Breaking

Wednesday, July 8, 2020

12 वर्षों से लॉकर में बंद 7 लोगों की अस्थियों को मुक्ति का इंतजार, मृतकों के परिजन नहीं आए अस्थियां लेने

ऋषि नगर श्मशान घाट में रखी अस्थियां लेने कोई नहीं आया, अब सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी करेंगे विसर्जित

हिसार :  ऋषि नगर श्मशान घाट में पिछले 12 साल से 7 मृतकों की अस्थियां विसर्जन के इंतजार में रखी हैं। मगर मृतकों के परिजन अभी तक अस्थियों को लेने के लिए नहीं आए। अब श्मशान घाट और सामाजिक संगठनों के लोगों ने खुद ही अस्थियों को विसर्जित करने का निर्णय लिया है। यही नहीं विधि-विधान के साथ हरिद्वार ले जाकर अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
दरअसल, किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद श्मशान घाट में कुछ दिन तक मरने वाले लोगों की अस्थियों को रखा जाता है। इसके बाद परिजन श्मशान घाट में रखी अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाते हैं। मगर हिसार के ऋषि नगर श्मशान घाट पर पिछले करीब 12 साल से अस्थियां अपनों के इंतजार में है। श्मशान घाट के मैनेजर अजय कुमार ने बताया कि अस्थियों को लेने के लिए कोई भी नहीं आ रहा है। हालांकि अस्थियों के बारे में कपड़ों के माध्यम से पहचान के लिए लोगों से भी अपील की गई थी।
अब विश्व जागृति मिशन के प्रधान विजय कुमार और जन मानस सेवा समिति के प्रधान दीपक चौधरी, उपप्रधान राकेश सैनी, वरिष्ठ प्रधान छबीलदास आदि 12 साल से रखी अस्थियों को विसर्जन करने के लिए हरिद्वार जाएंगे।
प्रधान विजय कुमार ने बताया कि पहले भी वह अस्थियों का विसर्जन करने के लिए जाते रहे हैं। विसर्जन करने के लिए पंडित को भी साथ लेकर जाते हैं। विधि-विधान के साथ ही अस्थियों का विसर्जन कराया जाता है।

*रुपयों के अभाव में विसर्जन नहीं कर पाते कुछ परिवार : विजय*

विजय कुमार का कहना है कि कुछ परिवार रुपयों के अभाव में अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पाते हैं, क्योंकि अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में करना होता है। इसलिए उनके संस्था के पदाधिकारी अपने खर्च पर अस्थियों का विसर्जन करते हैं।
कई साल से श्मशान घाट में बनाए लाॅकर्स में अस्थियों को रखा गया है। प्रयास है कि सामाजिक संगठनों के माध्यम से सभी अस्थियों का विसर्जन हो। अजय कुमार, मैनेजर, ऋषि नगर श्मशान घाट।

No comments:

Post a Comment