसएमसी से चलते हैं स्कूल, उलझाने का प्रयास -आर्य
आर्य समाज के अधीन स्कूल एसएमसी से ही चलते हैं। जो लोग हमें डीएससी से मिली अप्रूवल पर सवाल उठा रहे हैं तो अन-एडिड होने के बाद साल 2020 में फिर वह कैसे स्कूल में अप्रूवल लेकर आ गए थे। यह तो अब उनका स्टैंड बदलने वाला मामला है। वह पूरी तरह से उलझा रहे हैं। हम प्रशासन को साथ लेकर शांतिप्रिय ढंग से स्कूलों का चार्ज लेंगे।
May 19, 2023

विगत साढ़े 8 वर्षों में हरियाणा में रेल, सड़क तंत्र के नये युग का हुआ सूत्रपात

विगत साढ़े 8 वर्षों में हरियाणा में रेल, सड़क तंत्र के नये युग का हुआ सूत्रपात
चंडीगढ़, 19 मई – हरित क्रांति में खाद्यानों के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में उल्लेखनीय योगदान वाला कृषि प्रधान हरियाणा अब विगत 8 वर्षों में सड़क, रेल व हवाई तंत्र को सुदृढ़ करने में आगे बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में राज्य ने एक नये युग का सूत्रपात किया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के अथक प्रयासों से केंद्र सरकार ने हरियाणा की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को त्वरित स्वीकृति प्रदान की हैं और अनेकों परियोजनाएं इस कार्यकाल में पूरी भी हुई हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों ने स्वयं हरियाणा आकर कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया है। भारतमाला परियोजना के तहत भी प्रदेश में कई नये हाई-वे का काम प्रगति पर है और अब तो प्रदेश के कई शहर 5-5 नेशनल हाई-वे से जुड़ गए हैं, जिससे न केवल लोगों को आवागमन की सुविधा मिली है बल्कि औद्योगिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था- को भी मजबूती मिली है।
वीरवार को ही हरियाणा को द्वारका एक्सप्रेसवे के रूप में एक और एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिला है। 9000 करोड़ रुपए की लागत का 29.6 किलोमीटर लंबाई वाला द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है, जिसमें 18.9 किमी हिस्सा हरियाणा क्षेत्र में पड़ता है। निश्चित ही हरियाणा वासियों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। विशेष रूप से गुरुग्राम को जाम से मुक्ति मिलेगी।

दिल्ली, एनसीआर सहित हरियाणा में यातायात सुगम बनाने पर वर्ष 2014 से ही मुख्यमंत्री का रहा विशेष फोकस

दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात अवरूद्धता से मुख्यमंत्री भली- भांति परिचित थे और उन्होंने वर्ष 2014 में सत्ता संभालते ही लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने की ठान ली थी। सर्वप्रथम उन्होंने हरियाणा के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे, जो लंबे अरसे से राजनीतिक विवादों के कारण सिरे चढ़ नहीं पा रही थी, को न केवल पूरा करवाया बल्कि इसे फोरलेन से छः लेन का करवाया। साथ ही केंद्र सरकार से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के कार्य को भी पूरा करने का आग्रह किया जो सफल रहा। फलस्वरूप दिल्ली से आगे जाने वाले यात्रियों व मालवाहक वाहनों का आवागमन सुगम हुआ।
मेट्रो व रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी किया जा रहा है मजबूत

दिल्ली मेट्रो को गुरुग्राम, बल्लभगढ़ तक विस्तारित किया और अब गुरुग्राम से फरीदाबाद के बीच भी मेट्रो प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के प्रयासों से तैयार किया गया है, जो आगामी 2 वर्षों में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा, पलवल से सोनीपत तक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करने की मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना अस्तित्व में आई। इसके तहत मानेसर से पाटली तक प्राथमिकता खंड का निर्माण कार्य लगभग 176 करोड़ रुपये की लागत से प्रगति पर है और वर्ष 2024 तक पूरा होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री की पहल पर हरियाणा ने रेलवे परियोजनाओं को तीव्र गति प्रदान करने हेतु रेलवे मंत्रालय के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का गठन किया गया। जिसके तहत रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण, रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण सहित राज्य को मैन्युअल फाटक से मुक्त बनाने जैसे कार्य किये जा रहे हैं। इसके लिए अक्टूबर, 2014 से नवंबर, 2022 तक 104 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. का कार्य शुरू किया गया, जिनमें से 58 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. का कार्य पूरा हो चुका है तथा 46 का कार्य प्रगति पर है। जबकि वर्ष 2023-24 के बजट अभिभाषण में मुख्यमंत्री ने 36 आर.ओ.बी. और आर.यू.बी. के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

रोहतक व कुरुक्षेत्र को रेलवे बाईपास बनाया

रेलवे फाटकों के कारण बार-बार यातायात अवरूद्ध होने से लोगों को आ रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस समस्या के निदान हेतू अधिकारियों को एक नई कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। सबसे पहले रोहतक में एलिवेटेड रेलवे लाइन परियोजना पूरी होने से जिला को रेलवे बाईपास का तोहफा मिला। उसके बाद कुरुक्षेत्र में भी एलिवेटेड रेलवे लाइन परियोजना का कार्य शुरू हुआ, जिसकी इस वर्ष के अंत तक पूरा होने की संभावना है। अब राज्य सरकार ने बहादुरगढ़ और कैथल में भी एलिवेटेड रेलवे लाइन की परियोजना बनाई है।
वर्ष 2023-24 में भी लगभग 5000 किलोमीटर सड़कों के सुधार का रखा लक्ष्य

राज्य में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 2300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से 5460 से अधिक किलोमीटर लंबी नई सड़कों का निमार्ण किया है। इतना ही नहीं, वर्ष 2022-23 के दौरान 311 किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण और 2954 किलोमीटर सड़कों का सुधार किया गया। जबकि वर्ष 2023-24 में 5000 किलोमीटर सड़कों के सुधार का लक्ष्य रखा है। साथ ही, भीड़ कम करने और सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकार 14 नए बाइपास का निर्माण भी शुरू करेगी।
हवाई तंत्र के संचालन पर भी हरियाणा सरकार का जोर

विगत साढ़े 8 वर्षों में हरियाणा सरकार ने हवाई तंत्र के संचालन पर भी जोर दिया है। हिसार हवाई अड्डे को एविएशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसका कार्य तेज गति से चल रहा है। करनाल हवाई अड्डे को भी विस्तारित किया जाएगा, जिसके लिए भूमि से संबंधित प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और इसी वर्ष कार्य शुरू होने की संभावना है। भिवानी व बाछोद नारनौल हवाई पट्टियों के भी विस्तार करने की योजना है। इतना ही नहीं, गुरुग्राम में हेली-हब शुरू करने का भी प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य हेलिकॉप्टरों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहालिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति में हवाई एंबुलेंस के रूप में भी हेली हब से सेवाओं का उपयोग करना भी इसका एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। राज्य सरकार ने हरियाणा में उड्डयन बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिए हरियाणा हवाई अड्डा विकास निगम बनाया है।
May 19, 2023

ऊर्जा संरक्षण एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प हरियाणा सरकार

ऊर्जा संरक्षण एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प हरियाणा सरकार
चंडीगढ़, 19 मई - हरियाणा सरकार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा व हरेडा विभाग के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है। सरकार की ओर से सभी सरकारी भवनों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना तैयार की है।
विभाग के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला की पंजीकृत अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग की धर्मशालाओं में 75 प्रतिशत अनुदान पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे, जिसकी 25 प्रतिशत की राशि संबंधित संस्था द्वारा वहन की जाएगी। इन धर्मशालाओं में बैटरी बैंक सहित अथवा बिना बैटरी के 5 किलोवाट तक के सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा यह योजना पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लागू की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष के लिए प्रदेशभर में एक मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे, जिस पर सरकार द्वारा लगभग 3.50 करोड़ रुपए का अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश की सरकारी एवं गैर-सरकारी गुरुकुल, कामकाजी महिला छात्रावासों, अनाथालयों, वृद्ध आश्रमों, बालग्रह, नारी निकेतन, प्राकृतिक चिकित्सालय, रेडक्रॉस संस्थानों एवं धर्मार्थ संस्थान पर 50 प्रतिशत अनुदान पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। जिसकी 50 प्रतिशत की राशि संबंधित संस्था द्वारा वहन की जाएगी। इन संस्थानों में बैटरी बैंक सहित 10 किलोवाट तक के तथा बिना बैटरी के 50 किलोवाट तक के सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।उन्होंने बताया कि इच्छुक सामाजिक संस्थाएं नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत होनी चाहिए तथा उनका पिछले तीन वर्षों का ऑडिट होना चाहिए, जो संस्थाएं सोलर पावर प्लांट लगवाना चाहती हैं, वे किसी भी कार्य दिवस संबंधित जिला कार्यालय के परियोजना अधिकारी/सहायक परियोजना अधिकारी से संपर्क कर सकती हैं।
May 19, 2023

*पुरानी अनाज मंडी में होगी ऐतिहासिक रैली:" हाथ से हाथ जोड़ो रैली को लेकर लोगों में उत्साह* '

*पुरानी अनाज मंडी में होगी ऐतिहासिक रैली:" हाथ से हाथ जोड़ो रैली को लेकर लोगों में उत्साह *
प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सदस्य एवं जींद रैली के आयोजक प्रमोद सहवाग ने पीडब्लूडी रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में 20 मई को जींद में कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो ऐतिहासिक रैली पुरानी अनाज मंडी में होगी। जींद हलके से भारी संख्या में जनता इस रैली में भागीदारी करेगी। रैली को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कन्हैया कुमार भी संबोधित करेंगे।
इस अवसर पर दयानंद शर्मा, पूर्व विधायक मनजीत सैनी, कमल चौहान, धर्मपाल कटारिया, गीता जोगिंदर सैनी पार्षद, महिपाल कौशिक पार्षद, दलबीर रेढू, मास्टर सुभाष बधाना, कपिल शर्मा, अजमेर रेढू, मयंक गर्ग, धर्मबीर जैजवंती, जय सिंह राठी, सौरभ भटनागर, अंकित बंसल, संदीप तूर, सतबीर पहल, अतुल सांगवान, विकास पौड़िया आदि मौजूद रहे।
May 19, 2023

*शनिदेव अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी:जींद के पांडू पिंडारा तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान*

*शनिदेव अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी:जींद के पांडू पिंडारा तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान*
जींद के पांडू पिंडारा तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान|
पांडू पिंडारा तीर्थ में शनिदेव अमावस्य पर डूबकी लगाते श्रद्धालु।
हरियाणा के जींद में शुक्रवार को शनिदेव जयंती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने पांडू-पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर आस्था की डूबकी लगाई और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। अमावस्या पर काफी भीड़ उमड़ी थी और सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल को तैनात किया गया था।
इस अमावस्या पर स्नान, दान-पुण्य करने का अपना महत्व है। इस अमावस्या पर सरसों का तेल अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।
अमावस्या पर स्नान करने के लिए जाती महिलाएं। 
अमावस्या पर स्नान करने के लिए जाती महिलाएं।
ऐतिहासिक पिंडतारक तीर्थ पर गुरुवार शाम से ही श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। रात को धर्मशालाओं में सत्संग तथा कीर्तन आदि का आयोजन चलता रहा। शुक्रवार सुबह ही श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान तथा पिंडदान शुरू कर दिया जो मध्यान्ह के बाद तक चलता रहा।
इस मौके पर दूर दराज से आएं श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया तथा शनिदेव तथ्सूर्यदेव को जलार्पण करके सुख समृद्धि की कामना की।
अमावस्या पर स्नान करते आस्था की डूबकी लगाते श्रद्धालु। 
अमावस्या पर स्नान करते आस्था की डूबकी लगाते श्रद्धालु।
पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किदवंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की। बाद में सोमवती अमावस के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया।
तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्याएं विशेषकर सोमवती अमावस्या और शनिदेव अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के लोग श्रद्धालु आते हैं।
May 19, 2023

*हुक्के से आंतों-गले का कैंसर:सेब-तरबूज जैसे 300 फ्लेवर वाले हुक्के, सबमें तंबाकू; धुंआ पानी से गुजरने पर भी रिस्क ज्यादा*

हुक्के से आंतों-गले का कैंसर:सेब-तरबूज जैसे 300 फ्लेवर वाले हुक्के, सबमें तंबाकू; धुंआ पानी से गुजरने पर भी रिस्क ज्यादा
नई दिल्ली44 मिनट पहलेलेखक: संजय सिन्हा
हाथों में हुक्के का पाइप, सुलगता कोयला और गुड़गुड़ाते युवा। कभी गांवों में बड़े-बुजुर्गों के बीच चौपाल की शान समझा जाने वाला हुक्का अपने मॉडर्न अवतार में शहर पहुंचकर कब बार और पब में टीनएजर्स की पसंद बन गया, पता ही नहीं चला।
केवल भारत और मिडिल ईस्ट के देशों में ही नहीं, बल्कि अमेरिका से लेकर इंग्लैंड तक फ्लेवर्ड हुक्का ट्रेंड में है। हुक्का बार, हुक्का लाउंज, हुक्का डेन, हुक्का कैफे तो कहीं शीशा बार में कश लगाते युवा। मेट्रो सिटीज में ही नहीं, छोटे शहरों में भी ऐसे लाउंज हैं, जहां बैन होने के बावजूद हुक्का परोसा जा रहा। टीनएजर्स और युवाओं में हुक्के को लेकर अधिक क्रेज है। इसके इस्तेमाल से ओरल कैंसर, आंतों का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, गले का कैंसर हो रहा। टीबी और हेपेटाइटिस जैसी संक्रामक बीमारियां भी हुक्का से फैल रही हैं।*युवाओं की पहली पसंद- फ्लेवर्ड हुक्का*

हुक्का चारकोल, टॉन्ग, पान, कीवी मिंट, ब्रेन फ्रीजर… ये सभी नाम हुक्के के फ्लेवर के हैं। कुल 6 पैक, वजन 100 ग्राम, कीमत- 225 रुपए। निकोटिन और टोबैको फ्री से लेकर डबल ऐपल, चॉकलेट, पान रस, दुबई स्पेशल, मिक्स फ्रूट, वॉटरमेलन, ब्लूबेरी पाई, स्ट्रॉबेरी, क्रीम, सेब, मिंट, चेरी, कोकोनट, कॉफी, वनीला जैसे फ्लेवर भी मौजूद हैं। आज हुक्का खरीदना इतना आसान है कि चाहें तो हर्बल हुक्का ऑनलाइन ऑर्डर कीजिए और घर में बैठकर सुलगाइए।
*खबर में आगे बढ़ने से पहले एक पोल में अपनी राय देते चलें-*

जैसे नई बोतल में पुरानी शराब, पीने वालों को खूब भाती है वैसे ही युवाओं को हुक्के के फ्लेवर पसंद आते हैं और हर्बल हुक्के के नाम पर उन्हें लुभाया भी जाता है। स्कूल-कॉलेज जाने वाले लड़कों को भी लगता है कि फ्लेवर्ड हुक्के में तंबाकू नहीं है, इससे सेहत को कोई नुकसान नहीं होगा। सिगरेट पीने से कैंसर होता है लेकिन हुक्का तो पी ही सकते हैं, इस सोच के साथ युवा आंखें बंद कर धुंआ उड़ाते हैं।
नेचर पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 सालों में स्मोकिंग करने वालों की गिनती में 40% की गिरावट आई लेकिन वॉटर पाइप, शीशा या निकोटिन हुक्के के इस्तेमाल में 96% की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि 10वीं-12वीं में पढ़ने वाले 18% स्टूडेंट्स ने साल में कम से कम एक बार हुक्का पीने की बात स्वीकारी है।

हुक्के को लेकर कई तरह के मिथ हैं, आइए इसे जानते हैं
शादी-बारात में स्टेटस सिंबल बना हुक्का बार
हुक्का सिर्फ बार और रेस्टोरेंट तक ही नहीं सिमटा है बल्कि शादी-ब्याह में यह स्टेटस सिंबल भी बन गया है। बैंक्वेट हॉल में शादी की शहनाई के साथ हुक्का भी गुड़गुड़ाया जाता है। हाल में इंस्टाग्राम पर दूल्हे-दुल्हन का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दोनों स्टेज पर ही हुक्के के कश लेते नजर आ रहे थे।
टर्बनेटर के नाम से मशहूर क्रिकेटर हरभजन सिंह की रिंग सेरेमनी में मेहमानों को 113 तरह का हुक्का परोसा गया था। 2015 में हुई यह शादी हुक्का के चलते विवादों में रही थी।
SIPHER (स्ट्रैटिजिक इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च) के प्रेसिडेंट डॉ. राकेश गुप्ता बताते हैं कि थीम बेस्ड शादियों के बैंक्वेट हॉल में एंटीक सोफा, कालीन, लालटेन, घास-फूस की बनी झोपड़ी और हुक्का देखने को मिलता है। शादी से पहले हल्दी और मेहंदी की रस्म में भी हुक्का खूब चलता है।
दिल्ली में कई जगहों पर अब हुक्का केटरिंग सर्विसेज चल रही हैं। साउथ दिल्ली के छतरपुर में ऐसी ही एक केटरिंग सर्विस बताती है कि हुक्का भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है और शादियों में इसे शामिल करके आप इसे यादगार बना सकते हैं। वे बताते हैं कि इस समय समर 69, ब्रेन फ्रीजर, ऐपल, किवी और पान फ्लेवर लोगों के पसंसीदा हैं।
*युवाओं को हुक्का बार क्यों अपनी ओर खींचता है?*

हुक्के का फ्लेवर युवाओं को अपनी ओर खींचता है। हुक्के से निकलने वाला धुआं उन युवाओं को ज्यादा आकर्षित करता है जो शराब-सिगरेट नहीं पीते। PGI चंडीगढ़ के कम्युनिटी हेल्थ के प्रोफेसर डॉ. सोनू गोयल बताते हैं कि अधिकतर लोग यह समझते हैं कि सिगरेट के मुकाबले हुक्का ज्यादा नुकसान नहीं करता। सोसाइटी में सिगरेट पीने को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन हुक्के को उस बुरी नजर से नहीं देखा जाता। दूसरी बात, सिगरेट स्मोकिंग पब्लिक प्लेस पर बैन है, लेकिन हर जगह स्मोकिंग जोन नहीं मिलते।
लेकिन हुक्के के लिए तो बड़े-बड़े बार और लाउंज होते हैं जहां खुशनुमा माहौल होता है, एक्स्ट्रा प्राइवेसी मिलती है, आपकी पसंद का म्यूजिक बजता है, दोस्तों के साथ समय मिलकर समय बिताने और खाने-पीने का भी इंतजाम होता है। यही कारण है कि टीनएजर्स हुक्के की ओर आकर्षित होते हैं।
अलग-अलग फ्लेवर में मिल रहे हुक्के में क्या होता है इसे ग्राफिक के जरिए जानते हैं-

*सिगरेट से दोगुना निकोटिन फेफड़ों में जाता है*

एक सिगरेट 8-10 कश में पी जा सकती है। लेकिन जब कोई लाउंज या बार में हुक्का सेशन में बैठता है तो एवरेज 100 से 200 कश ले लेता है। यानी सिगरेट से डेढ़ या दो गुना ज्यादा निकोटिन हमारे फेफड़ों में जाता है। चूंकि धुंआ पानी के जरिए आता है तो यह ज्यादा तादाद में फेफड़ों में पहुंचता है। एक घंटे के हुक्का सेशन में 90,000 मिलीलीटर धुंआ हमारे फेफड़ों में पहुंचता है जबकि एक सिगरेट से 500–600 मिलीलीटर धुआं शरीर के अंदर जाता है।

गुरुग्राम में मारेंगो एशिया हॉस्पिटल के लंग्स ट्रांसप्लांट और थोरासिक सर्जन डॉ. कामरान अली बताते हैं कि हुक्के में सिगरेट के मुकाबले 9 से 10 गुना ज्यादा कार्बन मोनो ऑक्साइड इनहेल होती है।

किसी हुक्का बार में हुक्का पीता व्यक्ति एक या दो मिनट में हुक्का नहीं छोड़ देता बल्कि घंटों पीता रहता है। यानी घंटों निकोटिन और कार्बन मोनोऑक्साइड फेफड़ों में पहुंचती रहती है। ये धुंआ केवल हमारे अंदर ही नहीं जाता बल्कि लाउंज या हुक्का बार में बैठे कई लोगों में भी उनकी सांस के साथ उनके फेफड़ों में जाता है। इसके धुंए में 82 जहरीले केमिकल्स पाए गए हैं जिनसे कैंसर होता है। चंडीगढ़ के पंचकूला में टोबैको कंट्रोल लैब ने हुक्के के धुंए में टॉक्सिक केमिकल्स होने की पुष्टि की है।

*हुक्का शेयर करने वालों के बीच बीमारी फैलती है*

लाउंज में लोग हुक्का शेयर करते हैं। एक ही पाइप को कई लोग मुंह में लेकर पीते हैं। इससे इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा अधिक होता है। कई जगहों पर कोरोना वायरस के फैलने का कारण भी इसे माना गया है। 2020 में दिल्ली में कोविड वायरस को फैलने से रोकने के लिए हुक्का बैन किया गया था। हुक्के में निकोटिन हो या न हो, इसके इस्तेमाल को इसलिए बंद किया गया क्योंकि लाउंज में इसे शेयर करके पिया जाता है। इसलिए रेस्टोरेंट, होटल, बार, पब्स, डिस्कोथेक में इस पर रोक लगाई गई।
डॉ. सोनू गोयल बताते हैं कि लोग लाउंज में हुक्का शेयर करके ही पीते हैं, जिससे गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल, टीबी और सांस से जुड़ी बीमारियों के मामले अधिक देखे जाते हैं। हुक्के के माउथपीस, होज और पानी में इन संक्रामक बीमारियों के बैक्टीरिया छुपे हो सकते हैं।

*लंग्स कैंसर का खतरा बढ़ जाता है*

सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है हुक्का पीना। सिगरेट की तरह ही हुक्का पीने से लंग्स की लाइनिंग जिसे सिलेरी लाइनिंग कहते हैं, डैमेज होने लगती है। फेफड़ों में कार्बन मोनोऑक्साइड जमा होती जाती है। घंटों हुक्का पीने से COPD (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव प्लमनरी डिजीज) की आशंका बढ़ जाती है। जिन्होंने कम उम्र से ही हुक्का पीना शुरू किया है और सालों से पी रहे हैं उनमें फेफड़ों का कैंसर होने का रिस्क अधिक होता है। साथ ही गैस्ट्रिक कैंसर और सांस की नली का कैंसर भी हो सकता है।

*किशोरों में ब्रेन का विकास रुक जाता है*

अमेरिका में हुई एक स्टडी के अनुसार, जो छोटी उम्र से हुक्का पीना शुरू करते हैं, उनके मस्तिष्क का विकास ठीक से नहीं हो पाता। किशोरावस्था तक ब्रेन का विकास होता रहता है। हुक्के से बहुत ज्यादा निकोटिन हमारे शरीर में पहुंचकर दिमाग के विकास को रोकता है।

*क्रॉनिक सिगरेट स्मोकर्स बनते हैं*

डॉ. कामरान कहते हैं कि जो बच्चे कम उम्र में ही हुक्का पीना शुरू करते हैं वो आगे चलकर क्रॉनिक सिगेरट स्मोकर्स बन सकते हैं। अगर कोई 13-14 साल की उम्र से ही हुक्का पी रहा है तो 20-25 की उम्र आते-आते वह बेतहाशा सिगरेट पीना शुरू कर सकता है।

हुक्का सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक है, इस ग्राफिक से समझते हैं

*कई राज्यों में बैन के बावजूद धड़ल्ले से चल रहे हुक्का बार*

गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड में हुक्का बार बैन हैं। पश्चिम बंगाल में भी हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाया गया, हालांकि रेस्टोरेंट एसोसिएशन की याचिका के बाद हाई कोर्ट ने बैन पर स्टे लगा दिया।

तमिलनाडु में कैबिनेट ने हुक्का बार को बैन करने संबंधी बिल पास किया है। इस बिल के अनुसार, हुक्का बार चलाने वालों को तीन साल तक की जेल और 50 हजार तक का जुर्माना भी हो सकता है। दिल्ली-उत्तर प्रदेश में कोविड के समय हुक्का बार को बैन किया गया और इसके लिए नए लाइसेंस नहीं दिए गए। इन सारे कदमों के बावजूद रेस्टोरेंट की आड़ में हुक्का बार खुले हैं।
इसे दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में हुई घटना से समझ सकते हैं-

पिछले 6 मई को हुक्का बार में 17 साल के एक लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह अपने दोस्तों के साथ बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए पहुंचा था। तभी वहां दूसरे लड़के आए और सिर में गोली मार दी। हुक्का बार अवैध रूप से चल रहा था।

*हुक्का बार के लिए नहीं है Listening*

देश में टोबैको के इस्तेमाल को रोकने के लिए कोटपा (द सिगरेट्स एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) कानून लागू है लेकिन हुक्का बार चलाने वाले ये दलील देते हैं कि हुक्के में किसी तरह का निकोटीन नहीं है। इस वजह से वे कानून से बच निकलते हैं। अमेरिका में फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (FDA) ने हुक्के के लिए अलग से गाइडलाइन बनाई है जबकि भारत में कोटपा के अलावा कोई अलग से गाइडलाइन नहीं है।

डॉ. सोनू गोयल बताते हैं कि कोटपा कानून की धारा 7, 8 और 9 को भी लागू किया जाए तो हुक्के पर भी रोक लगाई जा सकती है। इस कानून के अनुसार, सिगरेट की तरह हुक्के पर भी बताना होगा कि इसमें निकोटिन की कितनी मात्रा है। तंबाकू से कैंसर होता है, यह हुक्के पर भी लिखा होना चाहिए।
हुक्का बार में वेंटिलेशन, एंट्री करने वालों की उम्र, टैक्स जैसी नियमावली बनाने की जरूरत है।
*हुक्का बार पर कार्रवाई के लिए क्या-क्या कानूनी प्रावधान हैं*

सीआरपीसी 144 का उल्लंघन: पुलिस FIR दर्ज कर सामान जब्त कर सकती है
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015: हुक्का लाउंज में नाबालिग के मिलने पर
द पॉइजनस एक्ट, 1919: ड्रग इंस्पेक्टर और पुलिस एक्शन ले सकते हैं
COTPA की धारा 4, 5, 6 और 7: इन धाराओं में कार्रवाई हो सकती है
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006: फ्लेवर्ड टोबैको पाए जाने पर कार्रवाई
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940ः निकोटीन का सैंपल लेकर ड्रग इंस्पेक्टर कार्रवाई कर सकते हैं
IPC की धारा 268, 269 और 278: पुलिस इसमें एक्शन ले सकती है
ई-हुक्का का इस्तेमाल और बिक्री: पहली बार पकड़े जाने पर एक साल तक की जेल या एक लाख तक का जुर्माना या दोनों एक साथ। दोबारा पकड़े जाने पर तीन साल की जेल, पांच लाख तक का जुर्माना।
नेशनल सैंपल सर्वे 2016 के अनुसार 6.4% लोग हुक्का पीते हैं। मार्केट में 300 से अधिक फ्लेवर के हुक्के हैं। डिजाइनर हुक्कों की भरमार हैं जो लोहा, कांसा, पीतल, ग्लास, सेरामिक के बने होते हैं। इनमें सिलिकॉन बोल के अलावा मल्टी कलर LED लाइट और रिमोट कंट्रोल वाले हुक्के हैं। डॉ. राकेश गुप्ता बताते हैं कि हुक्का कोई भी हो सेहत के लिए सेफ नहीं है। ई-हुक्का को लोग सेफ समझते हैं लेकिन इसमें फ्लेवर्ड टोबैको का इस्तेमाल होता है।
*ग्राफिक्स: सत्यम परिडा*

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May 19, 2023

*सिगरेट पीने की तलब पड़ेगी भारी:प्लेन-ट्रेन के बाथरूम में पीने पर लगेगा जुर्माना; हो सकती है 2 साल की जेल*

*सिगरेट पीने की तलब पड़ेगी भारी:प्लेन-ट्रेन के बाथरूम में पीने पर लगेगा जुर्माना; हो सकती है 2 साल की जेल*
राजस्थान मारवाड़ के रहने वाले प्रवीण कुमार केम्पेगौड़ा को इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KIA) उतरने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवीण अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट से अहमदाबाद से बेंगलुरु जा रहे थे।

*उन पर आरोप था- फ्लाइट में बीड़ी पीने का।*

प्रवीण ने अपनी सफाई में कहा कि वह पहली बार प्लेन में बैठे थे। ट्रेन में सफर के दौरान अक्सर स्मोकिंग करते हैं। प्लेन में भी ऐसा कर सकते हैं, यही सोचकर उन्होंने टॉयलेट में बीड़ी पी।
इस मामले में KIA के एक अधिकारी ने बताया कि प्लेन में बैठने से पहले हर पैसेंजर का सिक्योरिटी चेक होता है। उस दौरान सिगरेट या बीड़ी का पता न लगा पाना भी एक बड़ी गलती है।
आज जरूरत की खबर में जानते हैं कि फ्लाइट, ट्रेन, पब्लिक प्लेसेस में स्मोकिंग करने का क्या नियम है इस पर बात करेंगे…
सवाल: स्मोकिंग को लेकर फ्लाइट में क्या नियम हैं?
जवाब: इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1937 की धारा 25 में लिखा है कि फ्लाइट में स्मोकिंग करने पर पूरी तरह से रोक है। विमान में पायलट, क्रू मेंबर्स और यात्री स्मोकिंग नहीं कर सकते।
सवाल: अगर फ्लाइट में स्मोकिंग करते हुए पाए गए, तो क्या एक्शन हो सकता है?
जवाब: आपको फ्लाइट से उतारा जा सकता है, आपको सजा के तौर पर जेल हो सकती है। जुर्माना भी लग सकता है।
सवाल: नो फ्लाई लिस्ट में डालने को लेकर कोई गाइडलाइन है क्या?
जवाब: इसके लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने 2017 में एक गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत, गलत बिहेवियर करने वाले यात्री को 3 महीने से लेकर 2 साल या फिर हमेशा के लिए 'नो फ्लाई लिस्ट' में डाला सकता है।
सवाल: ट्रेन में स्मोकिंग करने पर क्या नियम हैं?
जवाब: ट्रेन में वैसे तो लगभग कोई भी सामान लेकर चलने की परमिशन रेलवे देता है, लेकिन कुछ चीजें हैं जिन्हें बैन किया गया है। उसकी लिस्ट नीचे लगे क्रिएटिव में दी गई है।
सवाल: अगर कोई इन बैन सामनों को लेकर यात्रा कर रहा है तो उसे क्या सजा मिलती है?
जवाब: उत्तर रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर दीपक कुमार के मुताबिक अगर आप इन बैन सामानों को यात्रा के दौरान साथ लेकर जा रहे हैं तो रेलवे एक्ट 1989 की धारा 164-165 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
इस धारा के तहत 1000 रुपए का जुर्माना, 3 साल की सजा या फिर दोनों की सजा सुनाई जा सकती है।
सवाल: भारत में क्या आप ट्रेन में सिगरेट पी सकते हैं?
जवाब: बिल्कुल नहीं। रेलवे एक्ट की धारा 167 के तहत ट्रेनों में स्मोकिंग करना जुर्म है। किसी अन्य यात्री के मना करने पर या आपत्ति जताने के बाद डिब्बे में स्मोकिंग करते पाए जाने पर 100 से 500 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सवाल: डिब्बे यानी कोच के अलावा क्या ट्रेन के टॉयलेट में भी सिगरेट नहीं पी सकते हैं?
जवाब: इसका जवाब नहीं है। जलती हुई सिगरेट बट या माचिस की तीली को टॉयलेट के कूड़ेदान में फेंकने या कहीं भी फेंकने से आग लग सकती है। इससे काफी नुकसान हो सकता है।
भारतीय रेलवे बोर्ड ने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति के तहत रेलवे सुरक्षा बल और टिकट जांच कर्मचारियों को, ट्रेनों में सिगरेट पीने वालों के उल्लंघन करने पर सजा देने का प्रावधान है।
सवाल: पब्लिक प्लेसेस पर स्मोकिंग को लेकर क्या नियम हैं?
जवाब: सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रॉडक्ट्स एक्ट यानी COTPA की धारा-4 में पब्लिक प्लेसेस पर स्मोकिंग की रोक लगाई गई है। इसके अंतर्गत पब्लिक प्लेसेस जैसे होटल, रेस्टोरेंट, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, प्राइवेट एवं सरकारी कार्यालयों पर स्मोकिंग करना प्रतिबंधित है।
इस अधिनियम के तहत सभी पब्लिक प्लेसेस के इंचार्ज की तरफ से धूम्रपान निषेध क्षेत्र यानी नो स्मोकिंग एरिया वाले बोर्ड लगाना जरूरी है।

सवाल: अच्छा तो पब्लिक प्लेसेस के अंतर्गत कौन-कौन सी जगहें आती हैं?
जवाब: पब्लिक प्लेसेस जैसे सिनेमाहॉल, हॉस्पिटल, रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, ऑडिटोरियम, एयरपोर्ट, पब, सरकारी कार्यालय, लाइब्रेरी, कोर्ट, पोस्ट ऑफिस, मार्केट, शॉपिंग मॉल, कैंटीन, रिफ्रेशमेंट रूम, बैंक्वेट हॉल, कॉफी हाउस, डिस्को, स्कूल, पार्क, एम्यूजमेंट सेंटर के साथ और भी कई जगहें हैं, जहां पब्लिक अपने मर्जी से आ जा सकती है।

सवाल: इस कानून का उल्लंघन करने वालों की शिकायत करने के लिए क्या कोई स्मोकिंग हेल्पलाइन नंबर है?
जवाब: हां बिल्कुल है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2009 में धूम्रपान कानून के उल्लंघन की शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1800110456 भी शुरू किया।

सवाल: बहुत नियम-कानून की बातें हो गईं, अब स्मोकिंग से हेल्थ पर क्या असर होता है ये जानते हैं?
जवाब: रेस्पिरेटरी स्पेशलिस्ट और फोर्टिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. विवेक नांगिया का कहना है कि सिगरेट मुंह से लेकर पेट, लिवर, गले जैसे कई तरह के कैंसर का कारण बन सकती है।

*सिगरेट पीने का शरीर पर कई तरह से असर होता है…*

1. मुंह

सिगरेट का धुआं नाक की बाहरी लेयर को डैमेज कर देता है। इससे मुंह, चेहरे और नाक की स्किन पर भी असर पड़ता है।
होंठ और मसूड़े काले हो जाते हैं।मसूड़ों का कैंसर तक हो सकता है।
धुआं और हीट मुंह के अंदर की सेंस्टिव स्किन को भी डैमेज करते हैं। चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
धुआं मुंह में जाते ही दांतों के इनेमल पर जमा होकर उन्हें पीला करने लगता है। दांतों के बीच की कैविटी में टार जमने लगता है। टार और केमिकल्स मुंह और नाक को जोड़ने वाली नली में जमने से ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो सकती है।
इसमें मौजूद टार टेस्ट बड्स और सलाइवा ग्लैंड को ब्लॉक कर देता है। मुंह में लार कम बनती है। मुंह सूखने लगता है। मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू आने लगती है। नाक की नली में सिगरेट के धुएं में मौजूद टार और केमिकल जमने से सूंघने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
2. गला

सिगरेट का धुआं गले में मौजूद पतली झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है। इससे ड्रायनेस, और इरिटेशन हो सकता है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद फार्मेल्डिहाइड और एक्रोलीन नामक केमिकल थ्रॉट इन्फेक्शन और कैंसर का कारण बनते हैं।
सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स वोकल कार्ड को नुकसान पहुंचाते हैं इससे आवाज पर असर पड़ता है। गले का कैंसर भी हो सकता है।
3. विंड पाइप

सिगरेट के धुएं से विंड पाइप में मौजूद ऑर्गन डैमेज होते हैं। इससे खांसी और लेरिंजाइटिस नामक प्रॉब्लम हो सकती है।
4. फूड पाइप

सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स फूड पाइप की मसल्स को डैमेज कर देते हैं। इससे पेट का एसिड गले तक पहुंचकर जलन पैदा करता है।
5. फेफड़े

सिगरेट का धुआं रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा होने लगता है। इससे ब्रॉंकाइटिस, अस्थमा जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है। इससे थकान, ब्रीदलेसनेस, सीटी जैसी आवाज आने लगती है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ब्लड में ऑक्सीजन लेवल कम कर देती है। इससे शरीर के सभी अंगों को नुकसान होता है।
सिगरेट का धुआं जब आप इन्हेल करने के बाद वापस छोड़ते हैं तो यही प्रोसेस फिर से होती है और नुकसान डबल हो जाता है।
सवाल: सिगरेट के धुएं में मौजूद बेहद खतरनाक चीजें कौन सी हैं?
जवाब: ये हैं खतरनाक चीजें-

टार: ये लंग्स में मौजूद इन्फेक्शन और बैक्टीरिया को रोकने वाले बालों पर जम जाता है। इसमें मौजूद केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं।

कार्बन मोनोऑक्साइड: ये खून में मौजूद ऑक्सीजन को कम करती है। इससे जल्दी थकान और कमजोरी आने लगती है। इससे लंग्स की बीमारी हो सकती है।

ऑक्सीडेंट गैस: ये गैस ऑक्सीजन के साथ रिएक्ट करती हैं और खून को ज्यादा गाढ़ा बना देती हैं, इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।

बेंजीन: ये बॉडी सेल्स को डैमेज करता है। कई तरह के कैंसर का कारण भी बन सकता है।

चलते-चलते

*स्मोकिंग से हर साल 8 लाख लोगों की मौत*

स्मोकिंग करना किस हद तक डेंजरस हो सकता है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि भारत में हर साल 8 लाख लोगों की मौत तंबाकू और इससे जुड़े प्रोडक्ट को खाने से होती है। इसके बावजूद लोगों को अपनी मौत छोटी लगती है और तांबाकू की तलब ज्यादा महत्वपूर्ण।
May 19, 2023

जंतर-मंतर पर रेसलर्स का धरना:खाप के अल्टीमेटम को बचे 2 दिन, गिरफ्तारी नहीं; बृजभूषण ने पहलवानों के मेडल को 15 रुपए का बतायानई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के धरने का आज 27वां दिन है। खापों द्वारा महापंचायत कर सरकार को दिए गए अल्टीमेटम के अब सिर्फ 2 ही दिन बचे हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में 21 मई के बाद इस धरने व आंदोलन को बड़ा रूप दिया जा सकता है।धरने पर आज कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट खिलाड़ियों से मिलने व उनका समर्थन करने आएंगे।वहीं, एक यू-ट्यूबर को दिए इंटरव्यू में बृजभूषण ने खिलाड़ियों को लेकर कई तरह की बातें कही हैं। बृजभूषण ने खिलाड़ियों के मेडल लौटाए जाने की बात पर कड़ी टिप्पणी की ही है। उन्होंने कहा है कि मेडल की कीमत तो 15 रुपए हैं। अगर वापस करना ही है तो करोड़ों रुपए का नकद पुरस्कार करें।उन्होंने कहा कि जो पैसा फेडरेशन, सरकार, जनता ने उन्हें दिया है। गांव-गांव में मान-सम्मान हुआ है। जिसकी कीमत कई करोड़ रुपए है। ये वापस करें, तब मेडल वापस माने जाएंगे। इस खेल के बदौलत नौकरी मिल गई है, मेडल लौटा भी देंगे तो क्या होगा। सारा पैसा ब्याज समेत वापस लौटाए।WFI को कोई भंग नहीं कर सकता: बृजभूषणइसके साथ बृजभूषण ने कहा कि WFI को कोई भंग नहीं कर सकता है। यह गलत न्यूज चल रही है। IOA ने चुनाव करवाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें दो सदस्य IOA के हैं। एक जज का नाम आना है, जोकि अभी आया नहीं है।*साक्षी ने दिया जबाब*पहलवानों के मेडल को 15 रुपए का बताने पर इस पर साक्षी मलिक ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि गुड्डे-गुड़िया से खेलने की उम्र से अखाड़े की मिट्टी को दोस्त बनाया। जिस मेडल को 15 रुपए का बताया, उसके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। शर्म की बात है हमारे देश में चैम्पियंस का ये हाल हो रहा है। मैंने ये मेडल देश के लिए जीता है, कोई इसकी कीमत नहीं लगा सकता।बजरंग पुनिया ने ये दिया जबाबवहीं बजरंग ने कहा कि ये मेडल सालों की मेहनत और करोड़ों देशवासियों की दुआओं की वजह से आया है। जब हम मैदान में उतरते हैं तो देशवासी काम छोड़कर हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। हमारे गले में मेडल डलता है तो हर देशवासी का सीना चौड़ा होता है। ये मेरे भारत देश का मेडल है, इसकी कीमत कोई क्या लगाएगा भाई !*बबीता फोगाट ने फिर छेड़ा ट्वीट वार*उधर, भाजपा नेत्री एवं दंगल गर्ल बबीता फोगाट ने फिर से ट्वीट वार छेड़ दिया है। उन्होंने ट्विटर पर 3 ट्वीट किए हैं।*पहला ट्वीट*- एक किसान पिता द्वारा सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 6 बेटियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के अखाड़े तक पहुंचाने का सफर और संघर्ष कितना कठिन होता है इसका मुझे अच्छी तरह से ज्ञात है इसलिए मैं सभी महिला खिलाड़ियों के संघर्ष के साथ थी, हूं और रहूंगी*दूसरा ट्वीट*- और भारतीय न्याय व्यवस्था में विश्वास होने के नाते न्यायिक तौर पर उनके लिए हमेशा लड़ती रहूंगी। जो मुझ पर राजनीतिक आरोप लगा रही है उन्हें बताना चाहूंगी की मुझे गर्व है की मैं एक राष्ट्रवादी विचारधारा BJP से जुड़ी हूं और जुड़ी रहूंगी।*तीसरा ट्वीट*- परंतु मुझे लगता है कि आप जरूर जंतर-मंतर से अपनी राजनीति कैरियर की तलाश कर रही हैं। जहां पर आपने खिलाड़ियों के मंच को सभी विपक्षी राजनेताओं का मंच बना दिया है। प्रियंका गांधी का गले लगाना आपके भविष्य की राजनीतिक मनसा की कहानी कह रहा है।

जंतर-मंतर पर रेसलर्स का धरना:खाप के अल्टीमेटम को बचे 2 दिन, गिरफ्तारी नहीं; बृजभूषण ने पहलवानों के मेडल को 15 रुपए का बताया
नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के धरने का आज 27वां दिन है। खापों द्वारा महापंचायत कर सरकार को दिए गए अल्टीमेटम के अब सिर्फ 2 ही दिन बचे हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में 21 मई के बाद इस धरने व आंदोलन को बड़ा रूप दिया जा सकता है।

धरने पर आज कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट खिलाड़ियों से मिलने व उनका समर्थन करने आएंगे।
वहीं, एक यू-ट्यूबर को दिए इंटरव्यू में बृजभूषण ने खिलाड़ियों को लेकर कई तरह की बातें कही हैं। बृजभूषण ने खिलाड़ियों के मेडल लौटाए जाने की बात पर कड़ी टिप्पणी की ही है। उन्होंने कहा है कि मेडल की कीमत तो 15 रुपए हैं। अगर वापस करना ही है तो करोड़ों रुपए का नकद पुरस्कार करें।

उन्होंने कहा कि जो पैसा फेडरेशन, सरकार, जनता ने उन्हें दिया है। गांव-गांव में मान-सम्मान हुआ है। जिसकी कीमत कई करोड़ रुपए है। ये वापस करें, तब मेडल वापस माने जाएंगे। इस खेल के बदौलत नौकरी मिल गई है, मेडल लौटा भी देंगे तो क्या होगा। सारा पैसा ब्याज समेत वापस लौटाए।
WFI को कोई भंग नहीं कर सकता: बृजभूषणइसके साथ बृजभूषण ने कहा कि WFI को कोई भंग नहीं कर सकता है। यह गलत न्यूज चल रही है। IOA ने चुनाव करवाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें दो सदस्य IOA के हैं। एक जज का नाम आना है, जोकि अभी आया नहीं है।
*साक्षी ने दिया जबाब*

पहलवानों के मेडल को 15 रुपए का बताने पर इस पर साक्षी मलिक ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि गुड्डे-गुड़िया से खेलने की उम्र से अखाड़े की मिट्टी को दोस्त बनाया। जिस मेडल को 15 रुपए का बताया, उसके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। शर्म की बात है हमारे देश में चैम्पियंस का ये हाल हो रहा है। मैंने ये मेडल देश के लिए जीता है, कोई इसकी कीमत नहीं लगा सकता।
बजरंग पुनिया ने ये दिया जबाब

वहीं बजरंग ने कहा कि ये मेडल सालों की मेहनत और करोड़ों देशवासियों की दुआओं की वजह से आया है। जब हम मैदान में उतरते हैं तो देशवासी काम छोड़कर हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। हमारे गले में मेडल डलता है तो हर देशवासी का सीना चौड़ा होता है। ये मेरे भारत देश का मेडल है, इसकी कीमत कोई क्या लगाएगा भाई !
*बबीता फोगाट ने फिर छेड़ा ट्वीट वार*
उधर, भाजपा नेत्री एवं दंगल गर्ल बबीता फोगाट ने फिर से ट्वीट वार छेड़ दिया है। उन्होंने ट्विटर पर 3 ट्वीट किए हैं।

*पहला ट्वीट*- एक किसान पिता द्वारा सभी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 6 बेटियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के अखाड़े तक पहुंचाने का सफर और संघर्ष कितना कठिन होता है इसका मुझे अच्छी तरह से ज्ञात है इसलिए मैं सभी महिला खिलाड़ियों के संघर्ष के साथ थी, हूं और रहूंगी
*दूसरा ट्वीट*- और भारतीय न्याय व्यवस्था में विश्वास होने के नाते न्यायिक तौर पर उनके लिए हमेशा लड़ती रहूंगी। जो मुझ पर राजनीतिक आरोप लगा रही है उन्हें बताना चाहूंगी की मुझे गर्व है की मैं एक राष्ट्रवादी विचारधारा BJP से जुड़ी हूं और जुड़ी रहूंगी।

*तीसरा ट्वीट*- परंतु मुझे लगता है कि आप जरूर जंतर-मंतर से अपनी राजनीति कैरियर की तलाश कर रही हैं। जहां पर आपने खिलाड़ियों के मंच को सभी विपक्षी राजनेताओं का मंच बना दिया है। प्रियंका गांधी का गले लगाना आपके भविष्य की राजनीतिक मनसा की कहानी कह रहा है।
May 19, 2023

सेकेंडरी व सीनियर सैकेण्डरी परीक्षा जुलाई-2023 के लिए परीक्षार्थी 23 मई से कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

सेकेंडरी व सीनियर सैकेण्डरी परीक्षा जुलाई-2023 के लिए परीक्षार्थी 23 मई से कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
चंडीगढ़ , 18 मई - हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सैकेण्डरी (शैक्षिक) कम्पार्टमैंट/आशिंक अंक सुधार/पूर्ण विषय अंक सुधार व अतिरिक्त विषय तथा सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक) कम्पार्टमैंट/आशिंक अंक सुधार व अतिरिक्त विषय जुलाई-2023 परीक्षा के लिए परीक्षार्थी 23 मई, 2023 से बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर दिए गए लिंक से आवेदन कर सकते हैं।
  बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि सैकेण्डरी एवं सीनियर सैकेण्डरी (शैक्षिक) परीक्षा जुलाई-2023 के लिए परीक्षार्थी बिना विलम्ब शुल्क 850 रुपये  के साथ पंजीकरण की तिथि 23 मई से 31 मई, 2023 निर्धारित की गई है। उन्होंने आगे बताया कि 100 रुपये  विलम्ब शुल्क के साथ पंजीकरण तिथि 01 जून से 05 जून, 2023 रहेगी। इसी प्रकार 300 रूपये  विलम्ब शुल्क सहित पंजीकरण तिथियाँ 06 जून से 10 जून, 2023 तथा 1000 रुपये  विलम्ब शुल्क सहित पंजीकरण तिथियाँ 11 जून से 15 जून, 2023 तक रहेगी।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त ऐसे परीक्षार्थी जिनका सैकेण्डरी (शैक्षिक) परीक्षा मार्च-2022 की मुख्य परीक्षा में परीक्षा परिणाम उत्तीर्ण (Qualified) रहा है, लेकिन किसी एक अनिवार्य विषय (गणित, सामाजिक विज्ञान व विज्ञान विषय) में फेल थे तथा किन्हीं कारणों से समय रहते स्थानांतरित फेल अनिवार्य विषय की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए तो वह फेल विषय की परीक्षा देने के लिए 5000 रुपये एकमुश्त परीक्षा शुल्क के साथ विशेष अवसर दिया जाता है। ऐसे परीक्षार्थी 23 मई से 15 जून,  2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
उन्होंने आगे बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने से पहले सभी दिशा-निर्देशों को भली-भांति पढ़ते हुए समय रहते आवेदन करना सुनिश्चित करें। अन्तिम तिथि उपरान्त किसी भी प्रकार के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई के लिए ईमेल assec@bseh.org.in  व assrs@bseh.org.in माध्यम से सम्पर्क करते हुए समाधान करवाना सुनिश्चित करें।