Haryana News
October 08, 2023
हरियाणा सरकार की किसान हितैषी नीतियों से खुशहाल हुआ प्रदेश का किसान
हरियाणा सरकार की किसान हितैषी नीतियों से खुशहाल हुआ प्रदेश का किसान
चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की किसान हितैषी नीतियों से आज प्रदेश का किसान खुशहाल है। किसानों के समर्थन और उनकी मेहनत के बलबूते हरियाणा कृषि क्षेत्र में क्रांति का अग्रदूत बना है। हरियाणा देश में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन में सबसे अग्रणी राज्य है। फल एवं सब्जियों की ग्रेडिंग, भण्डारण व मार्केटिंग के लिए 731 एफपीओ का गठन किया जा चुका है। इजराइल की तकनीक पर राज्य के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में 13 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
कृषि क्षेत्र में किसान आधुनिक तकनीकों से अपडेट रहे, इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में 8 से 10 अक्टूबर, 2023 तक ‘हरियाणा कृषि विकास मेला’ आयोजित किया जाएगा। इस मेले में कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी, कृषि संबंधी उपकरणों, तकनीकों व नवाचारों की प्रदर्शनी, नए बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि मशीनें, यंत्र और उनकी कार्यप्रणाली की जानकारी दी जाएगी।
हरियाणा सभी प्रमुख बागवानी फसलों में भावांतर भरपाई योजना शुरू करने वाला पहला राज्य है। इस योजना के तहत 21 फलों और सब्जियों की फसलों को संरक्षित मूल्य तय करके उनकी उपज के विपणन में किसानों के जोखिम को कम करने के लिए कवर किया गया है। अब तक 12,092 किसानों को 33.26 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जा चुका है। किसानों की फसलों को मौसम की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू करने वाला हरियाणा पहला राज्य है। इस योजना के तहत 46 बागवानी फसलें शामिल हैं। इस योजना के तहत फलों के लिए 1,000 रुपये प्रति एकड़ एवं सब्जियों के लिए 750 रुपये प्रति एकड़ प्रीमियम देना पड़ता है। क्लेम के रूप में फलों के लिए 40,000 रुपये व सब्जियों के लिए 30,000 रुपये प्रति एकड़ का प्रावधान किया गया है।
फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाने तथा उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर ताजा फल एवं सब्जियां उपलब्ध करवाने के लिए पंचकूला, सेक्टर-20 तथा गुरुग्राम में किसान बाजार शुरू किये गये हैं। नई व अतिरिक्त मंडियों के विकास तथा रख-रखाव पर लगभग 1052 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई तथा 60 करोड़ रुपये की लागत से 5 नई अनाज मंडियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मृदा स्वास्थ्य को गिरावट से बचाने और खतरनाक कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिए 24.10 करोड़ रुपये लागत की प्राकृतिक खेती योजना लागू की गई है। इसके लिए एक प्राकृतिक खेती पोर्टल भी शुरू किया गया है। इस पर अब तक 7838 किसानों ने पंजीकरण करवाया है। किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में शिक्षित करने के लिए गुरुकुल, कुरुक्षेत्र और घरौंडा में दो प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 4 ड्रम खरीदने पर 3000 रुपये व देसी गाय की खरीद के लिए 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।
राज्य में 17 नई स्थायी मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। विभिन्न मंडियों में 59 नई लघु भूमि परीक्षण प्रयोगशालाएं खोलने की प्रक्रिया भी प्रगति पर हैं। 222 लघु भूमि परीक्षण प्रयोगशालाएं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों में स्थापित की जा चुकी हैं, जहां विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों द्वारा मिट्टी के नमूने एकत्रित व परीक्षण किए जा रहे हैं।