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Thursday, July 23, 2020

July 23, 2020

हाई कोर्ट का बड़ा व महत्‍वपूर्ण आदेश दुष्कर्म में डीएनए रिपोर्ट के नहीं मिलने से अपराधी निर्दोष नहीं

हाई कोर्ट का बड़ा व महत्‍वपूर्ण आदेश दुष्कर्म में डीएनए रिपोर्ट के नहीं मिलने से अपराधी निर्दोष नहीं

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने दुष्‍कर्म के मामले में बुधवार को बड़ा व महत्‍वपूर्ण आदेश दिया। हाई कोर्ट ले स्पष्ट किया कि सामूहिक दुष्कर्म के मामले में डीएनए रिपोर्ट आरोपित के साथ मेल नहीं खाने पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि आरोपित व्यक्ति निर्दोष है।
हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक पुरी ने यह आदेश हरियाणा के चरखी दादरी जिले से सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले के आरोपित नवीन की जमानत याचिका खारिज करते हुए जारी किए। आरोपित ने हाई कोर्ट में  पोक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम),सामूहिक दुष्कर्म और संबंधित आरोपों के संबंध में जमानत की मांग की थी। 

आरोपित ने डीएनए न मिलने के आधार पर मांगी थी हाई कोर्ट से जमानत

4 मई 2018 को महिला पुलिस स्टेशन चरखी दादरी में पीडि़ता के पिता द्वारा की गई शिकायत के अनुसार,उनकी बेटी को 3 और 4 मई 2018 की रात को तीन व्यक्तियों द्वारा अगवा कर लिया गया था। बाद में, पीडि़ता ने अपने पिता को सूचित किया कि उसके साथ नवीन ने दुष्कर्म किया गया था और  दो अन्य लड़कों और उसने उसे मारने की धमकी दी। बाद में सभी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
जमानत याचिका में याचिकाकर्ता नवीन ने दलील दी कि जांच के दौरान वह निर्दोष पाया गया। याचिकाकर्ता द्वारा यह भी दावा किया गया था कि डीएनए रिपोर्ट उसके साथ मेल नहीं खाती। जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए हरियाणा सरकार व शिकायतकर्ता  की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह सामूहिक दुष्कर्म का मामला है और पीडि़ता ने अपने खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म के मामले के संबंध में गंभीर और स्पष्ट आरोप लगाए थे।
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि केवल डीएनए रिपोर्ट का नहीं मिलना यह साहित नहीं करता कि आरोपित अपराध में शामिल नहीं था। पीडि़ता ने उसे पहचाना है और ट्रायल में अपने बयान दर्ज करवाए है। ऐसे में केवल डीएनए रिपोर्ट का सहारा लेकर अपने को निर्दोष साबित करने की आरोपित की मांग नहीं मानी जा सकती। ऐसे में हाई कोर्ट उसकी जमानत की मांग खारिज करता है। डीएनए रिपोर्ट का न मिलना उसे राहत का हकदार नहीं बना सकता।
July 23, 2020

हरियाणा सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत तथा महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।

हरियाणा सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत तथा महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।



चंडीगढ़, 22 जुलाई- हरियाणा सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत तथा महिला और अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। मत्स्य पालन में आई नई व आधुनिक तकनीक रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) से 30 से 35 टन मछली की पैदावार करके बेहतर आय अर्जित की जा सकती है। इसलिए बेरोजगार युवा अब मत्स्य पालन व्यवसाय अपनाकर बेहतर आजीविका कमा सकते हैं।

         विभाग के एक प्रवक्ता ने मत्स्य पालन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए किसी भी तरह की योग्यता की आवश्यकता नहीं है। व्यवसाय शुरू करने वाले व्यक्ति के पास केवल एक एकड़ भूमि होनी चाहिए। खुद की जमीन या पट्टे पर ली हुई जमीन पर भी व्यवसाय की शुरुआत की जा सकती है।

         उन्होंने बताया कि एक एकड़ भूमि पर मछली उत्पादन के लि ए एक विशेष तालाब का निर्माण करना होता है। इसके बाद निर्माण लागत राशि की भरपाई  सब्सिडी के तौर पर डीबीटी के माध्यम से सीधी लाभार्थी के बैंक खाते में कर दी जाती है। उन्होंने रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले मछली की खेती पोंड टेक्निक यानि तालाब में की जाती थी, जिसमें लगभग 5 से 7 टन मछली की पैदावार होती थी। लेकिन अब एक निर्धारित भूमि के ऊपर टैंक बनाकर रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) के माध्यम से यह खेती 5-7 टन से बढकऱ 30 से 35 टन हो जाएगी। इससे मत्स्य पालक का मुनाफा भी कई गुना तक बढ़ जाएगा।

         उन्होंने बताया कि यह खेती मीठे और खारे पानी, दोनों में की जा सकती है। मीठे पानी में मुख्यत: रोहू, केटला, मिरगल, कॉमन कार्प, ग्रास कार्प व इंडियन मेजर कार्प किस्म की मछलियों की खेती की जाती है। इसी प्रकार, खारे पानी में सफेद झींगा की खेती कर सकते हैं। झींगा मछली बाजार में लगभग 300 से 350 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। प्रति हेक्टेयर जमीन में लगभग 30 टन मत्स्य पालन किया जा सकता है, जो एक अच्छे मुनाफे का व्यवसाय हो सकता है।

         प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान समय में मत्स्य उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में अधिक से अधिक युवाओं को मछली पालन व्यवसाय के बारे में जानकारी हो, इसके लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को इस व्यवसाय की बारीकियों के बारे में पता चल सके।
July 23, 2020

हरियाणा सरकार ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों से उनकी पिछले चार वर्षों की खेल उपलब्धियों के आधार पर भीम पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

हरियाणा सरकार ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों से उनकी पिछले चार वर्षों की खेल उपलब्धियों के आधार पर भीम पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

हरियाणा सरकार ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों से उनकी पिछले चार वर्षों की खेल उपलब्धियों के आधार पर भीम पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक खिलाड़ी 15 अगस्त 2020 तक अपने-अपने जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा करवा सकते

चंडीगढ़,- हरियाणा सरकार ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों से उनकी पिछले चार वर्षों की खेल उपलब्धियों के आधार पर भीम पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक खिलाड़ी 15 अगस्त 2020 तक अपने-अपने जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में आवेदन जमा करवा सकते हैं। आवेदन पत्र विभागीय वेबसाइट www.haryanasports.gov.in से डाउनलोड कर या किसी भी कार्य दिवस को कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है।

          एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017-18 के लिए भीम पुरस्कार हेतु केवल नेत्रहीन व बधिर खिलाड़ी ही आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए पहली अप्रैल, 2013 से 31 मार्च, 2017 के बीच की उनकी उपलब्धियों को आधार माना जाएगा।

          उन्होंने बताया कि अन्य खिलाडिय़ों से वर्ष 2018-19 के लिए भीम पुरस्कार हेतु  पहली अप्रैल, 2014 से 31 मार्च, 2018 के बीच की उपलब्धियों, वर्ष 2019-20 के लिए भीम पुरस्कार हेतु पहली अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2019 के बीच की उपलब्धियों तथा वर्ष 2020-21 के लिए भीम पुरस्कार हेतु पहली अप्रैल, 2016 से 31 मार्च, 2020 के बीच की खेल उपलब्धियों के आधार पर आवेदन किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त, 2020 के बाद किसी भी खिलाड़ी का आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।

          प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन पत्र के साथ खेल उपलब्धियों की सत्यापित प्रतियां, राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने का प्रमाण-पत्र, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाण-पत्र, बैंक पास बुक की कॉपी एवं पासपोर्ट आकार के तीन रंगीन फोटोग्राफ के साथ खिलाड़ी अपना आवेदन जमा करा सकता है। 
July 23, 2020

कुरुक्षेत्र में चाय वाला 50 हजार का लोन लेने बैंक पहुंचा तो उड़ गए होश, 51 करोड़ रुपये का कर्ज निकला

कुरुक्षेत्र में चाय वाला 50 हजार का लोन लेने बैंक पहुंचा तो उड़ गए होश, 51 करोड़ रुपये का कर्ज निकला


 कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र में चाय  का काम करने वाले दयालपुर गांव निवासी राजकुमार ने एक फाइनेंस कंपनी  में 50 हजार का पर्सनल लोन एप्लाई किया। फाइनेंस कंपनी ने उसको यह कहकर लोन देने से इन्कार कर दिया कि आपका सिबिल स्कोर ठीक नहीं है। उन्होंने इसकी डिटेल निकलवाई तो उनके नाम 50 करोड़ 76 लाख 20 हजार रुपये का लोन दिखाया गया जोकि उसने लिया ही नही। दरअसल राजकुमार लॉकडाउन के दौरान करियाना व दूध वाले का कर्ज चुकाने के अलावा अपना चाय का काम फिर से शुरू करने के लिए 50 हजार रुपये के पर्सनल लोन के लिए एक फाइनेंस कंपनी में एप्लाई किया था। कंपनी ने लोन देने से मना करने के बाद इसका कारण पता करने पर मिली जानकारी से इस व्यक्ति के होश उड़ गए। उस पर 50 करोड़ 76 लाख रुपये के बैंक लोन निकले। दरअसल इनमें सबसे बड़ी राशि 50 करोड़ 50 लाख रुपये है। यह लोन 27 अप्रैल 2013 का दिखाया गया है। अब चाय वाला परेशान है।


16 लोन उसकी सिबिल रिपोर्ट में दिखाए गए गांव दयालपुर के राजकुमार ने बताया कि वह कुरुक्षेत्र के थानेसर शहर में आहुवालिया चौक पर चाय की रेहड़ी लगाता है। उसने लॉकडाउन में उसकी चाय की दुकान बंद रही थी। उसने घर चलाने के लिए करियाने और दूध की उधार की थी। अब अनलॉक-1 से चाय की रेहड़ी लगानी शुरू की, लेकिन चाय की मांग अपेक्षाकृत कम है। करियाना व दूध की उधार देनी थी। उसने जुलाई के पहले सप्ताह में रेलवे रोड कुरुक्षेत्र स्थित एक फाइनेंस कंपनी में 50 हजार रुपये के पर्सनल लोन के लिए एप्लाई किया था। 16 जुलाई को उसको फोन कर बताया कि आपका सिबिल स्कोर ठीक न होने पर लोन नहीं दिया जा सकता। राजकुमार ने बताया कि उसने अपना सिबिल रिकॉर्ड निकलवाया तो वह हैरान रह गया। उसके रिकॉर्ड में 16 लोन दिखाए गए हैं। इनमें 50.50 करोड़ का 27 अप्रैल 2013 का कॉमर्शियल व्हीकल लोन दिखाया गया है। कई लोन तो हर महीने दिखाए गए हैं। इसके अलावा किसान क्रेडिट, ऑटो व ट्रैक्टर लोन दिखाया गया है। उसकी सिबिल रिपोर्ट में 57 करोड़ 75 लाख 20 हजार रुपये के लोन दिखाए गए हैं। 

 रोजाना साइकिल से शहर आते हैं राजकुमार राजकुमार ने बताया कि उसके पास साइकिल है और इसी पर हर रोज गांव से शहर आता-आता है। पिता पूर्ण सिंह को सरकार की योजना में 100 गज का प्लॉट मिला था। उसमें तीसरा हिस्सा उसको मिला हुआ है। उसने इसमें अपना मकान बनाया हुआ है। परिवार का गुजर बसर मुश्किल से चल पाता है। उसकी रिपोर्ट में किसान क्रेडिट कार्ड पर 1,86,808 रुपये का लोन दिखाया जा रहा है। जबकि उसके पास घर के सिवाय खेती के लिए कोई जमीन नहीं है। सिबिल रिपोर्ट में उसका लोन को नहीं दर्शाया राजकुमार ने बताया कि उसके साथ बड़ा खेल खेला जा रहा है। उसने 30 सितंबर 2015 को 20 हजार रुपये का मुद्रा लोन लिया था। इस राशि में अपनी चाय की दुकान शुरू की थी। इसका 17119 रुपये इसका जमा कराना बाकी है। सिबिल रिपोर्ट में उसका लोन को नहीं दर्शाया गया, जबकि बाकी मोटी राशि के लोन उसकी रिपोर्ट में दिए गए हैं। उसके गांव के पड़ोसी पवन कुमार ने उसके साथ ही एप्लाई किया था। उसको लोन दे दिया गया, जबकि उसकी एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी गई। तकनीकी खामी के चलते हुआ : एलडीएम जिला अग्रणी बैंक के एलडीएम हरिसिंह गुमरा ने कहा कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। जिले में किसी के लोन की इतनी बड़ी आउट स्टेंडिंग नहीं है। इसमें तकनीकी खामी रही होगी। राजकुमार को संबंधित बैंक मैनेजर से मिलकर अपना सिबिल ठीक करा सकता है। अगर बैंक में उसको परेशानी होती है तो वह उनसे संपर्क कर सकता है। उनको किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
July 23, 2020

नौल्था में डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना पंचायत खाते से 1.30 करोड़ रुपए निकाले

नौल्था में डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना पंचायत खाते से 1.30 करोड़ रुपए निकाले 

नौल्था में डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना पंचायत खाते से 1.30 करोड़ रुपए निकाले पद‌्मश्री अवाॅर्डी ग्राम सचिव नरेंद्र भ्रष्टाचार के चाैथे मामले में भी कसूरवार मिले बीडीपीओ की जांच में सरपंच अजमेर भी कसूरवार,दोनों पर कार्रवाई की सिफारिश

पानीपत। पद‌्मश्री पुरस्कार प्राप्त डिडवाड़ी के नरेंद्र सिंह ग्राम सचिव रहते हुए नौल्था डूगरान में 1.78 करोड़ के डिवेलपमेंट वर्क में हुई धांधली में भी कसूरवार पाए गए हैं। इसराना के ब्लॉक डिवेलपमेंट पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) की जांच में बतौर ग्राम सचिव रहते हुए नरेंद्र सिंह ने नौल्था के सरपंच अजमेर सिंह संग मिलकर 1.30 करोड़ की गड़बड़ी की। बीडीपीओ ने डीसी को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, काम अधूरे पड़े हैं लेकिन ग्राम सचिव और सरपंच ने पंचायत के खाते से 1.30 करोड़ रुपए निकाल लिए।
बीडीपीओ ने दोनों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। इससे पहले तीन अन्य गांवों में बतौर ग्राम सचिव रहते भी नरेंद्र सिंह बीडीपीओ की जांच में कसूरवार करार दिए जा चुके हैं। इस कारण उसे डीसी ने चार्जशीट करते हुए जांच बिठा दी। हालांकि, दो माह बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। पशु पालन के लिए नरेंद्र को राष्ट्रपति ने 11 मार्च 2019 को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। फिलहाल, नरेंद्र सिंह सनौली खुर्द में ग्राम सचिव हैं।

गबन छुपाने के लिए रिकॉर्ड नहीं दिया

बीडीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सीएम विंडाे पर नौल्था डूगरान पंचायत में डिवेलपमेंट वर्क में गड़बड़ी की शिकायत आई थी। इसकी जांच के लिए जब सरपंच अजमेर और ग्राम सचिव नरेंद्र से रिकॉर्ड मांगा तो दोनों ने नहीं दिया। जांच में यह भी पाया गया कि गलियाें और चौपालों के काम अधूरे हैं। इतना ही नहीं मेजरमेंट बुक भी नहीं भरी गई। न ही जेई व सरपंच के हस्ताक्षर मिले। दोनों ने विकास के लिए आए 79.50 लाख में से 70 लाख और पंचायत की एफडी 98.72 लाख में से 60 लाख रुपए निकाल लिए, जबकि इसके काम अधूरे थे।

1. हड़ताड़ी में 1.51 करोड़ रुपए के डिवेलपमेंट वर्क में गड़बड़ी में फंस चुके हैं ग्राम सचिव- इसी तरह से डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही हड़ताड़ी ग्राम पंचायत के खाते से 1.51 करोड़ रुपए निकाल लिए गए। जिसमें बतौर ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह और सरपंच गुरमीत सिंह बीडीपीओ की जांच में कसूरवार पाए गए थे।

2. काकोदा में काम पूरा किए बिना 44 लाख लिए- बीडीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि काकोदा पंचायत में 1 करोड़ के डिवेलपमेंट वर्क होने थे। ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह और सरपंच शलेंद्र ने डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना पंचायत के खाते से 44 लाख रुपए निकाल लिए।

3. मांडी में 24 लाख की गड़बड़ी में भी नाम- मांडी पंचायत में भी डिवेलपमेंट वर्क होने थे। यहां भी बीडीपीओ की जांच में ग्राम सचिव नरेंद्र सिंह और सरपंच ज्योति कसूरवार पाई गईं। दोनों ने डिवेलपमेंट वर्क पूरा किए बिना ही पंचायत के खाते से 24.28 लाख निकाल लिए।

हड़ताड़ी का सरपंच मान चुका है गलती

हड़ताड़ी गांव का सरपंच गुरमीत सिंह अपनी गलती मान चुका है। सरपंच ने लिखित में दिया कि जो भी रिकवरी बनेगी वह देगा। अन्य सरपंचों व ग्राम सचिव नरेंद्र के जवाब के बाद एक्सईएन पंचायत राज को इसकी जांच दी गई। डेढ़ माह बाद भी आज तक जांच पूरी नहीं हुई है।

ग्राम सचिव ने खुद को निर्दाेष बताया
पद‌्मश्री अवाॅर्ड ग्राम सचिव नरेंद्र ने इस बारे में कहा कि नौल्था की रिपोर्ट ओके है। कोई गड़बड़ी न तो हुई और न ही की है। वहीं,सरपंच अजमेर सिंह ने कहा कि काम पूरे हो चुके हैं। पूरी रिपोर्ट ठीक से नहीं बनाई गई, इसलिए गड़बड़ी बताई जा रही है।
July 23, 2020

हरियाणा मुख्यमंत्री से अधिकारियों तक अब ऑनलाइन मिलेगा मुलाकात का समय

हरियाणा मुख्यमंत्री से अधिकारियों तक अब ऑनलाइन मिलेगा मुलाकात का समय


चंडीगढ़। हरियाणा में अब मुख्यमंत्री,उप-मुख्यमंत्री, मंत्रियों व अन्य विभागाध्यक्षों के साथ वर्चुअल बैठकों के लिए मुलाकात का समय ऑनलाइन ही मिलेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जनता को पारदर्शी व सहज तरीके से नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मंगलवार को 'ई-सचिवालय' https://esachivalaya.edisha.gov.in पोर्टल लांच किया। उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सरकार से संबंधित अपने कार्यों के लिए इस पोर्टल का उपयोग करें। कोरोना संकट के समय सरकारी कार्यालयों में आने के लिए यात्रा करने का जोखिम न उठाएं, बल्कि स्टे एट होम का पालन कर इस पोर्टल से जुड़ कर अपनी समस्याओं व कार्यों का समाधान पाएं। मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक सचिवों, मंडलायुक्तों और डीसी को कहा कि ई-सचिवालय पोर्टल से लोगों को चंडीगढ़ आने की आवश्यकता नहीं होगी।
वे मंत्रियों व अधिकारियों से मिलने का टाइम स्लॉट अपने मोबाइल फोन,लैपटॉप किसी भी माध्यम से ले सकते हैं। उन्हें 24 घंटों के अंदर-अंदर बातचीत करने के लिए समय की जानकारी दी जाएगी। कोविड-19 के दौरान एमएसएमई की सुविधा के लिए हरियाणा उद्यम सहयोग (एचयूएम) पोर्टल भी लांच किया गया है। लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाई गई है। कोविड-19 के दौरान चाहे वह किसान है, दुकानदार है, मजदूर है, कर्मचारी है या आमजन है, हर किसी के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने के लिए विभिन्न पोर्टल शुरू किए हैं।
सीएम ने कहा कि वर्तमान में 6 हजार अटल सेवा केंद्र ग्रामीण क्षेत्र व शहरों में 115 सरल व अंत्योदय केंद्र हैं, जिन पर 39 विभागों की 542 सेवाएं व योजनाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इन केंद्रों के माध्यम से भी ई-सचिवालय के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ली जा सकती है। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने सभी डीसी से आग्रह किया कि वे अपने कर्मचारियों को ई-सचिवालय का प्रशिक्षण दिलवाएं। इसके लिए एनआईसी ने प्रशिक्षण कार्यक्त्रस्म तैयार किया है। एनआईसी ने कार्यक्रम की जानकारी सभी डीसी को मंगलवार शाम दे दी है।

ऑनलाइन प्लाज्मा के लिए भी पोर्टल लांच

मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन प्लाजमा दान करने के लिए भी पोर्टल लांच किया है। इसके लिए जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो गए हैं, ऐसे व्यक्तियों के पास प्लाजमा दान करने के लिए उनके मोबाइल पर एसएमएस आएगा। उन्हें प्लाज़मा दान करने का आग्रह किया जाएगा। वर्तमान में राज्य के गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक व पंचकूला में प्लाजमा बैंक खोले गए हैं। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक होने वाले कोविड-19 संघर्ष सेनानियों की संख्या 20 हजार है।
July 23, 2020

टीजीटी 1035 पदों की भर्ती नहीं होगी रद्द, चार से 11 अगस्त तक दस्तावेज सत्यापन

टीजीटी 1035 पदों की भर्ती नहीं होगी रद्द,चार से 11 अगस्त तक दस्तावेज सत्यापन


चंडीगढ़।  हरियाणा में टीजीटी अंग्रेजी के 1035 पदों की भर्ती प्रक्रिया रद्द नहीं होगी। कर्मचारी चयन आयोग ने 4 से 11 अगस्त तक दस्तावेज सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। जिससे चयनित अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 2015 में यह पद विज्ञापित किए थे। सर्व कर्मचारी संघ के लगातार मामला उठाने से बना दबाव अभ्यर्थियों के काम आया। 
कर्मचारी चयन आयोग ने 13 मई 2020 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अंतिम चरण में पहुंच चुकी 1035 टीजीटी व 503 अन्य पदों की इस भर्ती को रद्द करने का आग्रह किया था। जिसके खिलाफ संघ ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर भर्ती को रद्द करने की बजाय प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की मांग की थी। इसे लेकर एक जुलाई को आयोग के पंचकूला कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया गया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने टीजीटी (अंग्रेजी) की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि काफी किरकिरी के बाद आयोग ने यू टर्न लेते हुए भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का फैसला लिया है।
उन्होंने बताया कि टीजीटी से अलग विज्ञापित 503 पदों में से कई श्रेणियों के पदों की ज्वाइनिंग हो गई है। 4 से 11 अगस्त तक पहले अनुपस्थित अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन किया जाएगा। प्रदेश महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि टीजीटी अंग्रेजी के अलावा जिन पदों की भर्ती रद्द करने का प्रस्ताव भेजा गया था,उनमें एक्साइज इंस्पेक्टर के 35 पद, टैक्सेशन इंस्पेक्टर के 171,सोशल एजुकेशन व पंचायत अफसर के 61, फूड एंड सप्लाई इंस्पेक्टर के 38, जिला परिषद में क्लर्क के 26, साइकलिंग जूनियर कोच 12 व फोरेस्टर के 112 पद शामिल हैं। उन्होंने आयोग से चल रही भर्ती प्रक्रिया की गति तेज करने की भी मांग की है।