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Monday, May 29, 2023

May 29, 2023

उत्तर भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पहली इकाई संभवतः जून 2028 में काम करना शुरू कर देगी

चंडीगढ़, 29 मई - हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में स्थित उत्तर भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पहली इकाई संभवतः जून 2028 में काम करना शुरू कर देगी।
यह जानकारी आज यहां मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में हरियाणा सरकार और गोरखपुर हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) के अधिकारियों के समन्वय के संबंध में हुई बैठक में दी गई।

श्री कौशल ने बैठक में बिजली अधिकारियों को उच्च ट्रांसमिशन, कम क्षमता की लाइनों के स्थानांतरण कार्य में तेजी लाने और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजना को वैकल्पिक स्रोत से संयंत्र स्थल तक 33 केवी बिजली कनेक्शन प्रदान करने का निर्देश दिये।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग और फतेहाबाद जिला प्रशासन को परियोजना स्थलों को सड़क से राष्ट्रीय राजमार्ग से जोडने के लिए संयुक्त अध्ययन करने का निर्देश दिये। इस पहुंच मार्ग से स्थल तक भारी लिफ्टें और मशीनरी के परिवहन की सुगम सुविधा होगी।

परियोजना की प्रगति की जानकारी देते हुए जीएचएवीपी के परियोजना निदेशक श्री निरंजन कुमार मित्तल ने बताया कि भूमि सुधार का 74 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. इसके अतिरिक्त, पहली इकाई के लिए एंड शील्ड और स्टीम जनरेटर जैसे महत्वपूर्ण रिएक्टर उपकरण साइट स्थल पर पहुंच गए हैं।

परमाणु संयत्र गोरखपुर में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के पहल के रूप में पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से अब तक 39.08 करोड रुपये का निवेश किया गया है। इस राशि से काजलहेड़ी से गोरखपुर तक फतेहाबाद नहर शाखा के बाएं किनारे पर पक्की सड़क का निर्माण, आस-पास के स्कूलों में कक्ष, लैब, पुस्तकालयों और शौचालयों की स्थापना, गोरखपुर में गौशाला का निर्माण, काजलहेड़ी में कछुआ संरक्षण पार्क का निर्माण, मुफ्त इलाज और दवाओं के वितरण के लिए एक मोबाइल मेडिकल वैन की व्यवस्था करने जैसी विभिन्न विकास परियोजनाओं के कार्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय लोगों में कौशल को बढ़ावा देने और योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के भी प्रयास किए गए हैं।

श्री कौशल ने कहा कि अग्रोहा में बन रही आवासीय टाउनशिप एवं आठ बहुमंजिला आवासीय टावरों एवं संबंधित सुविधाओं के निर्माण की प्रगति का कार्य अग्रिम चरण में है जिसे जून 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण, श्री विनीत गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास एवं पंचायत श्री अनिल मलिक, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग श्री ए.के. सिंह, प्रबंध निदेशक, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड श्री मोहम्मद शाईन व हरियाणा परमाणु विद्युत परियोजना गोरखपुर के अधिकारी उपस्थित थे।
May 29, 2023

राज्य की सभी हवाई पट्टियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए : डिप्टी सीएम

राज्य की सभी हवाई पट्टियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए : डिप्टी सीएम
चंडीगढ़, 29 मई- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राज्य की सभी हवाई पट्टियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, इसके लिए बेशक सुरक्षा गार्ड नियुक्त किया जाएं या स्थानीय पुलिस की मदद ली जाए।

डिप्टी सीएम , जिनके पास नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों की बैठक अध्यक्षता की।
उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश की सभी एयर-स्ट्रिप्स पर एटीएस (एयर टै्रफिक कंट्रोल), फायर-सिस्टम,  हैंगर समेत विभिन्न सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने इन एयर-स्ट्रिप्स पर फायर-टेंडर को जल्द  से जल्द खड़े  निर्देश दिए ताकि एयर स्ट्रिप्स पर प्लेन लैंडिंग आदि सुरक्षित हो सकें। उन्होंने कहा कि इन फायर-टेंडर  का एमरजेंसी में आस -पास के क्षेत्र में भी उपयोग में लाया सकेगा जिससे प्रदेश के नागरिकों के जान -मॉल की हिफ़ाजत करने में सहयोग मिलेगा।श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने भिवानी तथा बाछौद ,नारनौल एयर स्ट्रिप्स का दौरा किया था जहाँ पर उन्होंने पायलट का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं से बात की थी और उनकी समस्याओं  बारे पूछा था। उपमुख्यमंत्री ने इन प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बताई गई समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कोई ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए जिससे अधिक से अधिक हरियाणा के युवाओं को पायलट का प्रशिक्षण दिया जा सके।
श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा में नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा कई प्रोजेक्टस पर कार्य किया जा रहा है, भविष्य में प्रदेश में तेजी से सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
May 29, 2023

हिसार में एलिवेटिड-रोड के कार्य को चरणबद्ध तरीक़े से किया जायेगा पूरा - दुष्यंत चौटाला

हिसार में एलिवेटिड-रोड के कार्य को चरणबद्ध तरीक़े से किया जायेगा पूरा - दुष्यंत चौटाला
चंडीगढ़, 29 मई - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हिसार में एलिवेटिड-रोड के कार्य के प्रथम चरण को जल्द आरंभ करें ताकि शहर को भारी ट्रैफिक से होने वाली परेशानियों से मुक्त किया जा सके। उन्होंने इस कार्य को चरणबद्ध तरीक़े से तैयार करने के निर्देश दिए।

डिप्टी सीएम, जिनके पास लोक निर्माण विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां  पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की।
 इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव श्री डी.एस ढेसी, लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी , उपमुख्यमंत्री के ओएसडी श्री कमलेश भादू समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री दुष्यंत चौटाला ने बैठक के बाद बताया कि हिसार में पुराने ‘दिल्ली-हिसार- सिरसा रोड़’ पर लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब 8.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा। यह रोड़ सिरसा चुंगी से लेकर जिंदल फैक्ट्री के पास फ्लाईओवर तक बनेगा । इसमें 7 एंट्री प्वाइंट तथा 7 एग्जिट प्वाइंट होंगे। रास्ते में आने वाले सेक्टर-14, बस स्टैंड, नागोरी गेट, पुलिस लाइन एरिया, अर्बन एस्टेट, डाबड़ा चौक, मॉडल टाउन, सेक्टर 9-11 क्षेत्र में लोगों को वाहनों के जाम से निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस एलिवेटेड रोड पर करीब 723 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है।
May 29, 2023

*आज ही हुआ था एवरेस्ट फतह:32 साल, 1200 नाकाम कोशिश; फिर सामान ढोने वाले तेनजिंग के साथ हिलेरी ने इतिहास रचा*

*आज ही हुआ था एवरेस्ट फतह:32 साल, 1200 नाकाम कोशिश; फिर सामान ढोने वाले तेनजिंग के साथ हिलेरी ने इतिहास रचा*
28 मई 1953 की बात है। माउंटेनियर्स एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की। दिनभर की चढ़ाई के बाद 27,900 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे। इस दौरान तेज बर्फीली हवाएं चल रही थीं। पारा माइनस 35 डिग्री था।

ऐसा लग रहा था कि शरीर का हिस्सा गलकर अलग हो जाएगा। इसी रात को कैंप में हिलेरी के जूते पैर से खुल गए। अगली सुबह जब वे उठे तो मौसम तो साफ हो गया था, लेकिन उनके पैर बर्फ में जमे हुए थे।

आगे की चढ़ाई के लिए जूते खोलने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। दोनों ने सुबह 6:30 बजे चढ़ाई शुरू की। 29 मई 1953 को सुबह 11:30 बजे वे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंच गए

आज भास्कर एक्सप्लेनर के इतिहास में हम जानेंगे एवरेस्ट पर चढ़ाई की कोशिशों और पहले सफल अभियान के बारे में-

*1852 में जॉर्ज ‘एवरेस्ट’ ने ऊंचाई नापी और उन्हीं का नाम दे दिया गया*
माउंट एवरेस्ट एशिया के महान हिमालय श्रृंखला के शिखर पर है। यहां का वातावरण बेहद ठंडा (तापमान करीब -37 डिग्री) और मौसम उससे भी अधिक बदलाव वाला है। नेपाल और तिब्बत के बॉर्डर पर खड़े इस दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ की ऊंचाई सबसे पहले अंग्रेजों ने 1852 में नापी।

चूंकि देश अंग्रेजों का गुलाम था इसलिए माउंट एवरेस्ट भी ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था। साल 1852 में अंग्रेजों ने हिमालय के पहाड़ों का एक सर्वे कराया। इसे ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे ऑफ इंडिया कहा गया। इस सर्वे टीम ने अनुमान लगाया और बताया कि एवरेस्ट की ऊंचाई 29,002 फीट है।

तेनजिंग और हिलेरी ने एवरेस्ट पर चढ़ने का यही रास्ता अपनाया था जो तस्वीर में बैंगनी रंग में दिखाया गया है।
इस ट्रिगोनोमेट्रिकल सर्वे टीम के एक पुराने लीडर थे जॉर्ज एवरेस्ट। इनके नाम पर एवरेस्ट का नाम रख दिया गया। बाद में तेनजिंग के एवरेस्ट फतह के बाद इसका नाम बदल कर माउंट तेनजिंग करने का बहुत दबाव बना, मगर नाम नहीं बदला जा सका।

*1921 में पहली बार एवरेस्ट को फतह करने की कोशिश हुई*
तेनजिंग और हिलेरी के एवरेस्ट फतह से पहले 13 देशों के 1200 से भी अधिक माउंटेनियर्स ने एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश की थी, मगर आस-पास की चोटियों तक ही पहुंच सके। एवरेस्ट पर चढ़ने की पहली कोशिश जो रिकॉर्ड में है वो 1921 में की गई।

अंग्रेजों के एक ग्रुप ने लगभग 400 मील की यात्रा करके एवरेस्ट के पास पहला बेस कैंप बनाया था। यहां बहुत तेज तूफान आया और उन्हें चढ़ाई रद्द करनी पड़ी। हालांकि पहली बार चढ़ाई पर निकले जॉर्ज मैलोरी को यह पता चल गया था कि एवरेस्ट पर जाने का आसान रास्ता क्या है।
माउंटेनियर जॉन नोएल 1924 में अपने कैमरे के साथ करीब 23,000 फीट की ऊंचाई पर।
साल 1924 में एडवर्ड नाम के एक माउंटेनियर ने बिना ऑक्सीजन 28,128 फीट तक चढ़ाई कर ली, मगर 1000 मीटर पहले ही लौट आया। एडवर्ड के लौटने के चार दिन बाद मैलोरी अपने एक सहयोगी के साथ चढ़ा और फिर उसका पता नहीं चला।

बाद में साल 1999 में मैलोरी का शव एवरेस्ट पर ही मिला। गिरने से उसकी हड्डियां टूट गई थीं। वहीं उसके साथी का आज तक पता नहीं चल सका।

*शेरपा की मदद के बिना एवरेस्ट पर चढ़ना असंभव*
इस चढ़ाई में माउंटेनियर्स की मदद करते थे शेरपा। शेरपा एक समुदाय है जो नेपाल और तिब्बत की दुर्गम पहाड़ियों वाले इलाके में रहते हैं और एवरेस्ट ट्रैकिंग में लोगों की आज भी मदद करते हैं। तेनजिंग भी इसी बिरादरी से आते थे।

शेरपा का मतलब होता है 'पूरब के लोग'। माना जाता है कि इन लोगों का मूल निवास तिब्बत था, जो कुछ सौ साल पहले नेपाल और दूसरे इलाकों में आकर बस गए। शेरपा दुर्गम पहाड़ों पर चढ़ने में महारत रखते हैं इसलिए ये गाइड की भूमिका में भी रहते हैं।
साल 1949 से पहले तक तिब्बत के रास्ते ही एवरेस्ट पर चढ़ा जा सकता था। यह इलाका शेरपाओं का था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया भर के माउंटेनियर्स में एवरेस्ट फतह करने की होड़ लग गई।

1949 में नेपाल ने बाहरी दुनिया के लिए अपना दरवाजा खोल दिया और 1950-1951 में ब्रिटेन ने सरकारी तौर पर कई अभियान चलाए और नए रास्ते खोज निकाले।1952 में खुम्बू आइसफॉल को खोजा गया।

इस अभियान के तहत खुम्बू आइसफॉल की तरफ से रेमंड लैम्बर्ट नाम के शख्स के साथ तेनजिंग शेरपा पहली बार एवरेस्ट पर चढ़े। वो 28,210 फीट तक पहुंचे, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। तेनजिंग को सात अलग-अलग अभियानों के साथ एवरेस्ट चढ़ने का मौका मिला और वो सातवीं बार में सफल हो सके।
खुम्बू ग्लेशियर पर लगाया गया बेस कैंप। इस कैंप के पीछे लिंगट्रेन की चोटी है जो बर्फबारी में पूरी तरह ढंक चुकी है।
दरअसल, तब तकनीक इतनी विकसित नहीं थी और अपना भारी भरकम ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर चढ़ना पड़ता था। इसके बाद से तेनजिंग शेरपा की कहानी शुरू हुई। तेनजिंग हिमालय की गोद में ही पले-बढ़े एक शख्स थे।

तेनजिंग शेरपा का बचपन भी याकों के विशाल झुंड की रखवाली में बीता। पहाड़ों की ढलानों पर याकों को वो 18000 फीट तक लेकर चले जाते थे। एवरेस्ट को तब शोभो लुम्मा कहा जाता था। उस वक्त एक कहावत थी, ‘मि-ति गु-ति चा-पु लॉन्ग-न्गा’। इसका मोटे तौर पर अनुवाद ये है कि "आप इसकी चोटी को नौ दिशाओं से ही देख सकते हैं क्योंकि दसवीं दिशा से देखने की कोशिश करने वाला पक्षी अगर ऊंचा उड़ा तो अंधा हो जाता है।"

अकेले में याक के साथ बचपन बिताने वाले तेनजिंग को यह कहावत बहुत परेशान करती थी। वो मन ही मन एवरेस्ट पर चढ़ने का सपना देखने लगे। तेनजिंग को पहला मौका 1935 में अंग्रेजों ने दिया, तब उनकी उम्र 21 साल थी। काम था ट्रैकिंग पर आए लोगों का भारी सामान नीचे के कैंप से ऊपर के कैंप तक ले जाना। पहाड़ों पर सामान लाद कर चढ़ने का वो उनका पहला अनुभव था।

*बेस कैंप पर हिलेरी के साथ शेरपा तेनजिंग*
तेनजिंग इसके बाद कई दलों के साथ गए। दस सालों के भीतर करीब पांच बार अलग-अलग दलों के साथ एवरेस्ट चढ़ने के बाद उन्हें रस्सी और कुल्हाड़ी का प्रयोग करना आ गया था। तेनजिंग को सबसे आसान रस्ता और उपकरणों का प्रयोग पता चल गया था।
अब एवरेस्ट फतह करने की 3 महीने की कहानी

*तेनजिंग और एडमंड हिलेरी की जोड़ी ने 10 मार्च से चढ़ाई शुरू की।*
साल 1953 में तेनजिंग को मौका मिला कि वह अपने बचपन का सपना पूरा कर सकें। उन्हें एक ब्रिटिश माउंटेनियर्स की टीम से जुड़ने का मौका मिला। इस टीम के लीडर कर्नल हंट थे। इस दल में कुछ अंग्रेज और दो न्यूजीलैंड के माउंटेनियर थे। जिनमें से एक एडमंड हिलेरी भी थे।

जॉन हंट (बीच में), एडमंड हिलेरी के साथ शेरपा तेनजिंग (दाएं)
जॉन हंट (बीच में), एडमंड हिलेरी के साथ शेरपा तेनजिंग (दाएं)।
कर्नल हंट पूरी तैयारी में जुटे और अपनी टीम के साथ लगभग दो महीने तक प्रैक्टिस करते रहे। सुबह उठ कर पत्थरों का बोरा भरकर उसे लेकर पहाड़ों पर ऊपर नीचे चढ़ने उतरने की प्रैक्टिस करते। इसके बाद तय हुआ कि 10 मार्च 1953 को टीम नेपाल के रास्ते दो हिस्सों में आगे बढ़ेगी।

पहली टीम में 150 शेरपा यानी हेल्पिंग हैंड होंगे और दूसरी टीम 11 मार्च को 200 शेरपाओं के साथ रवाना होगी। एवरेस्ट के पहले बेस कैंप तक 350 से अधिक लोगों की टीम गई जिसमें माउंटेनियर हिलेरी समेत टीम लीडर कर्नल हंट शामिल थे।

हंट ने योजना बनाई थी कि तीन बार में दो-दो माउंटेनियर जाएंगे। यदि फिर भी एवरेस्ट पर नहीं चढ़ पाए तो अपने बेस कैंप आइसफॉल पार्टी पर वापस आएंगे और फिर से तैयारी शुरू करेंगे।

पूरी टीम 12 अप्रैल 1953 को अपने बेस कैंप आइसफॉल पार्टी पर पहुंची। यह जगह 17,900 फीट (5455 मीटर) पर थी। शेरपाओं ने यहां तक जितना सामान पहुंचाया, उसका कुल भार 1 टन बताया जाता है।

यहां से तय हुआ कि टीमें धीरे-धीरे ऊपर की ओर कैंप लगाएंगीं और रुक-रुक कर आगे बढ़ा जाएगा। पहले कैंप से निकलने के तीन दिन बाद दो टीमें साथ बढ़ेंगी। पहली टीम थी टॉम बोर्डिलॉन और चार्ल्स इवांस की और दूसरी जोड़ी थी हिलेरी और तेनजिंग शेरेपा की।

*सातवां कैंप लगाने में एक महीने का समय लग गया*
हिलेरी और तेनजिंग ने साउथ कैंप से चढ़ाई शुरू की और 15 अप्रैल को 19,400 फीट (5,900 मीटर) पर दूसरा कैंप लगाया गया। दरअसल कैंप धीरे-धीरे ऊपर की तरफ लगाए जाते रहे ताकि लौटने की स्थिति में ज्यादा नीचे न आना पड़े।

*खूम्बु आइसफॉल बेस कैंप पर कर्नल जॉन हंट के साथ शेरपाओं की तस्वीर।*
  खूम्बु आइसफॉल बेस कैंप पर कर्नल जॉन हंट के साथ शेरपाओं की तस्वीर।
यहां से मौसम और बर्फबारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सातवां कैंप लगाने में उन्हें एक महीने का समय लग गया। 17 मई को टीम के दो माउंटेनियर ने 24,000 फीट (7,300 मीटर) पर सातवां कैंप लगाया और फिर 21 मई को तेनजिंग की टीम ने 26,000 फीट (7,300 मीटर ) पर आठवां और आखिरी कैंप लगाया।

ल्होत्से फेस की तलहटी में 6,500 मी. पर चौथे एडवांस बेस कैंप की तस्वीर।
टीम लीडर हंट ने टॉम बॉर्डिलन और चार्ल्स इवांस की टीम को पहले चढ़ाई के लिए चुना। 26 मई की सुबह जब इस टीम ने चढ़ाई शुरू की तो लगभग चार घंटे बाद दोपहर 1 बजे 28,700 फीट (8,750 मीटर) तक पहुंच गए।

वो लगभग पहुंचने ही वाले थे कि उनमें से एक का ऑक्सीजन मास्क का वॉल्व टूट गया और इसे ठीक करने में एक घंटे का समय लगा। मगर तब तक लगातार ऑक्सीजन की कमी से चढ़ना दूभर हो गया और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

*साल 1924 में ली गई एवरेस्ट की एक तस्वीर।*
अब बारी थी तेनजिंग और हिलेरी की। तेनजिंग और हिलेरी ने 28 मई की रात कैंप में बिताई और अपनी पहली चढ़ाई 29 मई को शुरू की। घर से निकलते वक्त उनकी बेटी नीमा ने उन्हें एक पेंसिल दी थी। साथ ही उनके एक दोस्त ने राष्ट्रीय ध्वज दिया था। चढ़ाई पर निकलते वक्त तेनजिंग के पास संयुक्त राष्ट्र संघ, ग्रेट ब्रिटेन, नेपाल और भारत के चार झंडे थे जो उनकी कुल्हाड़ी में मजबूती से लिपटे हुए थे।

हालांकि तेनजिंग साल 1952 में यहां तक आ चुके थे, मगर लड़ाई इससे ऊपर जाने की थी। हंट के निर्देश के बाद तेनजिंग और हिलेरी ने 29 मई की सुबह 6:30 बजे कैंप छोड़ दिया, मगर तेनजिंग के पैर उनका साथ कम दे रहे थ

एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे उपकरणों से लदे अपने अंतिम कैंप (8,534 मीटर) से आगे बढ़ते हुए। तस्वीर उनकी सहायता टीम के एक सदस्य अल्फ ग्रेगोरी ने ली थी।
दरअसल बीती रात 28 मई को बर्फीली हवाओं में कैंप के भीतर सोते वक्त तेनजिंग ने अपने जूते कैंप के बाहर उतार दिए थे। बाद में उन्होंने इसे आदत का हिस्सा बताया था, मगर उस दिन सुबह तक उनके पैरों में जान नहीं बची थी।
सुबह निकलने से पहले तेनजिंग ने सुरक्षा और बर्फीली हवाओं से बचने के लिए तीन प्रकार के मोजे पहने। शुरू में थोड़ी दिक्कत हुई, मगर बचपन से पहाड़ों में ही रहे तेनजिंग ने एक घंटे में 1,000 फीट (300 मीटर) की चढ़ाई पूरी कर ली।

तेनजिंग और हिलेरी ने 28,000 फीट (8,500 मीटर) पर लगभग नौ बजे पहुंचने के बाद थोड़ी देर रुक कर आराम किया और आखिरी के लगभग एक हजार मीटर की चढ़ाई शुरू की।

29 मई को साढ़े 11 बजे हिलेरी और तेनजिंग दुनिया के शिखर पर थे

जब केवल 300 फीट और चढ़ना बाकी था तो एक बड़ी समस्या सामने आ गई। यहां एक संकरी और सीधी खड़ी चट्टान थी। तेनजिंग ने हिलेरी को बताया कि इसके अलावा जो रास्ता है वो बहुत मुश्किल और जानलेवा साबित हो सकता है। यानी यह चट्टान पार करना लगभग जरूरी था।
चांग ला की ढलान पर रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ने की कोशिश करता एक माउंटेनियर ग्रुप। साल- 1924
यहां हिलेरी और तेनजिंग ने थोड़ी देर आराम किया और फिर अपने बैग से रस्सी निकाली। दोनों ने 30 फीट की रस्सी के सिरों को पकड़ा और आगे-पीछे होकर चढ़ना शुरू कर दिया। फिसलन भरी बर्फ पर स्टिक और रस्सी के सहारे चढ़ते हुए धैर्य के साथ दोनों आगे बढ़े।

दोनों लगभग 15 मिनट और चढ़े और पाया कि वो दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर पर हैं। घड़ी में 11:30 बज रहे थे।

एवरेस्ट के शिखर पर चार देशों के झंडे के साथ तेनजिंग शेरपा
तेनजिंग रो पड़े और उन्हें हिलेरी ने संभाला। उन्होंने बैग से झंडे निकाले, बर्फ में गाड़ा। इसके बाद बेटी की दी हुई पेंसिल भी बर्फ में खोंस दी। कुछ तस्वीरें खिंचवाई और भगवान को धन्यवाद दिया।
माउंट एवरेस्ट के ऊपर से पश्चिम दिशा की ओर की यह तस्वीर हिलेरी ने ली थी। इसमें वेस्ट रोंगबुक ग्लेशियर नीचे दाईं तरफ देखा जा सकता है। 
माउंट एवरेस्ट के ऊपर से पश्चिम दिशा की ओर की यह तस्वीर हिलेरी ने ली थी। इसमें वेस्ट रोंगबुक ग्लेशियर नीचे दाईं तरफ देखा जा सकता है।
May 29, 2023

सभी नागरिकों को ट्रैफिक नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए - विज

सभी नागरिकों को ट्रैफिक नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए - विज
चण्डीगढ़, 29 मई - हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है ताकि यातायात नियमों की उलंघना को रोका जा सके और यातायात नियमों की पालना करवाई जा सके। इसी कड़ी में प्रदेश में 18 मई से 27 मई, 2023 तक विशेष अभियान चलाकर यातायात नियमों की उल्लंघना करने पर कुल 3843 चालान किए गए है, जिसमें 2867 लेन ड्राइविंग और 976 ओवर स्पीड के चालान शामिल है।
श्री विज ने बताया कि लेन ड्राइविंग और ओवर स्पीड के अम्बाला में 794, कैथल में 70, सिरसा में 92, कुरूक्षेत्र में 87, मेवात में 205, रोहतक में 110, करनाल में 100, हिसार में 38, यमुनानगर में 142, पानीपत में 265, झज्जर में 126, नारनोल में 80, सोनीपत में 92, फरीदाबाद में 804, भिवानी में 136, पंचकूला में 145, चरखी दादरी में 84, गुरूग्राम में 96, रेवाड़ी में 127, जींद में 43, हांसी में 35, फतेहाबाद में 62 और पलवल में 110 चालान किए गए है।
श्री विज ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि ट्रैफिक नियमो के उल्लंघन से न सिर्फ व्यक्ति अपने जीवन को खतरे में डालते है अपितु दूसरे नागरिको की जान को भी खतरा रहता है और इससे दूसरे लोगो के लिए भी मुश्किलें उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि यातायात नियमो के उलंघन से सड़क दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती है और ट्रैफिक जाम होने से अन्य दिक्कतें पैदा होती है। इसलिए सभी नागरिकों को ट्रैफिक नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए ताकि हम एक सभ्य समाज की स्थापना में अपना योगदान यातायात नियमों का पालन करके दे सकें।
पिछले तीन विशेष अभियानों में किए जा चुके कुल 16,118 चालान

श्री विज ने बताया कि प्रदेश में 5 जनवरी से 15 जनवरी, 2023 तक भी विशेष अभियान चलाकर यातायात नियमों की उल्लंघना करने पर लेन ड्राइविंग और गलत साइड ड्राइविंग के कुल 5230 चालान और 20 फरवरी से 27 फरवरी, 2023 तक कुल 5021 चालान भी किए गए थे। इसी प्रकार, 7 अप्रैल से 14 अप्रैल, 2023 तक कुल 5867 चालान किए गए।
May 29, 2023

जींद ने कई सीएम बनवाए लेकिन सुध किसी ने नहीं ली : डॉ. सुशील गुप्ता

*जींद ने कई सीएम बनवाए लेकिन सुध किसी ने नहीं ली : डॉ. सुशील गुप्ता*                                       
जींद : स्थानीय रविदास धर्मशाला में जिला जींद आम आदमी पार्टी द्वारा नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सुशील गुप्ता सांसद का फूल माला व बुके भेंट कर भव्य स्वागत किया गया. डॉ गुप्ता को ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से प्रोग्राम स्थल तक आम आदमी पार्टी के जयघोष द्वारा लाया गया।                                 
मंच संचालन कर रहे पूर्व जिला प्रवक्ता डॉ गणेश कोशिश ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि डॉ गुप्ता के स्वागत समारोह में सैकड़ों लोगों की हाजिरी थी। जिला प्रधान वजीर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की नीति और नियत में कोई अंतर नहीं है। आम आदमी पार्टी शिक्षा और स्वास्थ्य पर महती कार्य करने वाली पार्टी है।                           
प्रदेश महिला अध्यक्ष डॉ रजनीश जैन ने अपने संबोधन में  कहा कि डॉ सुशील गुप्ता द्वारा हरियाणा की कमान संभालने से पार्टी बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी। हरियाणा में मौजूदा हालात बड़े दयनीय है। चाहे किसान हो कर्मचारी हो चाहे व्यापारी हो आम आदमी की सुध लेने वाला कोई नहीं है। पार्टी लोकसभा अध्यक्ष पवन फौजी ने कहा कि हरियाणा में कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमराई हुई है। खिलाड़ियों के दुख और तकलीफों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।हरियाणा खेलों के क्षेत्र में पिछड़ चुका है।                        
डॉ सुशील गुप्ता सांसद अध्यक्ष आम आदमी पार्टी ने सरकार की नीति और नियत पर प्रहार करते हुए कहा कि जींद रियासत काल से ही पिछड़ा रहा है। पिछली सरकारों ने जींद के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जबकि जींद ने कई सीएम हरियाणा की जनता को दिए हैं। वर्तमान सरकार को जनता की समस्याओं से कोई से कोई लेना देना नहीं है। यह तो मुख्यमंत्री के जगह जगह हो रही जनसंवाद कार्यक्रम  मे सरकार की पोल खुल रही है। किरकिरी हो रही है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार के राज में बेटियां सुरक्षित नहीं है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के संगठन में जींद जिले की बेइंतेहा भागीदारी को सराहा और कार्यकर्ता लोगों के काम आए पार्टी की नीति व प्रोग्राम को जनता के बीच लेकर जाए। उन्होंने आगे कहा कि 2024 में आम आदमी पार्टी की सरकार होगी इसी कड़ी में पार्टी लोकसभा अध्यक्ष पवन फौजी ने अपने अथक प्रयासों से विनोद कुमार बड़ौदा पंचायत मेंबर को उनके अनेक साथियों के साथ पार्टी में शामिल करवाया व डॉक्टर सुशील गुप्ता ने पार्टी की टोपी व पटका पहन करके सम्मानित किया स्वागत। समारोह में मुख्य रूप से लोकसभा अध्यक्ष पवन फौजी, वरिष्ठ नेता रमेश ढिगाना, लाभ सिंह सिद्धू, डॉ गणेश कौशिक ,कविता दलाल ,सुभाष गांगुली ,जितेंद्र कुंडू, वरिष्ठ नेत्री अनीता रानी सुभाष ,सतवीर ,पाला राम, संजय सिंह एडवोकेट नरेश जांगड़ा आदि अनेकों सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
May 29, 2023

*यमुनानगर में CM फ्लाइंग की रेड:दामला में घरेलू गैस के 70 सिलेंडर से भरी महिंद्रा पिकअप पकड़ी; न गेट पास मिला, न कोई बिल*

*यमुनानगर में CM फ्लाइंग की रेड:दामला में घरेलू गैस के 70 सिलेंडर से भरी महिंद्रा पिकअप पकड़ी; न गेट पास मिला, न कोई बिल*
हरियाणा के यमुनानगर जिले के गांव दामला के पास आज CM फ्लाइंग ने रेड करके एक महिंद्रा पिकअप को रोककर उसमें से 70 गैस सिलेंडर बरामद किए गए। गैस सिलेंडर लाडवा से यमुनानगर लाए जा रहे थे। CM फ्लाइंग अधिकारी दिनेश कुमार ने जब चालक से सिलेंडरों के बारे में पूछा तो वह सिवाय एक पर्ची के और कुछ भी नहीं दिखा पाया।
मामले में पुलिस को देने के लिए शिकायत लिखते CM फ्लाइंग अधिकारी।
गेट पास भी नहीं दिखा पाया चालक
चालक नरेश कुमार ने बताया कि वह गैस सिलेंडर यमुनानगर के कई गांवों में सप्लाई करने जा रहा है, लेकिन उसके पास सिलेंडरों की सप्लाई संबंधी पर्चियां नहीं थी। बस एक पर्ची थी, जिसके ऊपर 70 सिलेंडर अंकित किए हुए थे। न तो गेट पास था और न ही कोई अन्य कागज। CM फ्लाइंग अधिकारी ने मौके पर फूड सप्लाई अधिकारी और पुलिस को बुला लिया।

*मामले में केस दर्ज करने की कार्रवाई करती पुलिस।* 
मालिक की मामला निपटाने की कोशिश
वहीं दूसरी तरफ जब इस बात की जानकारी एजेंसी के मालिक को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए और CM फ्लाइंग के अधिकारियों से बात कराने और मामला निपटाने की कोशिश में जुट गए, लेकिन CM फ्लाइंग ने जो बिल चालक से बरामद किया था, वह दिखाते हुए साफ कह दिया कि गाड़ी में सिलेंडर अवैध तरीके से यमुनानगर लाए जा रहे थे।

सिलेंडरों से भरी पिकअप, जिसे जब्त किया गया। 
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गैस एजेंसी संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
May 29, 2023

जींद में टोल फ्री कर धरने पर बैठे किसान बोले-पहलवानों की एक कॉल का इंतजार, दिल्ली को चारों तरफ से घेर लेंगे, दूध-सब्जी बंद करेंगे

जींद में टोल फ्री कर धरने पर बैठे किसान:बोले- पहलवानों की एक कॉल का इंतजार, दिल्ली को चारों तरफ से घेर लेंगे, दूध-सब्जी बंद करेंगे
जींद : जिले में खटकड़ टोल प्लाजा को वाहनों के लिए टोल फ्री करके किसान यहां अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। धरने पर किसानों ने मीटिंग की और वक्ताओं ने कहा कि खिलाड़ियों के आह्वान पर वह कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। एक कॉल पर दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया जाएगा। दिल्ली में दूध, फल, सब्जी की सप्लाई रोक दी जाएगी।
*11 सदस्यीय कमेटी लेगी आगे का फैसला*

कंडेला खाप के प्रधान ओम प्रकाश कंडेला, खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर बरसोला ने कहा कि खटकड़ टोल को अनिश्चितकाल के लिए फ्री करवा दिया गया है। खटकड़ गांव के लोगों को शामिल करके 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। अब हरियाणा को जाम करने, दिल्ली को घेरने जैसे बड़े फैसले लेने पड़ेंगे। आज रात तक किसान इंतजार करेंगे कि खिलाड़ियों के प्रति दिल्ली पुलिस और प्रशासन अपना रवैया बदलेगी या नहीं। नहीं बदला तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
*दिल्ली पुलिस के बर्बरता से नाराज किसान*

बता दें कि रविवार को दोपहर बाद किसानों और खाप नेताओं को हिरासत से छोड़ दिया गया, जिसके बाद खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर बरसोला और कंडेला खाप के प्रधान ओम प्रकाश कंडेला के नेतृत्व में किसान दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर स्थित खटकड़ टोल प्लाजा पर पहुंचे और टोल को फ्री करवाकर यहां धरना शुरू कर दिया था। सुशील नरवाल, संदीप चहल बड़ौदा ने कहा कि दिल्ली में रविवार को जिस तरह से सरकार ने बर्बरता दिखाई है, वह कतई सहन नहीं की जाएगी।
May 29, 2023

*वार्ड 14 में समस्याओं का अंबार:विकास का दावा, अंधेरे में " जी' रहे लोग*

*वार्ड 14 में समस्याओं का अंबार:विकास का दावा, अंधेरे में " जी' रहे लोग*
विकास का दावा, अंधेरे में " जी' रहे लोग|
वार्ड में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट। इधर, कॉलोनी के अंदर परिषद की लापरवाही के चलते खराब लाइट।
वार्ड नंबर 14 में स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। जिससे चोरी होने की आशंका बनी रहती है। सीवरेज की सफाई व्यवस्था भी बदहाल है। हरिनगर व बसंत विहार कॉलोनी निवासी सचिन, राजबीर, जयनारायण, राकेश, शकुंतला ने बताया कि सीवरेज के टूटे ढक्कन के कारण कई बार हादसे होने की आशंका बनी रहती है। वार्ड में सीवरेज ब्लॉक चुके है। जिससे गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इससे डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का डर बना रहता है।

उधर, कृष्णा कॉलोनी वासी नरेश शर्मा, मेहरचंद, ओमप्रकाश, संजय शर्मा, अनिल गोयल, कपिल गोयल, रमेश, नरेश, जगत सिंह, चंद्र सिंह रोहिल्ला ने बताया कि घरों में पीने का पानी रेतीला आ रहा है। जो पानी पीने के योग्य नहीं है।

जिसकी शिकायत कई बार जनस्वास्थ्य विभाग को कर चुके है। परंतु अभी तक समाधान नहीं हुआ। वार्ड के हरि नगर, बसंत विहार, कृष्णा कॉलोनी, सेक्टर 7 में सफाई व्यवस्था बदहाल है। जगह- जगह कूड़े के ढेर लगे हुए है। पानी निकासी के लिए बनाई नालियों में कूड़ा भरा हुआ है।

सफाई कर्मचारी कॉलोनियों में सफाई करने के लिए नहीं आते है। जिसके कारण पूरी कॉलोनी में कूड़े के ढेर लगे हुए है। वार्ड की गलियां व सड़कें खस्ताहाल हो चुकी है। इससे वाहन चालकों व कॉलोनी वासियों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करवाया जाए, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

सीवरेज सफाई मशीनों से कराई जाएगी
सीवरेज की सफाई जनस्वास्थ्य विभाग की मशीन से करवाई जा रही है। सीवरेज के टूटे ढक्कन बदलवाने के लिए अधिकारियों को सूचित किया जाएगा। खराब स्ट्रीट लाइटों को ठीक करवाने व सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए परिषद को लिखा जाएगा।

May 29, 2023

नरेंद्र मोदी एक प्रयोगधर्मी नेता, जो सदैव देश हित में नए-नए प्रयोग करते हैं- मुख्यमंत्री

नरेंद्र मोदी एक प्रयोगधर्मी नेता, जो सदैव देश हित में नए-नए प्रयोग करते हैं- मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 29 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 9 सालों में राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर हर देशवासी के कल्याण के लिए कार्य किया है। प्रधानमंत्री की सोच है देश सबसे पहले, बाकी सब बाद में। इसी सोच के साथ देश को विश्व पटल पर आगे बढ़ाने के लिए वे अथक प्रयास कर रहे हैं और अमृत काल में आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर विकासशील देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को हम निश्चित रूप से प्राप्त करेंगे।

उन्होंने कहा कि इन 9 वर्षों में प्रधानमंत्री ने भारत को पुनः: विश्व गुरु बनाने के लिए दुनिया में विभिन्न देशों का दौरा कर भारत की संस्कृति और विरासत की जो झलक दिखाई है, उससे हर भारतीय को गौरव की अनुभूति हुई है। आज वैश्विक स्तर पर भारत की जो पहचान बनी है, उससे जनता को भी लाभ हो रहा है। दुनिया में प्रधानमंत्री के बढ़ते कद को देखकर अब तो बड़े देशों के नेता भी कहने लगे हैं कि मोदी इज दी बॉस।

मुख्यमंत्री आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के अवसर पर महा संपर्क अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

नरेंद्र मोदी एक राजनीतिज्ञ की बजाय एक स्टेट्समैन हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी एक राजनीतिज्ञ की बजाय एक स्टेट्समैन हैं, जो भविष्य की सोचते हैं। प्रधानमंत्री ने भारत की सदियों पुरानी विरासत योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चुनौतियों से घबराते नहीं है, चुनौतियों को अवसर में बदल कर कार्यों को सफल बनाते हैं। प्रधानमंत्री ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी है और चुनौतियों से न घबराकर उसे अवसर में बदलने की उनकी यही सोच हर भारतवासी को प्रेरित करती है।

नरेंद्र मोदी एक प्रयोगधर्मी नेता, जो सदैव देश हित में नए-नए प्रयोग करते हैं

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनका व्यक्तिगत संबंध रहा है। कई सालों तक उन्होंने साथ में काम किया है। इस दौरान भी वे देखते थे कि श्री नरेंद्र मोदी के लिए देश सबसे पहले है, जबकि अन्य राजनीतिक नेताओं का स्लोगन होता था सबसे पहले मैं। उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी एक प्रयोगधर्मी नेता हैं, जो सदैव देश हित में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। उन्होंने हमेशा देश की जनता के कल्याण, देश की सांस्कृतिक पहचान और देश के भविष्य के बारे में सोचा है। प्रधानमंत्री को वर्षों पुरानी व्यापक समस्याओं को सुलझाने के लिए विकल्प ढूंढने में महारथ है।

राजनीति से अलग हटकर प्रधानमंत्री सामाजिक चिंतन की दिशा में भी करते हैं कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी राजनीति से अलग हटकर सामाजिक चिंतन के बारे में भी सोचते हैं। वर्ष 2015 में शुरू किया गया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान इसी सोच का एक उदाहरण है और समाज के सहयोग से इस अभियान में अपार सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया मन की बात कार्यक्रम भी इसी का एक ओर उदाहरण है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कोई राजनीतिक बात नहीं करते हैं, बल्कि वे देशभर के सामाजिक विषयों और नए टैलेंट को आगे बढ़ाने जैसे विषयों पर बात करते हैं। इस कार्यक्रम के 100 एपिसोड हो चुके हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

आजादी के बाद देश को आगे बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी के रूप में देश को एक नई सोच का नेता मिला है

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हैं और पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिए गए अंत्योदय दर्शन के अनुरूप पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए उन्होंने सदैव कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को आजादी दिलाने के लिए कई नेताओं, स्वतंत्र सेनानियों और देशवासियों ने कार्य किया, बलिदान भी दिया, लेकिन आजादी के बाद देश को आगे बढ़ाने के लिए जिस प्रकार के नेता की भारत देश को आवश्यकता थी, वैसा नेता देश को नहीं मिला। लेकिन 9 साल पहले श्री नरेंद्र मोदी के रूप में देश को एक नई सोच का नेता मिला है, जो हमेशा देश को आगे बढ़ाने की बात करते हैं।

केंद्र सरकार 5 एस पर कर रही काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार अंत्योदय उत्थान के साथ-साथ 5 एस - शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान पर काम कर रही है। शिक्षा के नाते से राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को देश में लागू किया है, जिसका उद्देश्य प्राचीन पद्धति को आधुनिकता के साथ आगे बढ़ाते हुए बच्चों में देश के प्रति भाव जागृत करना है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में युवावस्था में हमने जो सपने देखे थे, वे अब हकीकत में बदल रहे हैं - ओपी धनखड़

इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, श्री ओ पी धनखड़ ने कहा कि इन 9 वर्षों में सभी ने देखा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत कैसे बदला है।

उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि युवावस्था में हमने जो सपने देखे थे, वे अब हकीकत में बदल रहे हैं। अनुच्छेद 370 को खत्म करना, राम मंदिर का निर्माण ऐसे सपने हैं, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में साकार हुए हैं।

यूपीए का कार्यकाल भारत और भारतीयों के लिए सबसे खराब दशक था - राजीव चंद्रशेखर

इससे पहले इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अन्य सभी बुरे दशकों में से कांग्रेस का कार्यकाल वास्तव में भारत और भारतीयों के लिए सबसे खराब दशक था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल को इंडियाज लॉस्ट डिकेड कहा जा सकता है। 2जी घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स, कोयला घोटाला आदि यूपीए के दशक के मील के पत्थर थे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीतिक विचारधारा, फूट डालो और शासन करो की नीति और भ्रष्टाचार के कारण ही वर्ष 2014 में भारत के नागरिकों ने बदलाव के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 9 वर्षों के कार्यकाल भारत में में अनगिनत सुधारों और गवर्नेंस पहलों को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिसने भारत को अपनी वर्तमान ताकत में आगे बढ़ाया है।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का स्वाभिमान और सम्मान  बढ़ा है - बिप्लब देब

कार्यक्रम में त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा बीजेपी प्रभारी श्री बिप्लब कुमार देब ने कहा कि ये 9 साल सबसे यादगार हैं। भारत का स्वाभिमान और सम्मान श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़ा है। इसे इन 9 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक कहा जा सकता है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा, चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष श्री अरूण सूद, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री जवाहर यादव, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
May 29, 2023

31 जुलाई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर ब्याज में मिलेगी 30 प्रतिशत छूट

31 जुलाई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर ब्याज में मिलेगी 30 प्रतिशत छूट
चण्डीगढ़ , 29 मई - हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स की राशि 31 जुलाई, 2023 तक जमा कराने पर ब्याज राशि में 30 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। पहले यह छूट 10 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से ब्याज छूट में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है। इससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले सभी वर्गों को काफी राहत मिलेगी। जिन नागरिकों का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है वे प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराकर सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्स अब पूरी तरह स्ट्रीम लाईन हो चुका है। प्रॉपर्टी टैक्स की ब्याज राशि में 30 प्रतिशत छूट का लाभ अधिकतम लोगों को मिले इसके लिए सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे बकायेदारों को प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने के लिए जागरूक एवं प्रेरित करें ताकि वे सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकें। जिन लोगों की तरफ अधिक प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है वे जल्द से जल्द अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाएं ताकि नगर निगमों व नगर परिषद को विकास कार्यों के लिए पैसा प्राप्त हो सके। यदि यह पैसा निगम व परिषद के खजाने में आता है तो शहर में और अधिक तेजी से विकास कार्य संपन्न कराए जा सकेंगे।
May 29, 2023

जींद की WWE फाइटर कविता पर बनेगी फिल्म:राष्ट्रपति दे चुके फर्स्ट लेड़ी अवॉर्ड

जींद की WWE फाइटर कविता पर बनेगी फिल्म:राष्ट्रपति दे चुके फर्स्ट लेड़ी अवॉर्ड; पूर्व IPS की प्रताड़ना से छोड़ा खेल, स्टोरी लेखन शुरू
जींद : भारत की फ़र्स्ट लेडी अवॉर्ड से सम्मानित और हरियाणा के जींद के जुलाना के गांव मालवी निवासी महिला पहलवान कविता दलाल की जिंदगी पर बॉलीवुड मूवी (बायोपिक) बनेगी। ग्रांड स्केल पर फिल्म बनाने को लेकर कविता दलाल का मुंबई की टीम के साथ कांट्रैक्ट साइन हो गया है। टीम ने स्टोरी लिखनी भी शुरू कर दी है।
दंगल, मेरीकॉम समेत दूसरी बायोपिक फिल्मों की तरह कविता दलाल की जिंदगी भी रुपहले पर्दे पर दिखेगी। कविता दलाल तब ज्यादा चर्चा में आयी थी, जब वर्ष 2016 में सूट-सलवार पहनकर अंतरराष्ट्रीय पहलवान को पटखनी दी।फिलहाल वह आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई हैं। जंतर मंतर पर पहुंच कर उसने भी आरोप लगाया था कि पूर्व IPS की प्रताड़ना की वजह से वह रिंग से दूर हुई।
*कद काठी ने बनाया वेट लिफ्टर*

जुलाना के छोटे से गांव मालवी के किसान परिवार में पैदा हुई कविता दलाल को शुरू से ही दूध-दही खाने का शौक था। शारीरिक रूप से मजबूत और 5 फीट 11 ईंच की कद काठी होने के कारण उसका रुझान वेट लिफ्टिंग की तरफ गया। ग्रामीण परिवेश से निकलकर समाज और आर्थिक हालातों से लड़ते हुए कविता ने मेहनत की और धीरे-धीरे मेडलों की झड़ी लगा दी। कविता ने वेट लिफ्टिंग में नेशनल गेम्स में कई मेडल जीते। इसके अलावा साल 2016 में साउथ एशियार्ड में कविता ने गोल्ड मेडल जीता।
*WWE की फाइट देखने का था शोक*

कविता दलाल डब्ल्यूडब्ल्यूई की फाइटें देखती थी। उसकी इच्छा भी थी कि वह भी इस तरह की फाइटों में भाग ले। इसको लेकर कविता ने जालंधर की एक एकेडमी में ट्रेनिंग शुरू की। वहां डब्ल्यू डब्ल्यू ई की फाइटिंग के लिए मेहनत करने लगी। साल 2016 में ही कविता दलाल देसी अंदाज में सूट सलवार पहनकर WWE के रिंग में उतरी। उसने विश्व स्तर की पहलवान को जबरदस्त पटखनी दी। इसकी वीडियो वायरल हुई तो देश ही नहीं, विदेशों में भी कविता दलाल ने सुर्खियां बटोरी।
*राष्ट्रपति ने दिया फर्स्ट लेडी का अवॉर्ड*

कविता दलाल ने यूएसए से डब्ल्यूडब्ल्यूई की टीम आई तो उसका सिलेक्शन हुआ। दुबई में होने वाली फाइटिंग के लिए वह भारत से अकेली महिला पहलवान थी। WWE के इवेंट में भी उसने सूट और सलवार में ही फाइटिंग की और भारतीय कल्चर को बढ़ावा दिया। इसके बाद उसकी पहचान बनने लगी। वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें फर्स्ट लेडी के अवॉर्ड से सम्मानित किया।
*लड़कियों को प्लेटफार्म देने का सपना*

कविता दलाल इसके बाद 4 साल तक यूएसए में फाइटिंग करती रही। करीब 2 साल पहले इंडिया लौटी और यहां आने के बाद राजनीति में सक्रिय हो गई। आप पार्टी को जॉइन कर लिया। कविता का मानना है कि खेलों की नीतियां अच्छी हैं, लेकिन यह फाइलों तक सीमित रह जाती हैं और असली टैलेंट दब जाता है। वह चाहती है कि सिस्टम में आकर सिस्टम का हिस्सा बनकर बहुत कुछ बदला जा सकता है। कविता बताती है कि उनका विजन है कि लड़कियों के लिए ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाए, जिससे उनका टैलेंट उभरकर सामने आए।
*आर्थिक रूप से भी झेली परेशानी*

संघर्ष के दिनों के बारे में कविता दलाल ने कहा कि किसान परिवार से होने के कारण शुरुआत में आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी। परिवार का दूध बेचकर ही गुजारा होता था। अपने भाई संजय के कहने पर खेल में आगे बढ़ी। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कैंप के दौरान एक बार कविता दलाल के पास पैसे नहीं थे तो उसने मंदिर में मूर्ति के आगे रखे 15 रुपए उठा लिए थे और उससे टूथपेस्ट खरीदा था। कुछ दिन बाद वह पैसे वापस मंदिर में रखने के लिए मंदिर गई। वहां मंदिर के बाहर बैठी एक भूखी लड़की को खाना खिलाया।
*खुशी है कि किसी ने उनकी लाइफ को समझा*

कविता दलाल ने बताया कि उन्हें खुशी है कि उनकी संघर्ष पूर्ण लाइफ को किसी ने समझा और उस पर फिल्म बनने जा रही है। इससे उन लाखों लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी, जो परिस्थितियों में उलझकर अपना सपना पूरा नहीं कर पाती। कविता ने बताया कि प्रीति अग्रवाल के साथ उनकी फिल्म बनाने को लेकर कांट्रैक्ट साइन हुआ है। फिल्म में उनके जिंदगी के पूरे संघर्ष को दिखाया जाएगा। मैं अटल हूं जैसी फिल्मों के निर्माता जीशान भी कविता की बायोपिक पर काम करने को लेकर बेहद उत्सुक नजर आ रहे हैं।
*पूर्व IPS की वजह से छोड़ी रेसलिंग*

कविता ने कहा- मुझे भी उत्पीड़न की वजह से रेसलिंग छोड़नी पड़ी। मैंने भी वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पूर्व IPS की प्रताड़ना के कारण रेसलिंग छोड़ी थी। पहले कभी आपबीती बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाई, लेकिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट को देख तो हिम्मत आई। ऐसी स्थितियां कई खिलाड़ियों के चारों तरफ पैदा कर दी जाती हैं।